पेरिस में कामशास्त्र की क्लास-1

मेरे प्यारे मित्रो एवं सहेलियों, एक लम्बे अंतराल के बाद आप लोगों से मिलना हो रहा है, आप सबको मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम विक्की है व इससे पूर्व आप अन्तर्वासना.कॉम पर आपने मेरी दो आप-बीती कहानियाँ “हवाई जहाज में चुदाई” और इस्तान्बुल में शिप पर चुदाई बहुत सराही। उस समय मैंने आपसे वादा […]

पूरी कहानी पढ़ें

बस में मस्ती

दोस्तो, मेरा नाम मीत है, मैं मुंबई में रहता हूँ। अब तक मैंने बहुत महिलाओं को चोदा है खासकर 30 साल से 60 साल की महिलायें मुझे बहुत पसंद हैं चोदने में, क्योंकि वो मजा भी पूरा देती है और कोई शर्म भी नहीं और चोदने में झिझक भी नहीं! लेकिन एक घटना आपके साथ […]

पूरी कहानी पढ़ें

आधी सफलता

लेखिका : माया सिंह मेरी कहानियों को पढ़ने वाले अनेक व्यक्ति मुझे कुछ गलत समझ लेते हैं और ऐसे प्रस्ताव भेजते है जैसे मैं कोई धंधा करने वाली हूँ, कुछ चैटिंग में ऐसे प्रस्ताव रखते हैं कि इस प्रकार या उस प्रकार से हम किसी होटल या एकांत में मिल कर चुदाई का आनन्द ले […]

पूरी कहानी पढ़ें

पुसी की किस्सी

प्रेषक : जवाहर जैन अन्तर्वासना पर सभी को मेरा नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है, इसे लिखने में बहुत दिक्कतें आई, पर यह ठाना हुआ था कि कुछ भी हो अन्तर्वासना के पाठकों के सामने अपनी यह बात रखूँगा ही। आखिर मेरी यह मेरी जिंदगी की सबसे अहम और प्यारी चुदाई की बात है। सच […]

पूरी कहानी पढ़ें

गुप्त पति

प्रेषक : मिहिर मोहन जैसा कि आपको पता है कि मैं अपने घर पर छोटे बच्चों को कोचिंग देता हूँ तो उनमें कुछ बड़े बच्चे भी आते हैं और कुछ छोटे बच्चे भी ! इससे पहले मैंने आपको एक लड़की की कहानी बताई थी जो मेरे पास आती थी पढ़ने के लिए, आज मैं एक […]

पूरी कहानी पढ़ें

पुणे की डॉक्टर की चूत का चोदन

ईशा ने ढेर सारा केक अपनी नंगी चूत में लगा लिया, मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रखा और चाटने लग गया, फिर अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

पूरी कहानी पढ़ें

पुसी की किस्सी-2

प्रेषक : जवाहर जैन अन्तर्वासना के सभी पाठक जिन्होंने मेरी कहानी पढ़ी और अपनी टिप्पणी लिखकर कहानी के बारे में अपनी राय बताई, उन्हें बहुत धन्यवाद के साथ यह बताना चाहूँगा कि इस कहानी में मैंने किसी भी अतिश्योक्ति को लिखने से परहेज किया है और आप सबके प्यार व विश्वास ने ही मुझे “पुसी […]

पूरी कहानी पढ़ें

दोस्त की मम्मी ने खुद चूत चुदाई

एक दिन की बात है, मैं अपने दोस्त के घर गया हुआ था, वो घर पर नहीं था, यह बात मुझे नहीं पता थी। मैं गया तो उसके घर का दरवाजा खुला हुआ था, तो मैं ऐसे ही उसके घर में घुस गया, मेरा समय अपने घर कम और उसके घर में ज्यादा बीतता था […]

पूरी कहानी पढ़ें

जिगोलो बनने की सच्ची कहानी

मेरा नाम राज़ शर्मा है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ ! मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मुझे अन्तर्वासना की कहानियां बहुत पसंद हैं। मैं अन्तर्वासना पर अपनी पहली और सच्ची कहानी लिख रहा हूँ, आशा करता हूँ आपको पसंद आएगी। मैं आज से दो साल पहले दिल्ली आया था, छोटे शहर से होने […]

पूरी कहानी पढ़ें

होटल राजदूत की मोना-1

प्रेषिका : मोना सिंगल मित्रो, यह मेरी आप बीती है ! यह मेरी कौमार्यभंग यानि सील टूटने की कहानी है जो मैं अपने होटल के एक ग्राहक के माध्यम से उसी के शब्दों में आपके पास पहुँचा रही हूँ ! कहानी कुछ इस तरह है: मेरा नाम रवि है और वर्ष 2009 में जब मैं […]

पूरी कहानी पढ़ें

होटल राजदूत की मोना-2

प्रेषिका : मोना सिंगल मेरे लौड़े से निकली बाकी की रस की सारी पिचकारियाँ टब के पानी में जा गिरी ! जब मैंने आँखें खोलीं तो देखा कि वह उंगली से मेरे रस को उठा कर चख रही थी, तब मैंने उससे पूछ लिया- कैसा स्वाद है? वह शर्मिंदा हो कर जल्दी जल्दी उस रस […]

पूरी कहानी पढ़ें

परोपकारी बीवी-3

मैं स्नेहा का दिल रखने के लिए उससे लिपटा और फिर बाहर निकल गया। स्नेहा मुझे उनके घर में अंदर घुसते तक देखती रही। वहाँ अलका मुझे सामने बैठक में ही मिली। वह गाउन पहने थी। मैंने औपचारिकतावश पूछा- कैसी हैं आप? वह बोली- अभी तक दुखी थी, आप आए हो तब से थोड़ा चैन मिला है।

पूरी कहानी पढ़ें

परोपकारी बीवी-4

जवाहर जैन मैं अलका को चोदना चाहता था पर स्नेहा को नाराज करके नहीं, मैंने अलका को कहा- अभी तुम मुझसे एक बार और चुदवाने के लिए स्नेहा को पटा लो फिर मैं आगे के लिए जमा लूँगा। अलका बोली- अगर वो नहीं मानी तो तुम मुझे नहीं चोदोगे? मैं बोला- अरे अभी कल के […]

पूरी कहानी पढ़ें

कोई मिल गया-1

लेखिका : आयशा खान प्रेषक : अरविन्द मैं आयशा ख़ान हूँ, 21 साल की हूँ और लखनऊ में रहती हूँ। मेरी एक पक्की सहेली का नाम है सुरैया, वो 22 साल की है। सुरैया की बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और वो दिल्ली में रहती है। मुझे दिल्ली में एड्मिशन के लिई दिल्ली […]

पूरी कहानी पढ़ें

कोई मिल गया-2

लेखिका : आयशा खान प्रेषक : अरविन्द सुरैया उस अजनबी के बदन से अलग हुई और वो दोनों नीचे हम लोगों के पास आ गये। उस अजनबी का लंड अभी भी सख्त था और उस पर सुरैया की चूत का गाढ़ा सफ़ेद रस लगा था। तभी उस अजनबी ने विवेक के पीछे आकर उसके चूतड़ […]

पूरी कहानी पढ़ें