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मेरा नाम सुनील है, मैं नई दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 28 साल है और एक कंपनी में जॉब करता हूँ।
बात तब की है जब मैं नई दिल्ली से मुंबई जा रहा था। मेरी ट्रेन नई दिल्ली से मुंबई राजधानी एक्सप्रैस थी, मेरा कम्पार्टमेंट 2टी वातानुकूलित था। मेरी सीट साइड वाली बर्थ में नीचे की सीट थी और मेरे सीट के ऊपर वाली सीट एक लड़की की थी जो जम्मू से मुंबई जा रही थी उसका नाम निशा था जो एक कंपनी में मैनेजर थी। वो देखने में बहुत ही सेक्सी थी।
ट्रेन अपने समय से एक घंटा देरी से चल रही थी। हम आपस में बात करने लगे और बातों बातों में हम एक दूसरे से मज़ाक करने लगे। तभी उसके एक दोस्त का फ़ोन आ गया, वो उससे बात करने लगी, बीच बीच वो उससे सेक्सी बात भी कर रही थी।
कुछ समय बाद उसने जब फ़ोन काटा तो मैं बोला- आप बहुत ही खतरनाक बात करती हो।
वो समझ गई कि मैं किस बारे में बात कर रहा हूँ। फिर हम सेक्सी बातें भी आपस में करने लगे। बातों बातों में उसने मुझसे मेरी गर्ल फ्रेंड के बारे में पूछा।
मैंने उसे बताया- एक है जिसके साथ मैं खूब एन्जॉय करता हूँ !
निशा ने कहा- फिर तो आपने उसके साथ सेक्स भी किया होगा?
मैं बोला- हाँ, कई बार हम कर चुके हैं।
तब निशा बोली- तो फिर तो आपको सेक्स का पूरा तजुर्बा भी होगा?
“हाँ बहुत है !”
फिर मैंने पूछा- आपने भी कभी सेक्स किया है?
तो वो बोली- हाँ, किया था।
फिर हम बैठे हुए काफी देर तक बात करते रहे और मैं बात करते हुए उसके मोमे देखता रहा था, मेरा लंड तो बहुत देर से खड़ा हुआ था।
तभी वो बोली- सभी लोग सो गए हैं, सिर्फ हम दोनों ही जाग रहे हैं।
फिर वो ऊपर की सीट पर सोने के लिए चढ़ गई और मैं उसके मोमों के बारे में सोच कर मुठ मारने लगा। तभी वो बाथरूम जाने के लिए नीचे उतरी लेकिन मैं मुठ मारने में लगा हुआ था, मैंने उसे देखा ही नहीं।
वो बोली- क्या बात? लगता है आपको पूरा जोश चढ़ा हुआ है?
मैं अचानक बोल गया- आपके मोमे बहुत ही सेक्सी हैं, काश मैं इनको दबा सकता !
निशा बोली- आपको काफी देर से देख रही हूँ कि आप मुठ मारने में लगे हुए हो। इससे अच्छा तो आप इसे मेरे अंदर डाल कर अपनी और मेरी शांति कर दो मेरा बॉय फ्रेंड बन कर !
मैंने उसे पकड़ लिया और उसके मोमे दबाने लगा।
निशा बोली- यहाँ रहने दो, कोई देख लेगा ! टॉयलेट में चलते हैं।
टॉयलेट में जाते ही निशा ने मेरा लंड पैंट से बाहर निकाल लिया और चूसने लग गई।
मैं बोला- अपने कपड़े उतारो !
कुछ देर बाद मेरा सारा पानी उसके मुंह में ही छुट गया। अब वो अपने कपड़े उतारने लगी। जैसे ही उसने अपने कपड़े उतारे, मैंने उसके मोमे अपने मुँह में ले लिये और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। निशा को भी मज़ा आ रहा था।
अब मैंने उसे वहीं बाथरूम में लगे हुए वाशबेसिन पर बिठा दिया, वो बोली- अरे नहीं, यह टूट जायेगा !
“कोई बात नहीं ! मुझे आपकी चूत चाटने दो !” मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में डाल दी।
वो जैसे पागल ही हो गई।
तभी निशा बोली- अब अपना लौड़ा भी चूत में डाल दो।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, थोड़ा और मज़ा तो ले लो !
थोड़ी ही देर में निशा की चूत पानी छोड़ गई, मैं उसकी चूत उसकी पैन्टी से साफ करने लगा।
मैं अपने लौड़े को उसकी चूत पर रगड़ने लगा।
निशा बोली- अब तो फाड़ दो इस चूत को !
मैंने एक ही झटके में सारा लंड उसकी चूत में डाल दिया। चूत कसी होने के कारण वो अचानक चीख पड़ी।
मैंने एकदम से उसका मुँह बंद कर दिया ताकि आवाज़ बाहर न जा सके और लंड को अंदर-बाहर करने लगा। कुछ देर बाद लगा कि ट्रेन कहीं रुकी हुई है।
निशा बोली- अब आप रुको मत ! बस चोद दो मुझे !
मैं और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा। हमने कई पोज़ बनाये फिर उसे घोड़ी बना कर चोदने लगा। काफी देर के बाद मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया।
निशा बोली- अरे यार, तुम्हारे लंड में तो बहुत जोर है, देखो मेरी चूत भी सूज गई है।
थोड़ी देर हम वहीं पर नंगे खड़े रहे, मैं उसके मोमे चूसने लगा। कुछ देर बाद मैंने उसे घोड़ी बनाया और उसके चूतड़ों के बीच में लंड रगड़ने लगा।
वो मुझे मना करने लगी।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, आपको दर्द नहीं होगा।
लेकिन वो नहीं मानी। खैर मैंने फिर उसकी चूत में ही डाल दिया लेकिन इस बार जब मेरा छुटने लगा। तो मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में दे दिया, वो भी मज़े ले ले कर चूसने लगी, थोड़ी देर बाद में उसके मुँह में ही छोड़ दिया। अब वो अपनी चूत साफ करने लगी और हम अपनी सीट पर आकर बैठ गए। परदे आगे होने के कारण हम एक दूसरे से लिपट कर सो गए।
रात को हमने सीट पर भी सेक्स किया।
सुबह उठने के बाद हम रात के बारे में बात करने लगे। मुंबई पहुँचने पर उसने मुझसे मेरा नंबर माँगा और अपना नंबर मुझे दिया और हम अपने अपने रास्ते चले गए।
दोस्तों यह कोई कहानी नहीं है, यह सच्ची घटना है।
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