साहूकार का मोटा लंड मेरी चूत चोद गया- 1

(Meri Kamukta Ki Kahani)

मेरी कामुकता की कहानी में मैं शरीफ लड़की थी. शादी के बाद लॉकडाउन में पति को कर्ज लेना पड़ा. साहूकार जब वसूली करने हमारे घर आया तो उसने मुझे देखा.

यह कहानी सुनें.

मेरा नाम सोनल रावत है. मैं खूबसूरत हुस्न की मालकिन आप सभी को अपनी रिसती हुई चूत की तरफ से नमस्कार करती हूं.

मैं उत्तराखण्ड में जन्मी और मेरी शादी 2018 में यू पी के बरेली में एक अच्छे व्यापारी से हुई.
अभी मेरी उम्र 27 साल है.

मैं अपनी चूत चुदवाने को हमेशा तैयार रहती हूँ.

मगर शादी से पहले तक मेरे किसी से संबंध नहीं थे क्योंकि मैं बहुत शरीफ लड़की थी.

लेकिन कुछ साल पहले मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसने मेरी चूत और सोच दोनों को चुदाई के लिए पूरी तरह से खोल दिया.

यह मेरी कामुकता की कहानी लॉकडाउन के कुछ समय बाद की है.

लॉकडाउन से पहले मेरे पति का व्यापार बहुत अच्छा चल रहा था.
लेकिन लॉकडाउन के बाद उनका व्यापार मंदा हो गया और उनकी कंपनी घाटे में चलने लगी, जिसको जिंदा रखने के लिए हम लोगों पर बहुत कर्ज चढ़ गया था.

एक दिन की बात है जब मैं कुछ जरूरत की चीजें खरीद कर घर वापस लौटी.
तो मैंने देखा कि मेरे घर में मेरे पति के अलावा पांच छह लोग और थे.
इन्हें मैंने पहले कभी नहीं देखा था.

मुझे लगा कि ये मेरे पति के दोस्त होंगे तो मैंने सबके लिए चाय बना दी.
कुछ देर बाद मैं चाय लेकर हॉल में उन लोगों के पास गयी और सबको चाय दी.

वहां वे लोग मेरे पति को धमकी दे रहे थे- हमारे पैसे लौटाओ, वरना हम तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे.
यह सब सुनकर मैं घबरा गई.

मेरे पति उनसे बार बार विनती कर रहे थे- दस लाख मैं दे चुका हूँ और बाकी के पैसे भी बहुत जल्दी लौटा दूंगा.
मगर वे लोग नहीं ही मान रहे थे और मेरे पति के साथ बदसलूकी कर रहे थे.

मुझसे यह सब देखा नहीं गया और मैंने पूछा- आपके कितने पैसे लिए हैं इन्होंने?
यह सुनकर उनमें से एक ने कहा- साठ लाख लिए थे और अभी बस दस लाख ही लौटाए हैं. समय छह महीने का मांगा था और वह भी पूरा हो गया है.

मैंने कहा- देखिए भाई साहब, हमारा व्यापार थोड़ा कमजोर चल रहा है. जैसे ही पैसे आएंगे, मेरे पति आपको दे देंगे.
उनमें से उनका सरदार बोला- देखिए भाभी जी, इनको बहुत समय दे चुका हूं और आज कम से कम दस लाख तो लेकर ही जाएंगे.

वे लोग एकदम जिद पर अड़ गए और हंगामा करने लगे.
स्थिति बदतर होने लगी थी.

यह देखकर मेरे पति बोले- देखिए, कुछ दिन का समय और दे दीजिए मैं पैसे दे दूंगा.
मगर वे लोग नहीं मान रहे थे.

इतने में उनका सरदार बोला- देखो अब आया हूँ तो कुछ न कुछ तो लेकर ही जाऊंगा.

“मेरे पास अभी आपको देने के लिए कुछ नहीं है. जैसे ही पैसे आते हैं, मैं खुद आपके पास लेकर आऊंगा!”
इस पर उनका सरदार बोला- मुझे तुम्हारी पत्नी चाहिए.

यह सुनकर हम दोनों के होश उड़ गए.

मेरे पति ने कहा- ऐसा नहीं हो सकता!
वह बोला- अगर नहीं हो सकता तो एक घंटे का समय देता हूँ. तू दस लाख का इंतजाम कर या फिर मुझे अपनी पत्नी दे!

यह सुनकर मैंने अपने पति को एक साईड में बुलाया और बोली- यह क्या बात कर रहा है?

इस पर मेरे पति परेशान होकर बोले- यह बहुत बड़ा बदमाश है. यहां इसका रुतबा चलता है. मैंने गलती कि जो इनसे पैसे लिए. अगर पैसों का इंतजाम नहीं हुआ, तो ये लोग जो कहेंगे, वह हमें करना होगा. वरना ये लोग कुछ भी कर सकते हैं.

इतना कह कर वह पैसे के जुगाड़ में इधर उधर फोन घुमाने लगे.

समय तेजी से बीत रहा था और जब एक घंटा पूरा हुआ तब तक बस दो लाख का ही इंतजाम हो पाया था.
हमनें उन्हें दो लाख के लिए काफी मनाने की कोशिश की मगर वह नहीं माना.

अब उनका सरदार मेरे पास आया.
वह दिखने में कुछ खास नहीं था मगर शरीर से हट्टा-कट्टा था.

मेरे कंधे पर हाथ रखकर वह बोला- भाभी जी, अब आप ही अपने पति को बचा सकती हो.
मैंने कहा- वह कैसे?

इस पर वह बोला- बस जैसा मैं बोलता हूँ, वैसा करती जाओ.
मैंने अपने पति की तरफ देखा.
मगर वे चुप थे.

वे बोले- तुम इनके साथ जाओ और जैसा बोलते हैं, वैसा करो!
यह सुनकर बाकी के लोग जोर जोर से हंसने लगे.

मेरे पास अब कोई दूसरा उपाय नहीं था.
मैं चुपचाप बिना किसी सवाल के उसके साथ बेडरूम में आ गई.

अगले कुछ पलों में मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदलने वाली थी.

जैसे ही हम दोनों बेडरूम में आए, उसका एक बंदा मेरे पति को अन्दर लेकर आया. उसने मेरे पति को कुर्सी पर बैठाकर उन्हें बांध दिया और दरवाजा बाहर से लॉक कर दिया.

अब बस हम तीन लोग उस कमरे में थ गए थे.

वह मेरे पति के पास गया और बोला- आज तुम देखोगे कि मैं अपने पैसे कैसे वसूलता हूँ.

अब मेरे साथ जो होने वाला था, उसकी मैंने कभी सपने में भी कल्पना नहीं की थी.
लेकिन मैं मानसिक रूप से इसके लिए तैयार थी.

वह मेरे पास आया और बोला- माफ करना भाभी, पर मुझे आपके पति को सबक सिखाने के लिए ऐसा करना ही पड़ेगा.
यह कह कर वह मेरे बिल्कुल करीब आ गया और मेरी गर्दन पर उंगली फेर कर मेरी गर्दन से बालों को पीछे हटाकर किस किया.

इस किस से मेरे अन्दर अलग किस्म की एक झनझनी देने वाली अद्भुत सी तरंग उठी.
उस वक्त मुझे डर से सहम जाना चाहिए था पर न जाने क्यों मुझे बहुत ही ज्यादा अच्छा लगा.

मैं भूल गई थी कि मेरे पति से बदला लेने की नीयत से मुझे शारीरिक रूप से रौंदा जाने वाला है.
बस न जाने क्यों मुझे बड़ा ही मीठा अहसास होने लगा था.

मैं एक ऐसी शर्म से भर गई थी मानो मेरे साथ कामदेव ने कुछ गुदगुदी की हो.

मैं अपनी अधखुली आंखों से अपने पति की ओर देखने लगी.
वह चुपचाप यह सब देख रहे थे और कुछ नहीं बोले.

यह देख कर मुझे अब लगा कि यह गलत हो रहा है, तो मैंने खुद को उससे दूर किया और अपने पति के पास जाकर बैठ गई.
मैंने गुस्से में उनसे पूछा- क्या यह सही हो रहा है?

वे धीमी आवाज में बोले- जो हो रहा है, होने दो. हम कुछ नहीं कर सकते. यह आदमी बहुत बुरा है. इसने अपनी भाभी तक को नहीं छोड़ा था.

यह सुनकर अब मेरे पास अपने पति की बात मान लेने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं बचा था.

मैंने भी उसके साथ इन्जॉय करने का मन बना लिया था.
जब चुदना ही है तो क्यों न मजा ले लेकर चुदा जाए.

अब वह मेरे पास आया और उसने मेरी साड़ी धीरे से खींच कर उतार दी.
मेरे जिस्म से उतरता हर कपड़ा मेरे पति की इज्जत थी.

वह बोला- तुम्हारी पत्नी इतनी मस्त रसमलाई है, इसे चखे बिना कैसे छोड़ दूं.

उसने मुझे अपनी ओर खींच कर एक ही झटके में मेरे ब्लाउज और ब्रा को फाड़ कर उतार दिए.
अब मैं उसके सामने अर्धनग्न अवस्था में थी.

वह मेरे दोनों स्तनों को चूसने लगा जिससे मैं उत्तेजित होने लगी थी.

अब वह मुझे होंठों पर किस करने लगा और मैं भी उसका साथ देने लगी.

यह देख कर वह मुस्कुरा दिया और मेरे मुँह में अपनी जीभ डालकर मेरे मुँह के रस को पीने लगा.

फिर मुझे किस करते करते उसका एक हाथ मेरे पेट के पास कुछ टटोलने लगा.

उसने मेरे पेटीकोट के नाड़े को पकड़ कर खींच दिया जिससे पेटीकोट एक झटके में जमीन पर गिर गया.

मैं पैंटी नहीं पहनती हूँ, इसलिए मैं पहली बार किसी गैरमर्द के सामने बिल्कुल नंगी खड़ी थी.

अब वह जीभर कर मेरी चूत का दीदार करने लगा.
मेरी चूत को देखकर वह बोला- वाह कितनी खूबसूरत चूत है और चुदने के लिए एकदम तैयार भी है … आह साली चूत रस से भरी हो गई है.

वह सच कह रहा था.
मेरी चूत चुदने की लालसा में पानी छोड़ रही थी.

वह मेरी चूत पर हाथ फेर कर कह रहा था- आज तेरी चूत को चोद चोद कर पूरा फाड़ दूंगा.

यह सुनकर मैं शर्म से पानी पानी हो गई और मैंने अपने दोनों हाथों से उसके हाथ को हटा कर अपनी चूत को ढक लिया.

उसने झटपट से अपने सारे कपड़े उतार दिए.

जैसे ही मेरी नज़र उसके लंड पर पड़ी, मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए.
बाप रे … इतना बड़ा और मोटा लंड … मैंने तो अभी तक सामने से देखा ही नहीं था.

आज पहली बार मैं किसी अंजान मर्द को अपने सामने ऐसे नंगा देख रही थी.

मैं एकटक उसके काले नाग जैसे फनफनाते लंड को देख रही थी.
मेरे पति से बहुत ज्यादा लंबा और मोटा लंड था उसका!

उसने मुझे अपने हाथ हटाने को कहा.
मगर मुझे बहुत शर्म आ रही थी.

उसने धीरे से मुझे धक्का देते हुए बेड पर गिरा दिया और मेरे दोनों हाथों को पकड़ कर चूत से अलग कर दिया.
उसने एक पल की भी देर किए बिना अपने लंड का सुपारा मेरी चूत के होंठों पर रख दिया और रगड़ने लगा.

मेरी चूत बिल्कुल गीली थी और उसके लंड को चखने को बेताब थी.
इसी लिए मेरी टांगें खुद ब खुद फैल गई थीं.

यह देख कर उसने एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरे अन्दर पेल दिया.
एक झटके से उसका मोटा लंड चूत में घुसा तो मुझे बहुत तेज दर्द हुआ.

मगर मैंने उसे बर्दाश्त कर लिया था.
मैं नीचे देखने लगी.

मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था कि जिस इंसान को मैं तीन घंटे पहले तक जानती भी नहीं थी, उसका लंड मेरी चूत में था.

अब वह मुझे चोदने लगा और साथ साथ मेरे बोबे मसल रहा था.

यह मुझे बेहद सुख देने वाला काम हो रहा था.

नीचे मेरी चूत में उसका लंबा लंड मेरी चूत पर कोई रहम नहीं खा रहा था.

मेरी चूत ने रस छोड़ दिया था.
अब पूरे कमरे में फच्च … फच्च की बहुत तेज आवाज गूंजने लगी थी.

आवाज से ही कोई अंदाजा लगा सकता था कि मेरी कितनी बेरहमी से चुदाई हो रही थी.
इतना मस्त मुझे अभी तक किसी ने नहीं चोदा था.

ऐसा लग रहा था कि वह मेरी चूत की चटनी बना कर ही मानेगा.

मैं भी मजे लेकर बोलने लगी- आह ऐसे ही चोदते रहो … रुकना मत आह!
उसे भी मुझे चोदने में बेहद मजा आ रहा था.

वह मुझे चोदता रहा और मैं अपने पति की तरफ देख रही थी.
वह मुझे दनादन चोदे जा रहा था और बोल रहा था- आह भाभी … मस्त माल हो यार तुम … ऐसी मस्त चूत मैंने आज तक नहीं चोदी.

हम दोनों चुदाई में इतना मगन हो गए थे कि किसी चीज का होश-हवास ही नहीं रह गया था.

बहुत देर तक मुझे चोदने के बाद उसने मुझे कुतिया बनाया और मेरा चेहरा पति के सामने कर दिया.

अब वह तेज झटके के साथ मेरी चूत को पीछे से लंड पेल कर बजाने लगा था.
उसके दोनों हाथ मेरे दोनों दूध मसल रहे थे.

सच में ऐसी चुदाई मेरी आज तक नहीं हुई थी.
उसका लंबा मोटा लंड मेरे गर्भाशय तक चोट कर रहा था.

अब मुझे अपने पति की झांट परवाह नहीं रह गई थी.
कामुकता से भरी मेरी चूत ने भी दुबारा से पानी छोड़ना शुरू कर दिया था.

बहुत देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उसने मुझे दुबारा लेटा दिया और मैंने खुशी खुशी अपनी टांगें खोल दीं.

वह मुझसे बोला- भाभी जी, सच में यार आप चोदने के लिए ही बनी हो. यहां ऐसी गुलाबी चूत मिलना बेहद मुश्किल है.

मैं यह सुनकर मुस्कुरा दी और मन में सोचने लगी कि काश मेरे पति भी मुझे ऐसे ही चोदते.

अब उसने अपना लंड दुबारा मेरी चूत पर सैट किया और फच्च से अन्दर डाल दिया.

उसका लंबा मोटा लंड मेरी गीली रसीली चूत में बेहद आसानी से घुसता चला गया था.
बिना किसी देर के वह मुझे फिर से धक्कापेल चोदने लगा.

उसकी चुदाई से गूंजने वाली फच्च फच्च की आवाज मेरे कानों को बहुत सुकून दे रही थी.
कुछ देर तक ऐसे ही चोदने के बाद उसने अपना सारा माल मेरी चूत की गहराई में डाल दिया.

वह मुझसे चिपक कर लेट गया.

उसने आवाज लगा कर दरवाजा खुलवाया.

दरवाजा जैसे ही खुला, मैंने देखा कि बाकी सारे मर्द बाहर खड़े थे और मुझे नंगी देख कर हंस रहे थे.
मुझे बेहद शर्म आ रही थी.

उसने अपना लंड मेरी चूत से निकाला और उस पर लगी मलाई को मेरी झांटों में रगड़ कर पौंछ दी.

अब वह कपड़े पहन कर मेरे पति से बोलने लगा- तेरी पत्नी मस्त माल है, चोदने में मजा आ गया. एक लाख अपने हिसाब में से माफ करता हूँ तेरे और एक महीने का समय भी देता हूँ. मुझे कम से कम बीस लाख चाहिए. अगर पैसे का इंतजाम नहीं हुआ, तो इस बार तेरी पत्नी को रात भर चोदूंगा.
यह कहकर उसने मेरे पति को खोल दिया और वे लोग चले गए.

लेकिन मैं वैसी ही चुदी पिटी सी लेटी रही.

थोड़ी देर में मेरे पति मेरे बगल में आए और बोले- मुझे माफ करना सोनल, मेरी वजह से तुम्हें इतना दर्द सहना पड़ा.
मगर उन्हें क्या पता था कि इस अनचाही चुदाई से मेरी चूत तृप्त हो गई थी.

मुझे शुरूआत में उन पर जितना गुस्सा आ रहा था, उतनी ही मैं अब खुश थी. मगर यह चीज मैं जाहिर नहीं कर सकती थी.

पर मैं रोने का नाटक करती हुई बोली- देखो, आपकी वजह से मेरी चूत का क्या हाल कर दिया उस जालिम ने. अगर बच्चा बैठ गया, तो मैं किसी को क्या मुँह दिखाऊंगी?

मेरे पति बोले- पत्नी का अपने पति के हर सुख दुःख में साथ देना फर्ज होता है. उम्मीद है वह दुबारा परेशान नहीं करेगा. जैसे दाने दाने पर लिखा होता है, खाने वाले का नाम, वैसे ही हर चूत पर लिखा होता है, उसे बजाने वाले का नाम. अगर बच्चा हो भी गया, तो उसे मैं अपनाऊंगा. इस कमरे में क्या हुआ, ये सिर्फ हम दोनों को पता है.

इसके बाद से मेरी चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया था जो अब भी अलग अलग लंड से चल रहा है.
वे सब कौन से लंड थे, इसका खुलासा मैं आपको बाद में लिखूँगी.

दोस्तो, इस सेक्स कहानी का अगला भाग आपको और अधिक कामोत्तेजित करेगी.
आपको मेरी कामुकता की कहानी कैसी लग रही है, प्लीज जरूर बताएं.
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मेरी कामुकता की कहानी का अगला भाग: साहूकार का मोटा लंड मेरी चूत चोद गया- 2

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