सहेलियों की चुदाई

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प्रेषक : चिन2 सहा

मैं जहाँ जॉब करता हूँ वो रिहायशी इलाका है. वहां २-३ लड़कियां रूम किराए पे लेकर रहती थी. उनमें से एक मुझे देखती रहती थी। मुझे लगा कि वो पट जाएगी। एक दिन ऑफिस के बाद मैं जा रहा था कि वो अकेली ही सड़क पर मिल गई। मैंने उसे रोका और प्रोपोज़ कर दिया दोस्ती के लिए। मैंने उसे अपना सैल नम्बर दिया तो उसने ले लिया। फ़िर मैंने उससे नम्बर मांगा तो उसने कहा कि उसके पास मोबाईल नहीं है।

एक दो दिन बाद वो फ़िर मिल गई तो मैंने उसे कहा कि कहीं अकेले में चलते हैं तो उसने पूछा कि कहां?

मैं कोई उत्तर ना दे सका कि कहां चलेंगे। मैंने कहा कि कई बार मैं ओफ़िस में अकेला होता हूं तब तुम्हें बुलाऊंगा। तो उसने कहा क्या करोगे?

मैंने बिना सोचे समझे कह दिया कि हम दोनो प्यार करेंगे। वो शरमा गई।

एक दिन मैंने उसको बुलाया, वो आई. बॉस क्या क़यामत थी वो, उस दिन उसने मिनी स्कर्ट पहनी थी और टाईट टी-शर्ट।

फ़िर क्या था मेरे लंड को तो आंखों के जरिये टोनिक मिल गया और मेरा ६.५” लंबा और १.५” मोटा लंड खड़ा हो गया

मैंने पहले तो इधर उधर की बातें की फ़िर धीरे से उसकी बॉडी को किस करना शुरू किया, उसे भी मज़ा आने लगा। फ़िर मैंने उसके कड़क, गोल, बड़े बड़े बूब्स पर जैसे ही हाथ रखा आ आया आया आआ ऊ ऊ ऊऊ ओई ईई… की आवाज़ आई और वो मस्त हो गई. फ़िर धीरे धीरे उसके बुर(भोस) पे हाथ लगाया मानो कि गरम लावा हो, पूरी फूल चुकी थी.

फिर मैंने उसके सारे कपड़े निकाल दिए, वो शर्म के मारे बोली- कुछ हो गया तो? मैं बोला मेरी रानी आज जो होगा उसको तुम जिन्दगी भर याद रखोगी. फ़िर उसने मेरा मुंह में लिया और मै उसकी चूत चाटने लगा. मानो में तो जन्नत में था. फ़िर मैंने उसे बेड पे लेटाया और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रखा और एक जोरदार झटका लगाया और उसकी चीख निकल गई, मै तो समझा मर ही गई मै उसे ५ मिनट तक देखता रहा, फ़िर मैंने धीरे धीरे झटके लगाने शुरू किए अब तो वो भी साथ देने लगी.

मैं उसे चोदता गया और वो चुदवाती रही. अब मेरी स्पीड डबल हो गई और वो भी आह आह हह ह्ह्ह अह ओ ओ ओऊ ऊह काम ओन काम ओन काम ओन फाड़ डालो ऐसे मुझे उकसा रही थी और में एक जोर के झटके में झड़ गया तब तक वो ४ बार झड़ चुकी थी।

फ़िर उस दिन मैंने उसे ३ बार ठोका. और यह सब बात उसने अपनी सब फ्रेंड्स को कही। उन लोगों को भी मैंने चोदा, वो मैं अगली बार कहूँगा

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