मौसी की चूत की आग
मेरी मौसी एक महीने के लिए रहने आई तो मैं उनके सेक्सी बदन पर मर मिटा. एक दिन बाज़ार गए तो मौसी ने ब्रा खरीदी,मैंने मजाक में कह दिया कि मौसी पहन कर तो दिखाओ!
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मेरी मौसी एक महीने के लिए रहने आई तो मैं उनके सेक्सी बदन पर मर मिटा. एक दिन बाज़ार गए तो मौसी ने ब्रा खरीदी,मैंने मजाक में कह दिया कि मौसी पहन कर तो दिखाओ!
मैं नीलम चाची को घूरता रहता था, मेरी नज़र कभी उनके चूचों की घाटी.. साड़ी के पल्लू के बीच में से उनकी नाभि.. या फिर उनके उठे हुए चूतड़ों पर टिकी ही रहती थी। मैं उनके हुस्न के ख़यालों में खो जाता..
मेरा लण्ड अब और इंतज़ार करने को तैयार नहीं था.. मैंने नीलम चाची की कमर के नीचे एक तकिया रख दिया। नीलम चाची ने ख़ुशी से अपने पैर खोल दिए।
मैं गाँव में नदी पर नहाने गया तो चाची मेरे सामने नंगी हो गई. साथ में एक पड़ोसन लड़की भी थी. घर आकर मुझे मुठ मारनी पड़ी, चाची ने देख लिया तो बोली कि तेरे लिए कुछ इंतजाम करती हूँ.
मौसी मेरे खड़े लण्ड को हाथ में पकड़ मुझसे पूछने लगी- सोमू, सच बताना, तुम्हारा लण्ड मेरे सामने बार बार क्यों बैठ रहा था? मेरी उम्र के कारण या फिर कोई और कारण?
मामी घुटनों तक की मैक्सी पहने एकदम सेक्स की देवी लग रही थीं। मामी की गोरी गोरी पिण्डलियाँ, उनके ऊपर उभरे हुए चूतड़, मैक्सी चूतड़ों की दरार में घुस कर मामी के पूरे चूतड़ों को नुमाया कर रही थी।
कुछ महीने मैं अपनी अविवाहित मौसी के घर में रहा था। मौसी को देख कर मेरे लंड की हरकतें बढ़ जाती थी पर मैं कुछ नहीं कर सकता था। मौसी के घर में रहने के कुछ अनुभव आपके लिए पेश हैं।
मामी नहाने की तैयारी कर रही हैं। मामी ने पहले साड़ी हटाई.. फिर ब्लाउज खोला और अपने बोबों को मसल-मसल कर साफ करने लगीं। मामी ने धीरे-धीरे अपना पेटीकोट ऊंचा किया और अपनी चूत को साफ करने लगीं।
मामी मेरे नीचे गिरी थीं और हम दोनों ही ऐसे गिरे कि मेरा लण्ड मामी की ठीक चूत के ऊपर ही था। मेरी और मामी की नजरें एक-दूसरे से टकराईं और हम मानो कहीं खो से गए।
मैंने मामी को सांत्वना देने के लिए मामी को गले लगा लिया और पता ही नहीं चला.. कब हम दोनों पर वासना का भूत सवार हो गया और हमने अपनी हदें पार करना शुरू कर दिया था।
चाची के साथ कार में बैठा तो सामिप्य पाकर उनके बदन को छुआ तो शुरुआती हिचक के बाद चाची ने मेरा साथ दिया। अगले ही दिन चाची ने मुझे अपने घर बुला लिया और…
मैं अपनी मौसी के भरे जवान और प्यासे जिस्म से बहुत आकर्षित हो गया था और उनके साथ कुछ शारीरिक सम्बन्ध बनाने का प्रयास करने लगा
चाची सो गई पर मेरी आँखों से नींद गायब थी। मैं तो उनको चोदने का मौका खोज रहा था। फिर मुझे एक शरारत सूझी, मैंने चाची के बायें हाथ को सहलाना शुरू कर दिया कि अगर बुरा लगेगा तो डांटेंगी।
मौसा के आने के पहले मौसी नहाने चली गईं.. क्योंकि आज रात को चूत लंड की लड़ाई होने वाली थी। उसके बाद वो पूरी शिद्दत से चुदने के हिसाब से तैयार हुईं और नेट की हल्की और पारदर्शी साड़ी पहनकर मौसा का लंड लेने के लिए तैयार हो गईं।
मैंने जब उनकी गाण्ड की दो फलकों को अलग करने वाली लकीर पर नज़र जमाई.. तो मेरी मति भ्रमित हो गई.. रिश्ते-नाते सब हवा हो गए.. याद था तो बस लंड और चूत की प्यास।