बदमाश लड़के को अपना गुलाम बनाया

(Badmash Ladka Sex Kahani)

बदमाश लड़का सेक्स कहानी में लिफ्ट में एक लड़के ने मुझे नंगी देख लिया और मेरी गांड भी भींच दी। जब मैं उसके घर शिकायत करने गई तो पता चला वो गे था! जानें ये सेक्स पहेली …

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मैं सिमरन फिर से अपनी एक और मसालेदार सेक्स स्टोरी लेकर आ गई हूं।
खूब काम करो, खूब चुदाई करो!
आजकल यही मेरा मंत्र है।

मैं अपने ऑफिस में जीतोड़ मेहनत करती हूं और मेरा बॉयफ्रेंड मेरी चूत में और गांड में!

हर शाम को वह मुझे ऑफिस से लेकर जाता है और फिर घर छोड़कर जाता है।
इस बीच वो मुझे अपने घर ले जाकर बेड पर कई बार उठा-गिराकर चोदता है।

एक दिन मैं उसे अपने घर ले आई क्योंकि मेरा पति अपने दोस्तों के साथ कहीं बाहर गया हुआ था।

मेरे बॉयफ्रेंड ने पति के पीछे से मेरी चूत चोदी, मेरी गांड मारी, और फिर अपना माल मेरे मुंह में छोड़ा!

चुदाई के बाद रूम की साफ-सफाई करके मैं उसको लेकर बाहर निकल गई ताकि किसी को शक न हो कि मेरा किसी के साथ चक्कर भी चल रहा है।
मैं उसे उसकी सोसाइटी के फ्लैट तक छोड़ने जा रही थी।

लेकिन जब हम मेरी बिल्डिंग की लिफ्ट में चढ़े तो उसको फिर से हवस चढ़ गई।

दरअसल मेरे बॉडीवॉशर की महक उसे उत्तेजित कर गई।
मैंने स्कर्ट ड्रेस पहनी थी इसलिए उससे भी रुका नहीं जा रहा था।

उसने वहीं पर मेरी गांड को दबोच लिया और चूतड़ों को भींचते हुए मुझे गोद में उठाकर अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ने लगा।

चूत पर लंड घिसने का मजा मिला तो मैं भी कंट्रोल में नहीं रह पाई और मैंने उसके होंठों को बेतहाशा चूसना शुरू कर दिया।

जब लिफ्ट ग्राउंड फ्लोर पर पहुंची तो मैंने उसके होंठ छोड़ दिए और उसे भी हटने को कहा।
लेकिन उससे अलग होते हुए मेरी ड्रेस उसकी बेल्ट में अटक गई।

अब यहां पर मेरे साथ एक भयानक घटना हुई।
नीचे से मैं वैसे ही नंगी दिख रही थी और इतने में ही लिफ्ट का दरवाजा खुल गया।

मैंने पैंटी भी नहीं पहनी थी क्योंकि मैं जानती थी कि मेरा बीएफ बीच रास्ते में फिर से मेरी चूत मार सकता है।

लिफ्ट के बाहर एक अनजान लड़का खड़ा था।
वह मुझे देखकर अपनी आंखें सेंक रहा था।
मेरी मोटी गांड देखकर उसकी आंखें और मुंह खुले के खुले रह गए थे।

किसी तरह मैंने ड्रेस ठीक की और लिफ्ट से बाहर निकलने लगी।
वह लड़का लिफ्ट में आने लगा।

लेकिन अंदर घुसते हुए उसने मेरी गांड दबा दी और उस पर चिकोटी काट ली।
वह जानता था कि मैं इस वक्त कुछ नहीं करूंगी क्योंकि मैं भी नंगी ही थी और उसने मुझे इस हालत में देख भी लिया था।

अगर मैं उससे उलझती तो मेरी पोल भी खुल सकती थी कि मैं शादीशुदा हूं और मुझे लिफ्ट में नंगी करने वाला वो लड़का मेरा पति नहीं है।

लेकिन मुझे उस लड़के पर अब गुस्सा बहुत आ रहा था, मन कर रहा था कि जिस हाथ से उसने मेरे चूतड़ों को भींचे रखा था काश वो लिफ्ट में ही फंस जाए।

तो उस दिन के बाद एक बार फिर मैंने उसे कुछ रोज के बाद दोबारा देखा।
उसने मुझे भद्दा इशारा करके बताया कि उसने मुठ मारते हुए मेरे मुंह पर माल छोड़ा है।

अब मैं तो चुप नहीं बैठने वाली थी।
मैंने वहां के सिक्योरिटी गार्ड से पूछा कि ये लड़का कौन सी सोसाइटी में रहता है।

पता लगने पर मैं सीधी उसके घर पहुंच गई और वह बदमाश बिना किसी घबराहट के मेरे पीछे पीछे आता दिखाई दिया।

उसकी मम्मी ने दरवाजा खोला।

मैं अंदर गई और उसकी मम्मी ने मुझे उनके पति से भी मिलवाया।

कुछ ही देर बाद मैं उनके घर बैठकर चाय पी रही थी और उनसे बातें करने लगी थी।

उस लड़के के बारे में मुझे तब ध्यान आया जब घर की घंटी बजी।

वह अंदर घुसा तो मुझे याद आया मैं यहां क्या करने आई थी।

मैंने टेबल पर मुक्का मारते हुए चिल्ला कर कहा- आंटी, आपका ये लड़का एक नम्बर का बदमाश है। इसको कुछ सिखाओ कि दूसरों से कैसे पेश आया जाता है। ये …
मैं कहते कहते रुक गई।

समझ ही नहीं आया कि कैसे कहूं कि लिफ्ट में कल रात इसने मेरी गांड भींची थी।

लेकिन उसकी मम्मी को शायद मेरी बात बिना बताए समझ आ गई और उसने मेरे आगे हाथ जोड़ लिए।
वे रोने ही लगी।

आंटी- सॉरी बेटा, उसके बर्ताव पर उसके बारे में कोई फैसला मत लो। उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है।

मैं बीच में टोकते हुए- क्या मतलब? क्या आप इस बदतमीज़ को बचाने के लिए ऐसा कह रही हैं?

आंटी- नहीं नहीं, लेकिन मैं इसको रोक भी तो नहीं सकती हूं। तुम शांत हो जाओ बेटा। ये तो नैचुरल है और कानून भी अब इसकी इजाजत देता है!

मुझे तो अपने कानों पर यकीन ही नहीं हो रहा था कि मैं ये क्या सुन रही हूं और ये लोग ऐसा क्यों बोल रहे हैं।
लेकिन उसके मम्मी पापा मुझे ऐसे देख रहे थे जैसे मैंने ही कोई गलत बात कह दी है।

उसकी मां लड़के को मेरे सामने ले लाई और फिर उसने जो कहा, वो मेरी समझ के बाहर था।

आंटी- मेरे बेटे को उसकी पसंद के बहुत कम लोग मिलते हैं। और जब उसे कोई पसंद आ जाता है तो वह खुद को रोक नहीं पाता है।
अपने बेटे को बोलते हुए आंटी ने कहा- बेटा, इस लड़की को कहो कि तुम फिर दोबारा से पब्लिक प्लेस में किसी लड़के को किस नहीं करोगे!

मैं- क्या?
अब मेरा दिमाग सच में उलझ गया था.

आंटी- मुझे वो शब्द इस्तेमाल करने में भी शर्म आ रही है … वो … वो!
फिर वे रोते हुए अंदर कमरे में भाग गई।

उसकी बात को उसके पापा ने पूरा करते हुए कहा- हमें माफ करो आप, मेरी बीवी ने हमारे बेटे के बारे में यह सच स्वीकार करने की बहुत कोशिश की। बेटे की तरफ से मैं तुमसे माफी मांगता हूं।

मैंने अपने मन में सोचते हुए कहा- ये लोग ये कैसी बातें कर रहे हैं! मैं कुछ और शिकायत करने आई थी और ये कुछ और ही समझ बैठे हैं।

अब मैंने आगे कुछ नहीं कहा और वहां से उठकर चल दी।
अपने कमरे तक पहुंचते हुए मैं उसकी ठरकी लड़के के बारे में ही सोच रही थी।

मैं मन में सोचते हुए- ये लड़का गे (समलैंगिक) कैसे हो सकता है! उसने तो मेरी गांड पकड़ कर भींची थी! अगर मैं उसे और छूट देती तो वो मुझे वहीं लिफ्ट में ही चोद भी सकता था, फिर ये गे कैसे हो सकता है?

इस बारे में मैंने सोसाइटी के कुछ चुगलबाज लोगों से पूछताछ करने की कोशिश की।
मुझे पता चला कि उस लड़के ने हाल ही में खुद को गे बताया था।

लेकिन मुझे पूरा यकीन था कि वो सिर्फ गे होने का नाटक कर रहा है।

अब मुझे भी इस बात का पता करना था कि आखिर वह ऐसा क्यों कर रहा है।

फिर जब मेरी कामवाली घर आई तो मेरे दिमाग में तुरंत एक आइडिया आया।
वह देखने में साधारण लगती थी लेकिन उसके चूचे एकदम गोल और गांड बड़ी सुडौल थी।

कोई भी मर्द उसको देखकर उत्तेजित हो सकता था।
और कोई भी मर्द उसको देखकर सोच सकता था कि वह पैसे लेकर आराम से चुदने के लिए तैयार हो जाएगी क्योंकि गरीब लोगों के बारे में अक्सर ऐसी ही सोच लोगों की रहती है, और खासकर मर्दों की, किसी कामवाली के बारे में।

मैंने नौकरानी को यह काम सौंप दिया कि उस ठरकी लड़के को वो किसी तरह मेरे घर में लाकर उसे गर्म करे, और फिर मैं उसको रंगे हाथों पकड़ लूं।

पहले तो कामवाली थोड़ी घबराई लेकिन फिर मैंने उसे ज्यादा पैसे देने का लालच दिया तो वह मान गई।

तो एक दोपहर की बात है, वह उस लड़के को उलझाने में कामयाब हो गई।

जैसे ही उसने लड़के को अंदर लेकर मेरे घर का दरवाजा बंद किया, लड़के ने उसकी गांड को पीछे से भींच दिया और उसे अपनी बांहों में कैद कर लिया।
वह अपने लंड को नौकरानी की गांड पर रगड़ने लगा।

लड़का- रंडी! क्या गांड है तेरी … तुम फुल टाइम रंडी क्यों नहीं जाती?
नौकरानी- मुझे छोड़ दो साहेब, अगर मेरी मैडम ने आपके साथ मुझे ऐसे देख लिया तो वो बहुत नाराज़ होगी।

लड़का- अच्छा, तो क्या मैं यहां आया हूं? साली, तू ही तो मुझे लाई है! क्या बात करती हो! लेकिन ये सब फालतू की बातें छोड़ो रानी, मेरे करीब आओ, आज मैं तुझे चोदते हुए तेरे मुंह से इंग्लिश में गालियां निकलवाऊंगा।

उसने नौकरानी की चूचियों पर ब्लाउज में से ही हाथ डाल दिया।
वह बहुत ज्यादा उत्तेजित होता जा रहा था।

अब मुझे उसे रोकना था क्योंकि अब वो कामवाली के ब्लाउज को जोश में फाड़ने ही वाला था।

मैं- ओह ओह मेरे शेर! थोड़ा रुको जरा! कंट्रोल करो! जरा देखो एक बार अपने आप को (मैंने मोबाइल में उसको दिखाते हुए कहा), तुम्हारे मम्मी-पापा तो तुम्हें फिर से नॉर्मल देखकर खुशी से झूम उठेंगे। तुम अब गे नहीं रहे! चलो, मैं उनको ये खुशखबरी सुनाकर आती हूं.

लड़का- अच्छा, तो ये सब एक सोची समझी चाल थी! साली रंडी, तुझे तो मैं छोड़ूंगा नहीं।
वह लड़का मेरी तरफ भागा और मुझे फर्श पर गिराने की कोशिश करने लगा।
जोश में उसे ध्यान नहीं रहा कि इसके उल्टे परिणाम भी हो सकते हैं।

मैंने जल्दी ही उसे अपने कंट्रोल में ले लिया और उसे जता दिया कि पासा पलट चुका है।
जल्दी ही उसे समझ आ गया कि उसने गलती कर दी है और वह फंस चुका है।

वह अपने घुटनों पर आ गया और अपनी बेवकूफी के लिए मुझसे माफी मांगने लगा।

उसकी नजर मेरे मोबाइल फोन पर थी।
उसे लगा कि मैंने वीडियो उसके मम्मी पापा को दिखाने के लिए रिकॉर्ड किया है।
वह मोबाइल छीनकर भागने की फिराक में दिख रहा था।

लेकिन मैंने यहां पर दूसरी चाल चल दी- तुम इस मोबाइल के लिए मुझसे भीख मांग रहे हो या किसी और चीज़ के लिए?
उसे समझने में देर न लगी कि मैं क्या बोल रही हूं।

वो बोला- प्लीज मैडम, ये बात अपने तक ही रखना। मैं कसम खाता हूं कि फ्री में तुम्हारे घर के सारे काम कर दिया करूंगा।
मैं- नहीं, मुझे उसकी कोई जरूरत नहीं है, उसके लिए मैंने कामवाली रखी हुई है। हां, लेकिन तुम मेरी बॉडी का ख्याल जरूर रख सकते हो।

वह समझ गया और बोला- जी मैडम, मैं आपकी सेवा में हाजिर हूं।
मैं- मुझे मालकिन बुला, कुत्ते!
मैंने उसके बालों को पकड़ कर खींचा।

वह पहले तो उत्तेजित था लेकिन फिर बाल खींचे जाने के बाद शांत हो गया।
मैं- लगता है, तुम्हें ठीक से समझ नहीं आया मैंने क्या कहा। मैंने कहा, मेरी बॉडी! तुम्हें मेरी बॉडी का ध्यान रखना है।

फिर मैं कुर्सी पर बैठ गई और उसे अपने सामने बैठने का इशारा किया।
उसने वैसा ही किया और फिर अपनी गर्दन मेरी जांघों के बीच में रख दी।

मैं- अब मैं चाहती हूं कि तुम मेरी चूत के क्लिटोरिस तक जीभ लाओ और मेरी चूत के दाने को जीभ से सहलाओ.

वह तो जैसे मेरी चूत पर जीभ लगाने के लिए उतावला हो रहा था।
लेकिन मैंने जांघों को भींच लिया और उसका चूत तक पहुंचना अब बहुत मुश्किल हो गया।

उसकी हालत देखकर मैं हंस रही थी।
मैं चाहती थी कि वो मेरी चूत तक पहुंचने के लिए मुझसे भीख मांगे।

आखिरकार कोशिश करते हुए वो उस जगह तक पहुंच ही गया।

अब मैं उसे क्लिट मसाजर की इस्तेमाल कर रही थी क्योंकि मुझे क्लिट को सहलाने में बड़ा मजा आता है।

उसे चूत के अंदर ही सांस भी लेना था जो कि बहुत मुश्किल था, साथ में चूत को चाटने का मजा भी लेना था।
लेकिन उसको चूत चाटना काफी अच्छे से आता था।

जल्द ही उसे मेरी चूत से नमकीन स्वाद आने लगा।
वह समझ गया कि पानी छूटने वाला है इसलिए वह हटना चाहता था।

लेकिन मैंने पहले ही उसके मुंह पर पानी छोड़ दिया।

एकदम से चूत का पानी उस बदमाश के गले में जा पहुंचा और वह खांसने लगा।

मुझे तो बड़ा मजा आ गया संडे की दोपहर में क्लिट को मसाज करवा कर!
लेकिन अभी मुझे उसे उसकी गोटियां पकड़ कर भी नचाना था लेकिन यहां पर एक और सवाल खड़ा था अभी जो मैंने उसके सामने रख दिया.

मैं- तुम गे होने का नाटक क्यों कर रहे थे?
लड़का बोला- एक रात को मैं अपने अंकल के घर पर था। मैं अपनी कज़िन के साथ लेटा था और सोने का नाटक कर रहा था। फिर जोश में मैंने उसे अपना लंड पकड़ा दिया और उसकी गांड पर लगा दिया। अब वह मुझे ब्लैकमेल कर रही है.

मैं- तुम बहुत हरामी हो …

तो दोस्तो, अब मैं इस बदमाश लड़का सेक्स कहानी में आपके ऊपर इस बात को छोड़ती हूं कि ऐसे ठरकी लड़के के साथ क्या किया जाना चाहिए?
मुझे कमेंट्स में जरूर बताएं।

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