कमाल की हसीना हूँ मैं -6

दोनों जोड़े वहीं अलग-अलग कंबल और रज़ाई में घुस कर बिना कपड़ों के ही अपने-अपने पार्टनर से लिपट कर सो गये। मैं और समीना आपा बीच में सोये थे और दोनों मर्द किनारे की ओर सोये थे। आधी रात को अचानक मेरी नींद खुली। मैं ठंड के मारे टाँगों को सिकोड़ कर सोई थी। मुझे […]

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कमाल की हसीना हूँ मैं -7

जावेद की नींद खुल गई। वो पेशाब करने उठा था। हम दोनों की हालत तो ऐसी हो गई मानो सामने शेर दिख गया हो। सलमान सोफ़े के पीछे छिप गया। मैं कहीं और छिपने की जगह ना पा कर बेड की तरफ़ बढ़ी। किस्मत अच्छी थी कि जावेद को पता नहीं चल पाया। नींद और […]

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कमाल की हसीना हूँ मैं -8

मेरे जिस्म पर कपड़ों का होना और ना होना बराबर था। सलमान ने एक तस्वीर इस मुद्रा में खींची। तभी बाहर से आवाज आई… ‘क्या हो रहा है तुम तीनों के बीच?’ मैं आपा की आवाज सुनकर खुश हो गई। मैं जावेद की बाँहों से फ़िसलकर निकल गई। ‘आपा… समीना आपा देखो ना ! ये […]

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दीवानी मोटे हथियार की

जब मेरी पहली कहानी अन्तर्वासना पर भेजी थी तब मुझे एहसास भी नहीं था कि एक दिन मेरे आगे पीछे ऊपर नीचे चारों तरफ लण्ड खड़े होंगे मुझे चोदने के लिए।

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नया मेहमान-1

तमाम पाठकों को रोनी सलूजा का प्यार भरा नमस्कार ! मेरी पहले की कहानियों की तरह पिछली कहानी ‘रिया की तड़प‘ को काफी सराहा है आप सभी ने ! इसके लिए तहे दिल से धन्यवाद। कहानी समस्याग्रस्त रिया की आपबीती एवं सच्ची कहानी है जिसे मैंने अन्तर्वासना तक प्रकाशित होने के लिए भेजा था। उसकी […]

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नया मेहमान-2

मैं नाश्ता करके घर चला गया, जाकर नहाया फिर सोने के लिए पलंग पर लेट गया और प्यारी सलहज के बारे में न चाहते हुए फिर सोचने लगा कब नींद लगी पता नहीं चला। एक बजे नींद खुली तो तैयार होकर अस्पताल गया। साले जी बोले- मैं बेटे को स्कूल से लेकर घर चला जाऊँगा, […]

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नया मेहमान-3

मैं घर चला आया, मेरा दूसरा कदम भी कामयाब रहा। घर जाकर बेड पर लेट गया पर नींद नहीं आ रही बार बार रेखा का नग्न शरीर जो बाथरूम में देखा था, नजर के सामने आ जाता, अंत में बाथरूम में जाकर रेखा भाभी की याद कर हस्तमैथुन किया तब राहत हुई। अचानक साले साहब […]

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नया मेहमान-4

बाथरूम में रेखा दरवाजे की तरफ मुँह करके पटरी पर जन्मजात नंगी बैठी हुई थी, उसका गोरा बदन आँखों के सामने बेपर्दा था। बाल सर पर बंधे थे, दोनों पैर खुले थे, चूत बिल्कुल साफ दिखाई दे रही थी

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नया मेहमान-5

मैं अपने होंठ नाभि से कमर फिर पेंटी पर फिराने लगा ठीक चूत के पास पहुँचकर जीभ से पेंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा, होंठों से दबाना उसे अच्छा लगने लगा, अपने आप को ढीला छोड़ दिया उसने।

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नया मेहमान-6

उसने अपनी गांड को कुछ इस तरह से फैलाया कि पीछे से ही गुलाबी रसभरी बुर दिखाई देने लगी जिसे देख लिंग को जैसे जान आ गई। फिर से सख्त होकर खड़ा हो गया।

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लाजो का उद्धार-1

कैसी होगी उसकी चमड़ी की छुअन! कैसी होंगी उसकी मुलायम पसलियों का अपनी छाती पर एहसास! कैसे लगेंगे हथेलियों में उसके स्तन! कैसी महसूस होगी लिंग पर कसी उसकी योनि की मक्खनी लिपटन!

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लाजो का उद्धार-2

रेशमा ठठाकर हँस पड़ी- पतिव्रता!’ और चुटकी ली- और तुम पत्नीव्रता वाह वाह…’ फिर गंभीर होकर बोली- मैंने देखा है, वह तुम्हें किस नजर से देखती है।’ ‘उसने तुमसे ऐसा कुछ कहा?’ ‘सब कुछ कहा नहीं जाता।’ ‘तुम्हें भ्रम हो रहा होगा। उसका पति कैसा भी हो, वह ऐसा हरगिज नहीं चाह सकती।’ ‘मैंने कब […]

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लाजो का उद्धार-3

एक एक हुक खुलता हुआ ऐसे अलग हो जाता था जैसे बछड़ा बंधन छूटकर भागा हो। सारे हुक खोलकर उसने पीठ से ब्लाउज के दोनों हिस्सों को फैला दिया। गोरी पीठ सफेद ब्रा के फीते की हल्की-सी धुंधलाहट को छोड़कर जगमगाने लगी। दोनों तरफ बगलों से चिपके ब्लाउज के पल्ले उलटकर अपने ही भार से […]

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लाजो का उद्धार-4

मैं जब पहुँचा लाजो वैसे ही खड़ी थी। नंगी पीठ पर लम्बे बाल फैले थे और… हाथ सामने छातियों पर थे। मुझे आया देखकर रेशमा लाजो से बोली, “लो आ गया तुम्हारा ‘कपड़ा’ पहन लो।” लाजो के दोनों हाथ छातियों और पेड़ू पर दबे थे। कपड़ा लेने के लिए एक हाथ तो उठाना ही पड़ता। […]

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लाजो का उद्धार-5

“इसको बिस्तर पर ले जाओ !” रेशमा ने आदेश दिया। वह अपने आपको गजब ताकतवर महसूस कर रही थी। मैंने लाजो को तनिक घुमाया, अपना बायाँ हाथ उसकी पीठ के पीछे डाला और झुककर दायाँ हाथ पैरों के पीछे डाल उसको उठा लिया। घुटनों के मुड़ते ही उसने गिरने से बचने के लिए अपनी गोरी […]

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