जूनियर लड़के की गांड चुदाई
मुझे लड़कों की गांड मारने में कोई रुचि नहीं थी लेकिन एक बार हालात कुछ ऐसे बने कि मुझे एक लड़के की गांड मारनी पड़ गयी. मैंने पहली बार किसी लड़के की गांड चुदाई की थी लेकिन...
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मुझे लड़कों की गांड मारने में कोई रुचि नहीं थी लेकिन एक बार हालात कुछ ऐसे बने कि मुझे एक लड़के की गांड मारनी पड़ गयी. मैंने पहली बार किसी लड़के की गांड चुदाई की थी लेकिन...
मेरे गांडू दोस्तों को एक अपने जैसे शौक के मारे का सलाम. दोस्तो कभी कभी ऐसी गड़बड़ हो ही जाती है. मैं मिलने किसी से गया था, मिला कोई दूसरा ही. वो मेरे दोस्त का दोस्त था और वह उसी दोस्त की गांड मारने आया था. इसी गड़बड़झाले में उसने मेरी गांड मार दी. अब […]
मैं इटावा स्टेशन पर रात में मेरठ वाली ट्रेन का इन्तजार कर रहा था. स्टेशन पहुंच कर पता चला कि ट्रेन 4 घंटे लेट है. सर्दी का मौसम ... मेरे दिमाग़ में सेक्स का ख्याल आने लगा.
यह कहानी मेरे एक बार के बस के सफ़र की है. मेरी बहुत सारी फंतासियां हैं, उनमें से एक ये भी थी कि मैं किसी अंजान आदमी से बस में चुदूँ. मुझे अपनी इस फंतासी को पूरा करने का मौका मिला, जब मुझे बस से बंगलोर जाना था. ये पूरी रात का सफ़र था तो मैंने स्लीपर बस में टिकट करा लिया
मेरी हिंदी गे स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मुझे एक अंकल मिले रात में और कैसे उन्होंने मुझे अपने फ़्लैट में ले जा कर अपने लंड से मेरी गांड की चुदाई करके खुद भी मजा लिया और मुझे भी मजा दिया.
मैं उन्नीस साल का था, कॉलेज में पढ़ता था। मैं गोरा चिट्टा चिकना लड़का था उस समय... मैं कुछ कुछ लड़कियों जैसा दिखता था तो मैं जिम में जाया करता था कि मैं कुछ मर्दों जैसा दिखने लगूँ! एक शाम जिम में क्या हुआ?
मैं बाईसेक्सयुअल हूँ, मतलब मुझे आदमी के लंड और औरत की बुर, दोनों ही पसंद है. मुझे लंड चूसना, और पूरा माल पी जाना बहुत पसंद है. मेरी पसंद बुर के बारे में भी ऐसी ही है. एक बार मैं ट्रेन से दिल्ली जा रहा था तो मेरे साथ क्या बीती, पढ़ें मेरी हिंदी गे स्टोरी में!
अन्तर्वासना मेरे गांडू सूखे जीवन में बहार बन कर आयी है! मैं एक हिमाचली हूँ जिसे लंड का शौक न जाने कब से लग चुका है. मेरे गांडू जीवन की सच्ची कहानी पढ़ा कर देखें कि मेरे साथ क्या क्या और कैसे घटित हुआ.
मेरी कहानी के पिछले भाग में मैंने आपको बताया की कैसे मेरा सपनों का राजकुमार अर्जुन मुझे मिला और किस तरह मेरी और अर्जुन की दोस्ती धीरे धीरे गहरी होती गयी! अब बात करते हैं कि कैसे अर्जुन के साथ मेरा एक हसीन रात का सपना सच कैसे हुआ!
एक रज़ाई में हम दोनों घुसे और थोड़ी देर बातें करने के बाद दोनों सो गये! दरअसल मैं सोया नहीं था सिर्फ़ उसके सोने का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि मेरे अंदर हवस और वासना की वजह से फिर से लंड को लेने की प्यास जाग चुकी थी!
एक दिन किसी काम से सरकारी अस्पताल के पास की एक दुकान पर किसी काम से गया तो वहाँ पर खड़े 3 नये नवेले लड़कों को देखकर दिल में मानो कामुकता की आग सी लग गयी, मुझे किसी कड़क लंड की जरूरत थी.
मैं सरकारी अस्पताल में किसी देसी लंड की तलाश में था, एक लंड मुझे पसंद भी आया था लेकिन उसने मुझे पहले तो दुत्कार दिया था लेकिन फिर वो मेरे पास आया.
सेक्सी राजकुमार सर्वेश के राजपुताना लन्ड का कामरस मैं पी चुका था और उसके भाई रत्नेश राजपूत का नाम सुनते ही मेरे मन में किसी महाराजा की छवि आयी और किसी प्राचीन महाराजा के लन्ड का स्वाद चखने की तीव्र इच्छा मेरे मन में जाग गयी.
मैं लालची अब सर्वेश के बड़े भाई रत्नेश राजपूत के कसरती जिस्म और मज़बूत लन्ड का प्यासा हो गया था और इसी उधेड़बुन में लगा था कि कैसे मेरी प्यास बुझ सके।
वो बोले- क्या कर रहा है तू... मां चोद दी यार भेजे की तूने... मत हाथ लगा भाई लन्ड को... ये मादरचोद को अभी चूत चाहने लगेगा... बहुत टाइम हो गया वैसे भी चूत चोदे हुए... एक तो बीवी ने खड़ा कर दिया और बचा हुआ तूने...