पापा मम्मी की दूसरी सुहागरात -6
मम्मी की बातों को सुनकर मैं अचम्भे में पड़ गया कि हमेशा इतनी सभ्य और शालीनता से रहने वाली मेरी मम्मी आज फ़ूहड़ भाषा का इस्तेमाल कर रही थी पर शायद मज़े और उत्तेजना की लिए।
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मम्मी की बातों को सुनकर मैं अचम्भे में पड़ गया कि हमेशा इतनी सभ्य और शालीनता से रहने वाली मेरी मम्मी आज फ़ूहड़ भाषा का इस्तेमाल कर रही थी पर शायद मज़े और उत्तेजना की लिए।
धक्के लगाते लगाते पापा को पता नहीं क्या सूझा, अपना चुम्बन तोड़ा, मम्मी के चेहरे की ओर देखकर मुस्कुरा कर बोले- सुरभि, एक बात बताओ, जब अंदर जाता हैं जो पता चलता है? मम्मी मुस्कुराई और बोली- मुझे नहीं मालूम!
मम्मी के चेहरे से लग रहा था कि वो आज बहुत खुश है पर उनका भी मन अभी भरा नहीं था चुदाई से और अभी और मज़े लूटना चाहती है और केवल ऐसे ही न नुकर कर रही थी क्योंकि शायद वो चाहती थी कि आज हर बार पहल पापा ही करें।
पहले तो मम्मी ने पापा के लिंग को जीभ से हल्के से टच किया जैसे वो उसका स्वाद चेक कर रही हों, कुछ 1 मिनट इस तरह करने के बाद उनकी हिचक जैसे समाप्त से हो गई और वो पापा के लिंग के चारों ओर जुबान फेरने लगी कभी वो उसको चूमती, तो कभी लिक करती (चूसती), कभी गलांस के टिप पर जवान रगड़ती जिससे पापा काफी उत्तेजित हो चुके थे।
मम्मी पापा के ऊपर आ कर लन्ड चूत में लेकर चुद रही थी और दोनों खूब बातें कर रहे थे… मम्मी पापा के साथ मस्ती कर रही थी, कह रही थी कि वो थक गई हैं!
मम्मी ने पापा को एक बार कस के चूमा और फिर वो निढाल सी पापा के सीने से चिपक गई, उनके हाथ पापा की पीठ के चारों ओर कस गए, उनका शरीर पसीने पसीने था जो यह बता रहा था कि आज उन्होंने बहुत मेहनत की है।
एक दिन मैं घर पर थी, नाश्ता करके सो गई, उठी तो भाभी के कमरे में से आती आवाजों से मैं वहाँ गई तो देखा कि भाभी मेरे छोटे भाई के साथ लिपट कर चूमाचाटी कर रही थी, उसके बाद मैंने उनकी चुदाई भी देखी.. इस कहानी में पढ़ें !
मुझे पहली बार पता चला कि अंजलि तो चूत पीने में पूरी खिलाड़ी है। पांच मिनट के अंदर हम दोनों पसीने में नहा गईं थी। हम दोनों की चूत से पिचकारी निकल रही थी...
मेरी बहन ने मेरे दोस्त को बुलवा लिया और उसे रिझाने लगी। मुझे बहाने से घर से बाहर भेज वो बाथरूम में चली गई और सूर्या को वहाँ बुला कर अपना गीला बदन दिखाया।
छत पर घूमते हुए मेरे कान में सिसकारी की आवाज पड़ी तो खिड़की से देखा कि पड़ोसी सेक्स कर रहे थे। उसकी बीवी ने मुझे देखते देख लिया और अगले दिन उसने मुझसे बात की।
टोनी और साथी पुनीत की बहन को खेल में जीतना चाहते हैं, पुनीत खेल के लिये किसी लड़की की तलाश में था। हॉस्टल में पायल अपने पापा के अवैध रिश्ते बता रही है।
होली पर घर जाते वक्त ट्रेन में मैं अपने दोस्त की युवा बेटी की मेरे द्वारा चूत चुदाई को याद कर रहा था. पहली बार मैंने उसे गाँव की कुछ लड़कियों संग नंगी देखा था.
भाभी और मैं अकेले घर में नंगे होकर मस्ती कर रहे थे, भाभी की झांटें, बगलें साफ़ करके मैंने उन्हें चोदा। दूसरी बार की चूत चुदाई मैंने मालिश से शुरु की लेकिन…
मैं अपनी ननद से सचमुच की चुदाई में आने वाले आनन्द का वर्णन करती तो उसकी आँखें नशीली हो जातीं और उसकी चूत बहुत गीली हो जाती और फिर वो मुझसे अपनी चूत में ऊँगली करवाती।
मैंने फिर उसको पलटाया और उसके गाण्ड में अपने लौड़े लगाकर सहलाने लग़ा, फिर पीठ को चूमता हुआ नीचे गाण्ड के उभारों पर दांत गड़ाने लगा, जहाँ जहाँ मैं दाँत गड़ाता.. एक मीठे दर्द के साथ उस जगह को वो सहलाती जाती थी।