मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-3

लेखक : प्रेम गुरु श्याम जिस प्रकार की बातें कर रहा है मैं इतना तो अनुमान लगा ही सकती हूँ कि वो प्रेम कला में निपुण हैं। किसी स्त्री को कैसे काम प्रेरित किया जाता है उन्हें अच्छी तरह ज्ञात है। जब मनीष को मेरी कोई परवाह नहीं है तो फिर मैं उसके पीछे क्यों […]

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मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-4

लेखक : प्रेम गुरु आह … इस चरमोत्कर्ष तो मैंने आज तक कभी अनुभव ही नहीं किया था। शमा कहती थी कि वो तो सम्भोग पूर्व क्रिया में ही 2-3 बार झड़ जाती है। मुझे आज पता लगा कि वो सच कह रही थी। अचानक श्याम उठ बैठा। मुझे आश्चर्य हो रहा था वह इतनी […]

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मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-5

लेखक : प्रेम गुरु “हाँ एक अनोखा आनंद जो शायद तुमने आज से पहले ना तो कभी सुना होगा और ना ही कभी लिया होगा ?” “क … क्या … मतलब ?” “अगर मुझ पर विश्वास करती हो और थोड़ी सी अपनी शर्म को छोड़ दो तो मैं तुम्हें सम्भोग के अलावा एक और आनंद […]

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मोऽ से छल किये जा … सैंयां बे-ईमान-6

लेखक : प्रेम गुरु मैं अब अपने कपड़े पहन लेना चाहती थी। जैसे ही मैंने अपनी लुंगी और शर्ट उठाने का उपक्रम किया श्याम मेरे हाथों से वो वस्त्र छीन कर परे फेंकते हुए बोला “अभी नहीं मेरी मैना रानी अभी तो बहुत काम बाकी है ?” “ओह … श्याम तुम 2 बार तो कर […]

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अब मैं किससे प्यार करूँ-1

यह मेरी अपनी कहानी है जो सच्ची है और यह घटना कुछ महीने पहले ही घटी है… वैसे यह कहानी मैं लिख तो रहा हूँ पर आपको बता दूँ कि मैं नारी जाति का बड़ा सम्मान करता हूँ। तो चलिए शुरू करते हैं ! मेरी उम्र 26 साल की है, दिल्ली का रहने वाला हूँ, […]

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अब मैं किससे प्यार करूँ-2

वो कोई हॉलीवुड मूवी थी जो हिंदी में डब की हुई थी। शुरू होते ही हॉट सीन शुरू हो गया तो मैंने कनखियों से देख कि नैना ने अपना सर नीचे झुका रखा था और और बीच-बीच में चोर नज़रों से सीन देख रही थी। पूरे हाल में सेक्स सीन की मादक आवाज गूंज रही […]

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अब मैं किससे प्यार करूँ-3

प्रेषक : संजय सिंह मैंने उसकी आँखों में आँखें डाल कर कहा- नैना, तुम मुझे कभी छोड़ कर मत जाना ! नहीं तो मैं मर जाऊँगा… एक तुम ही हो जिसे मैं अपना कह सकता हूँ यहाँ, नहीं तो यहाँ मेरा है ही कौन…? वो मेरी नज़रों का सामना नहीं कर पा रही थी और […]

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पतिव्रता नारी-1

लेखिका : नेहा वर्मा मैं दिल्ली में एक ऑफ़िस में काम करती हूँ। मेरे पति और मेरी, हम दोनों की महनत से घर ठीक से चल जाता था। मेरे पति एक कनिष्ठ वैज्ञानिक थे। वे हमेशा कुछ ना कुछ करते ही रहते थे। मेरे पति की मेहनत आखिर रंग लाई, उनका पेपर आखिर पास हो […]

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पतिव्रता नारी-2

लेखिका : नेहा वर्मा मैं बहुत देर तक उन दोनों के नंगे बदन को निहारती रही। मेरे दिल में उनसे लिपटने की इच्छा होने लगी,”उफ़्फ़ ! चुदवा लूँ क्या? भीतर तक चोद डालेंगे मुझे !!! शान्ति तो मिल जायेगी… दो दो लौड़े मिल जायेंगे।” “अरे नहीं ! किसी दूसरे से… फिर मेरी पत्नीव्रता धर्म का […]

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कुट्टी सर के साथ यादगार पल-1

लेखिका : शालिनी मेरे ऑफिस के प्रबंधक एक दक्षिण भारतीय सज्जन थे। हम सब लोग उन्हें कुट्टी सर कह कर बुलाते थे। ऊँचा लंबा कद, चौड़े कंधे, बलिष्ठ शरीर और बहुत ही पढ़े लिखे कुल मिला कर कुट्टी सर एक शानदार व्यक्तित्व के मालिक थे। कुट्टी सर रोज़ सूट पहन कर आते थे पर कभी […]

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कुट्टी सर के साथ यादगार पल-2

लेखिका : शालिनी मैंने लंड चूसने की गति बढ़ा दी और अब लंड अपने मुँह में डाल कर अपने सिर को जोर जोर से ऊपर नीचे करने लगी। तभी कुट्टी सर ने अपना लंड बाहर खींचना चाहा पर मैंने उसे नहीं छोड़ा सिर्फ मुँह से बाहर निकाल कर जोर जोर से हिलाने लगी और उनके […]

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मेरे दफ़्तर की अर्चना

दोस्तो, मेरा नाम राज है, मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ तो सोचा क्यों न अपनी भी कहानी आपको बताऊँ… बात आज से एक साल पहले की है, मेरी नौकरी एक प्राइवेट कंपनी में लगी, मुझे टीम लीडर की पोस्ट मिली थी। यूँ तो मैं लड़कियों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था मगर वहाँ एक […]

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लच्छेदार झांटों वाली-2

सर्वप्रथम सभी अर्न्तवासना के पाठको, चूत-प्रेमियों और रण्डियों को मेरा नमस्कार। यह मेरी दूसरी कहानी है, मेरा नाम श्रुति उर्फ़ प्रज्ञाली सिंह है,उम्र 20 साल और मैं एक खुले विचारों वाली लड़की हूँ। मुझे ब्लू फ़िल्म और चुदाई सीन देखना बहुत पसन्द है। मुझे सेक्सी बातें करना बहुत पसन्द है, मैंने इस कहानी में उत्तेजना […]

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कॉल सेंटर में सीखी चुदाई

प्रेषक : मिहिर रोहण दोस्तो, मेरा नाम रमेश है, मैं एक छोटे शहर का रहने वाला था। मैं पहले पढ़ने के लिए और बाद में नौकरी के लिए बड़े शहर में गया, तो मैं यहीं रचबस गया। मैंने पढ़ते-पढ़ते ही नौकरी शुरू कर दी थी और मैंने एक कॉल सेण्टर में काम करना शुरू कर […]

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नारी मन

फ़ुलवा मेघा दफ़्तर से लम्बी छुट्टी पर गई थी पर अचानक महीने भर में ही छुट्टियाँ रद्द कर वह वापस आ गई, छुट्टियाँ अवैतनिक थी, अन्य छुट्टियाँ पहले ही खत्म हो चुकी थीं और घर वालों को उसकी तनख्वाह की आदत पड़ गई थी तो उसे वापस डयूटी पर आना पड़ा। इस बीच अपने पति […]

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