लिंग परिवर्तन करवा के शादी और सुहागरात

(Sex Change Surgery Male To Female)

सेक्स चेंज सर्जरी मेल टू फिमेल कहानी में मेरे बॉटम दोस्त को मुझसे प्यार हो गया, मुझे भी उससे प्यार हो गया था. उसने सेक्स बालने का ऑपरेशन करवा के मेरे से शादी करके सुहागरात मनाई.

दोस्तो, मैं पंकज आपको अपने एक प्रशंसक अभिमन्यु सिंह की आपबीती अपनी कलम से लिख कर सुना रहा था. अभी पुनः अभिमन्यु सिंह से ही उसके अनुभव को सुनें.

दोस्तो, मैं अभिमन्यु सिंह पुनः आपकी सेवा में हाजिर हूँ.
मेरी पिछली कहानी
सैर पर मिले लड़के ने लड़की बन कर गांड मरवाई
में अब तक आपने पढ़ा था कि विजय वर्मा मेरे साथ गुदा मैथुन में आनन्द ले चुका था और वह मेरी बीवी जैसा बन गया था. उसने मेरे लिए अपना नाम वेलमा रख लिया था. वह मेरे लिए स्त्री का रूप धर कर मुझसे चुदती थी.

अब आगे सेक्स चेंज सर्जरी मेल टू फिमेल कहानी:

अब मेरा हाल यह हो गया था कि रोज शाम को मैं सीधा ऑफिस से वेलमा के क्वार्टर में आने लगा और उसे चोदने के बाद घर को निकल जाता.

अब हमारे बीच कोई राज नहीं था, हम एक दूसरे से सारी बातें करने करने लगे थे.
अब हम गर्लफ्रेंड ब्वॉयफ्रेंड बन कर रहने लगे.

करीब 3 महीने साथ रहने के बाद मैंने वेलमा से पूछा- तुमने अभी तक शादी क्यों नहीं की?
वेलमा बोली- मुझे लड़कियों में कोई इंटरेस्ट नहीं है और हमारे इस समाज में लड़के की लड़के से शादी होना आसान नहीं है. इसलिए मैं अभी तक कुंवारी हूं.

मैंने कहा- तो फिर तुम्हारे घर वाले कुछ नहीं बोलते हैं क्या?
वेलमा ने कहा- इस दुनिया में मेरी मां के अलावा कोई नहीं है और मैं अपनी मां को बहुत प्यार करता हूँ. मैं मां को सारी बातें बता देता हूं. इसी लिए मैंने अपनी मां को बता दिया कि मैं गे हूं और मुझे बार बार शादी के लिए ना बोलें.

तब मैं बोला- तुम तो बहुत हिम्मत वाले हो, पर मुझे इतनी हिम्मत नहीं है जो अपने घर वालों को बता सकूं कि मैं लड़कों को चोदता हूं.
यह सुनकर वह हंस दिया.

मैंने वेलमा की तरफ देख कर पूछा- क्या तुम्हें आज तक किसी से प्यार नहीं हुआ है?
वेलमा ने जवाब दिया- प्यार करने के लिए किसी का साथ होना भी जरूरी है, आज तक जो भी मर्द मिले, बस मेरी गांड चोद कर चले गए. एक तुम ही हो, जो मेरे इतने करीब आए और इतने समय तक मेरे दोस्त बने रहे. तुम तो मुझे छोड़ कर नहीं जाओगे न कभी?
यह बोल कर वेलमा ने अपना सिर मेरे सीने पर रख दिया.

मैं उससे बोला- मुझे भी तुम पसंद हो और मैं भी तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ … पर मेरे घर वाले तुम्हारे घर वालों जैसे नहीं हैं, जो मुझे किसी लड़के से शादी करने दें.
यह सुन कर वेलमा की आंखों से आंसू आने लगे.

उसे ऐसे देख कर मुझे भी बुरा लग रहा था.
मैंने कुछ सोचा और उसके बाद वेलमा के आंसू पौंछ कर कहा- मैं तुमसे शादी करने को तैयार हूँ पर …
वेलमा ने पूछा- पर क्या?

मैंने कहा- मैं तुम्हें अपनी पत्नी बना सकता हूं, पर अपने घर की बहू नहीं बना सकता हूं. तुम्हें मंजूर हो तो बोलो!
वेलमा ने तुरंत ही जवाब दिया- मुझे तो बस जिंदगी भर तुम्हारी पत्नी बने रहना है … और कुछ नहीं चाहिए.

उस रात मैंने वेलमा को बड़े प्यार से चोदा और कहा- ये हमारी अब आखरी चुदाई है … ब्वॉयफ्रेंड गर्लफ्रेंड वाली!
वेलमा ने चौंक कर पूछा- ऐसा क्यों बोल रहे हो?
मैंने कहा- अब हम शादी करके सुहागरात मनाएंगे. उससे पहले मैं तुम्हें नहीं चोदूंगा.

वेलमा शादी की बात से बहुत खुश हो गई.
उसने अपनी मां को भी हमारे बारे में बता दिया और ये भी बोला कि हम दोनों शादी करने वाले हैं.

उसकी मां भी इस शादी से खुश थी.

पर उसने मेरे बारे में अपनी मां से थोड़ा झूठ बोला कि मैं अनाथ हूं और कोई ऐसा भी नहीं है, जिसे वह अपने घरवालों से मिलवा पाए. इसलिए मैं उसी को आपसे मिलवा सकता हूँ.
उसकी मां ने हामी भर दी.

वेलमा की मां इंदौर में रहती थीं.
मैंने और वेलमा ने दस दिन की छुट्टी ली और इंदौर चले गए.

मैं वेलमा की मां से मिला.
उन्हें भी मैं बहुत पसंद आया.

फिर हम दोनों ने फैसला किया कि हम मंदिर में शादी करेंगे और फिर इस शहर को छोड़ कर वेलमा की मां को भी अपने साथ ले चलेंगे.
अब से वे हमारे साथ ही रहेंगी.

ऐसा ही हुआ.

वेलमा ने शादी की सारी तैयारी कर ली थी. हमें मनमाफिक मंदिर भी मिल गया था और पंडित से भी बात हो गई थी.
वेलमा पार्लर तैयार होने चली गई और मैं भी तैयार होकर मंदिर पहुंच गया.

जब वेलमा पार्लर से तैयार होकर मंदिर पहुंची, तो उसे देख कर मैं पागल सा होने लगा क्योंकि वह बिल्कुल किसी अप्सरा जैसी लग रही थी.

उसने लाल रंग का शादी का जोड़ा पहना था और उसमें वह कमाल लग रही थी.
मेरा मन कर रहा था कि अभी वेलमा को चोद दूं, पर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया.

कुछ ही देर में हमारी शादी हो गई.

फिर मैंने एक गाड़ी बुक की उज्जैन के लिए और हम तीनों उज्जैन मंदिर निकल गए.

उधर ही मेरे एक दोस्त का फ्लैट खाली पड़ा था, हम दोनों वहीं आ गए और हमने अपनी सुहागरात मनाने का प्लान बनाया था.
उसके बाद सीधे अपने शहर वाले चले जाने वाले थे.

हम तीनों उज्जैन पहुंचे, जब तक शाम हो गई थी.
मैंने खाना पहले ही ऑर्डर कर दिया था.

हमने खाना खाया और उसके बाद वेलमा की मां उसे कमरे में ले गई और कमरे को बंद कर दिया.

मैं बाहर हॉल में बैठा था.

कुछ देर बाद मां ने कमरे का दरवाजा खोला और मुझसे बोली- दामाद जी, आपकी पत्नी आपका इंतजार कर रही है.
उन्होंने मुझे दूध का गिलास दिया और मुझे रूम में भेज दिया.

मैं वेलमा को बहुत बार चोद चुका था, पर आज मुझे कुछ ज्यादा ही टेंशन थी क्योंकि अब तक मैं उसे गर्लफ्रेंड की तरह चोदता था … और आज वह मेरी पत्नी थी.

मैंने दूध का गिलास बेड की साइड पर रखा और वेलमा का घूंघट उठाया.
वह भी नई नवेली दुल्हन के जैसी शर्माने लगी.

उसके बाद मैंने थोड़ा सा दूध पिया और कुछ दूध अपने मुँह में रख कर वेलमा के होंठों पर किस करते हुए उसके मुँह में दूध डालने लगा.
उसने भी मेरे मुँह से सारा दूध अपने मुँह में ले लिया और पी गई

बस फिर क्या था हम दोनों पिल पड़े.

उस रात वेलमा मेरे लंड से 4 बार चुदी.
हम दोनों ने बहुत मजे किए.

हमने बीस से भी ज्यादा सेक्स पोजीशन में उस रात सेक्स का आनन्द लिया था.

फिर जब सुबह 11 बजे हमारी नींद खुली तो वेलमा नंगी ही बाथरूम में गई.
उसे देख कर मैं भी उसके पीछे गया और सुबह सुबह उसे बाथरूम में वापस चोद दिया.

फिर हम दोनों तैयार होकर कमरे से बाहर आए.

मां ने पूछा- सुहागरात कैसी रही?
वेलमा शर्मा कर वहां से चली गई.

फिर मां ने मुझसे कहा- मुझे बाहर तक आवाजें आ रही थीं दामाद जी … लगता है आपने मेरी बेटी को रात भर बहुत प्यार दिया है.

उसके कुछ देर बाद हम सब वापस अपने शहर को निकल आए.

वेलमा की मां को हमने समझा दिया था कि वे किसी को हमारी शादी के बारे में ना बताएं.

मैं भी अब घर वालों को ओवरटाइम का बोल कर वेलमा को रात में चोदने आता था.
हम दोनों पूरे 3 साल ऐसे ही साथ रहे.

इस बीच वेलमा की मां हमारे बीच नहीं रहीं.
अब वेलमा अकेली और उदास रहती थी और मेरे घर वाले भी मेरी शादी करवाने की तैयारी में थे.

पर मैं वेलमा से प्यार करता था और किसी और से शादी नहीं करना चाहता था.

एक रात जब मैं वेलमा को चोद रहा था, तो वेलमा ने कहा- सुनिए, क्या हम जिंदगी भर ऐसे ही छुप छुप कर मिलेंगे! मुझे आपके साथ रहना है हमेशा के लिए!

तो मैंने कहा- उसके लिए तो तुम्हें लड़की बनना पड़ेगा!
मैंने ये बात मजाक में कही थी पर वेलमा ने उसे शायद सीरियस ले लिया था.

कुछ दिन बाद वेलमा का बर्थडे था.
मैंने उसको सरप्राइस दिया कि हम 4 दिन के लिए गोवा जा रहे हैं और वहीं उसका बर्थडे भी मनाएंगे.

हम दोनों गोवा पहुंच गए.
वहां एक रिसॉर्ट भी बुक कर लिया.
उसके बर्थडे के लिए मैंने केक ऑर्डर किया.
शाम को हमने केक काटा और मैंने वेलमा को गिफ्ट भी दिया.

मैंने उसे गिफ्ट में लिंगरी और नाइटी दी थी, साथ ही कंडोम का हनीमून पैक भी था.

उसे देख कर वेलमा खुश हो गई थी.

वेलमा ने मुझसे कहा- सुनिए, आज मैं भी आपको एक सरप्राइज़ देना चाहती हूं.
मैंने भी हां कर दी.
पर उसने कहा- अभी हम हमारा हनीमून मना लें, फिर सरप्राइज़ दूँगी!

हमने रोमांटिक सॉन्ग प्ले किया और दोनों डांस करने लगे.

डांस करते हुए मैं उसके कभी कंधे और तो कभी पीठ पर किस कर देता, जिससे उसे भी मजा आता.

फिर मैं उसे अपनी गोद में उठाए कर बेड पर ले गया और वहां उसकी पलंग तोड़ गांड पेलाई की.
उसकी गांड में पानी निकालने के बाद वह मेरी बांहों में ही लेटी रही.

मैंने सिगरेट जलाई और हम दोनों सिगरेट पीने लगे.

सिगरेट पीती हुई वेलमा बोली- आपने एक दिन कहा था ना कि मुझे आपके साथ रहने के लिए लड़की बनना पड़ेगा … तो …
मैंने बोला- तो … तो क्या हनी? अरे वह तो मैंने मजाक में कहा था!

वेलमा मेरे सीने पर अपना हाथ फेरती हुई बोली- मैंने मुंबई के एक डॉक्टर से बात कर ली है. वह Gender Affirmation Surgery से मुझे पूरी लड़की बना देगा. उसके बाद तो मैं आपके साथ आपके घर में रह सकती हूं ना!

मैंने वेलमा की तरफ देखा और बोला- यह तुम क्या बोल रही हो … तुमने इतना सब कुछ सोच भी लिया … और मुझे अब बता रही हो!
वेलमा- आप गुस्सा मत हों, मैं अपनी मर्जी से लड़की बनना चाहती हूं, आपके साथ रहना चाहती हूं … आपका प्यार चाहती हूं. आपके घर वालों की सेवा करना चाहती हूं.

मैंने बोला- तुम मुझसे इतना प्यार करती हो वेलमा?
यह बोल कर मैंने वेलमा को किस किया और एक बार फिर से उसकी गांड की ठुकाई करना चालू कर दी.

हम दोनों ने अपना हनीमून ज्यादा समय तक रिसॉर्ट के अन्दर ही रह कर मनाया.

उसके बाद हम जब वापस आए तो मैंने पहले उसके डॉक्टर से बात की.
उसने मुझे समझाया कि लड़के से लड़की बनने की क्या विधि है. उसने मुझे यह भी कहा कि विजय भले भी लड़के जैसा बन जाएगा … पर वह मां नहीं बन पाएगा!

वेलमा और मैंने बच्चे को गोद लेना का सोच लिया था.

उसके बाद बेलमा ने अपना ऑपरेशन करवा लिया.
वह पूरी तरह से लड़की बन गई. उसके 34 इंच के बूब्स थे, कमर 28 की और गांड 36 की हो गई थी.

डाक्टर ने हमें कुछ टाइम सेक्स न करने को कहा और हम दोनों ने भी अब सोच लिया था कि चूत अब अगली सुहागरात में ही खुलेगी.

वेलमा ने अपनी जॉब छोड़ दी.
मैंने उसे अपने घर वालों से मिलवाया और घर वालों को बोला कि यह अनाथ लड़की है और हम दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं.

मेरे घर वाले मान गए और हमारी शादी हो गई.
सुहागरात में जब मैं अपने कमरे में गया तो वेलमा बेड पर थी.

मैं उसके पास गया.
मैंने गिलास से आधा दूध पिया और उसके घूंघट को उठाया.
वह शर्मा गई.

फिर मैंने उसके जेवर उतारे और हम दोनों ने एक दूसरे को नंगा कर दिया.
वेलमा को मैंने लड़की बनने के बाद पहली बार नंगी देखा था.

उसके बूब्स बहुत बड़े और सख्त थे.

मैं उसके एक दूध को चूसने लगा.
काफी देर तक चूसने के बाद मैं उसकी चूत पर गया और उसे चाटने लगा.
वह बिल्कुल किसी लड़की की चूत सी ही थी.

उसने कुछ ही देर में अपनी चूत का पानी छोड़ दिया.
फिर उसने मेरे लंड को चूसा.

अब मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया.
वह छटपटा रही थी. उसकी चूत बहुत टाइट थी.

मैंने धीरे से लंड को अन्दर डाला, पर वह अन्दर घुस ही नहीं पा रहा था.
तो मैंने पहले उसकी चूत में बहुत सारा तेल डाला और अपनी उंगलियों से उसकी चूत को थोड़ा थोड़ा खोल दिया.

पर मेरे लंड के लिए वह छेद काफी नहीं था, मेरा लंड अब भी उसकी चूत से फिसला जा रहा था.

मुझसे अब और सहन नहीं हो रहा था, मैंने वेलमा के मुँह में उसकी पैंटी डाली और उसके दोनों हाथों को कस कर पकड़ लिया ताकि वह छूट न जाए.
फिर मैंने अपना लंड पूरी ताकत से उसकी चूत में दे मारा.

उसकी चूत फट गई थी और वह बहुत तड़प भी रही थी.
उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे थे, पर मैंने उसे छोड़ा नहीं … वापस एक और जोरदार धक्का लगा दिया.
मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुसेड़ दिया.
उसके बाद मैं थोड़ी देर रुका, जब तक वेलमा का दर्द थोड़ा कम न हुआ.

फिर जैसे ही उसका दर्द कम हुआ, उसकी पेलाई चालू हो गई.
अब वेलमा को भी मजा आ रहा था.

उसकी चूत बहुत गर्म थी.
मैं उसकी चूत में ज्यादा देर टिक ही नहीं पाया और उसकी चूत में ही झड़ गया.

वेलमा को अपनी चूत में मेरे लंड का माल गिरवाने में बहुत मजा आया.

फिर मैं अपना लंड उसकी चूत में ही डाल कर उसके ऊपर लेट गया और हम दोनों को नींद आ गई.
रात में वेलमा की नींद खुली तो उसने वापस मेरा लंड खड़ा कर दिया और मैंने भी उसकी चूत को वापस अपने माल से भर दिया.

हम दोनों सुबह 5 बजे सोए.

उसके बाद तो बस मजा ही मजा था.
हम दोनों ने 3 महीने बाद एक लड़की और एक लड़के को गोद ले लिया.

अब हमारी सेक्स लाइफ भी बहुत मस्त कट रही है.

आपको मेरी यह सेक्स चेंज सर्जरी मेल टू फिमेल कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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