मौसेरी बहन की जवानी का मजा लिया- 3

(Hot Xxx With Cousin Sister)

हॉट Xxx विद कजिन सिस्टर का मजा मुझे मेरी मौसेरी बहन ने तब दिया जब हम दोनों कुछ दिन के लिए उनके घर में अकेले थे. दीदी सोने का नाटक करती हुई मजा लेती रही, मैंने चोद दिया.

दोस्तो, मैं रोहित!
बहन की चुदाई की कहानी के दूसरे भाग
दीदी का चिकना मुलायम जिस्म
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मैंने अपनी बहन को चुदने के लिए प्रेरित कर दिया था शायद इसी वजह से वे आज खुले स्थान की जगह कमरे में मेरे साथ सोने के लिए राजी हो गई थीं.

अब आगे हॉट Xxx विद कजिन सिस्टर:

मैंने कहा- दीदी, मुझे रात में कुछ पहनने को दे दो!
दीदी ने कहा- मेरी निक्कर है … पहनेगा?

मैंने कहा- दीदी मैं लड़कियों वाली निक्कर क्यों पहनूँ?
दीदी ने कहा- मेरे पास और कुछ नहीं है.

मैंने कहा- मुझको रात को निक्कर पहन कर सोने में बहुत प्राब्लम होती है!
इस पर दीदी ने कहा- तो तू निक्कर उतार दे और अपनी चड्डी में ही सो जा!

यह सुन कर मेरा दिल बहुत खुश हो गया और मैंने सोचा कि चलो इसी बहाने मैं दीदी को अपना लंड दिखा कर और भी गर्म कर सकूँगा.

मैंने वहीं दीदी के सामने ही अपनी निक्कर उतार दी.
मेरा लंड दिन भर की हरकतों की वजह से पूरा तना हुआ था.

जैसे ही मैंने अपनी निक्कर उतारी तो दीदी की नज़र मेरे लंड के ऊपर पड़ी और वहीं चिपक कर रह गयी.

इस तरह दीदी को अपना लंड दिखाने में मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मुझे लग रहा था कि आज तो दीदी को चोदने को मिल ही जाएगा.

हम दोनों ने मिल कर बिस्तर लगाया.
थोड़ी देर बाद दीदी ने लाइट बंद कर दी और बाथरूम में जाती हुई बोलीं- तू सो जा … मैं ज़रा चेंज करके आती हूँ.

यह कह कर दीदी बाथरूम चली गईं और मैं आंख बंद करके लेट गया.

थोड़ी देर में दीदी बाथरूम से चेंज करके आ गईं.
उन्होंने स्कर्ट तो वही पहनी थी लेकिन टॉप उतार कर एक स्लीवलेस शर्ट पहन ली थी.
यह सब मैं आंखें बंद करके देख रहा था.

दीदी की शर्ट के टोटल 5 ही बटन ही थे जिसमें से ऊपर के दोनों बटन खुले थे.
उसी वजह से दीदी के दोनों दूध आधे से भी ज़्यादा दिख रहे थे.

यह नजारा देख कर मेरा दिमाग़ और भी खराब होने लगा; मेरा लंड चड्डी के बाजू वाली इलास्टिक से थोड़ा बाहर निकल आया.

पहले तो मैंने सोचा कि इसको अन्दर कर लूँ, पर फिर मैंने ऐसा नहीं करने का फ़ैसला किया.
यही तो मौका दीदी को गर्म करने का था.

दीदी को लगा कि मैं सो गया हूँ, जब कि मैं तो जाग रहा था.
मैंने अपनी टांगों को और भी खोल दिया ताकि दीदी को मेरे लंड का नजारा करना आसान हो जाए.

कमरे में लाइट तो बंद थी लेकिन खिड़की से चाँद की रोशनी आ रही थी जिससे दीदी को मेरा लंड साफ दिख रहा था.

वे मेरे लंड को देखते देखते ही मेरे पास आकर लेट गईं.

दीदी मेरी तरफ पीठ करके लेटी हुई थीं, जिससे उनके दोनों चूतड़ मेरी तरफ थे.
जबकि दीदी का मुँह दूसरी तरफ था.

दोस्तो, सच कह रहा हूँ कि मैं कैसे अपने आप को कंट्रोल कर रहा था, यह मैं ही जानता था.

अब मुझे दीदी के सोने का इंतजार करना था इसलिए मैं थोड़ी देर चुपचाप पड़ा रहा.

करीब आधे घंटे के बाद मैंने धीरे से कहा- दीदी!
लेकिन पायल दीदी ने कुछ जवाब नहीं दिया.

मैंने दोबारा दीदी को बुलाया पर फिर से दीदी के तरफ से कोई जवाब नहीं आया.
तो मुझे विश्वास हो गया कि दीदी को नींद आ गयी है.

यही टाइम था अपनी हरकतों को अंजाम देने का.

मैंने अपने हाथ उठा कर दीदी की शर्ट के ऊपर से ही कमर पर रख दिया.
फिर धीरे धीरे से हाथ को कमर से लेकर कंधे तक फेरने लगा.

कपड़ों के ऊपर से दीदी को सहलाने में इतना मजा आ रहा था कि क्या ही बताऊं.

दो तीन बार ऐसा करने के बाद मैंने धीरे से अपना हाथ शर्ट के ऊपर से ही दूध के ऊपर रख दिया.
दीदी के बदन में हल्की सी झुरझुरी हुई तो मैंने अपना हाथ वापस खींच लिया.

थोड़ी देर बाद मैंने दोबारा से अपना हाथ दीदी के मम्मे के ऊपर रखा और धीरे धीरे मम्मे को सहलाने लगा.

मैं दीदी से चिपक गया और अपना लंड उनके दोनों चूतड़ों के बीच में खड़ा कर दिया.
मैंने महसूस किया कि दीदी के निप्पल कड़े हो रहे थे.

उनके एक निप्पल को मैंने अपने अंगूठे और उंगली के बीच में ले लिया और धीरे-धीरे मींजने लगा.
आआह … मस्त मजा आ रहा था.

अब मैंने अपना हाथ दीदी के पेट पर रखा और एक उंगली को धीरे धीरे दीदी की नाभि पर 2-3 बार घुमाया.
उनके पेट पर थिरकन हुई.
पर उन्होंने जब कुछ नहीं कहा तो मैंने उनकी शर्ट को थोड़ा ऊपर सरका दिया.

ऊओह … कितना नर्म और कितना चिकना था दीदी का बदन.
मेरी हालत खराब होने लगी.

मैंने अपना हाथ शर्ट के अन्दर डाल दिया और धीरे धीरे हाथ मम्मों के पास ले गया.
जब मेरा हाथ उनके मम्मों के पास पहुंचा, तो मुझे 440 वॉल्ट का झटका लगा.

दीदी ने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी.
इसका क्या मतलब हो सकता है!

मुझे विश्वास हो गया कि हो ना हो, दीदी भी आज चुदने के लिए तैयार हैं.

मैंने एक एक करके शर्ट के बाकी के तीन बटनों को भी खोल दिया और दीदी के दोनों दूध बाहर निकल आए.

मैं पागल हो गया और उनके दोनों मम्मों को सहलाने लगा; कभी एक मम्मा तो कभी दूसरा मम्मा.

फिर मैंने थोड़ा जोर से दबाना शुरू किया.
अब मैं थोड़ा ऊपर को हुआ और एक निप्पल अपने मुँह में भर लिया.
आअहह ओह … मैं बता नहीं सकता कि कितना मजा आ रहा था.

मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था कि कहीं दीदी उठ गईं तो तो क्या होगा.
लेकिन सच बताऊं … तो इस तरह चुप-चुप कर प्यार करने में बहुत मजा भी आ रहा था.

मैंने महसूस किया कि दीदी की सांसें तेज-तेज चलने लगी थीं और दोनों दूध तेज़ी से ऊपर नीचे होने लगे थे.

एक बार फिर से मैंने दीदी को आवाज देकर चैक किया.
तो दीदी ने नींद में ही धीरे से ‘हम्म’ कहा और दोबारा सो गईं.

मुझे समझ में आ गया था कि दीदी जाग रही थीं पर वे यह नहीं दिखाना चाहती थीं कि वे जानबूझ कर चुदवा रही हैं, बल्कि मैं उनकी नींद का फायदा उठा रहा हूँ.
इस सबसे मुझे क्या … दीदी आंखें खोल कर चुदें या आंखें बंद करके, मुझे तो बस दीदी को चोदना था.

इसी लिए मैंने इस खेल को ऐसे ही बनाए रखने का फ़ैसला किया.
मैंने अपना दूसरा हाथ दीदी की कमर के नीचे डाला तो दीदी खुद थोड़ा ऊपर हो गईं ताकि मेरा हाथ उनकी कमर के नीचे से चला जाए.

ऐसा ही हुआ.

मैंने अपना हाथ कमर के नीचे से ले जाकर दीदी का एक दूध पकड़ लिया और धीरे धीरे से मींजने लगा.
दूसरा हाथ मैंने दीदी की स्कर्ट के ऊपर से उनके चूतड़ के ऊपर रखा और हथेली को उनके चूतड़ों के ऊपर गोल गोल घुमाने लगा.

हालांकि मेरा दिल तो कर रहा था कि दीदी की स्कर्ट ही फाड़ दूँ पर ऐसा करने की कोई जरूरत ही नहीं थी.

थोड़ी देर ऐसा करने के बाद मैंने हाथ को स्कर्ट के अन्दर डाल दिया.
हाथ डालते ही मुझे और भी जोरदार झटका लगा जब मैंने महसूस किया कि दीदी ने पैंटी भी नहीं पहनी थी.

अब तो मुझे पूरा यकीन हो गया कि दीदी चुदने के लिए हर तरह से तैयार हैं.

यह सोचते ही मेरा जोश और भी बढ़ गया और मैंने दीदी के स्कर्ट का हुक खोल दिया.
स्कर्ट ढीली हुई तो धीरे धीरे स्कर्ट को नीचे खींचने लगा.

लेकिन स्कर्ट दीदी के चूतड़ों के नीचे दबी हुई थी.
तो एक साइड से तो नीचे हो गई लेकिन दूसरी साइड से वह उतर नहीं पा रही थी.

मुझे पता था कि दीदी जाग रही हैं.
मैंने स्कर्ट को एक साइड से चूतड़ों के नीचे तक खींच दिया और दीदी को अपनी तरफ घुमा लिया.

दीदी एकदम आसानी से मेरी तरफ घूम गईं. उससे दूसरी तरफ से स्कर्ट उतरना आसान हो गया और मैंने स्कर्ट को पूरा उतार दिया.
अब दीदी नीचे से पूरी नंगी थीं.

मैं एकदम पागल हो गया और उठ कर बैठ गया.
मैं बिंदास दीदी को टांगों को सहलाने लगा.

दीदी भी बहुत बेचैन हो रही थीं लेकिन वे अपनी आंखें नहीं खोल रही थीं.
मुझे दीदी की इस अदा पर बड़ा प्यार आया.

मैंने दीदी के दोनों मम्मों को अपने मुँह में लेकर चूसना और दातों से काटना शुरू कर दिया.

मैं एक मम्मे को चूसता और दूसरे को अपनी मुट्ठी में भर कर बेरहमी से भींचता, तो कभी दूसरे को मुँह में लेकर चूसता … और पहले वाले को अपनी मुट्ठी में भींचने लगता.

दीदी के मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.
लेकिन वे अभी भी नींद में होने का दिखावा करती रहीं.

मैंने दीदी की शर्ट को भी पूरा निकाल दिया.
अब दीदी मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थीं.

दोस्तो, आप लोगों को मेरी हालत का अंदाजा नहीं है. मेरा पागलपन और भी बढ़ गया था.

मैंने झटके से अपनी पैंटी और शर्ट को उतार दिया और पूरा नंगा हो गया.

दीदी मेरे सामने पीठ के बल लेटी हुई थीं.
मैं दीदी के ऊपर पूरा लेट गया और अपने होंठों को दीदी के होंठों के ऊपर रख कर धीरे धीरे चूसने लगा.

थोड़ी देर में दीदी ने अपना मुँह खोल दिया और मैंने अपनी जीभ झट से दीदी के मुँह में डाल दी.
मैं दीदी की जीभ को चूसने लगा.

आआ … अहह मुझे लग रहा था, जैसे मैं जन्नत में विचरण कर रहा हूँ.

कुछ देर बाद दीदी ने भी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और वे मेरी जीभ को चूसने लगीं.
मेरा लंड दीदी की चूत के एकदम ऊपर था.

मैंने वैसे ही लेटे लेटे ही हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए.
दीदी ने अपनी दोनों टांगों को खोल दिया और मैं दीदी की टांगों के बीच में आ गया.

उन्होंने नींद में होने का दिखावा करते हुए अपना हाथ नीचे ले जाकर मेरे लौड़े को पकड़ लिया और हल्के हाथ से सहलाने लगीं.

ओह माय गॉड … इसका मतलब दीदी सच में जागी हुई थीं.
अब तो मैं बिल्कुल बिंदास हो गया.

मैं बैठ गया और दीदी के मम्मों को बेरहमी से मसलने लगा.
अपने एक हाथ से मैं दीदी की चूत को सहलाने लगा.

दीदी भी पागल होने लगीं और अपनी कमर को ऊपर नीचे चलाने लगीं.
मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड फट जाएगा.

मैंने दीदी के मम्मों को छोड़ा और दोनों टांगों के बीच बैठ गया.
अब मैंने अपने मुँह को दीदी की चूत के ऊपर रख दिया और चूत को चूसने लगा.

दीदी जोर जोर से ‘उम्म् आअहह उम्ह आअ हह उम्मह आअहह’ करने लगी.
लेकिन उन्होंने नींद में होने का नाटक जारी रखा.

मैंने अपनी जीभ दीदी की चूत की अन्दर डाल दी और जोर जोर से जीभ को चूत के अन्दर चलाने लगा.
अब दीदी भी पागल हो गईं, उन्होंने अपनी टांगों को मोड़ कर मेरे सिर को जकड़ लिया.

थोड़ी देर बाद मैं दीदी के ऊपर 69 वाली पोजीशन में लेट गया और अपने लंड को दीदी के होंठों के ऊपर रख कर चूत को जोर-जोर से चाटने लगा.

दीदी और भी बेकरार हो गईं, उन्होंने अपना मुँह खोला और लंड को अन्दर ले लिया और नींद में होने का नाटक करती हुई लौड़े को धीरे धीरे चूसने लगीं.

मैंने दीदी के मुँह में धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए.
वे पागलों की तरह मेरे लंड को ऐसे चूसने लगीं, खाने लगीं जैसे कोई छोटा बच्चा लॉलीपॉप को चूसता है.

आआहह ओह इस्स … कितना मजा आ रहा था.
मैं भी दीदी की चूत को पागलों की तरह चाटने लगा, अपनी जीभ से चोदने लगा.

दीदी बेतहाशा सिसकार रही थीं और मेरे लंड को जोर-जोर से खा रही थीं, जिसकी वजह से उनके मुँह से ‘छप-चप’ की आवाज़ें निकलने लगीं.
वे अब नीचे से अपनी कमर से धक्के लगा रही थीं और मेरी जीभ को अन्दर तक ले रही थीं.

थोड़ी देर में मैंने महसूस किया कि दीदी का पूरा बदन अकड़ गया और दीदी की चूत ने पानी छोड़ दिया.
मैं दीदी की चूत का पूरा पानी पी गया.

दीदी शांत हो गईं.
मैं उठा और दोबारा से दीदी की टांगों के बीच में आ गया.

मैंने अपने लंड को दीदी की चूत के ऊपर सैट किया और अन्दर धकेल दिया.

दीदी की चूत गीली होने के जैसे ही लंड फ़च्छ … की आवाज़ करता हुआ चूत में घुसता चला गया.
उनकी एक कराह भरी आह निकल गई और वे अपना मुँह भींच कर दर्द को सहने लगीं.

मैं पागलों की तरह दीदी को चोदने लगा.

कुछ ही देर बाद दीदी ने भी अपने दोनों हाथ की हथेलियों को मेरे चूतड़ों के ऊपर रख दिया और मेरे चूतड़ों को सहलाने लगीं.
मेरे अन्दर वासना का लावा उबलने लगा.

दीदी के हाथों के स्पर्श अपने चूतड़ों के ऊपर महसूस करके मेरे लंड में और भी मस्ती आ गयी.

लंड दीदी की चूत के अन्दर और भी फूलने लगा.

मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी.
दीदी भी अपनी कमर को ऊपर चलाने लगीं.

लंड चूत के अन्दर जाने से ‘फ़च-फ़च’ की आवाज़ आने लगी और हम दोनों और भी मदहोश हो गए.

दीदी ने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों चूतड़ों को जकड़ लिया और मेरे पूरे लंड को अपनी चूत के अन्दर तक लेने लगीं.

मैं फिर से दीदी के ऊपर लेट गया और दीदी के मुँह के ऊपर अपना मुँह रख कर अपनी जीभ से दीदी की जीभ को चूसने लगा, चुभलाने लगा.
दीदी भी वैसा ही कर रही थीं.

कभी मैं अपनी जीभ दीदी के मुँह में डाल देता और कभी दीदी अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल देतीं.

मैंने अपने दोनों हाथों से दीदी के मम्मों को बुरी तरह से और बेरहमी से कुचलना, मसलना और भींचना चालू कर दिया.

मैं दीदी के मम्मों को बुरी तरह से अपने मुँह से काटने भी लगा था.
दीदी नींद में ही बड़बड़ाने लगीं- आआह आहह ओह इस्स आअह यस बेबी यस बेबी … प्लीज़ प्लीज़, आह ओह माय गॉड … फक मी हार्डर आह. फक मय आस टू!

यह सुनकर तो मैं पागल हो गया कि दीदी गांड मरवाने के लिए भी राजी हैं.
मैं जोश में ताबड़तोड़ दीदी को चोदने लगा.

हॉट Xxx विद कजिन सिस्टर करते हुए मेरा पानी निकलने ही वाला था.
मैंने दीदी को पलटा कर पेट के बल कर दिया झट से दीदी की कमर के नीचे एक तकिया रख दिया.

तकिए की वजह से दीदी की गांड पूरी उठ गयी.
मैंने एक झटके से अपना लंड दीदी के पीछे वाला छेद में पेल दिया.

दीदी के मुँह सी हल्की सी चीख निकल गयी पर उन्होंने नींद में होने की एक्टिंग जारी रखी.

शायद दीदी अपनी गांड में कुछ कुछ लेती रहती थीं इसलिए उन्होंने मेरे मोटे लंड को अपनी गांड में आसानी से झेल लिया था.

मैंने दो मिनट वेट करने के बाद धीरे-धीरे से धक्के लगाने शुरू कर दिए.

दीदी का दर्द कम हो गया था और वे भी अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगी थीं.
उनकी इस अदा पर मैं मतवाला हो गया और बेझिझक दीदी की गांड मारने लगा.

जब भी दीदी की गांड के अन्दर झटका लगाता, मेरी जांघें दीदी की जांघों से टकरातीं और ‘फॅट-फॅट’ की आवाज़ें आने लगतीं.

वे कामुक आवाजें हम दोनों को और भी पागल बना देने के लिए काफ़ी थीं.
मैंने अपने धक्कों को स्पीड बढ़ा दी और ‘घचा-घच’ दीदी को चोदने लगा.

दीदी ने अपनी गांड को ऊपर उठा कर वहीं पर रोक लिया जिससे मेरा लंड दीदी की गांड के एकदम अन्दर आ जा रहा था.
बस अब मुझे लगा कि मेरा काम निकलने वाला है, कुछ धक्कों की बात है.

मैं पूरी ताकत से राजधानी एक्सप्रेस की स्पीड से धक्के लगाने लगा.
मेरी सांस फूलने लगी, पूरे बदन से पसीना छलकने लगा.

मैंने आंख बंद करके ताबड़तोड़ दीदी को चोदना चालू रखा.

करीब 5 मिनट के बाद मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी और मैंने अपना सारा रस दीदी की गांड के अन्दर ही छोड़ दिया.

मैंने दोबारा दीदी को अपनी तरफ घुमाया और उनके ऊपर लेट कर हांफने लगा.

दीदी ने अपनी दोनों टांगों को मोड़ कर मुझे अपनी टांगों में कस लिया और वे नींद में होने का नाटक करती हुई मेरी पीठ सहलाने लगीं.

पूरा पानी निकल जाने के बाद मैंने दीदी के होंठों को चूमा और कहा- दीदी, मुझे पता है आप जाग रही हो … है ना!
दीदी ने धीरे से अपनी आंखें खोलीं और मुस्कुरा दीं.

फिर हम दोनों एक दूसरे को देखते हुए हंसने लगे और वापिस एक दूसरे से लिपट गए.
हम दोनों दूसरे दौर की तैयारी में लग गए.

तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी ये हॉट Xxx विद कजिन सिस्टर कहानी?
यदि आपके लंड चूत से पानी निकला हो तो मुझे जरूर बताएं.
मेरी ईमेल आईडी है
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