बहन की गान्ड के बाद चूत -2
मैं अपनी बहन की सिर्फ़ गान्ड मारता था, चूत नहीं, लेकिन उसके इस जन्मदिन पर मैंने उसकी चूत की झिल्ली फ़ाड़ कर मुहूर्त करने का सोचा और होटल में कमरा बुक करवा लिया।
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मैं अपनी बहन की सिर्फ़ गान्ड मारता था, चूत नहीं, लेकिन उसके इस जन्मदिन पर मैंने उसकी चूत की झिल्ली फ़ाड़ कर मुहूर्त करने का सोचा और होटल में कमरा बुक करवा लिया।
होटल में जाकर मैंने बहन को दारू पिलाई और नंगी करके उसकी कुंवारी चूत पर लन्ड रख कर रगड़ने के साथ साथ उसकी चूचियाँ चूसने लगा। और कुछ देर बाद…
यह कहानी है मेरी पहली चूत चुदाई की, वो भी मेरे भाई से… एक दिन मेरे छोटे भाई ने मुझे ब्लू फ़िल्म देखते हुए अपनी चूत में उंगली करते देख लिया और बस…
मैं अपनी बहन को उसकी शादी से पहले से ही चोदना चाहता था.. जब गली के सब लौंडे मज़े ले सकते हैं तो हम घर में ही क्यों नहीं ले सकते.. लेकिन मुझे मौका मिला बाद में!
जब तुम्हारा भाई.. घर में आए और जब वो नहाने जाए.. तो तुम उससे पहले नहाने चली जाया करो.. और अपनी खोली हुई पैन्टी और ब्रा बिना धोए बाथरूम में छोड़ दो..
मैंने उसकी स्कर्ट को उसकी कमर तक चढ़ा कर उसकी पैन्टी धीरे-धीरे उतारने लगा.. उसकी चूत मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी। मैंने सीधा उसकी चूत पर मुँह लगा दिया और चाटने लगा..
अनु अपना मुँह मेरे लंड के पास ले आई और लंड सूंघने लगी और 2 मिनट के बाद अपनी जीभ से मेरे सुपारे को छुआ.. फिर कुछ देर अलग रही.. कुछ सोचती रही.. फिर मेरे लंड पर अपनी जीभ रख दी और धीरे-धीरे चाटने लगी
मैंने दरवाजे की साइड अनु का सिर करके नीचे लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया। तभी मैंने देखा कि मौसी दरवाजे पर खड़ी हैं। मैं उन्हें दिखा कर अनु की चूत में ज़ोर से झटके मारने लगा। मौसी हैरान रह गईं और नहाने चली गईं, मैं चुदाई करने लगा।
जब मेरी खाला(अम्मी की बहन) की लड़की मुझे पहली बार मेरे मामूजान के लड़के के निकाह में मिली थी। उस लड़की का बड़ा मन था चुदाई करवाने का.. उसने मुझे रात में अकेले में आकर कहा- आज मैं तुम्हारे साथ सोऊँगी।
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से बंद कर रखे थे। हम दोनों पूरे पागल हो चुके थे, मैं भूल गया था कि वो मेरी छोटी बहन है, बस अब उसे चोदना ही मेरा लक्ष्य था।
मेरी ममेरी बहन परीक्षा के लिये दस दिन मेरे पास रहने आई तो उसे देखते ही मेरे लन्ड में हलचल होने लगी थी। दिन भर बाइक पर उसे घुमाने के बाद रात को हमने एक ही बिस्तर पर सोना था।
पुनीत- मेरी बहना, टेंशन मत ले.. मैं बस तुम्हें बताने आया हूँ.. सो मत जाना.. मैं थोड़ा बाहर जाकर आता हूँ.. उसके बाद आकर सीधा तेरे पास आ जाऊँगा.. तू बस टाँगें फैला कर तैयार रहना..
पुनीत ने पायल के मुँह पर लौड़ा लगा दिया और हाथ से उसके बाल पकड़ कर लौड़ा उसके गालों पर घुमाने लगा- मेरी जान ले चूस.. पायल- भाई आपके इरादे ठीक नहीं लग रहे.. मुझे तो डर लग रहा है आपसे.. पता नहीं आज मेरी गाण्ड का क्या हाल करोगे..
पायल को अब मज़ा आने लगा था। वो हाथों पर ज़ोर देकर फिर से घोड़ी बन गई थी और पुनीत अब उसके कूल्हे पकड़ कर 'दे दनादन..' लौड़ा पेल रहा था। कुछ देर बाद पुनीत ने पायल की गाण्ड में पिचकारी मारनी शुरू की..
यह कहानी मेरे और मेरे मामा की लड़की के बीच की है। उसने खुद पहल करके मेरे सामने अपने प्यार का इज़हार किया और मैंने मौका पाकर उसए पकड़ लिया और उसकी कुंवारी चूत चोद कर मज़ा दिया।