विज्ञान लैब में मैडम ने लंड चूसा

(Hot Dick Sucking Story)

हॉट डिक सकिंग स्टोरी में लॉकडाउन में मैं ऑनलाइन क्लास देने स्कूल जाता था. वहां एक मैडम भी आती थी. एक दिन मैंने मैडम की तरीफ कर दी. वह तो मेरे कमरे में आ गयी और …

दोस्तो, मेरा नाम कुणाल है और मैं उत्तराखंड का रहने वाला हूँ और आज मैं अपनी आपबीती हॉट डिक सकिंग स्टोरी आपको सुनाने जा रहा हूँ.

यह घटना लॉक डाउन के बाद की उस वक्त की है जब स्कूल खुलने लगे थे लेकिन बच्चों को ऑनलाइन क्लास दी जा रही थी.

तब मैं एक प्राइवेट स्कूल में टीचिंग का जॉब कर रहा था.
उस टाइम बच्चे न आने के कारण केवल टीचर्स को बुलाया जा रहा था और ऑनलाइन क्लास दी जा रही थी.

मैं भी ऑनलाइन क्लास देने के लिए अपनी विज्ञान लैब में ही बैठ कर क्लास लिया करता था.

यह विज्ञान लैब थर्ड फ्लोर पर थी और उस टाइम थर्ड फ्लोर पर मैं अकेला ही होता था.
बाकी स्टाफ़ ज्यादातर नीचे अलग अलग क्लास रूम में बैठ कर अपने मोबाइल से क्लास लिया करते थे.

वहां पर एक मैडम थीं जो रिसेप्शन का काम देखा करती थीं.
उनका नाम प्रगति था.
उनकी हाइट थोड़ी कम थी, वे लगभग 4 फिट 7 इंच की थीं.

उनका रंग एकदम दूध सा गोरा औऱ फिगर बहुत ही सेक्सी था.
मैडम हॉट से भी ज्यादा हॉट थीं.

उनको देख कर ही मन करता था कि बस पकड़ कर किस कर लूं, लेकिन ऐसा करना वह भी बिना पटाए खतरा मोल लेना था.
उनके साथ कभी अकेले में मिलने का मौका ही नहीं मिला था कि कुछ शुरूआत की जा सके.

उनके दूध एकदम तने हुए थे और कुछ ज्यादा ही बाहर को उभार लिए हुए थे. साथ ही मैडम की गांड भी बहुत ही मोटी थी व पीछे को गोलाई ली हुई थी.
उनका पेट भी एकदम सपाट था.

उन्हें बस देख देख कर मेरा मन तो मचल जाता था.
और लंड का तो पूछो ही मत, मन करता था कि बस मैडम को यहीं रिसेप्शन टेबल पर ही घोड़ी बनाऊं और उनकी धकापेल चुदाई शुरू कर दूँ.
मेरा लंड इतना टाइट हो जाता था कि कभी कभी तो मुझे लंड को शान्त करने को टॉयलेट में जाना पड़ता था.

फिर एक दिन मैं स्कूल थोड़ा जल्दी पहुंच गया था.
मैंने देखा कि मैडम भी आ चुकी थीं.

आज सिर्फ मैं और प्रगति मैडम ही जल्दी आए थे.
यह देखकर मुझे बहुत खुशी हुई.

आखिरकार वह मौका भगवान ने दे ही दिया, जिसका मुझे इंतज़ार रहता था.

फिर जब मैं सिग्नेचर करने रिसेप्शन पर गया तो मैंने प्रगति मैडम की तारीफ करते हुए कहा- मैडम, आज आप बहुत ही अच्छी लग रही हो!
हालांकि मैंने यह बात डरते डरते बोली थी.

इस पर उधर से जवाब आया- अच्छा, आपने आज ज्यादा ही नोटिस कर लिया है क्या?

मैं उनके चेहरे पर एक अलग ही सेक्सी और मादक स्माइल के साथ साथ मूक आमंत्रण दोनों को महसूस कर रहा था.
उनकी स्माइल तो मानो बोल रही थी कि मैं तो कब से तुम्हारे लिए तैयार थी.

खैर … मैं भी स्माइल करते हुए अपनी लैब में जाकर बैठ गया.
उस दिन पता नहीं क्या हो गया कि दिमाग काम ही नहीं कर रहा था.

फिर अचानक से मैडम का फ़ोन आया- सर, आप कहां हैं?
मैंने अधीरता दिखाते हुए कहा- लैब में हूँ … ऊपर!
मैडम बोलीं- और कौन है?

यह सुनकर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा लेकिन फिर मैंने सोचा कि शायद मैडम ने ऐसे ही पूछ लिया होगा?

फिर मैंने कहा- हां इधर तो मैं ही अकेला हूँ?
वे बोलीं- ओके, मैं आती हूँ.

मैं यह सुन कर नार्मल ही रहा था कि वे अक्सर आया करती थीं, इस बार भी कोई काम ही होगा.

लेकिन इस बार कुछ अलग ही कुछ होने वाला था जिसके लिए मैं बिल्कुल भी तैयार नहीं था.

थोड़ी देर मैं ही मैडम लैब के दरवाजे पर थीं.
मैंने दरवाजा खोला और वे लैब में अन्दर आ गईं. उनके हाथ में रजिस्टर था और उसमें एक टीसी थी, जिस पर क्लास टीचर के सिग्नेचर होने थे.

लेकिन वह आज सिग्नेचर को पहले न बोल कर मुझसे पूछने लगीं- क्या बात है सर, आज आपने मुझे बहुत ज्यादा नोटिस किया!
मैं सुनकर खुश भी हुआ और थोड़ा डर भी गया कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं हो गई.

लेकिन जब मैंने मैडम के बात करने क़ा तरीका देखा कि वह आज कुछ और मूड में थीं तो मैंने भी आज सोचा कि बोल ही देता हूँ. फिर जो होना हो, वह देखा जाएगा. आज मौका सही है.

मैंने बोल ही दिया- हां आप अच्छी लगती हो मुझे!
वह यह बात सुनकर बिना चौंके बोलीं- अच्छा, क्या सही बोल रहे हो!
तो मैंने कहा- हां!

तो वे बोलीं- कैसे मान लूँ कि तुम सही बोल रहे हो.
मैंने कहा- ओके तो जैसे आप बोलो, मैं वैसे बोल दूँ?

वे बोलीं- अच्छा चलो मान लिया है. अब पहले यह बताओ कि ऊपर कौन कौन आता है?
मैंने बताया- कोई नहीं, इन दिनों तो आपके अलावा सिर्फ मैं ही ऊपर आता हूं … इधर पूरे दिन कोई नहीं आता.

यह सुनकर वे बोलीं- अच्छा कोई नहीं आता … पक्का न!
मैंने बोला- हां पक्का.

यह सुनकर वे बोलीं- ओके तो फिर डोर को लॉक कर के आओ.

यह सुनकर मैं बहुत ही खुश हो रहा था कि शायद आज जरूर मेरी ख्वाईश पूरी होने वाली है.
मैंने जल्दी से जाकर डोर लॉक किया और पास आकर बोला- जी बोलिए!

फिर वे बिना कुछ बोले, मुझे दीवार की तरफ लेकर गईं … जहां से दरवाजे के पारदर्शी शीशे में से अन्दर का कुछ ना दिखे.
अब वे बोलीं- अब बताओ कि कितना पसंद करते हो?
तो मैं बोला- बहुत!

वे बोलीं- तो कुछ ऐसा करो, जिससे मुझे विश्वास हो जाए!
मैंने यह सुनकर कहा कि मैं सच में आपको पसंद करता हूँ, आप कुछ भी पूछ सकती हैं!

वे बोलीं- हां, मैं तो जरूर मालूम करूंगी.
इधर मैंने भी सोच लिया कि देखा जाएगा … आज या तो ये पट कर मेरे नीचे आ जाएंगी या फिर यह जॉब चली जाएगी.
मेरे दिमाग में बस सेक्स का भूत सवार हो गया था, उसके अलावा कुछ नहीं सूझ रहा था.

मैंने तुरंत उनके होंठों को अपने होंठों में दबा लिया और किस करने लगा.

सबसे अच्छी बात तो यह हुई कि उधर से भी मुझे रेस्पॉन्स मिला.
मैडम भी मुझे चूमने लगीं.

उनका रुख समझते ही मैं तो पागल ही हो गया.
कभी वे मेरे होंठों को काटतीं और चूसतीं … तो कभी मैं उनके होंठों को काटता चूसता.

एक हाथ से मैंने मैडम के सर को पकड़ रखा था और दूसरे हाथ से मैं उनके बूब्स को दबाने की कोशिश करने लगा.

मैंने मैडम को बिल्कुल दीवार से सटा कर चिपका रखा था.
वे पीठ के बल दीवार से टिकी थीं जबकि मैं मैडम से चिपका हुआ था.

अचानक मैंने महसूस किया कि मैडम का हाथ मेरे लंड को टटोलने की कोशिश कर रहा है.
मैं भी पागल हुआ पड़ा था और इस मौके को जाने नहीं देना चाहता था.

मैंने खुद ही अपनी पैंट की जीभ खोलकर अपना लंड बाहर निकाल दिया और मैडम के हाथ में दे दिया.
मैडम ने मेरे लौड़े को हाथ में लेते ही आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

जैसे ही उन्होंने अपने हाथ में मेरा लंड लिया, मैं तो सातवें आसमान पर पहुँच गया.
मैं उनके बूब्स को अपने मुँह से दबा रहा था … तो कभी उनके गले पर चूमने लगता था तो कभी उनके कान के पीछे, कभी बूब्स के बीच में, कभी अपने होंठों को किस करता तो कभी चाटने लगता. तो कभी मैडम के एक दूध को अपने मुँह में लेकर चूसे जा रहा था.

वे मेरे लंड को आगे पीछे करके मुठ मारे जा रही थीं.
कुछ दबी हुई आवाज में ‘ऊऊ अहां’ की मादक आवाज के साथ एकदम खोई हुई मेरे से लिपटे जा रही थीं.

मैं भी उनकी इस बेचैनी को खूब इन्जॉय कर रहा था.
जैसे ही मुझे लगा कि मेरा निकलने वाला है, मैं एकदम से अलग हो गया.

उस वक्त स्कूल में होने की वजह से हम दोनों ने कोई कपड़ा नहीं निकाला था.
मैं बस मैडम के कुर्ते को ऊपर करके ही काम चला रहा था.

अब मैं कुछ पल रुक कर बोला- मैं आपकी चूत का रस पीना चाहता हूँ!

यह बोलकर मैं बिना परमिशन के ही उनके प्लाजो को निकालने लगा लेकिन उन्होंने रोक दिया.

वे बोलीं- कोई आ गया तो?
मैंने कहा- यहां दो बजे तक तो कोई नहीं आता है तो इस वक्त आज कौन आएगा!

वे बोलीं- अच्छा नीचे?
मैं बोला- नीचे भी इस लॉक डाउन के बाद कोई नहीं आता है … और आएगा तो आपको फ़ोन करेगा!

फिर वे बोलीं- हम्म ठीक है … नहीं आज नहीं!
मैं बोला- अब मेरा लंड भी तो देखें कि कितनी फुंफकार मार रहा है … मैडम मैं इसको कैसे समझाऊं!
तो वे बोलीं- अच्छा तो ठीक है, इसको मैं मना लेती हूं.

वे नीचे बैठ गईं और बिना कुछ बोले सीधे मुँह में लंड लेकर उसको ऐसे चूसना शुरू कर दिया कि मानो कितने लंड चूसने का अनुभव हो.
ऐसा लग ही नहीं रहा था कि उन्होंने पहली बार लंड चूसा हो.

ओह … मैंने तो कसके उनके सर को पकड़ कर अपने लंड को और अन्दर तक मुँह में घुसेड़ दिया और बालों को पकड़ कर जोर जोर से आगे पीछे शॉट मारने लगा.

मैडम इतने अच्छे से अपनी जीभ को लंड के चारों तरफ घुमा रही थीं, मानो खा ही जाएंगी.

मैंने पहली बार अपना लंड को चूसने का अनुभव लिया था.
मैडम की हॉट डिक सकिंग से सचमुच मैं तो जन्नत में पहुंच गया था. जैसे ही मेरा निकलने वाला था.

मैं बोला- मेरा निकलने वाला है!
मैडम इशारे से बोलीं- मेरे मुँह में ही निकाल दो.

बस मैं और जोर जोर से शॉट मारने लगा और मैंने पूरा पानी प्रगति मैडम के मुँह में ही निकाल दिया.
लंड के स्खलित होते ही मैंने मैडम के सर को जोर से दबा कर अपने लंड को मुँह के अन्दर रखा.

जब तक पूरा पानी निकल नहीं गया, तब तक मैं अपने लौड़े को उनके मुँह में ही ठूँसे रहा.

माल निकल जाने के बाद मैंने उनके सर को ढील दिया तो वे लंड निकाल कर उठीं.
मैडम बोलीं- बहुत ही स्वादिष्ट पानी लगा तुम्हारा!
मैंने कहा- हां होगा ही, शुद्ध शाकाहारी जो हूँ!

यह सुनकर वे हँसने लगीं तो मैं भी हंसने लगा.
फिर हम दोनों ने अपने अपने कपड़े ठीक किए.

हम दोनों ने एक बार किस किया और अलग हो गए.

मैडम बोलीं- अरे इस पर सिग्नेचर तो कर दो!
मैंने कहा- मेरी सारी स्याही तो आप पी गईं!
वे हंस दीं.

मैंने उस टीसी पर सिग्नेचर कर दिए.

फिर जब वे जाने लगीं तो मैंने कहा- इस सबसे पहले मैं बहुत डरता था. आज पता लगा कि आग दोनों तरफ लगी थी!

इसके बाद मैडम बाद में पूरा खेल खेलने की बात कह कर नीचे चली गईं.

तो दोस्तो ,यह थी मेरी ये सच्ची घटना पर आधरित सेक्स कहानी. आशा करता हूँ कि आपको अच्छी लगी होगी.

हॉट डिक सकिंग स्टोरी पर मुझे ईमेल करके मेरा प्रोत्साहन बढ़ाएं, जिससे मैं अपनी और भी आपबीती शेयर कर सकूँ.
धन्यवाद.
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