भानजे को लगाया चूत का भोग

(Xxx Mami Fuck Kahani)

Xxx मामी फक कहानी में नए लंड की तलाश में मैंने अपनी ननद के बेटे से दोस्ती की. वह 19 साल का है. वह हमारे घर रहने आया तो मैंने पहल की और उसके सामने कपड़े बदलने लगी.

यह कहानी सुनें.

अंजलि शर्मा यानि आप सबकी रण्डी अंजू भाभी का प्यार भरा नमस्कार!
कैसे हैं आप सब?
आशा करती हूं, खुश खुशहाल होंगे और अन्तर्वासना पर कहानियां पढ़ते होंगे।
साथ ही साथ अपनी सेक्स लाइफ एंजॉय कर रहे होंगे।

पिछली स्टोरी
ड्राईवर सरदार और मॉम के साथ थ्रीसम मायके में
को आप सब ने बेहद सराहा और प्यार दिया, जिसका वर्णन मैं शब्दों नहीं कर सकती।
आप सबका आभार!
जिन लोगों ने मुझे मेल किए, खास कर उनको मैं तहे दिल और चूत से धन्यवाद देती हूं।
मैं सब को रिप्लाई देने की कोशिश जरूर करूंगी।

आप सबने मुझे जो प्यार दिया इससे मैं किसी पहचान की मोहताज नहीं रही, ऐसा मुझे लगता है।
इसलिए बिना इंट्रो दिए हम सीधा मेरी सेक्स एक्सप्रैस की अगले मुकाम पर बढ़ते हैं।

जो लोग नए है, मैं उन्हें रिक्वेस्ट करती हूं कि मेरी बाकी सारी कहानियां आप पढ़ें और मुझे प्यार दें।

आप मेरे ननदोई जी वाली कहानियां https://www.antarvasna3.com/jija-sali/porn-jija-fuck-kahani/पढ़ चुके होंगे कि कैसे उन्होंने मुझे चोदा।

आज उन्हीं के बेटे से कैसे मैं चुदी … यह आप पढ़ेंगे इस Xxx मामी फक कहानी में!

मैं एक बहुत ही छंटी हुई रांड हूं, जिसको कोई भी लन्ड मिले, लेने को तैयार रहती।
और उसके लिए किसी भी हद तक मैं जा सकती हूं।

मेरी ननद का बेटा यानी मेरा भानजा सोनू छुट्टियों में घर आया।
उसने हाल ही में बारहवीं कक्षा के एग्जाम दिए थे।

तो वह लगभग दो महीनों के लिए हमारे यहां आ गया।
मैं उसे पहले से ही पसंद करती थी।

एकदम कवला और प्यारा लड़का है सोनू!
5 फीट दो इंच हाइट और ठीक ठाक बॉडी उसके सांवले रंग पर भाती।

वैसे हम पहले से ही घुल मिल गए थे।

हम व्हाट्स एप पे कनेक्ट थे, तो हमारी हल्की फुल्की बातें होती रहती।
ब मैं मेरा पिक स्टोरी पर डालती तो सोनू प्यारी प्यारी कॉमेंट्स और लव इमोजी मुझे भेजता।

अब वह आया तो मैंने सोच लिया कि अब दो महीनों के लिए बाहर मुंह मारने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आसानी से इस लड़के को फंसा सकती हूं, ये जानती थी मैं!

दिन में घर पर मैं और सास ससुर ही रहते!
तो हम दोनों ही दिन भर टीवी, मोबाइल खेलते।

अब मैं सोनू पर अपने जलवे बिखेरने लगी।
हर सुबह वह लेट उठता तो मैं उसे उठाने जाती और चाय नाश्ता का प्रबंध करती।

धीरे धीरे मैं अपने प्लान में कामयाब होने लगी।
सोनू मुझसे चिपकने लगा।
मैं भी उसके सामने खुला बर्ताव करने लगी।

अब दोपहर को वह मेरे कमरे में आता और हम गेम्स खेलते और टाइम पास करते।

मैं उसके सामने साड़ी बदलती और उसे अपना बदन दिखाती।
वह भी मुझपर लट्टू था, आंखें फाड़ फाड़ कर वह मेरे बदन को निहारता।

मौका सही था तो मैंने पहल करनी सोची।

एक दोपहर को मैं नहाने गई तब सोनू बाहर मेरे बेड पर मोबाइल फोन पर लगा हुआ था।

मैंने उसे आवाज देकर अंदर बुलाया।

तब मैं अपनी साड़ी उतार कर पेटीकोट और ब्रा में थी।
सोनू भी मुझ पर फिदा था।

अंदर आकर उसने दरवाजा बंद किया और मुझे आंखें भर कर देखने लगा।

मैंने चुटकी बजाकर उसे जगाया और मैं हंसने लगी।
मैंने कहा- बेटा, मेरी पीठ पे साबुन लगाओ ना!
कहकर मैं बैठ गई और मैंने मग से पानी अपनी पीठ पर डाला जिससे मेरा ब्रा और पेटीकोट भीग गए।

इतना बड़ा मौका देख सोनू ने जल्द ही साबुन लिया और मेरी नंगी चमचमाती पीठ पर साबुन घिसने लगा।

“मामी, आपकी ब्रा हटाइए ना, साबुन लगाने में तकलीफ हो रही है।” सोनू ने कहा।
“अच्छा … मामी को नंगी देखना चाहता है मेरा सोनू!” मैंने कहा।

“मामी, मैं आपको बहुत चाहता हूं। आप भी जानती हो. मगर मैं शर्म के मारे चुप था।” सोनू बोला।
मैं- अच्छा तो और क्या क्या छुपा रखा है शर्म के मारे? आज मेरे बाथरूम में सब शर्म छोड़ कर मुझे बता?
सोनू- मामी, मतलब बेशर्म हो जायें।
मैं- बिल्कुल … मामी बेशर्म … सोनू भी बेशर्म!

सोनू- मामी, मुझे आपकी चूची, आपकी नाभि, आपके चूतड़ बहुत हॉट लगते हैं। मैं आपको नंगी करके प्यार करना चाहता हूं।
मैं- और कुछ? बस इतना ही?

सोनू- मामी, मुझे आपकी चूत और गांड देखनी है।
मैं- बस देखनी है?
सोनू- नहीं, मुझे आपकी चूत और गांड मारनी भी है। बिल्कुल आपका पति बनकर! आजतक मैंने आपकी पिक देख देख कर मुठ मारी है, आज मेरा सपना पूरा होने जा रहा है।
मैं- मतलब छोकरा जवान हो गया।
और मैं हंसने लगी।

फिर क्या था … सोनू ने मुझे खड़ी किया और अपने हाथ से मेरी पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और आकर सीधा मुझसे लिपट गया।
मुझे प्यार भरी झप्पी देने के बाद अब उसने मेरी ब्रा को खोला, मेरे मोटे संतरे सामने देख उसने सीधा मुंह में डालकर मेरे बोबे चूसने लगा।

बिल्कुल अठारह साल का लौंडा मुझसे लिपटा तो मेरी भी हालत खराब हो गई।
मेरी चूत गीली हो गई।

अब मैंने अपने हाथ से पैंटी को खींच कर उतार फैंका.
मैं मेरे भानजे के सामने नंग धड़ंग खड़ी हुई और पीछे हट कर मैंने मेरा पूरा बदन सोनू को दिखाया।
पहले चूत और फिर मुड़ कर अपने तरबूज दिखाए।
सोनू एकदम सपने में था।

मैंने आगे बढ़कर सोनू का बनियान उतारा.
सोनू की चिकनी छाती पर हाथ फेरते हुए मैंने अब उसके शॉर्ट में हाथ डाला।

अंडरवियर से होते हुए मेरा हाथ उसके लन्ड तक पहुंच गया।
उसका लन्ड कड़क हुआ था.
आज तक मैंने जितने भी लन्ड लिए थे, उनमें ये सबसे छोटा था।

मगर मुझे क्या … मुझे तो सिर्फ मज़ा चाहिए होता है.
और फैंटेसी के आगे ‘साइज डज नॉट मैटर्स’ यह अंजू का तजुर्बा कहता है।

अब मैंने सोनू को पकड़ कर सीधा उसके होंठ से होंठ मिला दिए।
वह तो ठीक से किस करना जानता भी नहीं था।

मैं एकदम गर्म हो चुकी थी।
मैंने उसके मुंह में अपनी जीभ लगाकर उसे प्यार दिया।

सोनू तो एकदम उत्तेजित हो कर मेरा साथ देने लगा।

मैं उसके बालों को सहला कर उसे और ज्यादा मस्त करने लगी।

फिर मैंने सोनू का अंडरवियर और शॉर्ट नीचे करके उसे नंगा कर दिया।

उसके लन्ड के आसपास कच्ची झांटें उगी हुई थी।

उत्तेजना से सोनू के लन्ड में से प्रीकम निकल रहा था।
मैंने नीचे बैठकर उसके प्रिकम का टेस्ट किया।

मुझे पता था कि मैं उसे ब्लोजॉब दूंगी तो वो झट से ढेर हो जायेगा।
इसलिए मैं जल्द से पलटकर कुतिया बन गई।

सोनू को इशारा किया तो वह पीछे से मुझ पर चढ़ गया।
मैंने हाथ पीछे करके उसका लन्ड को पकड़ मेरी चूत में डाल लिया।

सोनू इससे पहले सेक्स कर चुका था तो उसने अब झटके देने शुरू किये।

छोटा ही सही … पर मुझे एक नया लन्ड मिला था.
तो मैं भी मजे लेकर ठुकवाने में लगी।

आखिर सोनू पांच मिनट भी टिक नहीं पाया और ‘आ आ आ आ मामी … आई लव यू’ करते हुए झड़ गया।
मैं पलट कर बाथरूम में ही लेट गई।

चुदाई से ज्यादा मैं नीचे की फर्श की ठंडक से ठंडी पड़ गई।
और सोनू को इशारा करके मैंने उसे अपने ऊपर लिटा लिया।

अब मैं उसे खूब चूमने लगी।
बिल्कुल बालक की तरह मैं उसे प्यार करने लगी।
सोनू भी मुझे बेतहाशा किस करता रहा।

मैं शरारत करते हुए सोनू की गांड पर हाथ फेरने लगी और थपकियां मारने लगी।
इधर सोनू किस करते हुए मेरे दोनों चूचे मसल रहा था।

अब सोनू फिर से गर्म होने लगा जिस कारण उसका लन्ड टाइट हो गया।
उसका लन्ड मुझे मेरी जांघों में महसूस हो रहा था।

फिर मुझे एक आइडिया आया।
मैंने सोनू से कहा- 69 करें मेरे राजकुमार?

सोनू ने झट से हां कर दी और उठकर मेरे ऊपर उल्टा लेट गया।

अब सोनू का लन्ड मैंने मुंह में भर लिया और सोनू मेरे क्लिट में मुंह घुसाने लगा।
मेरी चूत के हल्के हल्के बालों को चाटते हुए अब सोनू सीधा मेरी चूत में पहुंचा।
सोनू मेरे चूतड़ों को मसल मसल कर मेरी चूत पीने लगा।

मैंने सोनू का लन्ड अपनी थूक से सना दिया और उसके टट्टे हाथ से मसलने लगी।
69 करते हुए हम दोनों को बहुत मजा आने लगा।

मैंने सोनू से पूछा- कैसा लग रहा है मेरे राजकुमार? मजा आ रहा है न मामी की चूत पीने में?
“हां मामी, आप बहुत ज्यादा मादक है। आपकी चूत चाट के तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है।” सोनू ने जवाब देकर अपना काम जारी रखा।

बाथरूम का वातावरण मनमोहक और गर्म हो चुका था।
हम दोनों एक एक बार झड़ चुके थे तो इस बार का राउंड लंबा चलने वाला था।

इसलिए मैंने सोनू को अपने ऊपर से उतारा।
हम बिल्कुल गीले हो गए थे।

तौलिये से बदन पौंछ कर मैं नंगी ही बाहर रूम में आ गई।
सोनू भी पीछे पीछे आकर मुझसे लिपट गया।

अब मैं सीधी लेट गई और सोनू को अपने ऊपर सवारी करने को कहा।
सोनू जल्द ही मुझ पर चढ़ गया और मेरे दूध दबाने लगा।

मैंने सोनू का लन्ड अपनी चूत पर सेट किया तो उसने एक धक्का देकर लन्ड मेरी मुनिया में उतार दिया।

“जोर लगा मेरे बच्चे, अपनी मामी को आज शांत कर दे।” बोल कर मैंने सोनू को उकसाया।
“ओ मामी, क्या माल हो आप! मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं।” कहते हुए सोनू तेज रफ्तार में झटके लगाने लगा।

सोनू ने किस करते हुए अब अपना मुंह सीधा मेरी बगल में घुसा दिया और मेरी बगल चाटने लगा।
मैं उत्तेजित हो गई और गांड़ उचका उचकाकर इस बच्चे का लौड़ा अंदर लेने लगी।

सोनू मेरी बगल को चाटते चाटते दांतों से काटने लगा।
लेकिन Xxx मामी फक उसके लन्ड की ठोकर एक के बाद एक जारी थी।
वह बिल्कुल अपने बाप पर यानि मेरे ननदोई जी पर गया था।
वे भी मुझे ऐसे ही ठोकते थे।

आखिर तेज झटकों के साथ कराहता हुआ सोनू मेरी चूत में ही झड़ गया।
उत्तेजना में मैं कंडोम लगाना भूल गई थी।

मगर मैं गोली साथ रखती हूं जिससे कोई टेंशन नहीं थी।

आज बहुत दिनों बाद मैंने किसी गैर मर्द का पानी अपनी चूत में लिया था।
मेरी चूत हमारे दोनों के स्पर्म से लबालब भर गई।

मैं वासना में सराबोर हो गई, अपनी उंगली चूत में डाल कर मैं हम दोनों का मिलन रस चाट गई।
सोनू यह देख कर हंस पड़ा।

“मामी, कितनी छीनाल हो न आप … मैं तो हैरान हूं।” उसने कहा।
“देख बेटा, जवानी है तब तक ही रवानी है। फिर तो बुढ़ापे में भजन करना ही है। तो क्यों न जवानी का आनंद उठाया जाए!” मैंने उसे जवाब दिया।

सोनू- मामी, काश आप मेरी बीवी होती! तो मैं आपको बहुत प्यार करता!
मैं- अगर मैं तुम्हारी ये विश पूरी कर दूँ तो?
सोनू- अरे मामी, आप फिर जान मांग लो, सर कटवा कर आपके पैरों में डाल दूंगा।

मैं- अरे नहीं मेरे बेटे, मुझे तो सिर्फ प्यार और मजा चाहिए बस!
सोनू- हां मामी, मैं पूरी कोशिश करूंगा। मगर ये कैसे होगा? आप मेरी बीवी कैसे बनोगी? बताइए ना?
मैं- सब होगा मेरा राजा बेटा, तेरी मामी हैं ही इतनी चुदक्कड रांड जो कुछ भी कर सकती हैं।

अब मैं सोनू की बीवी कैसे बनी और हमने क्या क्या गुल खिलाए, इसकी चुदाई लीला मैं आपको अगली कड़ी में सुनाऊंगी।
तो तब तक मेरे सभी अंतर्वासना पाठकों को अंजू भाभी की तरफ से विदा।
मिलते हैं जल्द ही!

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