पड़ोसन चाची प्रिया जैन की चुत चुदाई का मजा

(Padosan Chachi Priya Jain Ki Chut Chidai Ka Maja)

मेरा नाम प्रवीण है, मैं जयपुर से हूँ। मैं अभी बी.एस.सी के फ़ाइनल ईअर का स्टूडेंट हूँ। ये बात दो माह पहले की है.. हमारे घर के सामने एक जैन परिवार रहता है.. उसमें जो अंकल हैं, वो मेरे पापा के घनिष्ठ मित्र हैं, उनकी एक 7 साल की बेटी है और उनकी पत्नी प्रिया हैं।

प्रिया आंटी को मैं चाची कह कर बुलाता हूँ। प्रिया चाची की उम्र 33 साल की है वो भी हमारे ही कॉलेज से एमए कर रही हैं।

प्रिया चाची देखने में बहुत ही सेक्सी हैं, उनका फ़िगर 40-36-40 का है, वो हमेशा साड़ी ही पहनती हैं। वो साड़ी भी ऐसे पहनती हैं कि पीछे से उनकी ठुमकती हुई कमर बड़ी कामुक दिखती है। चाची की गांड भी इतनी मस्त है कि एक बार छूकर देखने का दिल करता है।

मैं उनके बड़े-बड़े चूचे हमेशा ही सेक्सी निगाहों से देखा करता हूँ।

वो जब कपड़े सुखाने आती हैं तो अपनी साड़ी के पल्लू को हटा करके अपनी कमर में खौंस लेती हैं, जिससे उनके बड़े-बड़े मम्मे ब्लाउज के अन्दर से साफ़ दिखाई देते हैं। वो जब भी नहा कर आती हैं तो बालकनी में अपने बाल सुखाती हैं। उनके गीले बदन में से उनकी चूचियां बहुत ही मस्त लगती हैं।

मैं किसी भी काम से उनके घर जाता हूँ तो मेरी नजर उनके मम्मों पर ही टिकी रहती है। लेकिन वो इतना ध्यान नहीं देतीं कि मैं उनके मम्मों को देख रहा हूँ।

उस दिन होली का दिन था.. चाची और उनकी बेटी निशा ने मुझे अपने घर बुलाया और मुझ पर उनकी बेटी ने पानी गिरा दिया और मुझे रंग लगाने के लिए जिद करने लगी।

जब मैंने मना किया तो चाची ने कहा- बच्ची का दिल रखने के लिए थोड़ा लगवा लो।
मैंने कहा- नहीं चाची.. मैं नहा कर आया हूँ.. मैं अब रंग नहीं लगवाऊँगा।
तब निशा ने कहा- मम्मी आप भैया को पकड़ो.. मैं रंग लगा देती हूँ।

फिर चाची ने मुझे पीछे से पकड़ लिया, जिससे उनके चूचे मेरी पीठ पर लगने लगे थे।
जिन्दगी में पहली बार कोई औरत मेरे इतना करीब थी, मेरी हालत खराब हो रही थी।

चाची के चूचे मेरी पीठ से रगड़ रहे थे और निशा मुझे रंग लगा रही थी। रंग से बचने के लिए झुकने के कारण मेरी गांड चाची की चुत से चिपकी हुई थी। जब निशा ने रंग लगा दिया.. तब उसने कहा- मम्मी अब आप भी भैया को रंग लगा लो!

इस बार मैंने आना-कानी नहीं की।

चाची ने मुझसे कहा- देख ज्यादा मना करेगा तो गलती से आँख में भी रंग जा सकता है।

मुझे मजा आ गया.. आंटी ने मेरे चेहरे पर रंग लगाया.. फिर मेरे हाथ पर रंग लगाने लगीं। उस दिन मैंने निक्कर पहनी थी। चाची मेरी टांगों में भी रंग लगाने लगीं.. तो मैंने मना कर दिया, पर आंटी ने जबरदस्ती रंग लगा दिया।

फिर उन्होंने कहा- तू अपनी शर्ट ऊपर कर!
मैंने कहा- देखो चाची जी आप लगा तो रही हैं.. पर इसके बाद मैं भी लगाऊँगा!
इस पर चाची ने बिंदास कहा- ठीक आज तू भी लगा लेना।

उन्होंने मुझे मेरे चेहरे पर खूब रंग लगाया और मैं भी उनके मुलायम हाथों का स्पर्श महसूस करता रहा। इसके बाद जब मेरी बारी आई तो चाची ने मना कर दिया और अपने कमरे में भाग कर गेट बन्द कर लिया।

मैंने बहुत कहा कि चाची यह बात गलत है.. आपने मुझे रंग लगा दिया और मेरी बारी आई.. तो आप मना कर रही हैं।
लेकिन चाची ने दरवाजा नहीं खोला।

दो घंटे बाद चाची के भाई अपनी पत्नी के साथ आए। वो होली खेलने आए थे, तो उन्होंने चाची को रंग लगाया और अंकल को भी रंग लगाया। थोड़ी देर बाद वो चले गए.. चाची ने दरवाज़ा खुला छोड़ दिया और रंग से सराबोर हो चुका अपने घर का आँगन धोने लगीं।

उसी वक्त मैं वहाँ चला गया.. मुझे देख कर वो अपने कमरे में भागने लगीं.. मैंने दौड़ कर उनको पीछे से उनका हाथ पकड़ कर खींच लिया। मेरा लंड उनकी गांड से टकरा गया.. मैंने उनको अपने हाथों की मजबूत पकड़ में उनको दबोचा और रंग लगाने लगा।

वो मुझसे छूटने का प्रयास कर रही थीं और मैं उनके चेहरे पर रंग लगा रहा था। इसी दौरान मेरा हाथ उनके मम्मों पर लग गया। उनके चूचे इतने मुलायम थे कि मेरा लंड एकदम सख्त हो गया। इससे पहले मैंने कभी किसी के मम्मों को टच नहीं किया था।

उनको रंग लगाने के बाद मैं अपने घर चला गया। जब मैं नहा रहा था तो मेरे ख्यालों में सिर्फ चाची ही आ रही थीं।

मैंने बाथरूम में मुठ मार कर अपनी ठरक शांत की।

फिर एक दिन अंकल ने मेरे पापा से कहा- मेरे मामा जी की मृत्यु हो गई है और मुझको जैसेलमेर जाना है। निशा के एग्जाम हैं इसलिए मैं अकेला ही जा रहा हूँ.. आप लोग प्रिया और नेहा का ध्यान रखना, मैं दो दिन में आ जाऊँगा।
यह बात मेरी मम्मी ने मुझे बताई- अंकल दो दिन के लिए बाहर गए हैं, तो तुझे आज रात निशा और प्रिया जी के घर पर ही रहना है।

यह सुनकर मुझे मजा आ गया, मैंने सोचा कि आज चाची को जी भर कर देखूँगा।

मैं खाना खाकर चाची के घर सोने चला गया। उनके घर में 2 कमरे हैं चाची ने मुझसे कहा- तू हमारे पास ही सो जा।
मैंने कहा- ठीक है।

और मैं उनके पास उसी बिस्तर पर ही सो गया। रात को मैं जब पानी पीने को उठा तो देखा कि चाची के सारे का पल्लू नीचे गिरा हुआ था.. उनके ब्लाउज के दो बटन भी खुले हुए थे। उन्होंने काले रंग की ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें से उनके मम्मे बहुत ही बड़े दिख रहे थे। उनका गोरा गोरा पेट भी साफ़ दिख रहा था।

मैं कुछ मिनट तक उनको देखता रहा। फिर अचानक उनकी नींद खुल गए, तब उन्होंने मुझसे पूछा- प्रवीण क्या कर रहे हो.. नींद नहीं आ रही है क्या?
मैं डर गया और कहा- नहीं चाची मैं तो पानी पीने को उठा था।

फिर मैं पानी पीकर वापस जाकर लेट गया। मुझे इसके बाद पूरी रात नींद नहीं आई.. मैं बस चाची के बारे में ही सोचता रहा था।

सुबह जब मैं उठा तब तक निशा स्कूल जा चुकी थी और चाची अपना काम कर रही थीं।
जब मैं उठा तो चाची ने कहा- प्रवीण में तेरे लिए चाय बना देती हूँ।

जब चाची चाय बना कर लाईं, तब मैं अखबार पढ़ रहा था। उस दिन शनिवार था.. इसलिए रंगीन अखबार आया था, उसमें फिल्मी दुनिया की खबरें आती थीं।

आज के अखबार में मल्लिका शेरावत की सेक्सी फोटो छपी थी, मैं अभी देख ही रहा था कि चाची आ गईं और उन्होंने मुझसे पूछा- यह तेरी फेवरेट हीरोइन है क्या?
मैंने कहा- नहीं तो..

उन्होंने कहा- तूने इसकी मर्डर फिल्म देखी है क्या?
उनके ये पूछने पर मेरी हिम्मत जरा बढ़ गई, मैंने कहा- चाची आपने देखी है क्या?
तब उन्होंने कहा- हाँ तेरे अंकल और मैंने यह फिल्म सीडी पर देखी है।
मैंने कहा- चाची जी यह तो बहुत ही गंदी पिक्चर है.. इसमें बहुत ही गंदे-गंदे सीन हैं।

फिर आंटी ने कहा- प्रवीण तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
मैंने कहा- नहीं.. क्यों?
चाची ने मुस्कुरा कर कहा- तू गंदी पिक्चर की बात समझता है ना इसलिए पूछा।

मैंने कहा- मेरे एक दोस्त की गर्लफ्रेंड है और वो उसके साथ गलत-सलत काम भी करता है।
चाची ने कहा- गलत काम मतलब.. सेक्स करता है क्या?
मैंने कहा- हाँ..

तब उन्होंने कहा- तो यह कोई गलत काम थोड़ी है। अभी तूने किया नहीं है न इसलिए तू इसे गलत कह रहा है।
मैंने कहा- हाँ चाची मैंने आज तक किसी लड़की को टच भी नहीं किया है।

‘तो तेरा मन होता है क्या?’
‘हाँ चाची मेरा मन तो बहुत होता है कि किसी लड़की को किस करूँ।

चाची मुझे देख कर मुस्कुराने लगीं।

तब मैंने चाची से कहा- चाची आप मुझे बहुत ही अच्छी लगती हैं.. प्लीज़ क्या मैं आपको सिर्फ एक बार किस कर लूँ?
पहले तो चाची ने कहा- नहीं तुम तो मेरे बेटे जैसे हो.. यह काम गलत है, तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो, फिर उसके साथ किस विस करना।
मैंने कहा- चाची प्लीज़ सिर्फ एक बार किस करने दीजिए ना प्लीज़.. किसी को पता नहीं चलेगा।

पहले मना करने के बाद चाची ने कहा- देख किसी को बताना मत और सिर्फ एक बार ही किस करेगा ना!
मैंने कहा- हाँ ठीक है.. सिर्फ एक चूमा ही लूँगा।

उस समय चाची ने नीले रंग की साड़ी पहनी थी और साड़ी इतनी कसी हुई पहनी थी कि उनके चूचे और भी बड़े-बड़े दिख रहे थे।

चाची अपनी आँख बन्द करके मेरे पास बैठ गईं और उन्होंने कहा- देख तू कुछ शरारत नहीं करेगा और सिर्फ एक किस करेगा।

मैंने उनके होंठों पर किस करना शुरू किया.. उनके पूरे होंठों को मैंने अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगा।
चाची ने घुटी सी आवाज में कहा- ऊन्न.. बस अब बन्द कर दे!
मैंने कहा- चाची आज नहीं रुक सकता।

मैंने उनको चूमते हुए बिस्तर पर धक्का दे दिया। मैं उनके ऊपर चढ़ गया और मैंने उनके गाल पर किस करना शुरू कर दिया। थोड़ी देर तो चाची ने मना किया.. पर फिर वे एकदम शांत हो गईं। मैं उनको लगातार किस कर रहा था.. वो भी मेरी हरकतों का मजा ले रही थीं।

फिर मैंने उनकी साड़ी हटा दी, मेरे सामने ब्लाउज में उनके बड़े-बड़े चूचे फंसे दिख रहे थे। मैंने उनका ब्लाउज खोलना शुरू किया.. एक-एक करके मैंने सारे हुक खोल दिए।

अब वो सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में थीं। उनकी ब्रा को खोलने के बाद मैंने उनके मम्मों को जोर-जोर से दबाना शुरू कर दिया। वो छटपटा रही थीं क्योंकि उनको दर्द हो रहा था।

बाद में मैंने उनके पेट पर बहुत से किस किए और उनकी चूचियों को अपने मुँह में रख कर चूसने लगा। बाद में मैंने उनके पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया.. वो पिंक कलर की पेंटी में थीं। मैंने उनकी पेंटी भी खींच कर उतार दी। अब उनकी नंगी चुत मेरे सामने खुली थी, चाची की चुत पर थोड़े से बाल उगे हुए थे।

चाची ने अपने पैर फैला कर चुत खोल दी और मेरा मुँह अपनी नंगी चुत के ऊपर लगा दिया। मैं उनकी चुत को चूसने लगा.. चाची मचल रही थीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’

उनकी चुत की खुशबू भी बड़ी शानदार थी। थोड़ी देर चुत चूसने के बाद मैंने अपना लंड चाची की चुत में रगड़ना शुरू किया।
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चाची को मेरे मोटे लंड के कारण थोड़ा मजा आ रहा था.. पर वो कह रही थीं- जल्दी से पेल दे प्रवीण.. क्यों तड़फा रहा है।

मैंने चाची की कमर के नीचे तकिया लगाया और उन्होंने अपनी टांगें मेरे कंधों पर रख दीं।

अब में धीरे-धीरे उनकी चुत में मेरा लंड पेलने लगा। सुपारा फंसाने के बाद मैंने जल्दबाजी में एक तेज ठोकर मार दी, तो मेरा पूरा लंड उनकी गोरी चुत में घुस गया।

चाची इस हमले से चिल्ला उठीं- आआ.. ऊओह प्लीज़ प्रवीण थोड़ा धीरे-धीरे पेलो.. मैं मर जाऊँगी प्लीज़.. धीरे..

लेकिन मैं जोर-जोर से धक्के मारने लगा। उनकी आवाज लगातार निकल रही थी।

‘उम्म.. मार दिया तूने तो.. आआऊऊ..’

कुछ देर बाद उनको भी मजा आने लगा और वे मुझसे मस्ती से चुदवाने लगीं।

हम दोनों ने काफी देर तक चुदाई की.. बाद में मैंने अपना रस उनकी चुत में ही छोड़ दिया।

सेक्स करने के बाद चाची का मुँह एकदम लाल हो गया था.. उनकी आँखों में से आंसू निकल रहे थे।

मैंने उनको प्यार से किस किया और कहा- चाची आज तो आपने मुझे जीवन का सबसे बड़ा सुख दे दिया है।
चाची ने कहा- प्लीज़ किसी से इस बात के बारे में नहीं बताना।

फिर चाची ने अपने कपड़े उठाए और वे नहाने चली गईं।

मैं भी अपने घर चला आया और दूसरे दिन अंकल भी आ गए। उस दिन के बाद मैंने उनके साथ सेक्स करने के लिए उनसे कहा, पर चाची जी ने मना कर दिया। इसके बाद आज तक मैंने उनके साथ दुबारा सेक्स नहीं किया है।

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