जब वी मेट-1

दोस्तो ! मैं अपने मित्र सुमित को विशेष रूप से धन्यवाद कहना चाहता हूँ जिसने इस कहानी के हिंदी रूपांतरण में मेरी सहायता की। …… प्रेम गुरु की कलम से अरे तुम नहीं जानते ये अनुभवहीन चिकने लौंडे झड़ते जल्दी हैं पर दुबारा तैयार भी फटाफट हो जाते हैं। मुझे ये छत्तिसिये और चालिसिये तो […]

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जब वी मेट-2

लेखक : प्रेम गुरु प्रथम भाग आप अन्तर्वासना पर पढ़ ही चुके हैं, अब उससे आगे : वो मुझे गोद में उठाये ही कमरे में आ गया। अन्दर जीरो वाट का बल्ब जल रहा था। उसने मुझे बेड पर लेटा दिया पर मैंने अपने पैरों की जकड़न ढीली नहीं होने दी तो वो मेरे ऊपर […]

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रेशु आण्टी ने सिखा दिया-1

प्रेषक : प्रेम सिंह सिसोदिया मैं अपनी कॉलेज की पढ़ाई के लिये गांव से अपनी आण्टी रेशू के यहाँ शहर में आ गया था। अब तक मुझे सेक्स के बारे में जरा भी ज्ञान नहीं था, यहाँ तक कि मेरा कभी वीर्य पात तक नहीं हुआ था। पर हाँ, मेरे दोस्त लण्ड चूत की बात […]

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रेशु आण्टी ने सिखा दिया-2

प्रेषक : प्रेम सिंह सिसोदिया “अरे बाप रे, रेशू आण्टी, मुझे तो देर हो गई।” कॉलेज में देर हो जाने से मैं घबरा गया था। “रेशू जी, लौट कर आऊँगा तो प्यार करेंगे।” “अरे नहीं, उनके सामने नहीं करना, अकेले में चुपके से, यानि कल सुबह को, उनके ऑफ़िस जाने के बाद।” “हाँ ठीक है… […]

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दाखिला

मेरी पिछली कहानी मेरी बहन की प्रवेश परीक्षा में आपने पढ़ा कि कैसे मेरी और सुगन्धा की प्रवेश परीक्षाएँ अधूरी रह गई थीं। अब आगे… काशी हिंदू विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा के दो सप्ताह बाद सुगन्धा को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा देनी थी। मैंने पिछली कहानी में ही जिक्र कर दिया था कि उन […]

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छुपाए नहीं छुपते-1

मेरे और सुगंधा के बीच प्रथम संभोग के बाद अगले दिन उसकी परीक्षा थी, जिसे दिलवाकर मैं शाम की ट्रेन से उसे गाँव वापस छोड़ आया। दो महीने बाद उसे महिला छात्रावास में कमरा मिल गया और उसकी पढ़ाई-लिखाई शुरू हो गई। तभी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षाओं का परिणाम घोषित हुआ और मैं उनमें […]

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छुपाए नहीं छुपते-2

प्रेषक : कुमार बोसोन उसने मेरा लिंग अपने हाथों में पकड़ लिया और बोली- आपका लिंग तो बहुत बड़ा है। मैं चौंक गया, मैंने पूछा, “तुम्हें कैसे पता? तुमने तो आजतक सिर्फ़ मेरा ही लिंग देखा है। उसने फिर अपनी आँखें बंद कर लीं और शर्म से उसके गाल लाल हो गए। मैंने कहा- बता […]

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कम्मो बदनाम हुई-1

मैं पूरी 18 की हो चुकी हूँ। मेरी चूत में खुजली तो बहुत पहले से ही शुरू हो गई थी पर अब बर्दाश्त से बाहर हो गया था। हर समय चूत में चींटियाँ से रेंगती रहती थी और लगता था अंदर कोई छोटी सी मछली फड़फड़ा रही है।

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कम्मो बदनाम हुई-2

ताऊजी ने मेरी चूत को पहले तो अपने हाथों से सहलाया और फिर अपना मुंह नीचे करके उसे सूंघा और फिर उस पर अपने होंठ टिका दिए, मेरी सिसकारी निकल गई.

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मेरी दीदी लैला -3

लैला दीदी – एक सफर – मासूम लड़की से लंड की प्यासी-1 नमस्ते दोस्तो, आशा करता हूँ कि आप लोग मुझे अभी तक भूले नहीं होंगें, मैं रजत, पंजाब से। आपने मेरी कहानी दो भागों में पढ़ी और मुझे ढेर सारे मेल किये। कुछ मेल जिनका मुझे लगा कि जवाब देना चाहिए मैंने उनका जवाब […]

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मेरी दीदी लैला -4

भैया बोले- अब बन मत ! मुझे बंटी ने बता दिया था कि वो तेरी गाण्ड लेता है और तुझे भी खूब मजे आते हैं गाण्ड मरवा के ! और बंटी ने मुझसे रिक्वेस्ट की थी कि लैला का गाण्ड देने का बहुत मन करता है सो मैं तेरी गाण्ड ले लिया करूँ।

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मेरी दीदी लैला -5

विक्की ने अपने हाथ से मेरे चूतड़ थोड़े से खोले और दरार को चौड़ा किया, फिर मेरे छेद पर अपना मुँह लगा दिया और जीभ से मेरी गाण्ड का छेद चाटने लगा। मेरे छेद पर विक्की की जीभ लगते ही मेरी गाण्ड में करंट सा दौड़ने लगा

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रेखा चाची का बेटा

प्रेषक : अनमोल वर्मा मेरा नाम अनमोल है, मैं 25 साल का हूँ। मेरी चाची का नाम रेखा है, वो 40 वर्ष की हैं। चाची, चाचा अपने चार बच्चों के साथ फिरोजपुर में रहते हैं। मैं भी पास के ही एक शहर में रहता हूँ। जब मैं 15 का था, तब चाचा की शादी हुई […]

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मैं भ्रम में रह गया-2

प्रेषक : जितेन्द्र कुमार हाय, मैं जितेन्द्र एक बार फिर एक नई कहानी के साथ आया हूँ। तो कहानी पर आता हूँ ! आपको तो पता है कि मैं एक शेयर ब्रोकिंग कम्पनी का बिजनस करता हूँ, मेरा अपना दफ़्तर है। इस बार शनिवार का रक्षाबन्धन था और मेरे दफ़्तर की छुट्टी भी थी, और […]

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मैं भ्रम में रह गया-3

प्रेषक : जितेन्द्र कुमार आख़िर जब वो पूरा घुस गया तब मैंने दीदी के पाँव अपने कंधों पर लिए और तल्लीनता से उसे चोदने लगा। दीदी संकोचन करके लण्ड को दबाने की कला अच्छी तरह जानती थी। बीस मिनट की चुदाई में वो दो बार झड़ी। मैंने भी पिचकारी छोड़ दी और कुछ देर बाद […]

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