दीदी के साथ हनीमून सफ़र

प्रेषक : विजय पण्डित मैं अपनी फ़र्स्ट इयर की पढ़ाई कर रहा था। मुझे याद है उस समय बरसात का मौसम था…. पापा ने मुझे बताया कि दीदी के साथ उदयपुर जाना है। दीदी की उम्र करीब 27 वर्ष की थी। जयपुर में भी एक दिन रुकना है। मुझे घूमने का वैसे ही बहुत शौक […]

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भाई ने बताया चुदाई क्या है?

भइया ने मेरे होठों से होंठ मिलाकर चूमना शुरू कर दिया। पांच मिनट के उस किस ने मेरे सेक्स को चरम पर पंहुचा दिया और मेरी चूत लंड खाने के लिए बेकरार होने लगी।

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पहली बार ममेरी बहन के साथ

हाय ! मेरा नाम राज़ सोलंकी है। मैं आज आपको अपनी पहली कहानी भेज रहा हूँ। मेरी उमर २७ साल, कद ५’१०”, दिखने में सेक्सी हूँ । यह बात करीब ८ साल पुरानी है। तब मेरे बड़े भाई की शादी का अवसर था और घर में सब रिश्तेदार आए हुए थे। उनमें मेरे मामा की […]

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भैया ने बाज़ी मारी

मैं अपनी खिड़की से सामने रहने वाले लड़के को अपनी चूचियां दिखाया करती थी और उसका लंड देखती थी. मेरे भाई को पता चल गया. उसके बाद भाई ने मुझे ब्लैकमेल किया और चोदा तो मुझे मजा आ गया.

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एक ही थैली के चट्टे बट्टे-1

मैंने अपने भाई का हाथ पकड़ कर अपने आगे लिटा लिया, उसका लिंग अपने हाथ में सहलाते हुए अपनी योनि में फंसा कर कहा- अब धक्का मारो, इसमें दर्द नहीं होगा!

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रक्षाबंधन या सुहागरात दीदी के साथ

दीदी ने अभी अपनी आँखें बंद कर रखी थी क्योंकि मैं उनके पेट पर, नाभि पर हल्का-हल्का हाथ फेर रहा था। अचानक मैंने दीदी के पेटीकोट के नाड़े की तरफ हाथ बढ़ाया तो...

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सावन जो आग लगाए-1

प्रेम गुरु की कलम से…. अभी तक अपना कौमार्य बचा कर रखा था। मैं तो चाहती थी कि अपना अनछुआ बदन अपने पति को ही सुहागरात में समर्पित करुँ पर इस शमा की बातें सुन सुन कर और इस पिक्की में अंगुली कर करके मैं भी थक चुकी थी। मेरी रातों की नींद इस शमा […]

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सावन जो आग लगाए-2

प्रेम गुरु की कलम से…. “ओह … मीनू … सच कहता हूँ मैं इन तीन दिनों से तुम्हारे बारे में सोच सोच कर पागल सा हो गया हूँ। लगता है मैं सचमुच ही तुम्हें पर … प्रेम … ओह … चाहने लगा हूँ। पर ये सामाजिक बंधन भी हम जैसो की जान ही लेने के […]

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तुम्हारे लिए ही

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम प्रिंस है और मैं आपको अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ। मेरे परिवार में मेरी मम्मी, मेरे पापा, बड़ी बहन राखी, और फिर मैं हूँ। मेरे पापा की रात की नौकरी रहती है इसलिए आप अन्दाज़ा लगा सकते हैं कि उन्हें रात में सम्भोग, मतलब चुदाई करने का मौक़ा […]

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मस्तानी लौन्डिया-1

अगले गेम में निशु हार गई और मुझे उसकी ब्रा खोलनी थी। वो आराम से मेरे सामने आ कर मेरी तरफ़ पीठ करके खड़ी हो गई, और पीठ से अपने बाल समेट कर सामने कर लिए, ताकि मैं उसके ब्रा की हुक खोल सकूँ।

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मस्तानी लौन्डिया-2

मैंने उसकी चूत की फ़ाँक खोल करके भीतर की गुलाबी झिल्ली की जांच की। साली सच में कुँवारी थी। सांवले बदन की निशु की चूत थोड़ी काली थी, जिससे उसके चूत का फ़ूल ज्यादा ही गुलाबी दिख रहा था।

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फिर दूसरी से कर लेना

एक रात मैंने देखा कि मेरे भैया एवं दोनों बहनें एक दम नंगे थे! बहनों ने भैया का लंड पकड़ रखा था. कभी लंड को ऊपर नीचे करती, कभी मुँह में लेकर चूस रही थी! तो मुझे भी मौक़ा मिला.

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भाई बहन का प्यार-1

मैंने अपनी बहन को अपनी बाहों में लिया और चूची पर हाथ रख कर धीरे धीरे मसलने लगा और उसकी तारीफ करने लगा। गले पर चूमने लगा और लंड को उसकी गाण्ड पर रगड़ने लगा।

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भाई बहन का प्यार-2

जैसे ही मैंने उसकी चूत पर मुँह रखा तो उसको करेंट लगा और ज़ोऱ से चिल्लाई- हाय भैया! आप क्या कर रहे हो! प्लीज़ ऐसा मत करो! मुझे कुछ हो रहा है!

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भाई बहन का प्यार-3

हर लड़की लड़का चोदते हैं जैसे तुम्हारी मम्मी पापा से चुदवाती है, तुम्हारी भाभी भैया से चुदवाती है, मेरी पत्नी मेरे से चुदवाती है, फिर तुम क्यों मना कर रही हो!

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