अठरह की उम्र में लगा चस्का-2

छोटी उम्र में मैंने खुद पर काबू नहीं रखा, अब अपनी शरीर की ज़रुरत काबू में नहीं रख पाती, चाह कर भी मुझसे बिना चुदाई रहा नहीं जाता, चाहे वो लौड़ा किसी नौकर का हो या किसी अमीर का।

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अठरह की उम्र में लगा चस्का-3

मैं नीचे झुकी तो सामने नाग देवता मुझे सलामी दे रहे थे, गुप्ता जी ने लंड निकाल रखा था, मैं कुतिया की तरह गई, पकड़ सहलाने लगी, मुँह में डालकर चूसने लगी, लंड को चूस चूस मैंने मलाई पूरी निकाली और पी गई।

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जन्मदिन का जश्न

अन्तर्वासना के पाठकों को मेरा नमस्कार ! आप लोगों के इतने मेल आते हैं कि मैं सबका जवाब भी नहीं दे पाता, इससे पता चलता है कि आप लोगो को मेरी कहानियाँ अच्छी लगती हैं। आज मैं अपनी अगली कहानी पेश करता हूँ। नए पाठकों को बता दूँ कि मेरा नाम अमित अग्रवाल है और […]

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महिला अधिकारी और उसकी शादीशुदा सहेली-1

कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपना परिचय दे दूँ। मैं एक 28 साल का कुवांरा बंदा हूँ, नाम लव है। पेशे से मैं सरकारी नौकरी में मैनेजर के पद पर कार्य कर रहा हूँ। दिखने में, ऐसा कहते हैं कि, मैं आज भी 20 साल के कॉलेज गोइंग स्टुडेंट की तरह नजर आता […]

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महिला अधिकारी और उसकी शादीशुदा सहेली-2

खैर तेज़ झटकों के साथ मैंने पूरे का पूरा पानी उसकी चूत में डाल दिया, फिर उसके ऊपर यूँ ही पसर गया। मैंने पूछा- तुम संतुष्ट हो ना? तो वो बोली- मैं दो बार फ्री हुई हूँ। मैंने उसे बोला- तुम बाथरूम जाकर साफ कर आओ, फिर से एक राऊँड लगायेंगे। सच बोलूँ तो सबसे […]

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महिला अधिकारी और उसकी शादीशुदा सहेली-3

उसने मुझे अनुभूति के फ्लैट पर छोड़ आने की बात कह कर कार निकाली और हम चल दिए अनुभूति के घर की तरफ… शाम के 7 बजे थे, हेतल मुझे अनुभूति के घर छोड़ के मुझसे मेरा नंबर लेकर चली गई और जाते जाते यह वादा लेकर गई कि जब भी वो बुलाएगी मैं जरूर […]

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भीड़ का आनन्द

मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ। जो किस्सा मैं आपको सुनाने जा रही हूँ, वोह कुछ साल पहले मेरे साथ मेरे कॉलेज के प्रथम वर्ष में हुआ था। कॉलेज शुरू करने पर मेरा बस से आना जाना बढ़ गया। कॉलेज का पहला साल था। स्कूल से निकल कर मिली हुई आज़ादी का पहला पहला स्वाद […]

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गोवा में सर्विसिंग

प्रेषिका : माया रानी मैं पिछले कई दिनों से यह कहानी लिखने की सोच रही थी पर घए में कभी इतना एकान्त नहीं मिला। आज लिखती हूँ, कोशिश करुँगी कि पूरी हो जाये, इसलिए शोर्ट में ही है। मैं अपने पति के साथ ही गोवा घूमने गई थी, हम वहाँ चार दिन रुके। जिस होटल […]

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जवानी चार दिनों की-1

लेखक : राज कार्तिक दोस्तो, मैं राज एक बार फिर से आपके पास अपनी मस्ती की दास्ताँ लेकर आया हूँ। कहानी ज्यादा पुरानी नहीं है। जैसे भगवान पहले छप्पर फाड़ कर देता था इस बार भी दिया। कहानी की शुरुआत तब हुई जब मैं अपने एक दोस्त की शादी में जालंधर (पँजाब) गया था। तो […]

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जवानी चार दिनों की-2

लेखक : राज कार्तिक “लगता है तुम्हें भी ठण्ड लग रही है…!” वो मेरे कान में फुसफुसाई और बिना मुझसे पूछे ही उसने अपनी शाल मुझ पर भी ओढ़ा दी। मैंने हाथ बढ़ा कर अपना हाथ उसके हाथ पर रखा तो उसने भी मेरा हाथ पकड़ लिया। अब कोई गुंजाइश नहीं बची थी। मैं कुछ […]

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जवानी चार दिनों की-3

लेखक : राज कार्तिक चौकीदार के जाते ही मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया और पकड़ कर पायल को अपनी बाहों में भर लिया। “बहुत बेताब हो मुझे चोदने के लिए…?” पायल के मुख से यह ‘चोदना’ शब्द सुन एक पल को तो मैं हैरान रह गया लेकिन मैं बोला- मेरी जान कल रात से […]

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समधन का फ़ेमिली प्लानिंग-1

मेरा नाम सोनाली, मैं कानपुर, उत्तर प्रदेश की हूँ। मेरी कहानी सच्ची है। मैं अन्तर्वासना को करीब दो वर्ष से पढ़ रही हूँ। मुझे भी लगा कि मैं अपनी दास्तान अपने अन्तर्वासना के पाठकों तक पहुचाऊं। मैं लेखिका नेहा वर्मा को अपनी कहानी भेज रही हूँ। मेरी शादी के बाद दो बच्चे पैदा हुए। उसके […]

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समधन का फ़ेमिली प्लानिंग-2

अगले दिन भी मुझे रात में किसी के चलने आवाज आई। चाल से मैं समझ गई थी कि ये सुरेश ही थे। वे मेरे बिस्तर के पास आकर खड़े हो गये। खिड़की से आती रोशनी में मेरा उघड़ा बदन साफ़ नजर आ रहा था। मेरा पेटिकोट जांघों से ऊपर उठा हुआ था, ब्लाऊज के दो […]

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खुश करने के लिए या?

प्रेषिका : माया सिंह कई साल पहले की बात है मेरे पति वरुण ने मुझसे पूछा- क्या तुम मेरे साथ नागपुर जाना चाहोगी? उनको अपने जॉब के किसी काम से ही वहाँ जाना था। मैंने ख़ुशी खुशी हाँ कर दी, इस बहाने मैं भी घूम सकती थी। हम दोनों ट्रेन से नागपुर पहुँचे। स्टेशन पर […]

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दिल की तमन्ना

प्रेषक : राजवीर मेरी पूर्व प्रकाशित कहानियों पर काफी मेल आये, उसके लिए आपका शुक्रिया ! आपके मेल से ही तो हमें नई कहानियाँ लिखने की प्रेरणा मिलती है। आपने मेरी कहानी दो बूँद आँसू तो पढ़ी ही होगी। उसमें मैंने अपनी फ्रेंड की सहेली की बहन की मदद की थी। रूपा अब अपने बेटे […]

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