पति और खान के साथ दुबई में रंगरलियाँ-4

(Pati Aur Khan Ke Sath Dubai Me Rangreliyan- Part 4)

प्रेम मेरी प्यासी योनि के दृश्य को देख बहुत गर्म था…
खान ने कहा- जब तक प्रेम तेरी चूत चाट कर गीली करता है मैं तेरे सेक्सी माधुरी दीक्षित जैसे मुख को लण्ड से चोदूँगा।
वह बिस्तर से उतर गया और मेरे सर को बिस्तर से लटका दिया।

मेरे बड़े बाल और मेरा सिर बिस्तर से लटक रहा था जबकि मेरा गदराया शरीर बिस्तर पर खुला पड़ा था, खान मेरी बड़ी चूचियाँ मसलने लगा।

प्रेम ने मेरी योनि को मस्त होकर चाटना जारी रखा।

खान ने अपने बड़े गेंदों और लण्ड को मेरे होंठों के सामने रखा, मैंने उन गेंदों को चाटने की कोशिश की लेकिन वह मुझे तरसाने लगा और ललचाने लगा।

मैं अपनी जीभ बाहर ले जाकर लण्ड को चाटने की कोशिश करती और भीख माँगती।

फिर मैंने उसके बड़े लण्ड को झटके से पकड़ कर लण्ड की भूखी, तरसती औरत की तरह चाटना और चूसना शुरू कर दिया।

अब खान ने मेरे दोनों हाथ पकड़ लिए और मेरे होटों को एक वेश्या की योनि की तरह चोदना शुरू कर दिया। मैं एक गंदी, सस्ती, फूहड़ रण्डी की तरह महसूस कर रही थी। उसके अंडकोष मेरी ठुड्डी से ज़ोर से टकरा रहे थे और मेरे स्तन खान के धक्कों की वजह से ऊपर और नीचे उछल रहे थे, मेरी नाक के छेद हाथों से बंद कर उसने ज़ोर से लण्ड को मेरे मुंह में घुसेड़ा, मेरी सांसें रुक गईं।

मैंने खान को धक्का दे दिया- कमीने… मुझे छोड़!!
उसने लण्ड बाहर खींच लिया और मुस्कुराया- तुम्हें कहा था न कि तुम्हें रण्डी की तरह चोदूंगा… अब बिस्तर में तुम्हारी मोटी और नॉटी चूत का इलाज होगा बेगम!

मैंने वापस अपनी सांस वापिस पाई और उस जंगली कमीने को देख मुस्कुराई। शायद मैंने उस जंगली मर्द द्वारा दिए गए अनुभव को पसंद किया।

खान ने पूछा- चुदने के पहले ही डर गईं बेगम?

मैं बिस्तर पर पड़ी अपनी दोनों जांघों को फैला कर अपनी बड़ी चूत पे लटकी नथनी को सहलाते हुए बोली- ले चोद साले! देखती हूँ क्या बिगाड़ लेगा तुम्हारा लण्ड मेरी चूत का।
खान ने मेरी बड़ी गदराई चूत को भूखी नज़रों से निहारा, फिर उसने मेरी दोनों जांघों को पकड़कर मेरे चूत की नथनी को चूम लिया।
मैं सिहर उठी।

फिर वह मेरी योनि के मोटे होठों को मुँह में लेकर दांतों से काटने लगा। फिर अपनी बड़ी जीभ मेरी गर्म और कसी चूत में डाल कर गोल-गोल हिलाने लगा और दाँत गड़ाने लगा, वो अपनी नाक से मेरे चूत की बड़ी और खड़ी क्लिट को रगड़ने लगा।

आनन्द के अतिरेक से मेरी नाक के छेद फड़कने लगे, मैं जैसे जन्नत में थी।

मैंने खान के सर को सहलाते हुए कहा- आअह्ह्ह्ह… धीरे से काटो मेरी नाज़ुक चूत को… खा जाओगे क्या?
खान ने जोश में कहा- हाँ रण्डी! तेरी रसमलाई जैसी मोटी चूत खा जाऊँगा!

मैंने दोनों हाथों से अपनी चूत के होंठ फाड़ते हुए कहा- ले खा ले साले! मेरी चूत के भूखे भेड़िये… खा ले मीठी बंगाली चमचम!!

प्रेम मेरी चूचियों को सहलाते हुए खान को मेरे चूत को चाटते हुए देख रहा था।

देर तक चूत चाटने के बाद खान ने अपना मोटा तगड़ा और भारी लण्ड मेरी गर्म और गीली चूत पर रख कर बोला- अब इस चूत को मेरा तगड़ा लण्ड चाहिए! बोल मेरी रण्डी! डाल दूँ?
मैं हँसते हुए अदा से बोली- हिम्मत है डाल दो न!

तब खान के अपने हाथ में लोहे जैसे 10 इंच के घोड़े लण्ड को पकड़ मेरे चूत की गुलाबी गीली छेद पर रगड़ा। मेरी चूत उसके लण्ड के लिए फड़फड़ाने लगी।

हम दोनों ने एक दूसरे को देखा।
मैंने गर्म आहें भरकर कहा- देखते क्या हो? चोद दो… खान!
उसने कहा कहा- कहो… प्लीज़ मुझे चोदो… मैं एक चुदासी रण्डी हूँ।
मैंने कहा- मैं रण्डी हूँ! मेरी तड़पती, प्यासी चूत को चोद दो प्लीज़! प्लीज़!!

उसने लण्ड से चूत थपथपाया, फिर उसने मुझसे कहा कि प्रेम को कहूँ कि खान के लण्ड को पकड़ मेरी योनि में निर्देशित करे।
मैंने प्रेम को ऐसा कहा।
प्रेम ने खान के बड़े लण्ड को पकड़ मेरी मदहोश, गर्म और गीली चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया।
मेरी चूत में खान ने अपना बड़ा सुपाड़ा घुसेड़ा तो मैं चिल्ला उठी- नहीं… धीरे से… ओह्ह्ह्ह्ह्ह!

मेरी चूत काफी कसी हुई थी।
खान ने कहा- कुतिया… ऐसा लगता है कि तेरी चूत किसी के द्वारा कभी चोदा ही नहीं गया। इतनी टाइट चूत कभी नहीं चोदी। प्रेम के बच्चे जैसे लण्ड से तेरी चूत का कुछ भी नहीं हुआ, ऐसा लगता है!

मैं मुस्कुराई और कहा-…हाँ… तेरा बड़ा और भारी लण्ड मेरी चूत के काबिल है, तू इस चूत का मालिक है अब… मुझे अपने रण्डी बना ले, चोद…!

उसने लण्ड और अंदर डाला।
मैं चिल्लाई- नहींईईई… ओह… धीरे से डाल!
उसका लण्ड मेरे योनि के लिए काफी बड़ा था, मैं थोड़ा डर गई थी।

उसका बड़ा हथौड़ा लण्ड मेरी योनि फाड़ रहा था, वास्तव में थोड़ा मीठा दर्द हो रहा था। ऐसा लगा जैसे सच में मैं पहली बार चुद रही थी।

वह वास्तव में एक जानवर, एक असली जंगली आदमी था…! वह साण्ड अपने 90 किलो वजन के साथ मुझे कुचल रहा था। उसने अपना लण्ड मेरे चूत की गहराई में घुसेड़ दिया और अपनी बड़ी कमर को ऊपर नीचे कर के चूत को चोदने लगा।

मैंने सोचा नहीं था की मेरी चूत इतनी जल्दी उसके तगड़े जंगली लण्ड के ज़ोरदार धक्कों का आनन्द लेनी लगेगी।

‘आअह्हह्हह..’ मैं फुसफुसाई-…मुझे अपनी कुतिया बना लो… चुदासी हूँ मैं… आह यह बहुत अच्छा लग रहा है… हाँ जोर से… और ज़ोर से चोद।

मैं उसे उकसाने लगी- कहीं तुम प्रेम की तरह थक तो नहीं जाओगे मेरे साण्ड? और ज़ोर लगाओ खान जानू! ओह्ह्ह्ह्ह म्म्म्म्म्म!!’

जोश से भरकर उसने मेरे बड़े बड़े चूतड़ों को दोनों हाथों से पकड़ा और अपने घोड़े जैसे लण्ड को मेरी योनि की गहरी गुफा में अंदर तक दफन कर दिया!

वो मेरी बड़ी चूचियों को बुरी तरह मसलते हुए उछल उछल कर मेरी चुदाई करने लगा।

शुक्र है कि मेरी गद्देदार कुशन जैसी चूत है जो उसके लण्ड के ज़बरदस्त धक्कों को मज़े से स्प्रिंग की तरह समायोजित कर रही थी।

मेरी चूत रस से लबालब भर गई थी। खान के लण्ड प्रहार से चूत में से ‘फच-फच’ की आवाज़ आ रही थी जिसे सुनने में मुझे आनन्द आ रहा था। चूत की खुशबू पूरे कमरे में भर गई थी।

इधर प्रेम जीभ से मेरी गांड को चाटने की कोशिश कर रहा था और मेरे गुदाद्वार तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहा था।

मैंने अपनी दोनों टांगें हवा में उठा कर प्रेम के लिए जगह बनाई। खान की जांघों के नीचे से घुस कर वो दोनों हाथों से मेरी बड़े तम्बूरे जैसी गाण्ड को पकड़ कर चूत चाटने लगा।

खान का लण्ड चूत में घर्षण कर रहा था और प्रेम चूत को और कभी गांड की छेद को चाटे जा रहा था।

आह्ह्हह्ह… मैं स्वर्ग में थी…!

मुझे लगता है मैं कितना वासना से भरी महसूस कर रही थी, यह नहीं बता सकती!…एक ही समय में हथौड़े जैसे लण्ड से चूत की कुटाई और दूसरी तरफ पति के नरम जीभ से मेरी चूत का कोमल स्पर्श और दुलार।

अचानक खान ने अपने लण्ड को चूत से बाहर खींच लिया और मुझसे कहा कि प्रेम को मेरी चूत चाट कर साफ़ करने बोलूं क्योंकि चूत में काफी ज्यादा पानी हो गया था।

मैंने चिढ़ते हुए कहा- ओह्ह्ह्ह्ह! कितना मजा आ रहा था। क्यों रोका जानू?

कहानी जारी रहेगी।
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