चुदासी भाभी की चूत में देवर का लंड

(Hot Bhabhi Xxx Fuck Kahani)

हॉट भाभी Xxx फक कहानी में मैं अपनी भाभी से खुलकर सेक्स की बात कर लेता था पर हमारे मन में आपस में सेक्स करने का भाव नहीं था. लेकिन हालात ऐसे बने कि हमने सेक्स किया.

नमस्कार दोस्तो, मैं आज आपको जो सेक्स कहानी बताने जा रहा हूँ, वह मेरी और मेरे चचेरे भाई की बीवी की है.
मुझे यकीन है कि आपको यह कहानी अच्छी लगेगी और आपका पानी भी निकलेगा.

मैं हॉट भाभी Xxx फक कहानी में आगे बढ़ने से पहले थोड़ा अपने और अपनी भाभी के बारे में बता देता हूँ.

मेरा नाम मंथन उर्फ मन है. मेरी हाईट छह फिट दो इंच की है.
शरीर से मैं सामान्य हूँ. न ही बॉडी बिल्डर और न ही सिकुड़ा हुआ, साधारण शरीर है.

मेरा लंड खड़ा होने के बाद सात इंच का है.
यह मुझे पहले नहीं पता था, मेरी भाभी ने मुझे चुदने के बाद बताया था.

मेरी भाभी का नाम शीला है.
वे एक पढ़ी लिखी महिला हैं.
उनकी साइज तो क्या ही बताऊं … एकदम कुंवारी कन्या के जैसे 30-28-32 का फिगर है.
जो भी लड़का या बूढ़ा उनको देखता है, वह बस देखता ही रहता है. भाभी की हाईट लगभग 5 फुट 2 इंच है.
वे मेरी गर्दन तक आती हैं.

भाभी को एक लड़का भी है.
क्योंकि उनकी शादी के समय मेरे घरवालों ने उनको काफी मदद की थी तो हमारे उनसे काफी अच्छे संबंध बन गए थे.
हम दोनों देवर भाभी कम … और अच्छे दोस्त ज्यादा बन गए थे.

हमारी भाभी जी भी काफी खुले विचारों वाली हैं.

जब मैं कॉलेज में पहुंच गया, तब से हम दोनों के बीच काफी नॉटी बातें भी चलने लगी थीं.
जैसे कि वे मुझसे मेरी गर्लफ्रेंड के बारे में पूछतीं … और मैं भी उनसे सब बिंदास साझा कर देता था.

मैं उन्हें बता देता था कि मैंने कितनी गर्लफ्रेंड पटाईं और वे किधर रहती हैं, कैसी दिखती हैं. मैंने उसे चोदा या नहीं … मैं सब बातें भाभी से बेझिझक कह देता था.

इसी के चलते हम दोनों काफी क्लोज हो गए थे.

मैं भी कभी कभार उनसे उनके बारे में भी पूछ लेता था.
पर उन्होंने मुझे बताया कि मेरे भाई ही उनका पहला प्यार हैं और उन्होंने उनके अलावा किसी से संबंध नहीं रखे क्योंकि उन्हें टाइम ही नहीं मिला. कॉलेज के बाद सीधा मेरे भाई से शादी कर ली.

भाभी अपने पति के साथ अपने रोमांस के किस्से बड़े मजे से बताया करती थीं कि किधर किधर उन्होंने चुदाई की.
मेरे भाई ने उनको कैसे कैसे चोदा मतलब कौन कौन से आसन में सेक्स किया … सब कुछ बिंदास बता देती थीं.

इतने खुले विचारों के बावजूद भी हमारा संबंध सिर्फ बातों तक ही था.
चूंकि मेरी एक गर्लफ्रेंड भी थी तो मैंने भी भाभी को कभी कामुक नजर से नहीं देखा था.

फिर मेरा कॉलेज खत्म हुआ और मैं काम के लिए मुंबई आ गया.

अब हमारी सिर्फ फोन पर बातें होती थीं.

मुझे उन्हें चोदने का सौभाग्य इसी साल ही नसीब हुआ.
उस अनुभव को मैं कभी नहीं भूल सकता हूँ.
जो सुख मुझे भाभी ने दिया था, वह मैंने अभी तक किसी औरत से नहीं पाया.

हुआ यूं कि ऐसे ही एक दिन भाभी और मैं फोन पर बात कर रहे थे.

उन्होंने मुझे बताया कि भैया भी मुंबई काम करने आए हैं. उनकी पोस्टिंग मुंबई हो गई है. अब वे अकेली ही गांव में हैं.

मैंने उनकी आवाज़ में काफ़ी अकेलापन महसूस किया.
क्योंकि हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं तो मैं उनकी उदासी को समझ गया था.

मैंने उनको हौसला देते हुए समझाया कि आपका लड़का भी अब बड़ा हो गया है और महंगाई भी है. तो जिम्मेदारी और अच्छे जीवन के लिए काम तो करना पड़ेगा ही ना!

मेरी बातों से भाभी का मूड भी थोड़ा अच्छा हुआ और हम दोनों आगे बात करने लगे.

लेकिन आपको तो मालूम ही होगा कि औरत की शारीरिक भूख तो होती ही है, कितना भी कंट्रोल करो.
एक बार को हम मर्द लोग तो मुठ मारके शांत हो सकते हैं लेकिन औरत को तो सेक्स चाहिए ही है और खास करके शादीशुदा औरत को तो बिना लौड़े के चैन ही नहीं पड़ता है.

मैंने उनको धीरज देते हुए कहा- परेशान मत हो भाभी, भैया छुट्टी में आएंगे, तब जी भरके सेक्स कर लेना!
उन्होंने कहा- वे आजकल बहुत कम आते हैं … और पहले जैसा चोदते भी नहीं हैं.

उनकी आवाज में जो भूख दिख रही थी, वह मैं महसूस कर रहा था.
पर कुछ कर भी नहीं सकता था क्योंकि मैं इधर और वे गांव में थीं.

मैंने उनसे कहा- आप निश्चिंत हो जाओ, मैं आपके लिए डिल्डो या वाइब्रेटर ले आऊंगा, तो आपका भी मूड अच्छा रहेगा.
इस बात पर भाभी खुश हो गईं और हम दोनों ने फोन रख दिया.

फिर मैंने ऑनलाइन एक डिल्डो और वाइब्रेटर ऑर्डर किया और छुट्टी लेकर गांव आ गया.

मुझे मुंबई में शराब का नशा करने के आदत लग गई थी क्योंकि मेरा काम ही मीडिया का था.
शूटिंग वगैरह के काम में काफी थकान हो जाती थी, उस वजह से मैं शराब के नशा करने लगा था.

तो छुट्टियों के लिए शुक्रवार रात को मैं अपने गांव के लिए निकल गया. मेरे पास शनिवार व रविवार के दो दिन गांव में बिताने के लिए थे.
शुक्रवार की रात को मैं घर पहुंच गया.

मुझे मालूम हुआ कि मेरे घर वाले किसी फंक्शन के कारण बाहर रिश्तेदार के यहां गए हैं और वे सब कल शाम को लौटेंगे.
चूंकि घर की एक चाभी मेरे पास थी तो कोई दिक्कत नहीं थी.

घर में अकेला रहूँगा, यह जानकर मुझे अन्दर से बहुत खुशी हुई कि अकेले ही रात भर रहूँगा और नशा करने की पूरी आजादी मिलेगी.

मैं बाजार गया और आधा बॉक्स बीयर व दो व्हिस्की की बोतल ले आया.
मैंने तय किया कि अभी भाभी से मिल लेता हूँ.

मेरे घर से 5 मिनट की दूरी पर भाभी का घर था और उनको मालूम नहीं था कि मैं आने वाला हूँ.

सफर की वजह से थकान भी थी तो मैंने भाभी को कॉल किया और बताया कि भाभी मैं गांव आ गया हूँ और आपकी चीजें भी लाया हूँ.
वे खुश हो गईं और बोलीं- आप तुरंत मेरे घर आ जाओ और मेरा सारा सामान ले आओ!

मैंने कहा- क्यों आपके घर में आपकी सास और आपका बेटा नहीं है क्या?
वे एकदम से चुप हो गईं और बोलीं- अरे मैं तो भूल ही गई. मैं ही उधर आ जाती हूँ.

मैंने कहा- ओके भाभी … आज मेरे घर में कोई नहीं है तो मुझे भी आपसे अपने घर में ही मिलने का मन है.
भाभी यह सुनकर और भी बहुत खुश हुईं और बोलीं- मैं अभी रोटी बना रही थी … तुम्हारे लिए भी बना लेती हूँ. मैं काम खत्म करके आ जाती हूँ.

मैंने ओके कह दिया और फ्रेश होने चला गया.
फिर नहा धोकर बिना अंडरवियर पहने सिर्फ शॉर्ट्स पहना और भाभी के आने की राह देखने लगा कि कब वे आएं और फिर उनके जाने के बाद मैं मस्ती से बैठ कर नशा करूँ.

भाभी से मिलना था इसलिए सिर्फ शॉर्ट्स पहन रखा था.
मैं टीवी पर फिल्म देखते हुए टाइमपास करने लगा.

तभी मेरे घर की डोरबेल बजी.

मैंने दरवाजे के छेद से देखा तो भाभी खड़ी थीं.
वे लाल रंग के कॉटन गाऊन में थीं.

जैसे ही मैंने दरवाजा खोला, उन्होंने मुझे कसके गले से लगा लिया क्योंकि हम दोनों बहुत टाइम के बाद मिल रहे थे.

मैंने भी उनका साथ देते हुए अपने दोनों हाथ उनकी पीठ पर रख कर कसके अपनी बांहों में उनको जकड़ लिया.
उनके बूब्स मेरी छाती पर एकदम कसके दब रहे थे.

उस वक्त मैं भी नशे में था तो उनका बदन जैसे ही मेरे बदन से लगा, वैसे ही तुरंत मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया और भाभी की दोनों टांगों के बीच में घुस गया.
उन्हें भी ये अच्छा लग रहा था.

करीब पांच मिनट तक हम दोनों सिर्फ कसके गले लगे हुए थे और मैं गर्म होने की वजह से उनकी पूरी पीठ सहला रहा था.

वे भी मुझे छोड़ नहीं रही थीं.
वहीं उसी पोजीशन में हम एक दूसरे के हाल चाल पूछ रहे थे कि कैसी हो, कैसा चल रहा है … वगैरह वगैरह!

फिर 5 मिनट बाद हम दोनों अलग हुए और मैंने भाभी को डिल्डो और वाइब्रेटर दे दिया.
लेकिन भाभी सिर्फ मेरे खड़े लंड को घूर रही थीं.

आपको तो मालूम है कि हम दोनों काफी क्लोज थे, तो मैंने भाभी से कहा- क्या हुआ भाभी, लंड नहीं देखा क्या कभी?
उस पर उन्होंने अपने होंठ काटते हुए जवाब दिया- लंड तो देखा है, लेकिन बहुत दिनों से लिया नहीं है!

उस पर मैंने उनको जवाब दिया- अभी आपको रोबोटिक लंड दे दिया है ना … उसी को दिन भर और रात भर लेती रहो.
हम दोनों हंसने लगे.

फिर भाभी ने मुझे खाना खाने के लिए घर पर आने के लिए कहा.

मुझे जाने का मन नहीं था पर उन्होंने काफी जिद की तो मैं भी मना नहीं कर पाया और कह दिया कि ठीक है.

वे यह कहती हुई मेरे घर के किचन में पापड़ लेने चली गईं कि तेरे लिए पापड़ यहीं से ले लेती हूँ.
मैंने ओके कहा और बेड पर बैठे बस उनकी मटकती हुई गांड को देखने लगा था.

उफ्फ … उनकी गांड एकदम गोल मटोल थी और मस्ती से ऊपर नीचे हो रही थी, उसे देख कर ही मेरी धड़कनें और तेज हो रही थीं.

भाभी किचन में चली गईं और पापड़ लेकर बाहर आने लगीं तो उनके बूब्स मस्त हिल रहे थे.

वह दृश्य देख कर तो मैंने अपना आपा खो दिया और जैसे ही भाभी मेरे करीब आईं, मैं बेड पर से खड़ा हो गया और सीधा उनका एक हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच लिया.
मैंने अपने होंठ उनके होंठों से लगा दिए और किस करना चालू कर दिया.

भाभी पहले तो हड़बड़ा गईं और मुझे मुझे अपने आप से दूर करती हुई बोलीं- अरे मन … दरवाजा तो बंद कर लो पहले … किसी ने देख लिया तो तुम्हारा तो कुछ नहीं बिगड़ेगा … तुम तो चले जाओगे, लेकिन मेरा क्या होगा? मेरी तो इज्जत पर कलंक लग जाएगा ना! वैसे भी मैं अपने आप को संभालती हुई बड़ी मुश्किल से रह पा रही हूँ.

उनकी बात सुनते ही हॉट भाभी Xxx फक का रास्ता साफ़ हो गया और मैं दरवाजे की ओर दौड़ पड़ा और झटपट दरवाजा लॉक करके वापिस भाभी के पास आ गया.

मैंने उनको अपनी ओर खींचा और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.
मैं उनको कसके किस करने लगा.
वे भी मेरा साथ देने लगीं.

उन्होंने अपने हाथ में लिया हुआ पापड़ बाजू में रख दिया और अपने हाथ मेरे सर के पीछे ले जाकर मुझसे कसके चिपक गईं.
भाभी अपनी ऐड़ी पर खड़ी होकर किस करने लगीं.
वे मेरे कद से काफी छोटी थीं तो उनके चूचे मेरे पेट पर रगड़ रहे थे.

कुछ मिनट तक तो हम दोनों किस करते ही रहे थे.
कभी मैं अपनी जीभ उनके मुँह में डाल रहा था, कभी वे मेरे मुँह में अपने जीभ डाल रही थीं.

हम सब मस्त फ्रेंच किस करने में मग्न थे.
साथ में ही मैं अपने दोनों हाथों से भाभी की मस्त गोलमटोल गांड को उनकी मैक्सी के ऊपर से ही दबा रहा था.

भाभी सिर्फ अपने हाथों से मेरा सिर अपनी ओर खींच रही थीं.
हम दोनों मस्ती से इस किस को एंजॉय कर रहे थे.

तभी भाभी का फोन बजा और हम दोनों होश में आकर अलग हो गए.

भाभी ने अपने गाऊन की जेब से फोन निकाला और फोन पर बात करने लगीं.
यह उनके बेटे का वह फोन था.

काफी देर हो गई थी, तो उसने खाना के लिए कॉल किया था.
पर मैं अभी तक शांत नहीं हुआ था … तो मैंने भाभी को पीछे से पकड़ा और उनके बूब्स दबाने लगा.

मेरा खड़ा लंड उनकी गांड की दरार में उनके गाऊन के ऊपर से ही अन्दर जाने के लिए तरस रहा था.
भाभी भी फुल मूड में थीं.
वे अपनी गांड को और पीछे करके मेरे लंड की गर्मी के मजे ले रही थीं.

दो तीन मिनट ऐसे ही चलता रहा और भाभी ने फोन रख दिया.

मैंने भाभी को वापस घुमा दिया और किस करने लगा.
मैं अपने हाथों से भाभी की गांड दबाने लगा.

लेकिन एक छोटी सी किस के बाद भाभी ने मुझे धक्का देकर बाजू में कर दिया और हम दोनों अलग हो गए.
दोनों एक दूसरे की तरफ देख कर हंसने लगे.

फिर भाभी बोली- मन, तुम तैयार होकर जल्दी से घर आ जाओ, प्रेम भी उधर मेरी राह देख रहा है, तो मैं आगे जाती हूँ. तुम भी जल्दी से आ जाओ.
भाभी के लड़के का नाम प्रेम था और वह तब नवमी कक्षा में था.

मैंने भाभी को अपने लंड के पास इशारा करते हुए कहा- भाभी खाना खिलाना तो होता रहेगा, लेकिन इसका क्या … और फिर उधर प्रेम भी है, तो कुछ करने भी नहीं मिलेगा!
उस पर भाभी ने जवाब दिया- अरे मन तुम पहले आओ तो, हम सब खाना तो खाते है, फिर मैं करती हूँ मैनेज! मेरी भी चूत में कबसे आग लगी है, मुझे भी तो वह ठंडी करनी है. तुम सिर्फ जल्दी से आ जाओ.

यह कह कर उन्होंने दरवाजा खोला और अपने घर चली गईं.

मैंने अपनी जॉकी पहन ली और उसके ऊपर शॉर्ट और टी-शर्ट पहन कर रेडी हो गया.

फिर फटाफट एक बीयर पीकर सिगरेट जलाई और भाभी के घर के लिए निकल गया.

मैं सिगरेट खत्म करते करते भाभी के घर पहुंच गया.
उधर देखा तो दरवाजा खुला ही था.

भाभी की सास और प्रेम हॉल में बैठे टीवी देखते देखते खाना खा रहे थे.

मुझे देखते ही भाभी की सास ने अन्दर आने का आमंत्रण दिया और भाभी को आवाज़ लगाते हुए मुझे भी खाना परोसने का हुकुम दे दिया.

मैं अपने हाथ धोने किचन की ओर चल दिया. उधर भाभी मेरे लिए थाली लगा रही थीं.

उनको पीछे से देखते ही मुझसे रहा नहीं गया और मैंने सीधा भाभी को पीछे से पकड़ लिया.
मैं अपना लंड उनकी गांड पर ऊपर से ही घिसने लगा.

भाभी पीछे मुड़ीं और मेरे कान को पकड़ कर मुझे अपने से अलग किया और तेज आवाज में कहा- मन रुक जा … तुझे हाथ पौंछने के लिए नैपकिन लाती हूँ.
उन्होंने जब यह जोर से बोला तो मैं अलग हो गया और थाली लेकर बाहर चली गईं.

मैं समझ गया और हाथ जोड़ कर माफी मांगने का इशारा करते हुए हाथ धोकर उनके पीछे पीछे हॉल में आ गया.
उधर प्रेम और भाभी की सासु मां के साथ में बैठ कर खाना खाने लगा.

मुझे तो खाने की भूख ही नहीं लगी थी, बार बार मेरे दिमाग में बस वह हमारी किस और भाभी के गोलमटोल गांड और बूब्स याद आ रहे थे.

मैंने फटफट अपना खाना खत्म किया और सोफे पर थोड़ी देर प्रेम के साथ बैठ गया.
तब तक भाभी बर्तन आदि धोने लगीं.

मुझसे भी नहीं जा रहा था तो मैं भाभी की किस को याद करने लगा.
मुझे भाभी की मस्त नर्म गर्म गांड और बूब्स का स्पर्श याद आ रहा था और मेरा लंड भी जॉकी फाड़ के बाहर निकलने को तड़फ रहा था.

मैं अब उधर से जाने को हुआ और भाभी और बाकी सबको शुभ रात्रि बोल कर निकलने लगा.

भाभी ने किचन से आवाज लगाई- रुक जा मन, मुझे तेरे घर में कुछ काम है.
मैंने उनको जवाब दिया- भाभी, आप घर पर आ जाना, मुझे थोड़ा एक अर्जेंट कॉन्फ्रेंस कॉल अटेंड करनी है.

यह कह कर मैं निकल गया और फटाफट अपने घर आ गया.

मुझे लगा कि भाभी को तो आज रात में चोदने को नहीं मिलेगा तो मैंने झटपट अपना लैपटॉप खोला और एक मस्त सी पोर्न मूवी चालू कर दी.

मैं पूरा नंगा होकर बीयर पीते पीते पॉर्न फिल्म देखने लगा और अपना लंड सहलाने लगा.

अभी कुछ मिनट ही हुए होंगे कि मेरे दरवाजे की डोर बेल बजी.

मैंने देखा तो भाभी आई हुई थीं.
तो मैंने फटाफट शॉर्ट्स पहन ली और बीयर छुपा कर दरवाजा खोल दिया.

जैसे ही भाभी अन्दर आईं उन्होंने दरवाजा लॉक कर दिया और पलट कर मुझे देखने लगीं.

मैंने भी झट से उनको अपनी बांहों में भर लिया और उनको चूमने लगा.
वे भी प्यासी औरत की तरह मुझसे लिपट गईं और मेरा साथ देने लग गईं.

पूरे कमरे में सिर्फ हमारी सांसों की आवाज और फैन चलने की आवाज आने लगी.
मैं कभी भाभी के होंठ चूमता, तो कभी उनकी गर्दन को चूमता.
दोनों हाथ से मैं उनकी गांड को दबा रहा था.

भाभी ने भी अपना एक हाथ सीधा मेरे लंड के ऊपर रख दिया और सहलाने लगीं.

हमारा ये सब अभी चालू ही था कि भाभी का फोन बजने लगा और मैं वापस निराश होकर भाभी से अलग हो गया.

मैंने उनके पीछे से उन्हें पकड़ा और उनकी गांड पर मेरा पूरा खड़ा लंड घिसने लगा और हाथों से उनके बूब्स.

भाभी को उनकी सास का कॉल आया था.
उन्होंने भाभी से कहा- अगर ज्यादा देर हो जाए तो मन के इधर ही रुक जाना और सीधा कल आ जाना.

भाभी की सास को मेरे ऊपर और भाभी पर दोनों पर भरोसा था.

सास की बात पर भाभी उनसे बोलीं- देर तो हो जाएगी, सासु मां आप दरवाजा बंद करके सो जाओ!

यह सुनते ही मेरा खुशी का ठिकाना ना रहा.

मैंने सीधा भाभी को ‘लव यू भाभीजान’ कहा और उनकी गांड पर हाथ रख कर उन्हें उठा लिया.

मैं पुनः उन्हें किस करने लगा.
उन्होंने भी अपने दोनों पैर मेरी कमर के पीछे लॉक कर लिए और दोनों हाथ मेरे गर्दन पर लॉक करके, एक सांप की तरह मुझसे लिपट गईं.

मैं भी भाभी को पागलों की तरह चूम रहा था, चाट रहा था, कभी उनके होंठ कभी गर्दन.

हमारी हवस हम दोनों पर बहुत भारी हो गई थी.
वैसे ही पोजीशन में हमारी स्मूचिंग लगभग दस मिनट तक चलती रही.

मेरे हाथ भारी हो गए थे तो मैंने भाभी को अपने बेड पर लिटा दिया और पीछे से मैं भी उनके ऊपर ऐसे कूद पड़ा जैसे स्विमिंग पूल में डुबकी मारते हैं.

हमारे कमरे का माहौल इतना ज्यादा गर्म हो गया था कि दोनों को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था.
मैं उनके ऊपर टूट पड़ा.
मैंने भाभी की मैक्सी निकाल फेंकी.

भाभी ने अन्दर काले रंग की नेट वाली ब्रा पहनी थी जो उनके मम्मों का भार बमुश्किल संभाल रही थी.
उनके दोनों दूध थोड़े नीचे लटक गए थे.

नीचे भाभी ने पेटीकोट नहीं बल्कि व्हाइट लैगिंग पहनी थीं.

मैं भाभी की गर्दन से चूमना चाटना चालू करके, धीरे धीरे से नीचे की ओर आता गया और उनके दोनों बूब्स को चूसने लगा.
फिर और नीचे आकर पेट और नाभि को चाटा.

भाभी भी कामवासना में पूरी तरह से डूब चुकी थीं और मस्ती में सिसकारियां ले रही थीं ‘उम्म्म अहाअह …’

मुझे भी उनका जिस्म चूसने बहुत मजा आ रहा था.
पेट से होते हुए, मैंने धीरे धीरे नीचे आकर भाभी की लैगिंग को भी उतार फेंका और उनकी जांघों को चूमने लगा.

भाभी सिहरने लगीं.
उसी बीच मैंने उनकी चूत को पैन्टी के ऊपर से ही चूम लिया और जीभ से चाटने लगा.

भाभी ने काले रंग की नेट की फैंसी पैन्टी पहनी हुई थी.
उनकी बिकनी देखकर तो मुझे लगा कि भाभी भी मुझसे सेक्स करना चाहती थीं, तभी आज इतनी ब्रा पैंटी पहन कर आई हैं.

वे एक एफटीवी की विक्टोरिया सीक्रेट की मॉडल जैसी ही लग रही थीं.

मैंने उन्हें अपनी गोद में उठाया और चूमते हुए बिस्तर पर वापस ले आया.

अब भाभी ने कहा- मन मुझे पहले एक बार चोद दो … मुझसे रहा नहीं जाता.
मैं भी उन्हें एक बार जल्द से जल्द चोद लेना चाहता था.

मैंने उनकी ब्रा पैंटी को उतारा और उनकी चूत को चाटने लगा.
वे मादक आवाजें निकालने लगीं और उनकी टांगें खुद ब खुद फैल गईं.

मैंने भाभी की चूत को गीला करके उनकी चूत पर अपना लंड टिका दिया.
भाभी ने मेरे लौड़े के सुपारे की गर्मी का अहसास किया तो वे एकदम से मचल उठीं और खुद अपनी कमर उठा कर लंड को चूत में लीलने की कोशिश करने लगीं.

मैंने भी उनकी चुदास को देखा और अपनी कमर को एक तेज जर्क देते हुए अपना आधा लंड भाभी की चूत में उतार दिया.

भाभी जी की एक तेज आह निकल गई.
वे कहने लगीं- आह मन … जरा धीमे चोदो न!

मैंने उनकी एक नहीं सुनी और चूत की बखिया उधेड़ना शुरू कर दी.

कुछ ही देर में भाभी ने अपना पानी छोड़ दिया और वे मुझसे रुकने को कहने लगीं.
उसके कुछ पल बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाकर चोदा.

इस तरह से मैंने भाभी को आधा घंटा तक चोदा और उन्हें हर तरह से संतुष्ट कर दिया.
उस रात मैंने भाभी को चार बार चोदा और अगले दिन उनको उनके घर पर गया तो उनकी सास प्रेम के साथ मंदिर गई थीं तो मैंने उधर भी भाभी को चोदा.

तो दोस्तो, यह थी मेरी और भाभी की चुदाई की कहानी.
हॉट भाभी Xxx फक कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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