अनजान भाभी की चुदाई की हसीन दास्तान -2

(Anjan Bhabhi Ki Chudai Ki Hasin Dastan-2)

अब तक आपने पढ़ा..

वो मुझसे कहने लगी- क्या आप मुझे कंप्यूटर चलना सिखाएँगे.. वैसे तो मुझे आता है.. पर मुझे इंटरनेट सीखना है।
आज वो मुझसे ज़्यादा खुलकर बात कर रही है.. और मेरे ज़्यादा नज़दीक होने की कोशिश कर रही है।

अब आगे..

मैं तो उसकी ओर आकर्षित तो हो ही गया था.. पर उसके इतना करीब होने से मेरे दिल की धड़कनें भी बढ़ गई थीं। मैं उसको देखता और अपना काम करता जा रहा था.. क्योंकि ज़्यादा बात आगे बढ़ाने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी।
अगर ऐसा-वैसा कुछ नहीं होगा.. तो कहीं लेने के देने ना पड़ जाएं।

उसने मुझसे पूछा- और कितना वक़्त लगेगा?
मैंने कहा- अभी और 15 से 20 मिनट..
वो बोली- ठीक है आप कंप्यूटर ठीक कीजिए.. मैं अभी फ्रेश होकर आई।

वो नहाने चली गई.. जब तक वो आती मैंने कंप्यूटर सुधार लिया था और उसकी टेस्टिंग कर रहा था।
उतने में वो आई.. उफ्फ.. क्या गजब का माल लग रही थी। काश.. यह मेरी बीवी होती.. इसे कभी अकेला नहीं छोड़ता।

मैं यह सोच ही रहा था.. कि वो बोल पड़ी- क्यों जनाब क्या देख रहे हो?
मैं हड़बड़ाया और बोला कुछ नहीं।
फिर वो मेरे पास आकर बैठी और पूछने लगी- क्या कंप्यूटर ठीक हो गया है?
मैंने कहा- हाँ ठीक तो हो गया है.. पर इसका एंटीवाइरस पुराना हो गया है.. नया डालना पड़ेगा।
तो वो बोली- डलवा देना, और कंप्यूटर कैसा चल रहा है?

वो चैक करने लगी, वो मेरे बगल में बैठी थी और मैं कंप्यूटर के सामने.. तो उसका हाथ माउस तक पहुँच नहीं पा रहा था।
मैंने कहा- मैं उठ जाता हूँ..
तो वो बोली- नहीं आप बैठे रहो।

फिर वो मुझसे पूछने लगी- क्या आपकी शादी हो गई है?
मैंने ‘नहीं’ बोला..
तो बोली- आपकी गर्लफ्रेंड तो ज़रूर होगी।
मैंने उसके लिए भी मना कर दिया.. तो फिर वो मेरे लण्ड की तरफ इशारा करके बोली- इसे कैसे शांत करते हो?

मैं पहले शॉक हुआ.. पर सोचा जब सामने वाला ही इतना चान्स दे रहा है.. तो मैं क्यों पीछे रहूँ।
मैंने कहा- बस फिलहाल तो हाथों से काम चला लेता हूँ।
वो बोली- यहाँ इतनी हॉट लेडी तुम्हारे सामने बैठी है और तुमको भाव दे रही है.. और तुम हो कि कुछ ज़्यादा ही भाव खा रहे हो।

मैंने भी देर ना करते हुए सीधा उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उसे चूमने लगा.. वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। उसने एक हाथ मेरे गले में डाला और दूसरे हाथ से मेरे खड़े लण्ड को पैन्ट के ऊपर से ही मसलने लगी।

लगता था बहुत सालों की प्यासी है।

मैंने उसे 10 मिनट तक किस किया और मैं दोनों हाथों से उसके मम्मों को दबा रहा था। कभी उसके कानों पर.. तो कभी गर्दन पर किस कर रहा था।
वो मुझसे किसी बेल की तरह लिपटी हुई थी, हमारी गर्म साँसें एक-दूसरे की गर्दन पर चूत रही थीं.. जिससे हम और ज़्यादा कामुक हो रहे थे।

फिर हम कंप्यूटर के सामने से उठके उसके बिस्तर पर चले गए और वहाँ भी एक-दूसरे को किस किया।
उसने नहाने के बाद पिंक कलर का गाउन पहना था। मैंने उसका गाउन ऊपर किया और उसकी ब्रा को खोलकर उसके मम्मों को आज़ाद कर दिया।
अब मैं उसके मम्मों को बारी-बारी से चूसने और दबाने लगा।

उसकी चड्डी के अन्दर हाथ डालकर उसकी चूत को मसलने लगा।

वो तड़प रही थी और बोल रही थी- बहुत दिनों की प्यासी हूँ.. आज मेरी प्यास बुझा दो.. इनको तो काम से ही फ़ुर्सत नहीं होती.. रात को लेट आते हैं और सबेरे जल्दी चले जाते हैं। मेरे लिए उसके पास वक़्त ही नहीं होता।
‘आज तेरी गर्मी शान्त कर दूँगा..’

उसने कहा- मैंने अपने आपको शांत रखा था.. पर तुम्हारी कल की हरकतों ने मेरे अन्दर की वासना को भड़का दिया और अब मैं और ज़्यादा कंट्रोल नहीं कर सकती हूँ।
वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी।

मैं अब उठकर बैठा और उससे कहा- मेरा लौड़ा मुँह में लेकर चूसो।
पहले तो उसने मना किया.. पर मेरे कहने पर वो मेरे लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगी।
आह्ह.. क्या फीलिंग थी यारों..

फिर हम 69 की पोजीशन में आए।
अब वो मेरा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चचोर रहा था।

वो इतनी गर्म हो गई थी कि 2 मिनट में ही झड़ गई, मैं भी थोड़े देर बाद झड़ गया.. पर हमारी प्यास अभी अधूरी थी। हमने थोड़ा आराम किया और एक-दूसरे को किस कर रहे थे।

मेरा लौड़ा अब उसकी चूत चोदने के लिए पूरी तरह तैयार था।

मैंने उसको बिस्तर पर लिटाया और उसकी गाण्ड के नीचे तकिया लगा दिया। अब मैं अपना लौड़ा उसकी चूत में डालने की कोशिश करने लगा। बहुत दिनों से नहीं चुदने की वजह से उसकी चूत थोड़ी टाइट थी.. जिससे मुझे अपना लौड़ा उसकी चूत में डालने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी।

वहीं पास में ड्रेसिंग पर क्रीम की शीशी रखी हुई थी.. मैंने वो ली और थोड़ी क्रीम अपने लण्ड पर लगाई और थोड़ा उसकी चूत पर लगाई, मैंने उंगली से उसकी चूत के अन्दर तक रगड़ा तो उसने अपनी चूत पसार दी।

मैंने लौड़े को चूत के छेद पर रख कर दरार में लण्ड फंसा दिया। पहले धीरे-धीरे और बाद में एक ज़ोर का शॉट मारा और अपना आधा लण्ड उसकी चूत में उतार दिया।

उसको थोड़ी तकलीफ़ हो रही थी.. पर अब लण्ड का बाहर निकलना मुश्किल था.. तो मैं वैसे ही रुका और उसको किस करने लगा।
इसी के साथ मैं उसके मम्मों को दबाने लगा।

वो थोड़ी नॉर्मल हुई और खुद नीचे से गाण्ड उठा कर झटके मारने लगी।
अब मैं भी लण्ड को अन्दर बाहर कर रहा था। कुछ धक्कों के बार मैंने और एक ज़ोर का शॉट मारा और पूरा का पूरा लण्ड उसकी चूत में उतार दिया।

मैं अब ज़ोर-ज़ोर से शॉट मार रहा था और वो भी बोल रही थी- हाँ.. ऐसे ही चोदो मेरे राजा.. बहुत दिनों से प्यासी हूँ.. फाड़ डालो आज इस चूत को.. बहुत परेशान करती है.. चोदो और ज़ोर से.. बस ऐसे ही चोदते रहो..

थोड़ी देर उसी पोजीशन में चोदने के बाद अब उसकी चूत खुल गई थी.. तो मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उसे डॉगी स्टाइल में चोदने लगा। उसकी गाण्ड बहुत प्यारी थी और मैं बार-बार उसपर चपत लगा रहा था।

जैसे ही चपत लगाता.. तो वो चिल्ला उठती और बोलती- प्यार से मेरे राजा..

मैंने उसके पुठ्ठे लाल कर दिए थे। सोचा कि इसकी गाण्ड भी ज़रूर मारूँगा.. पर फिलहाल तो उसकी चूत मारनी थी। बीस मिनट की चुदाई में वो दो बार अपना पानी छोड़ चुकी थी।

अब मेरा भी पानी छूटने वाला था.. तो मैंने उससे पूछा- अब मेरा छूटने वाला है कहाँ निकालूँ?
तो वो बोली- अन्दर ही छोड़ो.. मैं तुम्हें महसूस करना चाहती हूँ..
मैंने कहा- अगर कोई प्राब्लम हो गई तो?
वो बोली- उसकी चिंता तुम मत करो.. वो मेरी परेशानी है.. तुम बस मुझे उस परमसुख का आनन्द लेने दो।

तो मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ाई.. दस धक्के में ही वो बोली- आह्ह.. मेरा भी पानी छूटने वाला है..
हम दोनों साथ में झड़ गए, थोड़ी देर हम वैसे ही पड़े रहे, मेरा लण्ड भी सिकुड़ कर बाहर आ गया।

फिर हम दोनों उठ कर नंगे ही बाथरूम गए और शावर चालू करके एक-दूसरे से लिपट कर नहाने लगे।

मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया।
मैंने उससे कहा- मुझे गाण्ड मारनी है।

तो उसने मना कर दिया.. मेरे ज़ोर देने पर वो राज़ी हुई.. पर उसने कहा- आज नहीं.. आज तुम सिर्फ़ मेरी चूत को मज़ा दो.. वैसे भी बहुत दिनों बाद चुदने की वजह से मेरी चूत में दर्द है.. और गाण्ड का दर्द.. मैं अभी बर्दाश्त नहीं कर पाऊँगी।

मैंने नहाते हुए एक बार फिर उसको चोदा, फिर हम दोनों बाथरूम से बाहर निकले।
मैंने तैयार होकर अपना सामान समेटा और साथ बैठ कर चाय पी।

मैं जाने के लिए हुआ.. उसने मुझे मेरी कंप्यूटर सुधारने की फीस और कुछ एक्सट्रा और पैसे दिए। मैंने लेने से मना किया.. तो बोली- ये मुझे इंटरनेट सिखाने की एडवाँस फीस है.. अब तुम रोज मुझे आकर इंटरनेट पढ़ाओगे।
मैंने भी ‘हाँ’ कहा और वहाँ से निकल गया।

तो दोस्तो, यह थी मेरी एक हसीन चुदाई। इसके बाद उसके बाद मैं अगले एक महीने तक रोज उसे इंटरनेट सिखाने जाने लगा और इंटरनेट पर नई-नई ब्लूफिल्म दिखाकर अलग-अलग तरीके से चोदा और उसकी गाण्ड भी मारी।

दोस्तो, आपको मेरी कहानी कैसी लगी.. ज़रूर बताइगा। आपके ईमेल मुझे मेरी नई कहानी लिखने के लिए प्रेरित करेंगे।
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