(Meri Chalu Biwi-75)
सम्पादक – इमरान
सुबह की हल्की रोशनी चारों और फैलनी शुरू हो गई थी, मुझे काफ़ी थकान महसूस होने लगी थी… सब कुछ बहुत अच्छा हुआ था मगर बस मुझे यह पुलिस वाला मामला बिल्कुल पसंद नहीं आया था।
गाड़ी चलाते हुए मैं किसी तरह अपने कॉलोनी तक पहुंचा …
थैंक गॉड, अब कुछ नया नहीं हुआ था, वहाँ भी कोई नहीं था।
बाहर की ओर अमित की गाड़ी भी खड़ी थी, इसका मतलब अभी तक जनाब मेरे फ्लैट में ही थे.. ना जाने क्यों मेरे होंठों पर एक मुस्कराहट सी आ गई.. मैंने पार्किंग में गाड़ी खड़ी की।
मैने घड़ी देखी 4:35 हो चुके थे… पूरी रात खूब धमाचौकड़ी मचाई थी हमने… अब तो फ्लैट में जाने की जल्दी थी।
मुझे इस बात की चिंता नहीं थी, बिल्कुल नहीं थी कि सलोनी अमित के साथ अकेली है या वो वहाँ कुछ हरमन झोली कर रही होगी।
मैं तो चाह रहा था कि वो चाहे किसी से भी चुदाई करे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला था, मैं उसकी हर मस्ती में साथ था पर मेरी इच्छा उसको चुदाई करवाते देखने की थी और इतना सब होने के बाद भी मुझे दुःख इसी बात का था कि सलोनी ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया !
मैं तो उसके हर बात में साथ हूँ फिर उसने मुझे पुलिस वालों के साथ क्यों जाने दिया जब उसने कुछ करना ही नहीं था।
अगर उसको अमित के साथ ही कुछ करना था तो मैं कौन सा उसको रोक रहा था और मेरा इतना समय भी ख़राब हुआ, साथ ही कितनी थकान भी हो गई।
पूरे कम्पार्टमेंट में कोई नहीं था, मैं आसानी से अपने फ्लैट तक पहुँच गया।
मैंने घण्टी नहीं बजाई.. यह मैंने पहले ही सोच लिया था कि आज सलोनी को बिना बताये ही फ्लैट में प्रवेश करूँगा।
अगर उसने पूछा तो मेरे पास बहाना भी था कि तुमको डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था इसीलिए खुद अंदर आ गया।
मैंने अपने पर्स से चाबी निकाल बहुत चुपके से फ्लैट का दरवाजा खोला और बहुत शांति से ही अंदर प्रवेश कर गया।
पहली नजर में मुझे वहाँ कोई नजर नहीं आया, मैंने चुपके से दरवाजा बंद किया पर जैसे ही घूमा…
अरे बाप रे…
मेरे सभी विचारों को लकवा मार गया… अमित सोफे पर बैठा ड्रिंक कर रहा था…
उसने मुझे देख लिया था !
अमित बहुत धीमी आवाज में ही बोला- चल अच्छा हुआ, तू आ गया… मैं तेरा ही इन्तजार कर रहा था, बहुत मुश्किल से भाभी को सुलाया है… लगता है बहुत ज्यादा ही डर गई हैं बेचारी…
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मैं- अरे तो तू यहाँ अकेला ही बैठा है, तेरे को ऐसे छोड़ कैसे सो गई यार?
अमित- अरे तू फ़ोर्मल्टी मत कर.. वो बहुत ज्यादा थकी और परेशान थीं इसीलिए मैंने उनको सुला दिया था… फिर सोचा कि तू आ जाये तभी निकलूँगा। चल अब मैं भी चलता हूँ.. तू भी आराम कर ले…
मैं- तू पागल हो गया है क्या? अब इस समय कहाँ जायेगा… 3-4 घंटे यहीं आराम कर ले… सुबह चले जाना..
मैंने अब देखा अमित ने कपड़े पहले ही बदल लिए हैं, मतलब उसका भी दिल अभी जाने का नहीं है।
उसने मेरा ही एक लोअर पहना हुआ था और ऊपर उसका अपना सेंडो बनियान मगर मुझे उसके कपड़े वहाँ कहीं नजर नहीं आये, मतलब उसने मेरे बैडरूम में ही कपड़े बदले होंगे।
पता नहीं क्या क्या हुआ होगा???
अमित- पर यार तुम लोग डिस्टर्ब होंगे, मुझे जाने दे।
मैं- तूने रुचिका को तो बोल दिया होगा ना?
अमित- वो उसकी तो कोई फ़िक्र नहीं, उसको तो रात ही फोन कर दिया था !
मैं- तो तू अब कुछ मत सोच, चल अंदर तू आराम कर… मैं भी फ्रेश होकर आता हूँ।
अमित ने एक दो बार और थोड़ा सा ही विरोध किया फिर वो रुकने को राजी हो गया, मैं उसको अंदर ले गया।
बिस्तर पर एक ओर चादर ओढ़े सलोनी सो रही थी।
मुझे नहीं पता उसके बदन पर क्या था? या उसने कुछ पहना भी था या नहीं !?
मुझे उसका चेहरा तक नहीं दिख रहा था वो अपनी तरफ मुँह किये सो रही थी, बहुत थक गई थी बेचारी !
अमित ने मेरी ओर देखा, मैंने उसको बिस्तर की ओर इशारा किया।
उसकी आँखें जरा सी सिकुड़ी…
मैं फुसफुसाते हुए ही- …तू इधर को सो जा… मैं बीच में लेट जाऊँगा…
वो बिना कुछ कहे दूसरे कोने में सिकुड़ कर लेट गया।
ना जाने क्यों? मुझे उस पर कुछ ज्यादा ही शक हुआ कि यह जो सब जगह कितना मजाकिया है, हर समय महिलाओं में घुसा रहता है… हर समय बस फ़्लर्ट ही करता रहता है, आज इतना सीधा क्यों है? क्यों इतना ज्यादा शरीफ बन रहा है…?
और सलोनी भी चाहे कितना भी थकी हो, वो अमित को अकेला छोड़ कैसे सो गई?
सब कुछ अजीब सा लग रहा था मगर वो सब मैं केवल अनुमान ही लगा सकता था।
फिलहाल दोनों को छोड़ मैं बाथरूम में चला गया, जल्दी से फ्रेश हो कपड़े बदल कर मैं भी कमरे में आ गया।
यह क्या? सलोनी ने करवट बदल ली थी, उसका मुँह अब अमित की ओर था… और सबसे बड़ी बात, वो बिस्तर के बीच आ गई थी।
मैं चाहता तो उसको एक ओर कर बीच में लेट सकता था मगर अभी भी मेरे दिल में शरारत ही थी, सलोनी को बीच में लिटाने में भी मुझको कोई ऐतराज नहीं था।
मैंने अमित को देखा, वो दूसरी ओर करवट लिए सो रहा था या सोने की एक्टिंग कर रहा था।
मैं चुपचाप दूसरी ओर लेट गया, मुझे बहुत तेज नींद आ रही थी मगर दिल में एक उत्सुकता थी जो मुझे सोने नहीं दे रही थी कि सलोनी ना जाने कैसे कपड़ों में या हो सकता है नंगी ही हम दोनों के बीच लेटी है?
अमित इतना सीधा तो नहीं है कि एक नंगी खूबसूरत नारी को अपनी गाड़ी में लेकर आया जो हल्के नशे में भी थी.. उसको बिना चोदे छोड़ा हो…
और अब दोनों मेरे सामने ऐसे एक्टिंग कर रहे हैं… अगर कुछ हुआ होगा तो जरूर कुछ न कुछ तो बात करेंगे ही…
जहाँ इतना अपनी नींद की कुर्बानी दी है, वहाँ कुछ और भी कर सकता हूँ।
हालाँकि नींद मेरे ऊपर हावी होती जा रही थी…
पता नहीं क्या हुआ? और होगा????
कहानी जारी रहेगी
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