नाम में क्या रखा है-2

प्रेषक : होलकर नज़ारा भूले नहीं भूलता, चिकनी, चमकदार चमड़ी का स्पर्श और चिकना पेट आँखों में घूमता रहा, माँ का भोंसड़ा प्लेबाय मैगजीन का ! अन्दर आकर आंटी के नाम की इकसठ बासठ चालू ! कूद के मनी बाहर और असीम शांति का अनुभव ! हाथरस में जो मज़ा, वो किसी और में कहाँ […]

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नाम में क्या रखा है-3

प्रेषक : होलकर उन्होंने सर पर कपड़ा कब लपेट लिया था, ध्यान ही नहीं रहा। ‘हाय मेरी सिल्क स्मिता !’ मैंने दिल में सोचा, मैंने धीरे से सर का कपड़ा खोला तो सीले सीले बाल मेरे ऊपर आ गए। मैंने धीरे से ब्लाउज के बटन को एक उंगली से स्टाईल से उचकाकर खोला तो बूब्स […]

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चुदाई के लिए मेरा इस्तेमाल-1

प्रेषक : इमरान ओवैश दोस्तो, मैं इमरान, मुंबई में रहता हूँ और एक मोबाइल कम्पनी में काम करता हूँ। ज़िन्दगी अब तक ऐसी गुजरी है कि उस पर कभी तो लानत भेजने का मन करता है और कभी सोचता हूँ क्या बुराई है इसमें…! मुझे ऐसा लगता है जैसे हमेशा मुझे लोगों ने इस्तेमाल ही […]

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चुदाई के लिए मेरा इस्तेमाल-2

प्रेषक : इमरान ओवैश “सुख का क्या है, कई लोग होते हैं जिनकी किस्मत में शादी टूटने के बाद सुख नहीं होता और कई लोग होते हैं, जिनकी किस्मत में शादी होते हुए भी सुख नहीं होता।” कहते वक़्त उसकी आवाज़ में एक मायूसी थी जिसने मेरे लोअर में हलचल मचा दी। मैंने उसकी आँखों […]

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मेरा रास्ता साफ है

प्रेषक : आकाशदीप मेरा नाम आकाशदीप है और अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है। मैं हरियाणा में रहता हूँ। हमारे घर के पास एक बहुत ही सुन्दर लड़की रहती थी। जिसका नाम था शालू, उम्र 19 साल लम्बाई 5’5″, रंग गोरा, दिखने में बहुत ही मस्त। उसके पापा और मेरे पापा अजीज़ दोस्त हैं। […]

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मैं पूरे परिवार से चुदी-1

प्रेषिका : आशा मेरा नाम आशा है और आज मैं आपको अपनी दास्तान सुनाने जा रही हूँ। मेरी पहली कहानी अन्तर्वासना के नियमानुकूल ना होनेर के कारण प्रकाशित नहीं हो पाई थी पर मेरी इस कहानी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि उसमें क्या था। मेरे बेटे राहुल के इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिले के […]

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मैं पूरे परिवार से चुदी-2

प्रेषिका : आशा संजय अपनी टाँग फैला कर बिस्तर पर बैठ गया और मैंने अपनी सैंडल को उसके शॉर्ट्स के नज़दीक रख दिया और अपनी टाँगें थोड़ी सी फैला लीं। संजय धीरे-धीरे मेरे घुटनों के नीचे क्रीम लगा कर मालिश करने लगा। मैं अपने सैंडल के आगे वाले भाग से अपने पंजों के लम्बे नाखूनों […]

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मैं पूरे परिवार से चुदी-3

प्रेषिका : आशा संजय यह देख कर पूरी तरह उत्तेजित हो चुका था, इससे पहले मैं कुछ कहती वो मेरे बदन पर चढ़ गया और मेरे मम्मे दबाने लगा। मैंने उसका सर पकड़ और अपनी एक चूची उसके मुँह में चूसने के लिए दे दी। मैंने बोला- शाबाश संजय, तू जल्दी सीख गया, बोल चोदेगा […]

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गदराई लंगड़ी घोड़ी-6

प्रेषक : वीर सिंह इस कहानी के पांचवें भाग में आपने पढ़ा : बबिता आँटी मेरी पूरी मलाई चाट के वो उठी, कुर्सी के हत्थों से आराम से पैर निकाले और मटक-मटक कर बाथरूम की तरफ जाने लगी, मैंने तुरंत आवाज़ लगाई- ओह्ह्ह.. बबिता आँटी प्लीज ये लिपस्टिक साफ़ मत करना। ऐसे ही गन्दी रहने […]

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गदराई लंगड़ी घोड़ी-7

आंटी मस्ती में मेरा लंड चूस रही थीं। पूरा लंड अन्दर लेने की कोशिश कर रही थीं। मेरा लंड 8 इंच से भी ज्यादा बड़ा हो गया था जोश में फूल कर। आंटी 6 इंच तक लंड को अन्दर ले रही थीं।

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भाभी की चूत की चटनी

प्रेषक : नीरव शाह मेरा नाम नीरव है। मैं सुरेन्द्रनगर में रहता हूँ। मेरी उम्र 22 साल है। मैं कॉलेज में पढ़ाई करता हूँ। मेरी लंबाइ 5’8” है। मैं देखने में स्मार्ट और हैण्डसम हूँ। जब मैं कॉलेज में पढ़ाई कर रहा था तो मैं एक किराए के मकान में रहता था और मेरे सामने […]

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मुँहबोली ममेरी बहन चुद गई मुझसे

नमस्कार दोस्तो ! एक बार फ़िर मैं अपने जीवन की सच्ची कहानी प्रस्तुत कर रहा हूँ। नये पाठकों के लिये मेरा परिचय फ़िर से- मेरा नाम मनोज हैं, 28 साल का हूँ, दिखने में ठीक-ठाक हूँ। मेरा लन्ड किसी भी लड़की या औरत की चूत को गीली कर सकता है। मैं सीधे कहानी पर आ […]

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एक बेवा का शिकार-2

चूत की खुजली एक शाम मैंने फिर मुठ्ठ मार कर उसकी चड्डी में पोंछ कर टांग दिया और अपने कमरे की खिड़की से उसकी प्रतिक्रिया देखने लगा। उसने जब कपड़े समेटे तभी महसूस कर लिया कि मैंने फिर वही हरकत की थी लेकिन इस बार उसने नीम अँधेरे में चड्डी को गौर से  देखा, फिर […]

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आंटी ने सिखाया-4

प्रेषक : अमन वर्मा नमस्ते दोस्तो, मैं अमन वर्मा आपका दोस्त ! आप लोग तो मुझे जानते ही होंगे। आप लोगों ने मेरी अब तक की कहानी पढ़ी और आप लोगों के बहुत ईमेल्स आए। मैं आप सबका शुक्रिया कहना चाहूँगा कि आपने उस कहानी को इतना पसंद किया। मैं आप लोगों से माफी माँगता […]

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निदा की अन्तर्वासना-1

मेरा ठिकाना लखनऊ में हुआ, यहाँ ननद-भाभी की चूत के दर्शन सुलभ हुए तो वारे न्यारे हो गए, जब दोनों के बीच सब साफ़ हो गया तो मेरी उँगलियाँ समझो कि घी में तैर गईं।

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