पति ने मुझे पराये लंड की शौकीन बना दिया- 11

(I Got Pregnant From A Doctor)

आई गोट प्रेग्नेंट फ्रॉम अ डॉक्टर. मेरे पति के कहने पर ही मैंने डॉक्टर के साथ प्रेम की पींग चढ़ाई, मुझे उससे सच्चा प्यार हो गया. मैंने उसका बीज अपनी कोख में लिया.

कहानी के पिछले भाग
जब लड़ाई अंखियाँ तो होगी ही चुदाई
में आपने पढ़ा कि डॉक्टर अतुल मुझे काफी देर से चोद रहे थे अलग अलग आसनों में! मैं 2-3 बार झड़ चुकी थी.

यह कहानी सुनें.

अब आगे आई गोट प्रेग्नेंट फ्रॉम अ डॉक्टर:

डॉक्टर अतुल मुझे घोड़ी पोज़िशन चोदे जा रहे थे, मेरा उन्माद बढ़ता जा रहा था, मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था।

मैं डॉक्टर अतुल की उत्तेजना समझ रही थी।

मुझे पहले मेरे पति और बाद में मुझे चोदने वाले मेरे प्रेमी अभिनव कहते थे कि पुरुष को स्त्री को घोड़ी बना कर डॉगी पोज़िशन में चोदने में बहुत मजा आता है क्योंकि हर मर्द की कमजोरी होती है स्त्री की गांड और स्तनों का भराव और गोलाई को महसूस करना।

ये दोनों डॉगी पोज़िशन में मर्द आराम से महसूस कर सकता है।

इसीलिए स्त्री को चोदते हुए जब मर्द का लण्ड स्त्री के गांड के गालों के बीच से होता हुआ जब स्त्री की चूत में दाखिल होता है तो वह अहसास गजब का उत्तेजना भरा होता है।
उसे अपनी प्रियतमा की गांड मारने का और चूत चोदने का दोनों अहसास एक साथ होता है।

डॉक्टर मेरे स्तनों को पीछे से पकड़ कर पूरी चुदाई के दरम्यान जोश से मसलते ही रहते थे और कई बार उन्हें इतने जोर से दबा देते की मेरी चीख निकल जाती।

मुझे चोदते हुए एक समय आया जब उनका वीर्य बाहर निकलने के लिए उफान मारने लगा।

तब मुझे पीछे से पेलते हुए अतुल बोले- नीना, मैं तुम्हारी चूत में मेरा वीर्य उड़ेलना चाहता हूँ। तुम कहोगी तो मैं उसे बाहर भी निकाल दूंगा। पर मुझे तुम्हारी चूत में डालना है प्लीज! डाल दूँ चूत में? फिर मैं तुम्हें एक गोली दूंगा तो तुम नहीं चाहोगी तो गर्भ नहीं रुकेगा।

मैंने बिना कुछ सोचे समझे कहा- खबरदार बाहर निकाला तो … मैं तुम्हारा वीर्य मेरे बदन में लेना चाहती हूँ। गर्भ रखना या नहीं … वह बाद की बात है। मैं खुश होऊंगी अगर मैं तुहारे बच्चे की माँ बन पायी तो! पर अभी तो मैं तुम्हारी मर्दानगी को मेरे अंदर ही लेना चाहती हूँ। जो भी तुम्हारे अंदर है उंडेल दो मेरे अंदर!

मेरे ऐसा कहते ही मैंने गर्मागर्म लावा को मेरे बदन के अंदर घुसते हुए महसूस किया।
डॉक्टर अतुल के लण्ड के छिद्र से उनके वीर्य का फव्वारा मेरी चूत के हरेक कोने कोने में फ़ैल गया।

उनके वीर्य का जोश और मात्रा इतनी थी कि उनके वीर्य ने ना सिर्फ मेरी चूत पूरी तरह से भर दी बल्कि मेरी चूत में से उभर कर बाहर निकल कर उनका वीर्य बिस्तर की चादर पर फ़ैलने लगा।

उनकी बांहों में काफी देर तक पड़े रहने के बाद मैं खड़ी हुई।

अतुल मुझे नंगी उठा कर अपने बाथरूम में ले गए।
उन्होंने मुझे और मैंने उन्हें खूब साबुन लगा कर नहलाया।

अतुल ने नहाने और खाने के बाद फिर से मेरी जम कर चुदाई की।

मैं हैरान रह गयी कि डॉक्टर अतुल के इतने बड़े लण्ड को मेरी चूत में दाखिल होने में तो बहुत परेशानी हो रही थी, पर उनके लण्ड के घुसने पर और उनकी चुदाई के दरम्यान मुझे बिल्कुल भी दर्द महसूस नहीं हो रहा था।

दो बार एक एक घंटे तक चुदवाने के बाद जब डॉक्टर अतुल ने मुझे जाने की इजाजत दी .
मैंने साफ होकर अपने कपड़े पहन लिए.

तब मैंने उन्हें कहा- तुम मुझे पूछ रहे थे ना कि लोहा लोहे को काटता है. इस वाक्य का मतलब क्या? तो देखो मैं अब तुम्हें बताती हूँ।

यह कह कर मैंने डॉक्टर अतुल को किवाड़ के पीछे छिपने की सलाह दी और मैं एक कटोरा लेकर बाहर निकली।

मैंने उस पड़ोसन का किवाड़ खटखटाया।
जब पड़ोसन ने दरवाजा खोला तो वह मुझे देख कर चौंक गयी।

मैंने उनसे ‘हेलो’ कह कर कुछ औपचारिक पूछताछ करने के बाद उनसे कहा- मैं डॉक्टर अतुल और अपने लिए चाय बना रही हूँ। घर में चीनी ख़त्म हो गयी है। क्या आप कुछ चीनी दे सकती हो?

वह पड़ोसन मुझे कुछ देर तक एकटक देखती रही फिर उसने मेरे बारे में पूछना शुरू किया।

मैंने उसे कहा- मैं डॉक्टर अतुल की फ्रेंड हूँ और मेरे पति अस्पताल में एडमिट हैं। पर मुझे मेरे पति से डॉक्टर अतुल ज्यादा पसंद हैं। मैंने सुना है कि डॉक्टर की पत्नी बड़ी झगड़ालू है और डॉक्टर को पसंद नहीं करती और उनके साथ नहीं रहती। मैं चाहती हूँ डॉक्टर अतुल उस औरत को तलाक दे दे और मैं मेरे पति को तलाक देकर डॉक्टर अतुल से शादी करना चाहती हूँ। यह सब कुछ बहुत जल्द होगा।

फिर मैंने इधर उधर देखा ऐसे कि जैसे कहीं कोई हमारी बात ना सुन ले।

मैंने फिर पड़ोसन के एकदम करीब जाकर उसके कानों में कहा- देखिये आप और मैं स्त्री हैं। हमें हमारा भविष्य सम्भालना है। आप किसी को बताना मत … डॉक्टर अतुल से मैं शादी कर लूंगी तो उनकी जायदाद मेरी हो जायेगी। डॉक्टर अतुल को तो उनकी पत्नी वैसे ही तलाक़ दे देगी। यही मेरा प्लान है। आप इतनी अच्छी हैं और मुझसे पहली मुलाक़ात में ही इतने अच्छे से मिली तो मैं आप को बता रही हूँ। किसी को कानों कान खबर नहीं होनी चाहिए।

यह कह कर उस पड़ोसन को मुझे बड़े आश्चर्य से ताकते हुए पीछे छोड़ कर उससे चीनी लेकर मैं वापस आ गयी।

डॉक्टर अतुल सब बातें छिप कर सुन रहे थे।
उनकी समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था।

उन्होंने मुझे पकड़ कर हिलाते हुए कुछ गुस्से में पूछा- मैंने तुम्हें मना किया था ना कि उस पड़ोसन से बात मत करना. वह जहरीली है। अब मेरी शामत आ जायेगी। मेरी बीवी मेरी जिंदगी हराम कर देगी। वह कहीं यहां ना आ जाए।

किवाड़ बंद कर मैंने उनसे मेरी नाक पर उंगली रख मैंने कहा- आप नहीं जानते … पर मैं भारतीय नारी हूँ और भारतीय नारी के मन को जानती हूँ। एक भारतीय नारी अपने पति को कभी छोड़ नहीं सकती। और वह यह भी नहीं बर्दाश्त कर सकती कि उसका पति किसी दूसरी स्त्री के चंगुल में फंसे। वह आपसे कितनी भी नाराज हो, वह अपना पत्नी का अधिकार नहीं छोड़ेगी। वह जरूर आएगी और आप से और मुझसे झगड़ा करेगी। मुझे वह आपके घर से भी भगा देगी। आपसे मुझ से मिलने के लिए मना करेगी। आप उसे प्यार कर उसका गुस्सा शांत कर लीजिये, उसे मना लीजिये। आप मेरे आधे पति हैं और हमेशा रहेंगे। पर आप पर पहला हक़ आपकी पत्नी का है और सदा रहेगा। आप भले मुझे छोड़ दें, आप मेरे दिल में हमेशा रहेंगे।

यह कहते हुए मेरी आँखों में आंसू आ गए।
अतुल ने मुझे अपनी बांहों में भर लिया।

मुझे सोफे पर लिटा कर वे मुझे पर चढ़ गए, काफी देर तक मुझे चूमते रहे और मेरे स्तनों को पागल की तरह मसलते हुए मुझे कहने लगे- नीना, राज बड़ा ही भाग्यशाली है। काश, मैं राज की जगह होता।

यह कह कर दुबारा अतुल ने मेरी साड़ी और घाघरा ऊपर उठा कर और मेरी पैंटी को हटा कर अपना घोड़े जैसा लण्ड मेरी चूत में डालकर मुझे ऐसी गर्मजोशी से करीब आधे घंटे तक चोदा कि मैं भी हैरान रह गयी।

शायद उनको यह डर था कि कहीं उनकी पत्नी अचानक आ ना जाए और हमारे रंग में भंग ना डाल दे।

मैंने अतुल को अपनी बांहों में भर कर पूछा- डार्लिंग, एक बात मेरी समझ में नहीं आ रही … तुम्हारा लण्ड इतना तगड़ा है और मेरी चूत इतनी ज्यादा टाइट! फिर भी इस महाकाय लण्ड से चुदवाते हुए ऐसा कैसे हुआ कि मुझे बिल्कुल दर्द नहीं हुआ बल्कि इतना ज्यादा आनन्द का अतिरेक और उन्माद महसूस हुआ?

डॉक्टर अतुल ने मुझे दो गोलियां मेरे हाथ में पकड़ाईं।

हल्का सा मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा- यह मेरी जादुई गोलियों का कमाल है। जो दो गोलियां मैंने तुम्हें कल दी थीं, वे तुम्हारी कामेच्छा बढ़ाने वाली और तुम्हें मेरी इस तगड़े लण्ड से चुदाई का दर्द से बचाने वाली गोली थी। वह कामवर्धक गोली थी। अब यह सफ़ेद गोली एक घंटे के बाद ले लेना। यह पेन किलर है। इससे अभी दर्द नहीं होगा। और यह जो लाल गोली है वह कल सुबह लेना। उससे तुम गर्भवती होने से बच जाओगी।

मैंने लाल गोली फेंक देते हुए कहा- डार्लिंग, अभी मुझे तुमसे कई बार चुदना है। और हर बार मैं तुम्हारा सारा वीर्य मेरे अंदर लेना चाहती हूँ। अगर मुझे गर्भ रहा तो मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनना चाहती हूँ। मैं मेरे पति को समझा दूंगी। मेरे पति यह सब जानते हैं। वे उसे अपने बच्चे की तरह ही प्यार करेंगे और पालेंगे, उनको कोई फर्क नहीं पड़ता। तुम उस बच्चे से ज्यादा नहीं मिल पाओगे पर मैं कभी ना कभी जरूर उससे तुम्हें अंकल के रूप में मिलवाऊंगी।

अतुल को तो जैसे मुझसे प्यार ही हो गया था।
वे बहुत अफसोस कर रहे थे कि मैं उनकी पत्नी नहीं बन पाऊंगी।

मैंने उनको अपना वीर्य मेरी चूत में डालने से कभी नहीं रोका।
मैं चाहती थी कि मैं उनके वीर्य से गर्भवती बनूँ।
भले मैं उनकी पत्नी ना बन पाऊं पर उनके बच्चे की माँ तो बन ही सकती थी।

मैं अगले चार दिन तक रोज डॉक्टर अतुल के घर दोपहर को जाती और हर रोज उनसे अच्छे से चुदती।
वह पड़ोसन मुझे हर बार तीखी नज़रों से देखती रहती, घूरती रहती थी।

जैसा हमने सोचा था, वह पड़ोसन डॉक्टर की पत्नी को फ़ोन कर सारा ब्यौरा देती रहती थी क्योंकि हमारा प्यार बहुत ज्यादा लंबा नहीं चला।

एक बार मेरे पति राज के कहने पर मैं पूरी रात उनके घर रही उनको मैंने जी भर कर प्यार किया और उनको चोदा और उनसे चुदवाती रही।

दुर्भाग्य से दूसरे दिन सुबह जब मैं और डॉक्टर अतुल नाश्ता कर रहे थे, तब डॉक्टर की पत्नी डॉक्टर के घर आ धमकी।
हमारी खूब लड़ाई झगड़ा बोलाचाली हुई।

मैंने उसको खूब खरी खोटी सुनाई। मैंने उसे डॉक्टर अतुल की जिंदगी बर्बाद करने वाली कहा।
उसे मैंने कहा- जो बीवी अपने पति को सम्भाल नहीं सकती, उसे उसके पति पर कोई अधिकार नहीं जताना चाहिए। अगर उसे पति से कोई शिकायत थी तो कुछ ना कुछ करके उसका हल निकालती। घर छोड़ कर हमेशा के लिए तो नहीं चली जाती। अगर वह पति को छोड़ेगी तो कोई ना कोई औरत इतने होनहार और इतना कमाने वाले मर्द को थोड़े ही छोड़ेगी?

ऐसी कई कड़वी बातें मैंने उसे सुनाई।

वह बेचारी आयी थी मुझे धमकाने … पर मेरी बात सुन कर भौंचक्की सी मुझे देखती ही रही।
शायद उसे कहीं ना कहीं अपनी गलती का अहसास हो रहा था।

आखिर में मैंने वहाँ से जाते हुए कहा- मैं वापस नहीं आऊंगी … अगर तुम डॉक्टर के साथ रहोगी और डॉक्टर अतुल का घर बसाओगी तो!

मैं जानती थी कि वह गयी रात वाली चुदाई मेरी डॉक्टर अतुल से आखिरी चुदाई थी।

मुझे अतुल की पत्नी ने झगड़ा कर उनके घर से निकाल दिया।

उसके बाद मैं डॉक्टर अतुल से कभी नहीं मिली।
हालांकि डॉक्टर उनकी बीवी से छिप कर कई बार मुझ से बातें करते रहते हैं।

आई गोट प्रेग्नेंट फ्रॉम अ डॉक्टर … मैं नौ महीने बाद उनके बच्चे की माँ भी बनी।

डॉक्टर अतुल की पत्नी के उस वाकये के बाद उनके साथ ही रहती है और अब उनका घर सम्भालती है।
अतुल की उस मोहब्बत की गोली ने उनका, मेरा और उनकी पत्नी का जीवन बदल कर रख दिया।

काश मुझे पता होता कि वह कौन सी गोली थी जिसने हम सबकी जिंदगी बदल दी।
मैं उसको सिर्फ मोहब्बत की गोली ही कहूँगी।

मेरी इस लम्बी कहानी में सेक्स कम है पर मुझे पूर्ण आशा है कि कहानी आपको पसंद आई होगी.
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