बाप की हवस और बेटे का प्यार-3
मेरे बाप ने अपने पैसों के बलबूते तुम्हारा मान-हरण किया था. सुधा तुम मेरी नज़रों में आज भी वो ही सुधा हो, जिसे कभी मैंने गोद में उठा कर एक पेड़ के नीचे लिटाया था.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मेरे बाप ने अपने पैसों के बलबूते तुम्हारा मान-हरण किया था. सुधा तुम मेरी नज़रों में आज भी वो ही सुधा हो, जिसे कभी मैंने गोद में उठा कर एक पेड़ के नीचे लिटाया था.
मैं एक ऑफिस गर्ल को चोदा करता था. ऑफिस में एक दूसरी लड़की को यह बात पता चली. तो उसकी वासना ने भी सर उठाया, उसकी शादी होने वाली थी तो वो देखना चाहती थी कि सेक्स कैसे करते हैं.
एक हफ्ते तक हमने चुदाई का मजा लिया, फिर अदालत में जाकर शादी कर ली. शादी के बाद मनोज मुझे योरोप ले गया और लगभग पन्द्रह दिनों तक मुझे खूब घुमाता और चोदता रहा.
मैं हरियाणा के गांव का जाट हूँ, दिल्ली में पढ़ रहा हूँ. मेरे घर के सामने रहने वाली एक चालू लड़की को मैंने कैसे चोदा. पढ़ें इस सेक्सी कहानी में!
देसी बॉय से चुदाई का अपना ही मजा है. मेरे गाँव का एक लड़का मेरे ऑफिस में ही काम करता था. उसने मुझे कैसे चोद कर पूरा मजा दिया. आप खुद पढ़ कर मजा लें!
मैं टूर टैक्सी ड्राइवर हूँ. मुझे एक पंजाबी परिवार को राजस्थान घुमाने का काम मिला. उनमें एक सेक्सी लड़की थी करीब 19 साल की... उसकी चूत काफी गर्म थी, उसने पहल करके मुझसे अपनी चूत चुदवाई. कैसे? पढ़ें!
मेरे घर के सामने एक लड़की मुझे देखकर मुस्कुराती थी. मैं उसे चोदना चाहता था. वो हमारे घर आती थी. मैंने एक दिन अन्तर्वासना हिंदी सेक्स स्टोरी का एक प्रिन्ट उस तक पहुंचा दिया.
मैं शहर में किराये के कमरे में रहकर पढ़ता था. मेरे साथ वाले कमरे में एक सीनियर लड़की रहने लगी. वो पूरी माल थी. मैंने उसे कैसे पटा कर चोदा या उसने कैसे मुझे चुदाई के लिए पटाया?
यह कहानी है गाँव की एक जवान लड़की की... वो मुझे एक शादी के कार्यक्रम में मिली थी. मैं उसकी अनगढ़ अल्हड़ जवानी को चखना चाहता था.
मेरी चूत पूरी गीली हो चुकी तो अब वही चूत का रस अंकित निकाल कर मेरे पीछे मेरी गांड में लगाने लगा मेरे कूल्हे फैलाकर मेरी गांड के सुराख में जहाँ छेद था वहाँ एक उंगली हल्के से डालने लगा.
अनजान शहर में किसी भी परिचित देसी गर्ल की पैंटी उतरवा कर उसकी टाँगें उठवा देना इतना आसान नहीं होता चाहे वो कितनी भी चुदासी, लंड की प्यासी और चुदने को पूरी तरह तैयार ही क्यों न हो.
लड़की की क्लिट को छेड़ो और इसकी जवानी की प्यास ना भड़के ... वो चुदने को न मचल जाए ऐसा तो हो ही नहीं सकता. कम्मो ने भी अपना जिस्म ढीला छोड़ दिया और आनन्द से आंखें मूंद लीं और और अपने पैर और चौड़े कर दिए.
वो इमोशनल हो रही थी, वर्जित फल खा लेने का वो पागलपन हम दोनों पर सवार हुआ था वो घोर निराशा में बदला जा रहा था. कम्मो तो मुझे समर्पित थी कि जो करना है, जहां ले चलना है ले चलो. कोई लड़की इससे ज्यादा आखिर कह भी क्या सकती है.
मुझसे रहा नहीं जा रहा था. मेरी शर्म भी ना जाने कहाँ चली गई. मुझे यह भी नहीं होश कि क्या बोलना चाहिए, मैं बोली- अंकल चोद दीजिए.. मुझसे कुछ नहीं कहा जा रहा. न सह पा रही हूँ. बस जल्दी करिए.
वो सुलगने लगी, उसकी सांसें भारी होने लगीं और उसकी बांहें मुझे कसने लगीं. कड़क जवान छोरी थी सो जल्दी गर्म होनी ही थी. कम्मो मेरे सीने से लग गयी और अपना मुंह वहीं छुपा कर दो तीन बार चूम लिया.