मेरी बहन स्वीटी

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मेरा नाम सुमीत है, पटना का रहने वाला हूँ। मैं जो यह कहानी बताने जा रहा हूँ यह बिलकुल सच्ची है।

पहले मैं अपने बारे में बता दूँ। मैं बहुत बड़ा चुदक्कड़ हूँ, मेरा लंड सात इन्च लम्बा है और तीन इंच मोटा।

बात है दिसम्बर की! आज से सवा साल पहले की बात है। मैं पटना में अपनी बुआ के घर में था। और उनकी बेटी है स्वीटी।

मेरे एक दोस्त ने बुआ की बेटी स्वीटी को पटा लिया। इस बात की भनक मुझे लगी तो मैंने स्वीटी को डांटा।
दूसरे दिन उसका बॉयफ्रेंड आकर बोला- तू गलत कर रहा है! मैं उसे प्यार करता हूँ! तू बीच में मत आ!
मैंने उसे भी मारा।

स्वीटी बहुत सेक्सी है, जब भी मैं उसके बारे में सोचता तो उसको जमकर चोदने का मन करता लेकिन मैं कुछ नहीं कर पाता। वो मुझे तिरछी नजर से देखती थी।

बस तो सर्दियों के दिन थे। सब लोग (परिवार वाले) रजाई ओढ़ कर रात को बातें करते थे। वो मेरी बगल में बैठ गई। मैंने धीरे से उसकी टांग पर हाथ फ़ेरना शुरु किया। वो मेरी तरफ़ देख के मुस्कराई तो मुझे हरी झण्डी मिल गई। मैंने उसके वक्ष पर हाथ लगाया और उसके स्तन दबाने शुरु किये।

वो मस्त हो रही थी, वो कहने लगी- भाई, मुझे कम्प्यूटर सिखाओ!
मैंने कहा- क्लास लगेगी, वो भी रात को!
वो कहने लगी- ठीक है, मैं डिनर करके आपके कमरे में आ जाऊँगी।

वो रात को मेरे कमरे में आई। घर बहुत बड़ा था। मैंने उसे कम्प्यूटर ऑन करके दिया, उसको गाने चलाना, सीडी चलाना बताने लगा। मैं उसको बताते हुए छू रहा था। उसे अजीब सी मस्ती चढ़ रही थी। उसका ध्यान मेरी ओर हो गया। मैं सेक्सी फ़िल्म पर क्लिक करके सोने का नाटक करने लगा। उसने वो फ़िल्म एकदम डर के बंद कर दी और फ़िर कुछ देर तक वो कम्प्यूटर चलाने के बाद सोने को जाने लगी। लेकिन उसका मन उस फ़िल्म को देखने का था तो उसने मेरी ओर देखा तो मैं सोने का नाटक करने लगा। वो आराम से फ़िल्म देखने लगी।

फ़िल्म देखने के बाद वो गर्म हो गई। वो अपने वक्ष को मसलने लगी। मैंने धीरे से उसको चूम लिया तो वो चौंक गई।

मैं उसे अपने बिस्तर पर उठा लाया तो वो बोली- भैया यह क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- जो तुम्हें चाहिए, वो दे रहा हूँ।

मैं उसकी चूचियाँ दबाने लगा, वो मस्त होती जा रही थी। मैं होंठ भी चूमने लगा।

वो बोली- यह नीचे एक डंडा सा क्या है?
इतने में उसने मेरे लंड पर हाथ फ़ेरना शुरु किया।

मुझे भी मस्ती चढ़ रही थी। मैंने धीरे से उसकी सलवार को खोल दिया, मैं सलवार को उतारने लगा तो वो बोली- किसी को पता चल गया तो?
मैंने कहा- तुम बताओगी?
वो बोली- नहीं।

मैंने उसके और अपने सारे कपड़े उतार दिये। हम दोनो एकदम नंगे थे। मैं उसे बेसबरी से चूम रहा था। वो भी मुझे ‘चूमते रहो’ कह रही थी, इतने दिन पहले क्यों नहीं किया।

मेरा सात इन्च का लंड एकदम खड़ा था। वो बेसबरी से उसे देखने लगी ओर बोली- इतना बडा पहली बार देखा है।

वो एकदम नंगी मस्त दिख रही थी, उसकी छोटी छोटी चूचियाँ पूरी कसी हुई थी। मैंने पहली बार उसे नंगी देखा था। मैं उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो मस्त हो कर तडफ़ रही थी। मैं उसके पूरे शरीर को चूमता हुआ उसकी चूत को चूसने लगा। बाद में हम लोग 69 की अवस्था में हो गये। वो मेरे लण्ड को चूस रही थी, मैं उसकी गोरी साफ़ चूत को जीभ से चूस रहा था।

‘आ.आ… आआया… आआआअ.. आआआ… उ.ऊउऊ… ऊ.ईई… ऊई..ऊई आह आआह्ह्छ…’ वो मस्त हो रही थी।

अब मैं झड़ने वाला था, वो भी इस दौरान दो बार झड़ गई थी। मैं उसका नमकीन रस पीता रहा।मेरा रस उसके मुँह में झड़ गया। वो सारा रस मस्ती से पी गई।

अब मैं फ़िर उसकी चूचियाँ चूसने लगा। वो बहुत खुश थी। मैंने एक उँगली उसकी चूत में डाली। मेरा लण्ड खड़ा हो गया।

अब वो बोली- मुझे कुछ हो रहा है, जल्दी करो, मेरी प्यास बुझाओ।
मैंने कहा- इतनी भी जल्दी क्या है?
मैंने कहा- दर्द बहुत होगा! झेल लोगी?
वो बोली- चाहे मेरी चूत फ़ट जाये, मैं चाहे जितना भी चिल्लाऊँ, छोड़ना मत, बस अब जल्दी करो, चोद डालो, फ़ाड डालो मेरी चूत, जल्दी करो।

मैंने चूत पर लंड रखा और धक्का दिया तो लंड 4″ अंदर ही गया था कि वो चिल्लाने लगी- भाई छोड़ दो, बस करो, मर जाऊँगी।

मैंने एक जोर से झटका मारा और मेरा लण्ड चूत की सील तोड़ते हुए अंदर घुस गया। वो चिल्लाती रही, मैं रुक गया और उसके चुचूक चूसने लगा। वो मस्त हो रही थी। थोड़ी देर में मैंने झटके लगाने शुरु किये। वो भी मेरा साथ देने लगी थी। वो चूतड़ उठा उठा कर चुद रही थी। काफ़ी सारे झटके लगाने के बाद मैं झड़ गया, इस दौरान वो तीन बार झड़ चुकी थी।

पूरी रात में लगभग 5 बार चोदा। वो अब पूरी तरह से टूट चुकी थी। उससे उठना ही मुश्किल हो गया था।

और कहानियाँ मेरी मामी, मौसी और चाची की चुदाई के बारे में बाद में!

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