घर बुलाकर चूत चुदाई के मजे लिए

हमने एक-दूजे को बाँहों में लेकर लिप किस किया, कि तभी हमने बाहर किसी की आहट सुनी। मैंने देखा तो उसकी पड़ोस की भाभी हमें देख रही थीं और सलवार के ऊपर से ही अपनी चूत को रगड़ रही थीं।

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अठारह वर्षीया कमसिन बुर का लुत्फ़-4

मैंने सोचा कि सबसे पहले एक बार इस अनचुदी कुंवारी कमसिन बुर को चूसने का आनन्द तो उठा लूँ, थोड़ी देर चूस लेता हूँ। थोड़ा स्वाद चख लेता हूँ फिर इसको फाडूंगा।

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अठारह वर्षीया कमसिन बुर का लुत्फ़-5

ऐशुरानी बहुत कसमसा रही थी, उसका सुन्दर मुखड़ा तीव्र कामावेग में लाल हो गया था, माथे पे पसीने की बूंदें छलक आई थीं, उसके नाखून मेरी पीठ पे गड़े जा रहे थे और वह बार बार सी सी कर रही थी।

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अठारह वर्षीया कमसिन बुर का लुत्फ़-6

थोड़ी देर इसी प्रकार चूसने के बाद ऐश्वर्या रीना रानी से बोली- दीदी... अब ज़रा भी दर्द नहीं हो रहा... बड़ा मज़ा आ रहा है... दीदी मेरे बदन में फिर से अकड़न महसूस होने लगी है... ऐसा क्यों हो रहा है?

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धोखेबाज गर्लफ़्रेन्ड को खुल्लम-खुल्ला चोदा

मेरी गर्लफ्रेंड मेरे कमरे पर अक्सर चुदाने आती थी. मुझे पता लगा कि वो चालू है तो मैंने कई और गर्लफ्रेंड बना ली. एक दिन पहली गर्लफ्रेंड आई तो मैंने अपनी नई गर्लफ्रेंड को भी बुला लिया.

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वो सात दिन कैसे बीते-1

लखनऊ में मैं अकेला रह रहा था कि दो पड़ोसी लड़कियों से लगभग साथ साथ ही नजरें लड़ी! एक घर के सामने एक दफ्तर में काम करती थी तो दूसरी पड़ोस के घर की पर्दानशीं थी.

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वो सात दिन कैसे बीते-2

पड़ोसन पर्दानशीं लड़की ने मुझे मिलने बुलाया। वो वो सब करके देखना चाहती थी जो उसकी हमउम्र लड़कियाँ करती हैं सिवाये कौमार्य को खोने के! तो क्या हुआ हमारे बीच?

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वो सात दिन कैसे बीते-3

मेरे पड़ोस की कुंवारी लड़की आधुनिक लड़कियों की भान्ति हर चीज का आनन्द लेना चाहती थी। इसके लिये उसने मुझे चुना। पढ़ें कि कैसे मैं उसे प्रथम चरमोत्कर्ष तक ले गया।

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मेरा गुप्त जीवन- 180

अपने घर में एक कमसिन नई नौकरानी देख मेरा मन डोल गया, उसे पटाने के लिए मैंने उसे अपना खड़ा लंड तब दिखाया जब वो सुबह चाय लेकर आती थी. उसकी सील तोड़ने की कहानी…

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वो सात दिन कैसे बीते-4

चरमोत्कर्ष के बाद गौसिया फ़िर उत्तेजित होने लगी और इस बार तो वो मेरा लंड अपने अन्दर ले लेना चहती थी। तो क्या मैंने उसकी अक्षत योनि में लिंग प्रवेश कराया?

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वो सात दिन कैसे बीते-5

गौसिया हर वो काम करके देख लेना चाहती थी जिससे उसे रोका जाता था और उसके साथ की लड़कियाँ किया करती थी। आज पांचवे भाग में देखिये कि क्या क्या किया उसने!

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कांच का टूटना अधूरा शुभ होता है

एक हसीन पर अधूरा अहसास, एक हादसा करीब दो साल पहले हुआ था, मेरा अधूरा यौन सुख.. कई बार मै खुद को कोसता हूँ तो कभी सोचता हूँ कि मैंने जो भी किया वो ठीक था.

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वो सात दिन कैसे बीते-8

अब दो रातें बची, पहली रात हमने बाथरूम सेक्स का मजा लिया, पहली बार उसने मेरा वीर्य मुँह में लिया। दूसरी रात हमने सुहागरात की तरह मनाई। कहानी पढ़ कर मज़ा लें।

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तू मेरा लंड और मैं तेरी चूत

मेरी एक क्लास मेट रीना मुझे बहुत पसन्द करती थी मगर मैं किसी दूसरी को चाहता था। एक दिन रीना का मैसेज मेरे फ़ोन पर आया तो मुझे लगा कि चूत मिल रही है, ले लो!

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मुनिया ने आम चूसा और चूत चुदाई

मैं और मेरा सहपाठी आम के बग़ीचे में घूमने निकले। मेरी नज़र दूर खड़ी एक सांवली, नखरे वाली.. गहरी काली आँखों वाली लड़की पर पड़ी, मुझे कुछ कुछ होने लगा।

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