जवान मामी की गांड मारी

(Hot Mami Back Sex Kahani )

हॉट मामी बैक सेक्स कहानी में मैंने अपनी सेक्सी मामी को उत्तेजित करके उन्हें मेरे साथ सेक्स के लिए तैयार किया. लेकिन मामा ने उनकी चूत चोद चोद कर भौंसड़ा कर रखी थी.

दोस्तो, अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पर आपका हार्दिक स्वागत है.

इस सेक्स कहानी में मैंने मेरे और मेरी मामी के बीच सेक्स सबंधों को उजागर किया है.
आप इस हॉट मामी बैक सेक्स कहानी में मामी की गांड चुदाई का मजा लें.

मेरा नाम रोहण है और मेरी उम्र 20 साल है.
मामी की उम्र 30 साल है, उनका नाम किरण है.

वे देखने में एकदम हॉट माल लगती हैं.
उनका बदन एकदम दूध सा गोरा है.
उनके चूचे छोटे हैं, पर ठीक हैं. चूचों के अनुपात में उनकी गांड एकदम परफेक्ट है … मतलब न ज्यादा बड़ी थी और न छोटी.
जब वे लैगिंग्स पहनती हैं तो बदन से चिपकी हुई लैगी के कारण उनकी गांड एकदम उभरी हुई और टाइट दिखती है.

उस समय उनकी गांड को देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
चढ़ती जवानी के साथ मेरा उनके प्रति आकर्षण बढ़ता गया.
मैं बस उन्हें किसी भी तरह चोदना चाहता था इसलिए मैंने उन पर लाइन मारना शुरू कर दिया.

मामी भी मुझसे हंस कर बात करती थीं.
पर यह समझ में नहीं आ रहा था कि मामी के हंसने की वजह यूं ही है कि वे भी मेरे लिए कुछ सोचती हैं.

फिर एक बार वे स्काई ब्लू कुर्ती और ब्लैक लैगी पहन कर मेरे घर पर आईं.
उनके बच्चे मेरी बहन के साथ दूसरे रूम में रूम में खेल रहे थे और मम्मी खाना बना रही थीं.

मैं और मामी सोफे पर बैठे हुए टीवी देख रहे थे.

तभी मैंने शरारत की और अपने पुट्ठे को को मामी की गांड से टच करना शुरू कर दिया.

तभी उन्होंने अपनी साइड बदल दी. इससे उनकी गांड और भी मेरी ओर हो गई.
उसी समय उन्होंने अपनी कुर्ती को कुछ इस तरह से उठा दिया कि उनकी गांड और ज्यादा मेरी तरफ को हो जाए.

शायद यह उनकी ओर से पहला इशारा था.

मैंने उस दिन उनकी गांड से अपनी गांड रगड़ी और मम्मी के आने की आवाज सुनकर मैं उनसे अलग हो गया.

मैं उस रात काफी देर तक उनकी इस हरकत का मतलब समझने की कोशिश करता रहा कि क्या सच में मामी मुझसे सैट होने को रेडी हैं या ये सिर्फ मेरा भ्रम है.

थोड़े दिनों बाद मैं पढ़ने के लिए सिटी से बाहर निकल गया.

बाद में जब मैं वापस घर आया तो मामी मुझसे मिलने आईं.

मैं उस वक्त दरवाजे पर ही खड़ा था.
उन्होंने करीब आते ही मुझे अपने गले से लगा लिया.

पहले पहल तो मैं एकदम से सकपका गया कि ये क्या हुआ.
फिर मैंने भी हिम्मत की और उनकी एक चूची पर हाथ रख दिया.

उन्होंने मेरा हाथ अपने दूध से हटाया और तिरछी नजर से स्माइल भी दी.
फिर हम दोनों अन्दर आकर बैठ गए और वे मुझसे पढ़ाई की बातें करने लगीं.

उस दिन उनकी आंखों में मुझे अपने लिए कुछ दिखा.
वे बार बार मेरी जांघ पर हाथ फेर दे रही थीं.

हर बार उनका हाथ मेरे लौड़े के काफी करीब होता जा रहा था.

उससे मेरा लंड खड़ा होने लगा और मामी तिरछी नजरों से मेरे खड़े होते लंड को देखने लगीं.

कुछ देर बाद मामी मेरी मम्मी के पास चली गईं और वापस जाते समय उन्होंने मुझे मेरी बांह से पकड़ कर घर आने को कहा.

उनके इस आमंत्रण में ठीक वैसा ही भाव था कि कभी हवेली पर आओ.

मैं नहीं गया.
इस बात से वे शायद मुझसे कुछ गुस्सा हो गई थीं.

अब जब भी वे मेरे घर आती थीं तो मुझसे बात नहीं करती थीं.
मैं उनसे नमस्ते करता, तो वे नखरे दिखाती थीं.

फिर यह तब की बात है जब मैं वेकेशन में अपने नाना के घर गया था.
मेरे नाना का घर गांव में था.

उधर नजदीक की रिश्तेदारी में कोई शादी थी तो सारे भाई बहन आए हुए थे.
हम सब भाई बहन आपस में खूब मस्ती करने लगे थे.

उस समय मामी भी गांव में आई थीं.
मामी उधर साड़ी पहनती थीं.

मैंने ध्यान दिया था कि साड़ी के अन्दर मामी चड्डी नहीं पहनती थीं क्योंकि उनकी पैंटी की लाइन नहीं दिखती थी.
शायद इसी लिए मामी की गांड साड़ी में कुछ ज्यादा ही मस्त हिलती हुई लगती थी.

कभी कभार वे बड़ी मामी से कहती थीं कि मेरी और रोहण की काफी बनती है.

यह बात उन्होंने एक दो बार मेरे सामने ही बड़ी मामी से कही.
पर मैं इसका मतलब नहीं समझ सका कि वैसे तो मामी अब मुझसे बात करने में भी नखरे दिखाने लगी हैं और बड़ी मामी से कह रही हैं कि उनकी मुझसे बनती है.

मैं यह देखना चाहता था कि मामी की मुझसे कितनी बनती है और वे मुझे किस हद तक छूट दे सकती हैं.
इसलिए मैंने अब उन्हें अपना लंड दिखाने का प्लान बनाया.

अगले दिन जब वे कपड़े धो रही थीं तब मैं जानबूझकर बाथरूम में चला गया और उनके पीछे खड़े कर नाली में पेशाब करने लगा.

उन्होंने पीछे घूम कर देखा, तो मैं अपना लंड हाथ में पकड़े हुए मूत रहा था और मेरा लंड कामुक भावना से थोड़ा कड़क था.

मामी मेरा लंड देख कर चौंक गईं.
मैंने कनखियों से उन्हें लौड़ा देखते हुए देखा और बिना किसी हिचक के मूतता रहा और लंड को हिला कर झटकार दिया.

फिर मूतना खत्म करके मैं वहां से बाहर चला गया.

यह समझो मेरा फाइनल प्रयास था कि वे मेरे लौड़े को देख कर कैसे रिएक्ट करती हैं.

उन्हें यदि भद्दा या बुरा लगता तो वे उसी समय मुझसे कुछ कहतीं या उठ कर चली जातीं.

लेकिन न ही मामी ने कुछ कहा और न ही वे उधर से उठ कर गईं.
वे मेरे लौड़े से निकलती मूत की धार को ही देखती रहीं.

उसी दिन दोपहर के बाद वे किचन में चाय बना रही थीं, तब उधर कोई नहीं था.
मैं उनके पीछे आ गया.

मुझे देख कर उन्होंने अपनी साड़ी टाइट कर ली जिससे उनकी गांड दिख जाए.
हम दोनों बातें करने लगे.

मैंने उनसे कुछ नहीं कहा पर अपना एक हाथ उनके कंधे पर रख दिया और उनकी गर्दन पर अपनी गर्म सांसें छोड़ने लगा.

मामी की सांसें भी तेज तेज चलने लगीं और वे मेरे हाथ के स्पर्श से शायद कामुक होने लगी थीं.
बाद में हम दोनों ने विषय बदल कर चाय पीते हुए बात की.

शाम को घर में नाना नानी, बड़े मामा मामी और बच्चे सभी को एक शादी में जाना था.
वे सब दूसरे दिन वापस लौटने वाले थे.

छोटी मामी को भी जाना था पर उन्होंने पेट में दर्द होने का बहाना बना दिया और मेरी तरफ देख कर साथ में घर रुक जाने का कह दिया.
मैं भी मान गया और घर पर ही रुक गया.

मतलब अब उस रात को घर में सिर्फ मैं और मामी ही थे.

उस दिन मैंने मामी की गांड मारने का मन बना लिया था.

मेरे प्लान के मुताबिक मैं मुठ मारने लगा.
मामी ने मुझे पीछे से देख लिया.

वे मुझसे पूछने लगीं- यह तुम क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- बड़ी बेचैनी हो रही थी. मुझे जब भी ऐसा लगता है तो मैं खलास हो जाता हूँ और मुझे चैन मिल जाता है.

उन्होंने मुझसे कहा- हां, इस उम्र में यह सब होता है.
मैं चुप था.

फिर उन्होंने मुझसे कहा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है?
मैंने तुरंत कहा- मुझे आपके जैसी नहीं मिली.

उन्होंने पूछा- मुझमें तुझे क्या खास दिखता है?
मैंने कहा- वह सब, जो मुझे चाहिए. मामा बड़े नसीब वाले हैं कि उन्हें आपकी जैसी बीवी मिली. अगर आपकी मुझसे शादी हुई होती तो मैं कब का आपको …

मामी कहने लगीं- क्या आपको … पूरी बात कहो?
मैंने कहा- कुछ नहीं.

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में पूछा- क्या तुम मुझसे सेक्स करोगे?
मैंने हां बोल दिया.

वे मेरा हाथ पकड़ कर कमरे में ले गईं.
हम दोनों किस करने लगे.

तभी बाजू वाली मामी की ताई सास ने आवाज लगा दी.

मामी ने मुझे छोड़ा और बाहर चली गईं.
जाते जाते उन्होंने रात को सेक्स करने का कह दिया.

रात में हम दोनों छत पर आ गए.

नानी के घर की छत सबसे ऊंची थी तो आजू बाजू से किसी के देखने की कोई उम्मीद नहीं थी.

कुछ देर बाद हम दोनों ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया.
हम दोनों किस करते गए, करते गए.
उनके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं ‘आह आह …’

फिर मैंने उनकी साड़ी उतार दी.
अब वे मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में थीं.
वाह … क्या लग रही थीं.

उन्होंने भी मेरी शर्ट और पैंट निकाल दिया.
अब मैं सिर्फ चड्डी में था.

हम दोनों फोरप्ले करने लगे.

मैंने उनकी चूचियों को ब्लाउज से आजाद कर दिया और उनकी चूची दबाने लगा.
उन्हें बड़ा मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद मैंने उनका पेटीकोट निकाल दिया और उन्होंने मेरा कच्छा भी निकाल दिया.
अब हम दोनों नंगे थे.

चांदनी रात में नंगी मामी मस्त माल लग रही थीं.
उनका गोरा गोरा बदन, चिकनी चूत थी.

मैं उनकी चूत चाटने लगा. मामी की चूत का रस लाजवाब था.
उन्होंने भी मेरा लंड हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया.

मैंने उनके मुँह में लंड डाल दिया तो वे उसे चूसने लगीं.

कुछ ही देर में मामी लौड़े को इतनी जोर से चूसने लगी थीं कि मुझे जन्नत का सा अनुभव होने लगा था.

ऐसा लग रहा था कि मामा ने उनकी चूत खूब मारी थी, इसलिए वह काफी ढीली थी.
तो मुझे लगा कि ममी के साथ बैक सेक्स ही मजा देगा.

मैंने मामी से कहा- मुझे आपकी गांड मारनी है.

उन्होंने कहा- तुम्हारे मामा ने गांड कभी नहीं मारी है. उन्होंने एक बार गांड मारने का प्रयास किया था लेकिन उनका लंड छोटा होने के कारण गांड की दरार में घुस ही नहीं पाया था. तू आज मेरी गांड का उद्घाटन कर दे.
मैंने उनसे कहा कि आप डॉगी स्टाइल में आ जाइए.

वे डॉगी स्टाइल में आ गईं.
उनकी मीडियम साइज की और गोरी गांड मेरे सामने थी.
मामी का बैक डोर देख कर मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया.

गांड के छेद के हिसाब से मेरा लंड काफी बड़ा था इसलिए मैंने क्रीम का इस्तेमाल किया.
मैं क्रीम वगैरह का सब इंतजाम करके ही ऊपर आया था.

पहले मैंने मामी की गांड में अपनी बड़ी उंगली डाली, एकदम मुलायम गांड थी.
फिर मैंने अपना लंड को उनकी गांड के छेद में सटा दिया और पेलने की कोशिश करने लगा.

उनकी गांड मुलायम होने के कारण मेरा मेरा लंड आसानी से घुस गया और बैक सेक्स से उनकी दर्द भरी आवाज निकलने लगी.

मैंने उनका मुँह दबा कर किसी तरह लौड़े को गांड में पेल दिया और हल्के हल्के से आगे पीछे करने लगा.

मामी भी कुछ देर के दर्द के बाद मजा लेने लगीं.

अब मैं और मामी अपने संभोग सुख का आनन्द ले रहे थे.

मेरा लंड मामी की गांड को चीरता हुआ अन्दर तक आ जा रहा था.

करीब 10 मिनट बाद मैं झड़ गया.

मैंने लंड को गांड से बाहर निकाला और देखा कि मामी की गांड का छेद काफी बड़ा हो गया था.

उन्होंने मुझसे कहा- तुमने मुझे गांड चुदाई का बढ़िया अनुभव दिया है. अब से तुम जब चाहो, मुझे चोद सकते हो.

मैंने कहा- हां मुझे भी आपकी गांड मारने में काफी मजा आया.

दोस्तो, उसके बाद से आज तक मैंने मामी की गांड को न जाने कितनी बार बजाया होगा.
मैंने उनकी चूत चुदाई भी की है … पर उनकी चूत तो चबूतरा बन गई है, इसलिए गांड में ही लंड पेलने में मजा आता है.

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