श्रेया के साथ-2
प्रेषक : संजय कुमार कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत पर पर रखा तो ऐसे लगा जैसे भट्टी पर हाथ रख दिया हो। उसकी चूत तप रही थी और वो भी बुरी तरह से कांप रही थी। जब मैंने एक उंगली उसकी पैंटी के अन्दर सरका […]