चूत गान्ड और लन्ड की लीला मकान मालिक की बेटी संग

(Chut Gaand Lund Ki Lila Makan Malik Ki Beti Sang )

मैं 33 साल का एक शादी-शुदा आदमी हूँ। मैं तब दिल्ली में अकेला पेइंग-गेस्ट के तौर पर रहा करता था। मकान मालिक की बेटी सिम्मी ही रोज खाने का डब्बा मेरे कमरे पर छोड़ जाती थी। सिम्मी 24 साल की एक मस्त लड़की थी.. जो पहली नजर में ही किसी को भी पागल कर दे। मेरी नज़र कई दिनों से उस पर टिकी हुई थी।

संयोग से एक बार उसके घर में सारे लोग एक सप्ताह के लिए बाहर गए हुए थे।
हमेशा की तरह सिम्मी आई और बताया कि घर में कोई नहीं है.. सो रात को खाना लाने में देर हो सकती है।
मैंने बोला- कोई बात नहीं!
मैं मन ही मन खुश हो गया कि आज रात को बात बन सकती है।

रात को 9 बजे उसने दरवाजे पर दस्तक दी, तब मैं टीवी पर ब्लू-फिल्म देख रहा था, मैंने झट से टीवी बंद करके दरवाजा खोला।
खाने का डिब्बा दे कर वो जाने वाली ही थी कि मैंने किसी बहाने से उसे अन्दर बुला लिया।
वो हिचकते हुए मेरे बिस्तर पर बैठ गई।
मैंने उसे पानी ऑफर किया.. फिर कुछ बातें होने लगी।

धीरे-धीरे वो भी नार्मल हो गई थी, ऐसा इसलिए कि वो पहली बार मेरे यहाँ बैठी थी।
मैंने बोला- आपको अकेले डर तो नहीं लग रहा.. अंकल आंटी बाहर गए हुए हैं?
उसने धीरे से कहा- अकेले घर में थोड़ा-थोड़ा लग तो रहा था.. अगर आप बुरा नहीं मानेंगे तो प्लीज रात को सोने नीचे मेरे घर पर ही आ जाइएगा।

मैंने ‘हाँ’ कर दी.. फिर सिम्मी चली गई।
अब तो ऐसा लग रहा था कि मेरी लाटरी लग गई हो।
दस बजे ही खाना खाने के बाद नहा कर सीधे मैं नीचे पहुँच गया।
वो अभी खाना ही खा रही थी, मैंने टीवी ऑन करने को बोला और टीवी देखने लगा।

थोड़ी देर में खाना खाकर वो बोली- ठीक है.. आप यही ड्राइंग रूम में सो जाना.. मैं भी अब सोने जा रही हूँ।
फिर थोड़ी देर बाद वो ‘गुडनाईट’ बोलने आई.. तो मैंने किसी बहाने से बोला- अरे बैठो.. कुछ बातें करते हैं फिर सो जाना..
वो मेरी बात मान गई.. उसके कपड़े देख कर मेरा लण्ड मचलने लगा, उसके चूचे साफ़ हिलते हुए दिख रहे थे।

सोफे पर हम दोनों ही बैठे हुए थे.. तभी तेज बिजली चमकी और लाइट चली गई। अचानक बिजली कड़कने की आवाज से वो डर से मेरे तरफ ही चौंक कर झुक गई.. इतने में मेरे हाथ से उसकी एक चूची दब गई..
घुप्प अँधेरा हो गया था..सिम्मी के घर पर टॉर्च भी नहीं था.. चूंकि यहाँ लाइट कभी जाती नहीं थी।
मैंने भी अपना हाथ नहीं हटाया.. शायद ऐसा लग रहा था कि सिम्मी को भी ये अच्छा लग रहा हो।
अब मैंने अँधेरे का फायदा उठा कर अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए।

उसने अब भी कुछ नहीं कहा.. मतलब सिम्मी की मौन स्वीकृति मिल चुकी थी।
मैंने चूची को मसलना शुरू कर दिया और उसके एक हाथ को पकड़ कर अपने लण्ड पर रख दिया।

सिम्मी बिलकुल शांत थी.. मैंने झट से उसका टॉप उतार फेंका.. फिर ब्रा का हुक भी खोल दिया। एक चूचा मेरे मुँह में और दूसरा मेरे हाथ से पिसा जा रहा था। अँधेरे के कारण मैं 36 साइज़ का उसका नर्म चूचा देख नहीं पा रहा था।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !

धीरे से मैंने उसका पजामा और पैंटी भी उतार फेंकी, अब वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी, उसके हाथ मेरे पैन्ट के अन्दर मेरे लण्ड को टटोल रहे थे.. तभी लाइट आ गई।
शर्म से उसने अपना चेहरा मेरे सीने में छुपा लिया।
‘सिम्मी अब कैसा शरमाना..’

मैंने भी पैन्ट उतार दी और अपने लण्ड को उसके मुँह में डालने की कोशिश करने लगा। पहले तो वो मना कर रही थी.. पर मेरे जोर देने पर जीभ से धीरे-धीरे लौड़े को सहलाने लगी।
मैं सोफे पर ही 69 के पोज में उसकी बुर को चाटने लगा। अब मेरा लॉलीपॉप उसको पसंद आने लगा था।

मैंने उसे अलग किया और बोला- रसोई से थोड़ी मलाई ले आओ.. फिर मजा करते हैं..
नंगी ही वो ठुमकते हुए गई.. और मलाई ले आई, मैंने मलाई को लण्ड पर लगा लिया और उसको खाने को बोला।
मेरा लण्ड तन कर गर्म हो चुका था, वो मजे से मलाई के साथ लण्ड चूसने लगी.. चूसते-चूसते ही उसने मेरा पानी निकाल दिया।

थोड़ी देर आराम करने के बाद ही मैंने अपना लण्ड को फिर खड़ा किया और उसकी बुर को अपने हाथों से फैला कर चोदना चाहा।
लवड़ा अन्दर डालते ही वो चीख उठी, थोड़ा खून भी आ गया था, मैंने उसके ब्रा से ही खून को पोंछा और एक ही झटके में लण्ड को अन्दर कर दिया।
‘आह्ह्ह्ह मर गई.. मत करो..’
पर मैंने उसकी गाण्ड को पकड़ कर रखा हुआ था और धकापेल लण्ड पेले जा रहा था।

कुछ देर दर्द हुआ फिर वो भी मज़े लेने लगी, मैंने सारा माल उसके चूची पर गिरा दिया.. वो भी थक चुकी थी।
फिर मैं उसे उठा कर बाथरूम तक ले गया, हम दोनों ने साथ में नहा कर फिर से मज़ा लिया।
सारी रात मैंने उसके चूचों को मसल कर लाल कर दिया, उसको मैंने अपने लण्ड पर ही बैठा लिया।
उसी अवस्था में हम लोगों ने थोड़ी देर टीवी देखा।

आखिरी चुदाई के लिए मैंने उसे झुका कर उसकी गाण्ड पर तेल लगाया.. फिर दोनों चूचों को हाथों में पकड़ कर और लण्ड को बुर की सैर तो कभी गाण्ड की चुदाई से उसको मज़ा देता रहा।
एक ही रात में उसकी बुर और गाण्ड दोनों ही पूरी तरह खुल चुके थे।
एक सप्ताह तक यही चुदाई की मस्ती चलती रही।

उसके बाद उसकी एक सहेली को भी उसके साथ ही चोदा.. वो घटना अगली कहानी में..
[email protected]

और भी मजेदार किस्से: