चाची की दो भानजियों की चुदाई की कहानी- 4

(Virgin Ladki Ki Gand Mari)

वर्जिन लड़की की गांड मारी मैंने … वो भी उसकी अम्मी के सामने! लड़की अपने चूतड़ बड़े करवाना चाह रही थी तो मैंने उसे गांड मरवाने को कहा, वो मान गयी.

मैं जीशान आपको अपनी सेक्स कहानी में एक बार फिर से मजा देने के लिए हाजिर हूँ.

कहानी के तीसरे भाग
चाची की कुंवारी भानजी को पटाया
में अभी तक आपने पढ़ा था कि मैं आलिया को नंगी करके उसे चूमने लगा था.
उसने भी मुझे चूमना शुरू कर दिया था और चूमते चूमते मेरे कपड़े उतारने लगी थी.

मैं अभी सिर्फ अंडरवियर में था, उसने मेरा अंडरवियर भी नीचे खींच दिया.

इतने में सलमा आंटी आ गईं और आलिया शॉक हो गई- आलिया, ये क्या कर रही है तू? जीशान, तुमसे ये उम्मीद नहीं थी.

आगे पढ़ें कि कैसे वर्जिन लड़की की गांड मारी मैंने:

वो घबरा गई और कम्बल से अपने आप को छुपाने लगी.

आलिया- अम्मी वो, जीशान फिगर बढ़ाने में मदद कर रहा था.
मैं- हां आंटी, और कुछ नहीं.

सलमा- वो कैसे?
आलिया- ब्रैस्ट बड़ा करने के लिए, उसको चूस रहा था और अब गांड बड़ा करने के लिए, अभी गांड में डाल रहा था.

वो डरते हुए कहने लगी.
सलमा- तुझे लगता है, इतना बड़ा लंड, तेरी गांड में जाएगा?
मैं- वही कोशिश कर रहे हैं.

सलमा- तू चुप रह जा.
आलिया- पता नहीं, अभी तक ऐसे नहीं किया है अम्मी, सॉरी.

सलमा- मुझे मेरे सवाल का जवाब नहीं मिला. क्या इतना बड़ा लंड, तेरी गांड में जाएगा?
मैं- क्यों नहीं जाएगा आंटी, मैं दिखा दूँ?

सलमा- मैंने तुझे क्या बोला, चुप रह मादरचोद, पहली बार गांड मारेगा तो इसकी गांड क्या से क्या हो जाएगी भोसड़ी के?

आंटी के मुँह से ये शब्द सुनकर आलिया हैरान हो गई- सॉरी अम्मी.
सलमा- तू पहले चूत में ही ले ले, इसका लंड इतना आसान से गांड में नहीं जाएगा.

मैं- और तुम्हारी गांड में जो इतना आसान से जाता है … उसका क्या?
सलमा- भोसड़ी के, तूने पेल पेल कर गांड को गड्डा बना दिया है, इसलिए आसानी से जाने लगा. चूत और गांड को भोसड़ा बना दिया है, मादरचोद.

हमारी बातें सुनकर आलिया परेशान हो गई- अम्मी, क्या इसने तुम्हें चोदा है?
सलमा- नहीं, मैं इससे चुदी हूँ बेटी.

आलिया- पर क्यों?
सलमा- जब शौहर सन्तुष्ट नहीं करेगा, तब ये सब करना पड़ेगा न!

आलिया- सन्तुष्ट मतलब?
सलमा- ये तुम्हें सब सिखा देगा, साला हरामी … बहुत तगड़ा है इसका.

मैं- तुम दोनों को संतुष्ट कर दूँगा.
सलमा- वाह रे मादरचोद, आ गया न अपना लंड लेकर दोनों को चोदने?

आलिया- मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है?
मैं- तुम्हें अभी कुछ समझ में नहीं आएगा.

सलमा- पहली बार गांड में नहीं बेटा, चूत में ही डलवा ले.
आलिया- अम्मी लेकिन मेरी सील टूट जाएगी?

सलमा- एक अच्छे मर्द से सील टूट रही है न?
आलिया- लेकिन फ्यूचर में प्रॉब्लम नहीं होगी … किसी को पता चल गया तो?

मैं- कैसे पता चलेगा?
आलिया- वो खून आता है ना?

सलमा- कोई नहीं बेटी, उसके लिए टेबलेट्स मिलते हैं. तू चिंता न कर!

आलिया अभी भी थोड़ा डर रही थी.

मैं सलमा आंटी के साथ चूमाचाटी करने लगा था, उनके मुँह में मुँह डालकर मजा लेने लगा था.

ये सब देखते देखते, आलिया भी गर्म हो गई, वो खुद कम्बल को हटा कर पास आ गई.
मैं अब आलिया को चूमने लगा.

जब उसकी मां इतने मजे ले रही है तो बेटी क्यों नहीं.
अब वो खुल कर मजे लेने लगी.

वो अपनी जीभ मेरे मुँह के इतनी अन्दर तक डालने लगी थी कि बस मुझे बहुत मज़ा आने लगा था.
इतने में सलमा आंटी अपने कपड़े उतार कर सामने आ गईं.

हम तीनों बेड पर थे.
आलिया का पहला सेक्स, उसकी सिसकारियां मनमोहक थीं.

आलिया- आआह जीशान उम्म्म …
मैं- मेरी जान, आज तुझे असली मजा मिलेगा.

तीनों बेड पर नंगे थे.
मैं कभी आलिया को चूम रहा था, कभी सलमा की चूत में उंगली कर देता. कभी आलिया के मम्मों को मसलता, कभी सलमा की गांड पर चमाट मारता. मुझको मजा आने लगा था.

सलमा- डाल दे इसकी चूत में!
मैं- पहली बार है. प्यार से करना पड़ेगा.

मैं आलिया की चूत के ऊपर उंगली फेरने लगा, वो अंगड़ाइयां लेने लगी.
आलिया- आआआह … उम्म और रगड़ो न!

मैंने एक उंगली को अन्दर डाल दिया. वो एकदम काम्प उठी- आआएय … ऊफ … क्या कर रहे हो?
मैं- तुम्हें मज़े देने में लगा हूँ.

मैं धीरे धीरे उंगली अन्दर बाहर करने लगा.
आलिया एकदम मूड में आ गयी.
उसकी ‘ऊऊह आआई …’ की कामुक सिसकारियां बढ़ने लगीं.
मुझे भी मज़ा आने लगा.

कुछ 5 मिनट उंगली करने के बाद मैं चूत को चूमने लगा.
वो परेशान हो गयी.

आलिया- अरे क्या कर रहे हो? इसे भी कोई चूमता है?
मैं- इसको तो चाटते भी हैं.

मैंने एकदम से अपनी जीभ को चूत के अन्दर डाल दिया और उसको खाने लगा.
नीचे सलमा आंटी मेरा लंड चूसने लगीं. वो मेरे बॉल्स को खाए जा रही थीं.

आलिया- आआएय क्या कर रहे हो जान … आआएय … बहुत मज़ा आ रहा है.

मैं बिना कुछ कहे और अन्दर जाने लगा.
मेरी जीभ चूत के दीवारों को चीरती हुई अन्दर गयी और चूत ने नमकीन पानी छोड़ दिया.

आलिया- आह मेरी जान … आय वाओ, क्या मज़ा दे रहे हो … थैंक्यू.
मैं- अब और मज़ा आएगा.

आलिया- ज्यादा दर्द तो नहीं होगा?
सलमा- नहीं बेटी, बस पहली बार थोड़ा होगा.

मैं- तुम बस मज़े लेती रहना, पहली बार जरा सा दर्द होगा.

मैंने एक नैपकिन उसके नीचे बिछा दिया और लंड को चूत के मुँह पर रगड़ने लगा.

आलिया- मुझे डर लग रहा है.
मैं- कुछ नहीं होगा.

मैंने एक हल्का सा झटका दिया, लंड चूत में थोड़ा अन्दर चला गया.
उसकी इतनी लंबी चीख निकली कि मैं भी डर गया.

आलिया- आआएय … निकालो बाहर, मुझसे नहीं होगा.
सलमा- धीरे कर ना, जीशान.

मैंने लंड बाहर खींच लिया, उसको थोड़ा समझाने लगा, फिर से कोशिश करने लगा.
इस बार मैं एकदम से अन्दर डालना चाहता था.

मैंने लंड को चूत के अन्दर सैट किया और एक ज़ोर का झटका दे दिया.

मेरा आधा लंड अन्दर चला गया, वो और ज़ोर से चीखने लगी और मुझे मारने लगी.
आलिया- बाहर निकालो बाहर निकालो जल्दी … बहुत जलन होने लगी है.

मैंने तुरंत बाहर निकाल दिया. मेरा लंड पूरा खून से लाल हो गया और 2-3 ड्रॉप खून चूत से गिरने लगा था.
नैपकीन में ब्लड के ड्रॉप्स गिरे और मैंने भी अपना लंड उसी से पौंछ लिया.
अब मैं थोड़ा गैप देना चाहता था.

सलमा- आखिर तूने इसकी सील को तोड़ ही दिया बहनचोद.
मैं- जान अब कुछ दर्द नहीं होगा, तुम्हारी सील टूट गई, अब आराम से अन्दर जाएगा.

करीब आधा घंटा बाद हम दोनों फिर से कोशिश करने लगे.
मैंने फिर से लंड को चूत के अन्दर डाल दिया और ज़ोर का झटका मारा, इस बार पूरा लंड अन्दर चला गया.

इस बार इतना ज्यादा दर्द नहीं हुआ.
मैं- बोला था ना, इस बार दर्द नहीं होगा.
आलिया- दर्द अभी भी हो रहा है, लेकिन थोड़ा कम है.

मैं धीरे धीरे धक्के मारने लगा.
वो मज़े लेने लगी और फिर से सिसकारियां भरने लगी- आआह … उम्म … उफ़ वाओ … मज़ा आ रहा है जानू … उम्म्म.

मैं चोदते समय आलिया के मम्मों को खा रहा था, कभी उसको चूम लेता था, कभी उसके मम्मों को चूसने लगता था.

जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने धक्कों का जोर बढ़ा दिया.

आलिया- क्या हुआ? क्यों इतना ज़ोर दे रहे हो? मर जाऊंगी मैं!
मैं- मेरा होने वाला है.
आलिया- मेरा भी.

मैं- बस अब कुछ देर मैं ज़ोर ज़ोर से कर देता हूं.

और मैं जोरदार धक्कापेल करने लगा. उसके तो पसीने छूट गए.
बहुत मज़ा आ रहा था.

आलिया- आह उम्म वाओ … कितना मज़ा किया है मैंने … थैंक्यू जान.
सलमा- अब तेरी ख्वाहिश पूरी हो गयी?

आलिया- लेकिन मेरी नहीं.
मैं- तेरी कौन सी ख्वाहिश?

आलिया- मेरा फिगर?
सलमा- वो धीरे धीरे आ जाएगा.

आलिया- अम्मी, तुम्हारी गांड देखो और मेरी देखो, उससे आधी भी नहीं है.
मैं- मैं ठीक कर दूंगा.

आलिया- अभी कर दे.
सलमा- अभी नहीं, बहुत दर्द देगा आलिया. इसका इतना बड़ा मूसल जो है.

आलिया- कोई बात नहीं, लेकिन अभी चाहिए.
मैं- मैं तैयार हूं.

सलमा- तू तो साला हमेशा तैयार रहेगा. मैं कुछ करती हूँ.

इतने में सलमा आंटी तेल लेकर आईं, ढेर सारा तेल आलिया की गांड के छेद में डालने लगीं. तेल के साथ उंगली को गांड के छेद के अन्दर में डालने लगीं. उंगली से उसकी गांड के अन्दर तेल लगाने लगीं.

आलिया- अम्मी, ये क्या कर रही हो? तेल में मुझे नहलाओगी क्या?
सलमा- तू चुप रह … बहुत दर्द देगा.

मैं- उसको इतना भी मत डराओ.
सलमा- जिसने दर्द सहा है, उसको ही पता होता है. तुझे जल्दी से निकालना होगा, ज्यादा देर तक नहीं … समझा?

मैं- फिर मुझे कौन खुश करेगा?
सलमा- मेरी चूत और मेरी गांड है ना.

मैं सर हिलाते हुए, लंड गांड के ऊपर रखने लगा.
आलिया अपने हाथों से गांड के छेद को खींचकर बड़ा करने लगी.

जैसा मैंने कहा, उसने वैसे किया.
मैंने धक्का मारने की कोशिश की.
लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था.

मैं- आंटी, थोड़ी मदद करो ना!

सलमा आंटी ने भी गांड को खींचकर छेद को बड़ा किया.

मैंने इस बार ज़ोर से एक धक्का मारा. लंड का टोपा अन्दर चला गया.

आलिया- आह मर गई … निकाल … बाहर निकाल … मर जाऊंगी मैं … प्लीज.
मैं- अभी निकालूंगा तो फिर नहीं डाल सकता.

आलिया- मुझे कुछ नहीं चाहिए, बस निकाल दो … मुझसे नहीं हो रहा है.
सलमा- बेटा छोड़ दे, अगली बार देखेंगे.

मैं कहां मानने वाला था. मैंने एक और जोर से धक्का दे दिया, आधा लंड अन्दर चला गया.

वर्जिन लड़की की गांड फट गई.
उसकी इतनी लंबी चीख निकली कि सारा इलाका दहल गया होगा.

आलिया- मादरचोद, बाहर निकाल … मुझसे नहीं होगा. अम्मी बोलो इसको.
सलमा- मेरे अन्दर डाल दे.

मैं- फिगर नहीं चाहिए?
आलिया- नहीं, मुझे कुछ नहीं चाहिए.

मैं बिना कुछ सुने ज़ोर ज़ोर से धक्का मारने लगा, मेरा पूरा लंड अन्दर चला गया.

आलिया- अम्मी इसको रोक लो, प्लीज … ये साला मुझे मार देगा.
सलमा- कुछ नहीं होगा, तू बस थोड़ी देर संभाल ना … ये अब किसी की भी नहीं सुनेगा.

आलिया- अम्मी, तू कैसी मां है … अपनी बेटी को इस मादरचोद से चुदवा रही है … और ये मेरी गांड को फाड़ रहा है?
मैं- मेरी जान, मैं तुम्हें तुम्हारा फिगर बढ़िया करके दूंगा.

मैं बस अब ज़ोर ज़ोर से धक्के मारने लगा.
वहां आलिया की चीखें तेज़ हो रही थीं लेकिन मेरा अभी भी नहीं हुआ था.

आलिया- आह साले 15 मिनट से गांड फाड़ रहा है … अब तो छोड़ दे.
सलमा- हां बेटा, छोड़ दे.

मैं- मेरा अभी भी नहीं हुआ है.
सलमा- मेरे अन्दर डाल दे.

मैंने आलिया की गांड से लंड बाहर निकाल दिया.
वो एकदम से बेड पर गिर गई और रिलैक्स होने लगी.

मैं अपनी फेवरेट आंटी पर चढ़ गया.
अगर मैंने तुरंत अन्दर डाल दिया तो जल्दी झड़ जाऊंगा और आंटी भूखी रह जाएंगी इसलिए मैंने पहले थोड़ा समय लिया.

मैं पहले आंटी के मम्मों को मस्ती से चूसने लगा और चूत में उंगली करने लगा.

सलमा- तेरे को इतना प्यार इसलिए मिलता है, क्योंकि तू अपनी खुशी से ज्यादा औरत की खुशी का ध्यान करता है. लव यू बेटा.
मैं- लव यू टू मेरी आंटी.

अब मैं आंटी की मोटी कमर को मसलने लगा और ज़ोर ज़ोर से पूरा बदन चूमने लगा.
आंटी बहुत खुश थीं.

सलमा- तुमसे ये खुशी पाकर दो महीने हो गए बेटा … वाह … आआह ऐसे ही और ज़ोर से उम्म.

मैं अब चूत पर पहुंच गया और चूत चूसने लगा.
आंटी एक जवान लड़की के जैसी अंगड़ाईयां लेने लगीं और अपनी उंगलियां मेरे सर पर दबा कर चूत के अन्दर मेरे सर को दबाने लगीं.

ऐसा लग रहा था, जैसे वो मेरा सर अपनी चूत में लेना चाहती थीं.

सलमा- आआईई … वाह ऊऊ ऊउम्म ऐसे ही … आआह और कितना तड़पाएगा मुझे … अन्दर डाल दे.

मैं बेड पर लेट गया.

सलमा- ये क्या कर रहा है? चल अन्दर पेल ना?
मैं- तुम ही ले लो.
सलमा- अब मैं घोड़ा चढूंगी?

आंटी मेरे लंड के ऊपर आ गईं. मेरे लंड को आंटी की चूत से लगाव था, जैसे ही वो मेरे लंड के ऊपर बैठ गईं, पचक करके मेरा पूरा लंड आंटी की चूत में चल गया.

मैं- एकदम से बैठ गईं चाची, पूरा लंड अन्दर चला गया … आह मजा आ गया.
सलमा- यही तो कनेक्शन है तेरे लंड और मेरी चूत का …. आआह कितना अन्दर जा रहा है … आह उम्म.

मैं- और ज़ोर से करो मेरी आंटी … आआह.
आंटी ज़ोर जोर से घोड़े की सवारी करने लगी थीं. सवारी के वक़्त वो मुझे अपने मम्मों से खिलाने लगीं.

मैं भी उनके एक दूध को चूसता और दूसरे को मसलता.
आपको मैं आंटी के बारे में जितना भी बताऊं, कम है दोस्तो. उनकी मोटी गांड को अपने लंड पर बिठा कर मैं उन्हें सवारी का आनन्द देने लगा.

थोड़ी देर बाद आंटी पीछे मुड़ कर ऊपर नीचे बैठने लगीं.
मैंने भी छेद बदल दिया और उनकी गांड को पेलने लगा.

सलमा- आआह … तेरे हाथ भर के लंड से अपनी गांड को पिलवाने का भी अलग ही मज़ा है.
मैं- मेरा होने वाला है.
सलमा- मेरा भी.

अब आंटी ज़ोर ज़ोर से ऊपर नीचे बैठने लगीं.
मैं ज़ोर ज़ोर से गांड पर अपने हाथों से मारने लगा, आंटी की गांड लाल हो गई.

कुछ मिनट की जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गए.
मैं अपना लंड आंटी के छेद में ही डालकर सो गया.

आलिया- तुम दोनों की चुदाई बहुत मजेदार है, कब से कर रहे हो?
सलमा- छह महीने पहले इसने तुम्हारी आंटी को पहली बार चोदा था.

आलिया- आंटी को भी?
सलमा- पहले छोटी बहन, फिर दीदी, उसके बाद मैं … और अब तू.

आलिया- बाप रे, इतने?
सलमा- अब तेरी दीदी चाहिए इसको. मादरचोद ख्वाहिशें तो ऐसे रखे है, जैसे ये एक ही दुनिया का अकेला मर्द है.

आलिया- अंजुमन दीदी?
सलमा- हां.

मैं- मैं उसको भी चोदूँगा.

ऐसे ही हम सब बातें कर रहे थे.
दो दिन तक आलिया के साथ खूब मजे लेता रहा और सलमा आंटी उसको कामसूत्र का ज्ञान बांटती रहीं.

अब मेरा ध्यान अंजुमन पर था.
वहां जीलान चाची के साथ पूरे मजे ले रहा था.

सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको अंजुमन के साथ के मजे को लिखूँगा.

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वर्जिन लड़की की गांड कहानी का अगला भाग: चाची की दो भानजियों की चुदाई की कहानी- 5

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