दोस्ती करा दो-2

प्रथम भागदोस्ती करा दो-1 से आगे… … कोमल को बेड पर लेटा कर उसके पैंटी को उतार दिया। उसकी बिना बाल वाली चिकनी चूत को देखकर मैं बेकाबू हो गया। मैंने उसकी बूर पर हाथ फेरते हुए एक ऊँगली बूर में डाल दी जिससे उसकी सिसकारियाँ निकल पड़ी। धीरे धीरे उसकी बूर से पानी रिसना […]

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दोस्त दोस्त ना रहा

यह उस समय की बात है जब मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली रहने के लिए गया था। रोहिणी में मैंने किराये पर एक कमरा और रसोई ले रखी थी। खुद ही पका कर खाता था। नौकरी की तलाश चल रही थी। मेरा एक दोस्त था कबीर। उम्र मेरे जितनी ही थी चौबीस साल। वो […]

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आंटी का प्यार

आज मैं आपको एक सच्ची और अनोखी कहानी सुनाता हूँ। मैं जब स्कूल में पढ़ता था तो मेरे पड़ोस में एक युगल रहने आया, उन्हें हम सभी भाई-बहन अंकल-आंटी कहते थे। आंटी की उम्र करीब 28 साल थी, उनका फिगर 36-24-42 था। अकसर उनकी ब्रा का पीछे का हुक खुला रहता था। यही वह बात […]

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पड़ोस वाली भाभी-1

एक खिड़की थोड़ी खुली थी, मैंने देखा कि भाभी बिल्कुल नंगी उस लड़के के सामने पड़ी हैं और वो लड़का भी बिल्कुल नंगा है। भाभी के स्तन देखकर मेरा तो खड़ा हो गया था।

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मकान मालकिन के साथ होली

प्रेषक: मयंक शर्मा मेरा नाम मयंक है, मैं 24 साल का लड़का हूँ, मेरी शादी हो चुकी है। मेरा शरीर दुबला है पर एक बड़े लंड का मालिक हूँ। मैं भोपाल में एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूँ, वैसे मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ और यहाँ भोपाल में किराये के घर में रहता […]

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पचास साल की पड़ोसन

प्रेषक : फ़्लाई फ़्री दोस्तो, यह कहानी सच्ची है। मुझे घुमाकर बोलने की आदत नहीं है इसलिए मैंने अपनी पहली चुदाई की वो ही सीधे बता रहा हूँ। कहानी में सिर्फ नाम ही बदले हैं बाकी सब सच है। मेरी पड़ोसन जिसको मैंने चोदा उसके साथ, उसके कहने पर ही यह कहानी लिख रहा हूँ। […]

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देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-1

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए(यह नाम पाठकों द्वारा सुझाया गया है) गुरू जी, यदि आपने मेरी कहानी स्पर्म थैरेपी न प्रकाशित की होती तो आज शोहरत के इस मुक़ाम पर शायद न होता जहाँ आपकी वजह से हूँ, आप को शत शत प्रणाम एवं धन्यवाद। सभी पाठकों को मुन्ना भाई एम बी ए […]

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देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-2

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए सुरेश मुस्कराते हुए बोला- वाह… और फिर राधा भाभी सुरेश के होठों को चूमने लगीं और फिर अपने पीठ के बल चित्त लेट गई। इसके बाद सुरेश ने सामने से नाइटी खोल दी और एक चूची को चूसने लगा और अपने एक हाथ से उसकी चूत की खुजली […]

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देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-3

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 2-7-2010, समय: 9-30 शाम आज सुबह मैं जल्दी ही तैयार हो गया, बाइक बाहर निकाली और किरण को बुलाने के लिए उसके घर की घंटी बजा दी। वो तैयार ही थी, तुरन्त बाहर आ गई और साथ में राधा भाभी भी ऑफिस के लिए तैयार हो कर […]

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देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-4

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 8-7-2010 समय: 1-30 शाम आज मुझे अपनी गाड़ी की सर्विसिंग करानी थी इसलिए मैं ऑफिस से जल्दी ही निकल गया था। गाड़ी सर्विस कराने के बाद मैं घर पहुचा। मैं अभी लंच लेने के बाद सोने की सोच ही रहा था कि बाहर किसी ने दरवाज़ा खटखटाया। […]

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देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-5

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए लखनऊ 9-7-2010 समय: 10-30 सुबह आज ऑफिस आने में कुछ देर हो गई। आते ही मैंने अपने असिस्टेन्ट को बुला कर आज के काम की लिस्ट मंगाई, फिर मैंने काम के अनुसार असिस्टेन्ट को सब कुछ समझा दिया और कहा कि आज मुझे 1 बजे एक खास मीटिंग […]

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देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-6

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए आज मैं जल्दी ऑफिस आ गया क्योंकि कुछ फाइल्स लेकर मुझे मुम्बई जाना था। करीब 10-20 पर किरण का फोन आया, उसने बताया- भाभी-भैया अभी ऑफिस के लिए निकल चुके हैं, आप आ जाइए। मैंने उससे कहा- यार, मेरी भाभी भी तो हैं, मैं क्या बहाना बनाउंगा? तो […]

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देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-7

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए फिर वो अपने घुटने के बल मेरे लण्ड के सामने बैठ गई, उसने मेरे लण्ड को एक हाथ से हलके से पकड़ा। मैंने उससे कहा- जरा ताकत लगा कर पकड़ो इसे ! और ऊपर नीचे करो ! यही सब कुछ है। वो धीरे-धीरे मुठ मारने लगी। फिर मैंने […]

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देखने-पढ़ने से मन नहीं भरता अब-8

प्रेषक : मुन्ना भाई एम बी ए किरण तो परम आन्न्द प्राप्त कर निढाल सी लेट गई थी, इधर मेरा लण्ड थोड़ा मुर्झाया सा लटक रहा था जैसे किसी बच्चे को बिना वजह डांटा गया हो और वो गर्दन झुकाए खड़ा हो। मैंने किरण से अपने लण्ड की तरफ इशारा करते हुए कहा- देखो इसे […]

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