मेरा गुप्त जीवन- 158
और उसने खुद ही अपने मम्मे मेरे आगे कर दिए। मैं भी उसके मम्मों को हल्के हल्के सहलाने लगा और फिर उसके गोल और छोटे कुंवारे चूतड़ों पर भी हाथ फेरने लगा।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
और उसने खुद ही अपने मम्मे मेरे आगे कर दिए। मैं भी उसके मम्मों को हल्के हल्के सहलाने लगा और फिर उसके गोल और छोटे कुंवारे चूतड़ों पर भी हाथ फेरने लगा।
अपनी एक दोस्त के साथ सेक्स करने उसके कमरे पर जाता था तो उसकी सहेली भी वहाँ होती थी, उसकी आँखों में अजीब सी कशिश और शरारत होती थी, सेक्स की तलब दिखाई देती थी।
पूनम को पता था कि मैंने किसी फ़िल्म में काम किया है, वो और काफ़ी जने मेरे साथ फ़िल्म देखने गई। वहाँ पर पूनम को मैंने बॉक्स में ले जा कर चोदा।
वो गदराई इंडियन कॉलेज गर्ल किसी और की माशूका थी पर उससे झगड़ कर मेरे पास आई और मुझसे 'लव यू Love You' बोल दिया. आखिर उसकी सील बंद चूत का मुहूर्त आ गया.
यह कहानी मेरे पड़ोस की कमसिन लड़की की है जिसे मैं रोज छत पर देखता था. एक दिन मेरी भाभी के घर वो मुझे दिख गई तो बात करने का मौका मिल गया. उसके बाद क्या हुआ कहानी में पढ़िए !
बहन की सहेली शीतल की चूत फाड़ कर आनन्द.. वो मेरे कॉलेज में पढ़ती थी, मेरा दिल उस पर आ गया था. वो मेरे घर आती थी. उसके बॉयफ्रेंड ने उसे छोड़ दिया तो मेरा भाग्य जाग गया.
जैसे ही मैंने अपना हाथ उसकी कुर्ती में नीचे से अन्दर डाल कर उसकी ब्रा खोलनी चाही.. तो जैसे ही मेरा हाथ उसकी नाभि के पास पहुँचा.. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। वो मेरे हाथ को छोड़ ही नहीं रही थी।
मैंने फिर से अपना हाथ उसके कंधे पर रखा.. इसके बाद वो कुछ नहीं बोली.. तो मैंने आगे बढ़ने का सोचा और अपनी उंगलियों से उसकी जुल्फों को सहलाने लगा।
अब वो मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थी… मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके मम्मों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। फिर पेट पर चूमता हुआ मैं उसकी चूत पर आ गया और चूत को चूसने लगा।
गर्लफ़्रेंड के साथ ज़िस्म-2 मूवी देखने गया। ढीले कपड़े पहन कर गये थे दोनों, वहाँ हम शुरु हो गए और मेरी गर्लफ़्रेंड ने लन्ड चूसना शुरु कर दिया। इन्टरवल हुआ तो देखा कि पीछे उसकी सहेली बैठी थी।
लेकिन क्या पता था कि वो अपनी चोर निगाहों से देख रही थी.. और देखे भी क्यों नहीं.. हम कारनामा ऐसा जो कर रहे थे। हम खूब एक-दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.. मैं उसकी गर्दन पर भी चुम्बन कर रहा था..
इंस्टिट्यूट में मेरी मुलाकात एक प्यारी सी लड़की से हुई. मैं उसे पसंद करने लगा था.. पर मैंने कभी उसे बताया नहीं। धीरे-धीरे हम दोनों में नज़दीकियां बढ़ने लगी।
फ़ोन पर मिस काल कर कर के मैंने एक लड़की पटाई और वो नौकरी के चक्कर में मेरे साथ रहने आ गई। वो मुझसे लगतार महीने भर चुदाई करवाती रही।
मेरी गर्लफ़्रेंड मुझसे चुदना चाहती थी तो उसकी सहेली, जिसने हमें मूवी हाल में लंड चूसते देखा था, ने उसे आइडिया दिया और मुझे अपने पीजी में अपना भाई बना कर बुला लिया।
मुझे टयूशन की ज़रूरत महसूस हुई और मैंने ज़िद की कि मुझे भी घर पर टयूटर लगवा दिया जाए। मेरे टयूटर एक स्मार्ट यंग स्टूडेंट थे.. वो दिखने में बहुत शरीफ और मासूम से लगते थे..