बेटे का दोस्त मेरी चूत का साथी-2

प्रेषक : अजय मैं नहाकर बाहर आ गई, मैंने आज जींस और टॉप डाला, मैंने आज नीचे ब्रा और पैंटी नहीं डाल रखी थी, जींस मेरी जांघों से चिपकी हुई थी। हमने नाश्ता किया, राहुल ने मुझे कहा- आंटी, आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो ! मैंने कहा- थैंक्स बेटे ! एक तुम ही […]

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दिलकश मुस्कान -1

मैं उससे पहले घर से निकल कर सिनेमा हॉल पहुँच गया और उसका इंतजार करने लगा। थोड़ी देर के बाद वो आई, उसके साथ उसकी दो सहेलियाँ थी। हम सब अंदर जाकर बैठ गये और थोड़ी देर में फिल्म शुरू हो गई।

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दिलकश मुस्कान -2

वो मेरा लण्ड देख कर सिहर सी गई, बोली- अरे इतना बड़ा कैसे जाएगा मेरी चूत में। मैं बोला- लंड चाहे कितना बड़ा भी क्यों ना हो, किसी भी चूत में आराम से चला जाता है।

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घर मालिक की बहू की चुदाई

दोस्तो, मैं यह कहानी अपने जिगरी दोस्त राजेश की तरफ से अन्तर्वासना पर भेज रहा हूँ, यह उसकी आपबीती है और यह बात मुझे, राजेश को और उसके घर मालिक की बहू रीना भाभी को ही मालूम है ! राजेश की उम्र 31 साल है, उसकी शादी 2009 में हो गई और एक बच्चा भी […]

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शेर का पुनः शिकार-1

लेखक : मुकेश कुमार आपने अन्तर्वासना पर मेरी कहानी ‘लिव इन कैरोल’ पढ़ी और सराही उसके लिए आभार। मेरे और मेरे लिव-इन पार्टनर कैरोल के साथ सम्बन्ध विच्छेद के बाद कुछ समय मैं अपने माँ बाप के पास रहा, पर नौकरी मुंबई में थी तो आना ही पड़ा। कैरोल के गम में दारु और सिगरेट […]

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शेर का पुनः शिकार-2

लेखक : मुकेश कुमार मेरा लौड़ा पकड़ते हुए बोली- जो काम इसका है उंगली नहीं कर सकती। तभी दरवाजे पर घंटी बजी, हम दोनों सकपका गए। तभी बाहर से बाई की आवाज़ आई- भाभी…! तो शर्मीला बोली- मेरे बेडरूम में चले जाओ, उसे बर्तन करने बोलती हूँ तो पीछे से निकल जाना। औरतों की यह […]

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शेर का पुनः शिकार-3

लेखक : मुकेश कुमार दो दिन मैंने शर्मीला ले साथ खूब रंगरेलियाँ मनाई। फिर उसके पति आ गए थे। शर्मीला के पति पूरे सप्ताह कहीं बाहर नहीं गए इसलिए मुझे और शर्मीला को सम्भोग करने का मौका ही नहीं मिल रहा था। मेरे से ज्यादा वो दुखी थी। दिन में फ़ोन करती मेसेज करती कि […]

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तेरी याद साथ है-22

मैं जानता हूँ कि आप सब बड़ी बेसबरी से ‘तेरी याद साथ है’ के आगे की कहानी पढ़ने के लिए अन्तर्वासना पर अपनी नज़रें गड़ाए बैठे हैं लेकिन आपको इतने दिनों से केवल निराशा ही मिल रही थी। ज़िन्दगी की कुछ बहुत ही विषम परिस्थितियों से घिर गया था जहाँ से निकलना थोड़ा कठिन हो […]

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तेरी याद साथ है-23

“प्लीज मुझे जाने दो और तुम भी जल्दी से तैयार होकर ऊपर आ जाओ, सब तुमसे मिलना चाह रहे हैं।” इतना कहकर प्रिया ने मुझे ज़बरदस्ती अपने ऊपर से उठा दिया और मेरे लंड को एक बार फिर से सहलाकर जाने लगी। प्रिया के जाते जाते मैंने बढ़कर उसकी एक चूची को जोर से मसल […]

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तेरी याद साथ है-24

“उम्म… हम्म्म्म…” फिर से वही मादक सिसकारी लेकिन इस बार सुकून भरी.. आंटी के ये शब्द मुझे और भी उत्तेजित कर गए और मेरे लंड ने अकड़ना शुरू किया… लेकिन तभी आंटी ने हरकत करी और अपने पैरों को मेरे पैरों से आजाद करके उठने लगीं। मेरा लंड अचानक से उनके घुटनों से जुदा होकर […]

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तेरी याद साथ है-25

मैंने जल्दी से रिंकी को खुद से अलग किया और फिर उसे बाथरूम के दरवाज़े के पीछे छिपा कर दरवाज़ा खोला…बाहर कोई नहीं था। मैंने रिंकी को जल्दी से जाने को कहा और खुद अन्दर ही रहा। रिंकी ने जाते जाते भी शरारत नहीं छोड़ी और मेरे लंड को लोअर के ऊपर से पकड़ कर […]

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तेरी याद साथ है-26

तभी मुझे याद आया कि अभी अभी आंटी ने कहा था कि मामा जी के साथ बाज़ार जाना है। जैसे ही मुझे ये याद आया मेरा मन उदास हो गया। प्रिया से मिलन की बेकरारी मैं अपने लंड पे महसूस कर सकता था जो कि अर्ध जागृत अवस्था में प्रिया की चूत को याद करते […]

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तेरी याद साथ है-27

ईश्वर ने चुदाई की तड़प हम मर्दों से कहीं ज्यादा औरतों में दी है लेकिन साथ ही साथ उन्हें शर्म और हया भी सौगात में दी है जिसकी वजह से अपने ज़ज्बातों को दबा देना औरतों के लिए आम बात हो जाती है। हम मर्द तो कभी भी शुरू हो जाते हैं अपना लंड अपने […]

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पड़ोसन की प्यास

लेखक : अखिलेश कुमार मैं अखिलेश कुमार, दिल्ली का निवासी हूँ, मैं एक सीधा साधा लड़का हूँ पर मैं और मेरा परिवार ऐसी गली में रहते थे जहाँ पर सिर्फ़ पहाड़ी, उत्तरांचली लोग रहते हैं। वो लोग हमसे घुलमिल कर रहते हैं। मगर एक आंटी भगवती जिनको हम प्यार से भालू बुलाते हैं, वह मुझसे […]

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मेरी गाण्ड फ़ट गई

प्रेषक : धर्मेश पडियार हेलो दोस्तो, मैं विकास, सूरत गुजरात का रहने वाला हूँ, अन्तर्वासना का बहुत समय से पाठक हूँ, मुझे भी लगा कि मुझे भी कुछ लिखना चाहिए ताकि मैं भी आप सभी पाठको कों मेरे साथ घटी घटनाओं में शामिल कर सकूँ। यह मेरी सच्ची कहानी है। बात उस समय की है […]

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