चौधराइन के गदराये जिस्म का लिया मज़ा

(Xxx Double Sex Kahani)

Xxx डबल सेक्स कहानी में मुझे पता लगा कि मेरी मालकिन बहुत बड़ी चुदक्कड़ है. मैं तो पहले से ही उसे चोदने के ख्याल से मुठ मारता था. वो मेरे से तो चुदी ही, उसने अपनी ननद को भी मेरा लंड दिलवाया.

मेरे गांव की चौधराइन सनम का गदराया हुआ बदन, उसके बड़े बड़े दूध, उसकी गोल मटोल चेहरा, सुर्ख लाल लाल गाल, उसकी मस्तानी गांड और उसकी गजगामिनी जैसी चाल देख कर मैं तो उसका दीवाना हो गया हूँ।
मुझसे ज्यादा मेरा लण्ड उसका दीवाना हो गया है।
मैं जाने कितनी बार उसका नाम ले ले कर मुट्ठ मार चुका हूँ।

क्या करूँ उसे देखते ही मेरा लण्ड साला खड़ा हो जाता है और जब तक मैं मुट्ठ नहीं मारता तब तक वह बैठता ही नहीं.

वह है तो 42 साल की … पर हरामजादी लगती है केवल 28/30 साल की मस्त जवान।

सबसे ज्यादा मजेदार बात यह है कि वह बोलती बड़े प्यार से है, मजाक भी खूब बड़े प्यार से करती है.
कभी कभी अपने मुंह से कुछ अश्लील शब्द भी बोल देती है।

यह भी देखने में आया है कि जिससे वह बहुत ज्यादा प्यार करती है, उससे तो गालियां दे दे कर बात करती है।

यह Xxx डबल सेक्स कहानी इसी सनम की है.

एक दिन मैंने उसे किसी पड़ोसन से बाते करते हुए सुन लिया था.
पड़ोसन का नाम था मिसेज कामिनी।

पड़ोसन बोली- यार सनम, तू आजकल ज्यादा सेक्सी और खूबसूरत दिख रही है क्या बात है?
चौधराइन बोली- अरे यार, जब मन माफ़िक लण्ड मिलता है तो मैं ख़ुशी के मारे झूम उठती हूँ। मेरा मन खिल उठता है।

पड़ोसन बोली- हां सही कह रही हो तुम! जब मेरे हाथ में भी पराये मरद का लण्ड आता है तो मैं सारी दुनिया भूल जाती हूँ और लण्ड पर टूट पड़ती हूँ।
चौधराइन बोली- यार कुछ भी हो … मज़ा तो पराये मर्दों से चुदवाने में ही आता है।

पड़ोसन बोली- सच कह रही हो। मैं जब तक 2/3 पराये मर्दों से चुदवा नहीं लेती तब तक मुझे नींद नहीं आती.

चौधराइन बोली- हां, सही बात है यार! मैं तो ग़ैर मर्दों के लण्ड पर जान देती हूँ। आज तक मेरे भोसड़ी वाले शौहर को पता ही नहीं कि मैं कितने लोगों से चुदवा चुकी हूँ और कितने लोगों से आजकल चुदवा रही हूँ।

यह सुनकर मैंने ठान लिया कि मैं भी किसी दिन अपना लण्ड चौधराइन के भोसड़ा में पेलूँगा।
मुझे यकीन था कि मेरा लण्ड चौधराइन को पसंद आ जायेगा क्योंकि मेरा लण्ड बड़ा भी है और मोटा भी।

जब पड़ोसन जाने के लिए उठी तो मैं फ़ौरन वहां से भाग खड़ा हुआ।
मैं घर से बाहर दूर चला गया।

मन ही मन मैं बड़ा खुश हो रहा था कि आज मुझे चौधराइन की असलियत मालूम हो गयी है कि वह एक चुड़क्कड़ औरत है.

मेरा नाम बलबीर सिंह है, पर लोग मुझे बल्लू के नाम से ज्यादा जानते हैं।

मैं चौधराइन का मैनेजर हूँ और उसका सारा काम काज मैं ही देखता हूँ।
उसे मैं मालकिन कह कर पुकारता हूँ।

मैं तो उससे रोज़ बातें करता हूँ और बड़ी देर तक बातें करता हूँ।
हम दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते हैं।

मुझसे ज्यादा उससे अगर कोई और नजदीक है तो वह है उसका शौहर यानि चौधरी अलताफ!

चौधरी साहब अपने काम काज में बहुत बिजी रहते हैं और वे हमेशा अपनी शान में ही रहतें हैं।
उन्हें गुरुर बहुत है, घमंड बहुत है। उन्हें अपनी मस्त जवान बीवी की तरफ ध्यान देने का वक्त ही नहीं है।

उन्हें यह भी नहीं पता कि उसकी बीवी को इस जवानी में पैसों की नहीं बल्कि लण्ड की जरूरत है। एक लण्ड नहीं उसे कई लण्ड की जरूरत है।
उसे तो केवल लण्ड चाहिए बस लण्ड!

लेकिन हकीकत यह है कि वह बेचारी अपने शौहर के लण्ड के लिए तरस जाती है। कभी कभी तो कई हफ्ते गुज़र जाते हैं उसे अपने शौहर का लण्ड नसीब नहीं होता.
अब ऐसे में चौधराइन बेचारी क्या करे?

यह बात केवल मैं ही समझता हूँ कोई और नहीं।

हालाँकि उसने मुझे कभी बताया नहीं … पर मैं उसके हाव भाव से सब समझ जाता हूँ।
मैं बस इसी मौके का फायदा उठाना चाहता था इसलिए मैं मालकिन की गांड के पीछे लग गया, उसकी चमचागीरी करने लगा उसकी हां में हां मिलाने लगा।

एक दिन अच्छी खासी बरसात हो रही थी और मैं उसी बरसात में फंस गया।
मेरे सारे कपड़े भीग गए और मैं वैसे ही मालकिन के घर पहुँच गया।

मुझे देख कर मालकिन बोली- अरे बल्लू तुम तो पूरे भीगे हुए हो! लो यह तौलिया लपेट लो और अपने सारे कपड़े उतार डालो।

वह मेरे सामने ही केवल गाउन पहने बैठी थी।

मैंने अपने सारे कपड़े उतारे, अपनी चड्डी भी उतारी।

मैं जब तौलिया लपटने लगा तो वह मेरे हाथ से गिर गया.

मैंने उसे फ़ौरन उठाया लेकिन इसी बीच मालकिन ने मेरा लण्ड देख लिया।
लण्ड आधे से ज्यादा खड़ा था और झांटें तो मेरी बिल्कुल ही साफ़ थी।
इसलिए लण्ड बड़ा भी लग रहा था और खूबसूरत भी!

मालकिन के चेहरे पर मुस्कान आ गई।
उसने मुझसे कहा- बल्लू, इधर मेरे सामने आ!

मैं जब उसके सामने गया तो उसने झट से मेरी तौलिया खींच ली और मैं बहनचोद उसके सामने एकदम नंगा हो गया।
वह बोली- तेरा लण्ड इतना बढ़िया है तो मुझसे छिपाने की क्या जरूरत है?

ऐसा बोलकर उसने मेरे लण्ड पर एक प्यार से थप्पड़ मारा।
लण्ड इतने में पूरा तन कर खड़ा हो गया।

वह फिर बोली- वाओ … ये तो भोसड़ी का बढ़ता ही जा रहा है।
उसके मुंह से गाली सुनकर मेरा लण्ड पूरे ताव पर आ गया।

उधर मालकिन ने लंड की कई बार चुम्मी ले ली तो मैं मस्ती में झूमने लगा।

फिर वह मेरा लण्ड पकड़े पकडे मुझे अपने बेड पर ले गई और चित लिटा दिया।
मेरी दोनों टांगों के बीच बैठ कर वह मेरा लण्ड बड़े प्यार से हिलाने लगी, उसे पुचकारने लगी और मुट्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी.
मुझे अपार आनंद आने लगा।

जो मैं कभी सोंचा करता था, वो आज हमारे सामने हो रहा था।
मैं सातवें आसमान में था।

अचानक उसके मुँह से निकला- बल्लू तेरा लण्ड तो सूरज के लण्ड से भी बड़ा है बहनचोद?
मैंने पूछा- ये सूरज कौन है मालकिन?
वह बोली- सूरज मेरे शौहर का दोस्त है। मैं उससे जब मौका मिलता है, चुदवा लेती हूँ। उसका लण्ड मुझे पसंद है। अभी दो दिन पहले आया था और मुझे चोद कर गया। मगर तेरा लण्ड तो उसके लण्ड से भी बड़ा है और मोटा भी है। मैं तो तेरे लण्ड की गुलाम हो गयी हूँ बल्लू। अब आज से तू भी मेरा यार हो गया और सुन मैं बुरचोदी बड़ी चुदक्कड़ औरत हूँ। बहुत बड़ी छिनार हूँ। तुझे पता नहीं कि मैं पराये मर्दों के लण्ड की जबरदस्त शौक़ीन हूँ। मेरी चूत पराये मर्दों के लण्ड बड़े चाव से खाती है। तेरा भी लण्ड खा जाएगी मेरी चूत! बहुत दिनों से मेरी नज़र तुझ पर थी बल्लू!

मैंने कभी सोचा नहीं था कि मेरी मालकिन इस तरह की बातें मुझसे कभी खुल्लम खुल्ला करेगी।
मैं अपने आपको बड़ा लकी मानने लगा।

मालकिन एकदम टूट पड़ी मेरे लण्ड पर जैसे कोई बिल्ली किसी चूहे पर टूट पड़ती है।
वह मस्ती से मेरा लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी।

फिर मुझे भी जोश आ गया।
मैं तब तक बहुत उत्तेजित हो गया था।

मैंने उसका गाउन उतार फेंका और उसको नंगी करके उसके ऊपर चढ़ बैठा, चूसने और चूमने लगा उसके बड़े बड़े दूध … उसके नंगे जिस्म पर फिराने लगा हाथ … चूमने लगा उसके गाल और होंठ!

उसने मुझे अपने बदन से किटकिटाकर चिपका लिया।
मुझे उसका गदराया बदन बड़ा मज़ा देने लगा।

उसकी सेक्स की चाहत देख कर मैं बहुत उत्साहित हो गया।
मैं लौड़ा उसके मुंह में डाल कर बार बार अंदर बाहर करने लगा।

वह भी लण्ड बार बार बड़ी मस्ती से चूसने लगी.

अचानक वह बोली- बल्लू, तू भोसड़ी का बिल्कुल सही आदमी है जो मेरे दिल को पहचानता है। तू ही मेरी चूत की आग बुझा सकता है। तू ही मेरी फुद्दी अच्छी तरह चोद सकता है। तू मादरचोद इतने दिनों से कहां था? तूने मुझे पहले क्यों नहीं नंगी किया। तेरी माँ का भोसड़ा साले हरामजादे … आज तू मेरी चूत चोदने के लिए उतावला हो रहा है। मेरे मम्मे पहले क्यों नहीं मसले? मेरी गांड में लौड़ा क्यों नहीं पेला?

मैंने कहा- अरे मेरी मालकिन, तुमने मेरा लण्ड पहले क्यों नहीं पकड़ा? अपना नंगा बदन मुझे पहले क्यों नहीं दिखाया? अगर दिखाती तो मैं लौड़ा पेल देता मालकिन!
वह बोली- मैं मालकिन नहीं हूँ … मैं बुर चोदी सनम हूँ। सुन मादरचोद, मैं बहुत बड़ी छिनार हूँ … रंडी हूँ मैं! बदचलन हरामजादी चुदक्कड़ हूँ मैं. मुझे चोद … फाड़ मेरी चूत … मार मेरी गांड। हर जगह, हर छेद में पेल दे अपना लण्ड!

मैं पूरे ताव में आ गया तो लण्ड पूरा का पूरा गच गचा कर अंदर पेल दिया।
वह भी उफ़ कहते हुए बोली- बाप रे … बड़ा मोटा है लण्ड तेरा यार! बहन चोद एक ही बार में अंदर तक घुस गया।

फिर मैं उसे धकाधक चोदने लगा … लौड़ा पूरा बाहर निकालता और फिर पूरा अंदर पेल देता।

वह बोली- यार, तुम तो चोदने में बड़े माहिर हो? इस तरह तो मुझे किसी ने आज तक नहीं चोदा। हाय रे … मुझे इसी तरह चोदो।
सनम भी अपनी गांड उठा उठा के चुदवाने लगी।

मैं सच में हचक हचक के उसे चोदने लगा।

मेरे दोनों हाथों में उसकी टांगें थीं और उसका भोसड़ा पूरा मेरी आंखों के आगे खुला हुआ था।
मैं भी उसे चोदने में कोई कसर छोड़ नहीं रहा था।

मैंने कहा- आज मैं तेरा भोसड़ा फाड़ डालूँगा बुरचोदी सनम! मुझे जोश आ गया है हरामजादी! तू माँ की लौड़ी मुझे बहुत अच्छी लगती है। मैंने तेरा नाम ले लेकर बहुत मुट्ठ मारा है। आज मैं पूरा बदला लूंगा। आज मैं चीर डालूंगा तेरा भोसड़ा। मैं तेरी गांड में भी ठोकूंगा लण्ड। आज तू मेरे कब्जे में आ गई है।

वह भी बोली- हाय मेरे भोसड़ी के बल्लू, तूने अगर मुझे अच्छी तरह नहीं चोदा तो मैं तेरी माँ चोद दूंगी। हरामी की औलाद … तेरी माँ की चूत साले … तेरी बहन का भोसड़ा। तेरी गांड में दम हो तो मुझे मर्दों की चोद कर दिखा। तू मुझे हर तरफ से चोद के दिखा. हर जगह लण्ड पेल कर दिखा!
फिर वह बोली- मुझे तुझसे चुदवाने में बड़ा मज़ा आ है। तू मादरचोद मुझे खूब गालियां दे दे के चोद … मेरी बहन चोद ले … मेरी बेटी चोद ले … मेरी ननद की बुर में पेल दे लण्ड! मेरी देवरानी की चूत में घुसा दे लण्ड! सबको तेरे लण्ड का मज़ा मिलेगा। सब की सब बुर चोदी तुमसे चुदवा कर खुश होंगी क्योंकि तेरा लण्ड सबको पसंद आएगा। सब भोसड़ी वाली चुदासी घूम रहीं हैं अपनी अपनी चूत खोले हुए।

मालकिन सबकी पोल पट्टी खोल रही थी।

चुदाई में जब चरम सीमा का मज़ा आता है तो चुदवाने वाली जोश में आकर सच बोलने लगती है.
मुझे यह सब सुनकर बड़ा मज़ा आ रहा था और फिर मैं ज्यादा रफ़्तार से चोदने लगा।

मुझे कुछ ही देर में अहसास हुआ कि मालकिन की चूत ढीली हो गई है।

वह बोली- अरे भोसड़ी के बल्लू … तूने तो मेरी चूत खलास कर दी रे! अब मैं तेरा लण्ड खलास कर दूँगी।

बस वह मेरा लण्ड पकड़ कर मुट्ठ मारने लगी.
फिर उसने मेरा झड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटा, मेरे पेल्हड़ भी चाटे।

उसके बाद मैं मालकिन को अक्सर चोदने लगा।
मैं उसकी चूत का पूरा मज़ा लेने लगा, उसकी गांड में भी लण्ड ठोकने लगा और हर तरफ से चोदने लगा।

दूसरे दिन जब मैं गया तो देखा कि मालकिन किसी अपने से छोटी उम्र की औरत से बातें कर रही है।

वह बला की खूबसूरत थी।
बड़ी सेक्सी और हॉट थी।

उसे देख कर ही मेरा लण्ड फिर खड़ा हो गया।
मैं भी चुपके से बस एक कोने में खड़ा हो गया।

इतने में मालकिन बोली- अरे बल्लू, शर्माओ नहीं … इससे मिलो ये मेरी ननद नूर है, मेरे पास आओ।
मैं जब गया तो उसने बड़े प्यार से मुझे अपनी ननद से मिलवाया और कहा- यार नूर, ये बल्लू है हमारा मैनेजर! पर ये मेरे बहुत नजदीक है बड़ा मस्त है और नेक इन्सान है।

नूर भी मुझसे मुस्कराकर मिली।
मैं तो उसकी मुस्कराहट पर ही मर गया।

फिर अचानक नूर बाथरूम गई तो मालकिन ने मेरे कान में कहा- बल्लू, ये भी बुरचोदी मेरी तरह पराये मर्दों के लण्ड की शौक़ीन है. बोलो तुम चोदोगे इसे?
मैंने कहा- अरे तुमने, तो मेरे मन की बात कह दी है सनम मेम … मेरा तो लण्ड पहले से ही खड़ा है।
वह बोली- ठीक है तुम शाम को ८ बजे आ जाना फिर हम दोनों को रात भर चोदना!

मैं वापस आकर शाम होने का इंतज़ार करने लगा।
शाम को सही टाइम पर मैं पहुँच गया तो दोनों मुझे देख कर खुश हो गईं।

मुझे अपने पास बैठा कर उन्होंने मजे से नाश्ता कराया।
इतने में सनम ने हाथ मेरी जांघ पर रख कर कहा- आज तो तेरे लण्ड की लाटरी खुल गयी बल्लू!
मैंने कहा- क्या कह रही हो मालकिन?
वह बोली- मालकिन नहीं … बुरचोदी मालकिन कहो. और ये मालकिन की बुरचोदी ननद है। आज तेरा लण्ड दो दो चूत खाकर मस्त हो जाएगा बल्लू!

उसने फ़ौरन मेरा पजामा खोल दिया और बड़ी बेशर्मी से लौड़ा बाहर निकाल कर हिलाने लगी.
फिर उसने लण्ड अपनी ननद को पकड़ा दिया।

ननद नूर ने जैसे ही मेरा लण्ड पकड़ा तो लण्ड साला और उछल पड़ा।
नूर मेरा लण्ड चूमने हुए चाटने लगी।

उधर सनम ने उसे नंगी कर दिया और खुद भी नंगी हो गयी।
मैं तो पहले से ही नंगा था … मेरा लण्ड पूरे ताव पर था।

चूत दोनों की गीली हो चुकी थी।

सनम बोली- बल्लू, अब तुम मेरे सामने चोदो मेरी ननद की चूत!

फिर मालकिन मेरा लण्ड नूर की चूत पर रख कर रगड़ने लगी, लण्ड का टोपा चूत पर घिसने लगी।

मैंने जोश में आकर लौड़ा पूरा गच्च से चूत में पेल दिया।
नूर बोली- उई माँ, मर गयी मैं … फट गई मेरी चूत! बड़ा मोटा लण्ड है इस मादरचोद का भाभीजान!

इस तरह मालकिन नंगी बैठी हुई मुझसे अपनी ननद की चूत चुदवाने लगी।

कुछ देर बाद ननद ने लण्ड निकाल कर सनम की चूत में घुसा दिया और बोली- बल्लू, अब तुम मेरे सामने चोदो मेरी भाभी की चूत! ये तो भोसड़ी वाली कुतिया बड़ी चुदक्कड़ है।

मेरे मुंह से निकला- चुदक्कड़ तो तुम दोनों हो बहनचोद!
वह बोली- तो फिर तुम दोनों को चोदो … एक साथ चोदो दोनों चूत … एक एक करके चोदो। गांड फट रही है क्या चोदने में?

फिर मैंने रात भर उन दोनों ननद भौजाई को चोदा और उनकी गांड में भी ठोका लण्ड।
दोनों साली ननद भौजाई हो गईं मेरे लण्ड की दीवानी।

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