आंटी को चोद चोद कर बीवी बनाया

(Indian Aunty Hardcore Sex)

इंडियन आंटी हार्डकोर सेक्स का मजा ले गयी. वे वृद्धाश्रम में थी. मैं उन्हें घर ले आया, उनकी देखभाल की. लेकिन उन्होंने मुझे सेक्स के लिए इस्तेमाल किया.

मेरा नाम धर्मेंद्र है. मैं गुजरात का रहने वाला हूं. यह मेरी सच्ची इंडियन आंटी हार्डकोर सेक्स कहानी है.
मेरी उम्र 25 वर्ष है और हाइट 5 फुट एक इंच ही है. जबकि मेरा लंड काफी लंबा और मोटा है.

मैं एक सिविल इंजीनियर हूं और बड़ोदरा में जॉब करता हूं, दो कमरे के फ्लैट में रहता हूँ.
यहां मैं अकेला ही रहता था.

मेरे फ्लैट से थोड़ी ही दूर पर एक आश्रम था.
जब भी मुझे समय मिलता, तब मैं आश्रम में चला जाता.

इस आश्रम में पहले 7 दिन में एक बार जाता था.
फिर धीरे-धीरे मैं रोज आने लगा.

इसी आश्रम में एक आंटी का नाम पायल था. आंटी की उम्र करीब 45 साल की रही होगी.
उनकी हाइट यही कोई 5 फुट की रही होगी. उनके शरीर की आकृति 34-30-38 की थी.

आश्रम में रहने वाले लोगों के लिए कुछ देकर आना मुझे बड़ा अच्छा लगता था.
मैं आंटी उनकी बात बहुत मानता था, उनके साथ दो-तीन घंटे बिताता था, उनसे बातें करता रहता था.
वे भी मुझे खूब प्यार करती थीं. मुझे अपने सीने से लगा कर दुलार करती थीं.

तीन चार महीने के बाद मुझे लगा कि आंटी आश्रम में रहती हैं तो क्यों नहीं मैं उन्हें अपने फ्लैट में रहने के लिए बुला लूँ.
मैंने एक दो बार उनसे कहा पर उन्होंने मना कर दिया.

उनसे मेरा बहुत लगाव हो गया था और उन्हें मैं अपना सगा मानने लगा था.

उनसे अपने दिल की बात कहने लगा था और उनसे कभी कभी गुस्सा भी होकर दिखाता था, तो वे हंस कर मुझे मना लेती थीं.

एक बार मैंने उनसे कहा कि अब मैं आपसे बात नहीं करूंगा, आप मेरी बात नहीं मान रही हैं.
उन्होंने हंस कर कहा- कौन सी बात?

मैंने पुनः उन्हें अपने फ्लैट में चल कर रहने के लिए कहा.
आज वे राजी हो गईं और बोलीं- कल चलूँगी.

मैं अपने फ्लैट पर आ गया.

मेरे फ्लैट में दो कमरे और एक हॉल था. इसमें से एक कमरा मेरा था और दूसरा कमरा मैंने आंटी को रहने के लिए सही कर दिया.

अगले दिन मैं आश्रम में जाकर आंटी को ले आया.

दो-तीन महीने में सब कुछ ठीक चलने लगा.
जब मुझे छुट्टी मिलती तो मैं आंटी को घुमाने ले जाता था.

एक दिन की बात है, आंटी को कोई शारीरिक समस्या हुई.
उस कारण से उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा.
हॉस्पिटल में किसी ने आंटी से उनकी आईडी मांग ली.

आंटी ने मुझसे कहा- ये लोग मेरा पहचान पत्र मांग रहे हैं और वह तो मेरे कमरे में है. तुम जाकर ले आओ.
मैं तुरंत अपने घर पर चला गया.

मैंने आंटी का कमरा तलाशा तो मुझे उनकी अल्मारी में एक टेबलेट मिला.
मैंने पूरा टेबलेट तलाश कर लिया, तब मुझे पता चला कि इस उम्र में ऐसा ही होता है.

इस टेबलेट में हम दोनों जब घूमने गए थे, उस वक्त की तस्वीरें भी थीं.
जब मैं टेबलेट को खोल कर अन्दर सेव सारी तस्वीरें देखने लगा, तब मुझे उसमें कुछ वीडियो भी मिले.

उन्हीं में एक सेक्सी वीडियो भी पड़ा था.
मैं उसे देखने लगा.
मैं और भी दूसरे वीडियो देखने लगा.

उसमें एक मेरा वीडियो भी दिखाई दिया.
मैं जब बाथरूम में नहाने जाता तो उस वक्त मेरे नंगे नहाने के वीडियो भी थे.

एक बार मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को अपने घर पर बुलाया था और हम दोनों ने सेक्स किया था.
उस वक्त की चुदाई का वीडियो भी आंटी ने अपने टेबलेट में सेव करके रखा था.

बाद में मैंने अन्य वीडियो और फोटो भो देख लिए.
टेबलेट में आंटी के भी फोटो देखे.

वे भी पूरी नंगी होकर अपनी सेल्फ़ी फ़ोटो ले रही थीं.
किसी फ़ोटो में वे अपनी चुत में उंगली कर रही थीं तो किसी फोटो में अपने दूध मसल रही थीं.

मैंने जब यह सब देखा तो मेरा लौड़ा खड़ा हो गया.

मैं मन में कामना करने लगा कि अपने ही घर में चांद है, तो पूरी दुनिया में क्यों खोजूँ?
मैं उनके इस टेबलेट को खंगालने लगा, छुपे हुए फ़ोल्डरों में हरेक फोटो को देखने लगा.

एक अन्य वीडियो भी सामने आया.
उसमें आंटी मेरी फ़ोटो हाथ में लेकर बोल रही थीं- मैंने कभी सेक्स नहीं किया. जब मुझे तुम दिखे, तब मुझे ऐसा लगा कि तुम ही मेरा पहला प्यार हो. परंतु तुमने मुझे आंटी बना दिया. जब तुम अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर घर आए और उसके साथ सेक्स करने लगे तो मुझे बहुत बुरा लगा. फिर मुझे समझ में आया कि तुम्हारी उम्र मेरी उम्र से कम है और हम दोनों में करीब 20 साल का अंतर है, तो मैं चुप रह गई.

मैं यह वीडियो देख कर हैरान था.

उस वीडियो को आगे देखा तो वे कह रही थीं- जब तुम घर पर रहते थे और मैं बाथरूम में नहाने जाती थी तो मैं अपनी पैंटी-ब्रा अपने ही रूम में छोड़कर जाती थी. फिर तुमको बुलाती थी कि मुझे मेरे कपड़े दे दो. फिर जब तुम मुझे देने आते थे, तो कभी सामने से आकर नहीं देते थे. उस वक्त मुझे बहुत बुरा लगता था.

उनकी यह बात बिल्कुल सही थी मैं उन्हें अपनी आंटी के जैसे मानता था तो उन्हें कपड़े देते समय संकोच करता था.

आंटी ने आगे कहा- मैंने ही तुम्हारे बेडरूम में सीसी टीवी कैमरा लगवा कर रखा है. मैं तुम्हारा पूरा लंड देखना चाहती हूं. तुम्हारी गर्लफ्रेंड वाली चुदाई की वीडियो भी मैंने इसी कैमरे से बनाई थी.

यह सब देख कर मैं सोचने लगा कि यहां कोई अपना नहीं है. मैं अनजान सिटी में रहता हूँ.

अब मेरे मन में एक योजना बन गई कि आंटी को थोड़ा सा तड़फाना चाहिए.

उस वक्त तो मैं आंटी के आईडी प्रूफ के डॉक्यूमेंट लेकर हॉस्पिटल चला गया और उधर जमा करवा दिए.

दो-तीन दिन बाद आंटी को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई और मैं उन्हें वापस घर ले आया.

अब मेरी नजर बदल चुकी थी.

मैंने आंटी से कहा- आप ठीक तरह चल नहीं पाएंगी, खाना आदि भी नहीं बना पाएंगी. इसलिए आप मेरे बेडरूम में सोने आ जाओ. आपके बेडरूम का सारा जरूरी सामान मैं इस बेडरूम में ले आता हूँ.
आंटी ने कहा- ठीक है.

शायद यह सुनकर उनके चेहरे पर चमक आ गई थी.
एक-दो दिन बाद आंटी की तबीयत एकदम ठीक हो गई.

वे बोलीं- अब मैं अपने वाले बेडरूम में चली जाती हूँ.
मैंने मना कर दिया.

वे थोड़ी गुस्सा सी हो गई थीं- क्यों नहीं जाने दे रहे हो?
मैं कुछ नहीं बोला.

फिर वे शांत हो गईं और बोलीं- ठीक है बेटा, मेरे बेडरूम में मेरा सामान रखा हुआ है. बस मैं उसे यहीं ले आती हूँ.

मैं समझ गया कि आंटी को टेबलेट पर सेक्स वीडियो देखने का मन है.
तो मैंने कह दिया- मैं ऑफिस चला जाता हूँ, तब आप अपने कमरे में जाकर अपना काम कर सकती हैं.

आंटी मान गईं.

उसके बाद मैंने महिला को वासना की आग में अत्याधिक गर्म करने वाली दवा की गोलियों के बारे में नेट पर सर्च किया और ऑनलाइन ही उस दवा का एक पूरा पैकेट मंगा लिया.

अब जब मैं घर पर रहता था, तब मैं वह दवा आंटी को खिला देता.
वे पूरा दिन गर्म रहतीं.

रात में मैं सोने जाता, तो मैं नीचे फर्श पर सो जाता और पलंग के ऊपर आंटी सो जातीं.
दूसरे दिन वे मुझसे बोलीं- तू भी पलंग पर ही सो जा. मुझे कोई दिक्कत नहीं होगी.

मैं ऊपर आ गया और एक साइड सो गया.

आंटी दवा का डोज लेकर पूरी गर्म थीं.
वे कामुक होकर लेट गई थीं.

रात को मेरा एक हाथ उनके मम्मों पर चला गया और मैं उनके करीब होकर लेट गया तो मेरा कड़क लंड उनकी गांड पर रगड़ने लगा.
आंटी ने जब यह पोजीशन देखी, तो वे अपनी गांड मेरे लौड़े पर घिसने लगीं.

मैंने ज्यादा कुछ नहीं किया बस सोता रहा और आंटी की कामाग्नि को भड़काता रहा.
इसी तरह दो दिन चला.

एक दिन मैंने देखा कि सुबह में मैं जो दूध पीता हूं. वे उसमें अपना दूध दबा कर दूध निकालने का प्रयास करतीं और मुझे पीने को दे देती थीं.
शायद आंटी इसी लिए सुबह मुझसे जल्दी उठ जाती थीं और वे मेरे लिए अपने स्तनों से डूबा हुआ दूध मुझे पिलाने की कोशिश करती थीं.

चौथे दिन शाम को खाना खाकर वे मुझे दूध देने आईं.
उस दिन मैंने देख लिया था कि वे मेरे दूध के गिलास में कोई गोली मिला रही हैं.

मैं छुप कर में किचन में देखने लगा. तब मुझे पता चला कि आंटी नींद की गोली मुझे पिलाने की कोशिश कर रही हैं.
उन्होंने रसोई में शक्कर के डिब्बे में नींद की गोलियों का पूरा पत्ता छुपा कर रखा था.

फिर जब आंटी मुझे दूध देने आईं, तो वे दूध रख कर बेडरूम में से बाहर गईं.
मुझे ख्याल आया कि आज आंटी का खेल देखना ही चाहिए.

मैंने पूरा दूध बाथरूम में जाकर बहा दिया. कुछ देर के बाद मैं सोने का ड्रामा करने लगा.
लगभग 12:00 वे चुपके से उठीं और मुझे आवाज देने लगीं.

मैं समझ गया कि आंटी मुझे चैक कर रही हैं कि मैं सोया हूँ या नहीं.
मैं चुपचाप पड़ा रहा.

वे समझ गई थीं कि दवा के असर से मैं गहरी नींद में हूँ.
अब वे मेरे करीब हुईं और मेरे लंड के ऊपर हाथ लगाने लगीं.

मैं चुपचाप पड़ा रहा, लंड को सहलाने से उसमें तनाव आने लगा.
आंटी खुश होने लगी थीं कि आज वे मेरे जवान लंड से खेल रही हैं.

धीरे धीरे आंटी ने मेरे सारे कपड़े उतार दिए.
वे खुद भी पूरी नग्न हो गईं.

वे मेरे नंगे हो चुके लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगीं.
बाद में आंटी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया.

मुझे आंटी के मुँह में लंड देकर बहुत मजा आ रहा था.

करीब दस मिनट तक आंटी ने मेरा लौड़ा चूसा.
बाद में वे मेरे लंड पर बैठने लगीं.

परंतु उनको लंड लेने में दर्द हो रहा था.
शायद आंटी ने काफी समय से अपनी चुत में किसी मर्द के लंड को नहीं लिया था.

अचानक से मैंने अपनी आंखें खोल दीं.
वे डर गईं और घबरा कर पूरी की पूरी लंड के ऊपर बैठ गईं.

मेरा पूरा लंड आंटी की चुत के अन्दर घुसता चला गया था.

एकदम से लंड घुसने से वे चीखने लगीं और लंड से नीचे उतरने की कोशिश करने लगीं.

मगर मैंने आंटी को पकड़ लिया और उन्हें लौड़े से हटने ही नहीं दिया.

उनकी मदमस्त चूचियां मुझे कामोत्तेजित कर रही थीं.
मैंने अपने हाथ से उनकी एक चूची को पकड़ कर मसलना चालू कर दिया.

आंटी कसमसा रही थीं और लौड़े से उतरने की कोशिश कर रही थीं.
मैं उन्हें लंड से नीचे उतरने ही नहीं दे रहा था.

तभी उन्होंने अपनी चुत में हाथ लगा कर देखा तो खून निकल आया था.
मैंने खून देख कर कहा- पहली बार है ना … इसलिए चूत से खून निकल आया.

अब वे मेरे सीने पर ढुलक गईं और मैं अपनी गांड उठा कर उनकी चुत में लंड चलाने लगा.

थोड़ी ही देर बाद आंटी को भी चुदने में मजा आने लगा.

इंडियन आंटी हार्डकोर सेक्स में मैंने उनको अपने नीचे लिया और बेड पर चित लिटा कर उनके ऊपर चढ़ गया.

वे आह आह कर रही थीं और मैं उनकी चुत में लंड पेल कर धकापेल कर रहा था.
तेज रफ्तार से लौड़े को आंटी की चुत में अन्दर बाहर करने लगा था.

करीब बीस मिनट की चुदाई में आंटी 2 बार झड़ चुकी थीं.
उनकी शर्म लिहाज सब खत्म हो चुकी थी और मैं आंटी को ताबड़तोड़ पेलता रहा था.

उस रात मैंने ढाई घंटे में आंटी को चार मर्तबा चोदा.
वे भी चुद कर शांत हो गई थीं और निढाल पड़ गई थीं.

मैं भी बार बार की चुदाई के बाद शांत हो गया था.

मैंने रात में ही मेल लिख कर अगले 3 दिन की छुट्टी ले ली और तीन दिनों तक आंटी को इतना चोदा कि वे ठीक से चलना भी भूल गई थीं.

बाद में मैंने अपना ट्रांसफर दूसरे शहर में करवा लिया था.
दूसरे शहर में मैंने तीन कमरे वाला फ्लैट ले लिया था.

तीनों कमरों में बड़े वाले बेड पड़े थे.

मैंने आंटी से बोल दिया था कि आप घर पर रहेंगी, तो ऊपर एक ब्रा और एक नीचे पैंटी ही पहनेंगी. इसके अलावा कोई और कोई वस्त्र नहीं चलेगा.

इस नए शहर में मैंने अपना ऑफिस का काम अपने घर पर ले लिया था.
सारे दिन आंटी मेरी गोदी में रहतीं या मेरे सामने अपनी सेक्सी बॉडी दिखाती रहतीं.

मैं जब भी मर्जी होती, आंटी को लिटा कर चोदने लगता हूं.

अभी कुछ दिन पहले की बात है, उनको उल्टियां होने लगीं.

मैं उन्हें हॉस्पिटल ले गया.
डॉक्टर ने चैक करके बताया कि वे पेट से हो गई हैं.

यह सुनकर आंटी मुझे देखकर हंसने लगीं.

हम दोनों घर आ गए.

आंटी और मैंने इस बच्चे को जन्म देने का मन बना लिया था.
अब सिर्फ समस्या यह थी कि तीन महीने के बाद आंटी को चोदने नहीं मिलेगा.

मैंने आंटी से कहा- मेरे लिए कोई छेद की जुगाड़ कर दो.
वे बोलीं- मैं पहले जिस जगह में रहती थी, वहां के आश्रम में मेरी एक सहेली है. वह मेरे संपर्क में है और उससे मेरी बात होती रहती है. उसको मेरे बारे में सब मालूम है. वह भी लंड की प्यासी है. बस वह मुझसे उम्र में एक साल बड़ी है, यदि तुमको चले, तो बताओ?

मैंने कहा- हां ठीक है. उसका छेद तो सही हालत में है ना!
मेरी इस बात पर हम दोनों हंसने लगे.
आंटी ने बताया कि वह भी कुंवारी ही है.

मैं खुश हो गया कि एक और कुंवारी आंटी मेरे लौड़े से चुदने के लिए रेडी है.

मैंने हां कह दिया तो पायल आंटी ने उधर फोन से संपर्क किया और उसे अपने पास आने के लिए कह दिया.

एक दिन के बाद दूसरी आंटी आएगी, उसकी भी ले लूंगा.

आप मुझे बताएं कि आपको मेरी यह इंडियन आंटी हार्डकोर सेक्स कहानी कैसी लगी?
मैं आपको दूसरी कुंवारी आंटी की चुदाई की कहानी भी जल्द ही लिखूँगा.
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