भाभी ने दिया मुझे बर्थडे गिफ्ट- 2

(Gandi Gand New Story)

गंदी गांड न्यू स्टोरी में मेरा जन्मदिन मैं अपनी भाभी के साथ चुदाई करके मनाना चाहता था पर उनको पीरियड्स आ गए. फिर भी भाभी ने मुझे जन्मदिन का अद्भुत उपहार दिया.

दोस्तो, मैं अभि!
कहानी के पहले भाग
भाभी ने किया गंदा सेक्स मेरे साथ
में आपने पढ़ा कि भाभी ने मुझे पीरियड्स आने की बात बता कर सेक्स से मना कर दिया. फिर भी उन्होंने मेरे साथ गन्दा गन्दा सेक्स करके मजा लिया.

अब आगे गंदी गांड न्यू स्टोरी:

29 दिसंबर जन्मदिन के एक दिन पहले:

नेहा की तबीयत कुछ ठीक थी, मैं किसी काम से घर से बाहर को गया था.
नेहा अकेली थी बाबू के साथ!

मैं शाम को देर से आया करीब 7 बजे.
मैंने जल्दी जल्दी खाना खाया नेहा को भी खिलाया.
खाना आज भी बाहर से लाए था मैं!

फिर हम दोनों सो गए।

आज नेहा अपने कमरे में सोई, मैं अपने कमरे में!

रात के ठीक बारह बजे मुझे तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम पर हैप्पी बर्थडे का जिंगल सुनाई दिया.
मैं हड़बड़ा कर उठ बैठा.

उठते ही जो नजारा दिखा … उफ़ .. वो तो मेरे लिए किसी जन्नत में हूरों को देखने से कम ना था.

नाइट बल्ब की मद्धम रोशनी … सिल्क की हल्की पिंक झीनी साड़ी में लिपटी एक हसीना जिसने साड़ी के नीचे ना कोई पेटीकोट बांधा था ना ऊपर ब्लाउज … गीले बाल मदमस्त और करने वाली खुश्बू!

नेहा ने साड़ी ऐसे बांधी थी जैसे सिर्फ एक लेयर हो.
और उसके अंदर से झांकते ब्रा में कैद दो कठोर उन्मुक्त होश उड़ाने वाले चूचे … चूत की हल्की सी झलक!

आह्ह … मुझे लगा जैसे मैं कोई सपना देख रहा हूं।

तभी अचानक कमरे की लाइट ऑन हुई और म्यूजिक बंद हुआ, फिर एलईडी की सफेद झकझक रोशनी में नजर आई एक खूबसूरत मल्लिका–ए–हुस्न जिसके हाथ में थी केक सजी ट्रे!

नेहा इठलाती हुई मेरे कमरे में भीतर दाखिल हुई और मेरी रजाई खींच कर फेंक दी.

मैं उठ कर बैठा हुआ केवल नेहा को एकटक देखे जा रहा था.

वह बेड पर आकर खड़ी हो गई और अपनी एक टांग उठाकर मेरे सीने पर रखी.
फिर नेहा बोली– हैप्पी बर्थडे राजा … तुम्हें तुम्हारी हर खुशी मिले … अब उठ जाओ बेबी! और मुंह धो लो!

मैं उठने को हुआ.
तब तक नेहा ने अपने पैर से हल्के से मुझे पुश किया और मेरा सिर पीछे को झुकाया.

नेहा– कहां जा रहे हो उठ के?
मैं– मुंह धोकर आता हूं!
नेहा– अच्छा राजा, अब तुम मुंह धोने जाओगे और मेरा टाइम खराब करोगे.

इतना बोल कर नेहा ने केक बेड पर रखा और मेरे सिर के दोनों तरफ अपनी दोनों टांगें खोल कर खड़ी हो गई, नीचे झुक कर धीरे धीरे अपनी साड़ी को ऊपर उठाया और फिर मेरे मुंह पर अपनी चूत रख दी.

इस अचानक हुए हमले के लिए मैं तैयार नहीं था इसलिए कुछ पल को मैं समझ ही नहीं पाया.
मेरे नाक में नेहा की चूत की कसैली सी महक समाने लगी.

ऐसे तो यह महक किसी को शायद अच्छी ना लगे लेकिन जिसने एक बार चूत चाट ली, उसके लिए ये महक किसी वायग्रा से कम नहीं।

नेहा– क्या सोच रहे हो राजा? मुंह नहीं धोना क्या? चलो अब जल्दी से मुंह खोलो!

मैंने अपना मुंह खोल दिया और नेहा रानी की महकती हुई चूत को अपने मुंह में भरने की कोशिश करने लगा.

फिर नेहा रानी ने अपनी चूत की मुख से गर्म पानी की धार मेरे मुंह में छोड़ दिया जो सीधे मेरे कंठ से टकराई.

आह … क्या फीलिंग थी उस समय! वह शब्दो में बयां होने से रही!

कुछ देर मेरे मुंह में मूतने के बाद नेहा ने कहा– राजा जी, अब चलिए अच्छे से कुल्ला कर लीजिए आप! फिर मैं आपको और गर्म पानी पिलाती हूं.

मैंने उठ कर मुंह में बचा खुचा मूत से गरारा किया और उसे खिड़की से बाहर थूका और फिर बेड पर आया.

इधर नेहा ने इतने में मेरे बेड के नीचे से एक पानी का जग निकाला और बोली– पानी पियेंगे आप?
मैं– हम्मम!

नेहा ने जग से पानी एक ग्लास में निकाल कर दिया.
मैं उसे पीने ही वाला था कि मेरा सर एक बेहद तीखी गंध से भन्ना गया.
ये जो मुझे मिला था पीने के पानी के नाम पर … यह पानी नहीं था … यह था पेशाब … वो भी शायद सुबह से जमा किया हुआ!

मैं कुछ बोलता …. उसके पहले नेहा ने मेरा हाथ पकड़ा और ग्लास मेरे होंठ से लगा दिया और आंखों से इशारा किया पीने को!

मैं जैसे तैसे वो पीने लगा.
आधा ग्लास खत्म हुआ था, तब तक नेहा रानी ने वो ग्लास अपने होंठों से लगा लिया और सारा मूत गटक गई।

आज नेहा का यह रूप देख कर मैं कुछ समझ ही नहीं पा रहा था कि इसे हो क्या गया है.
लेकिन उसकी इन हरकतों से मेरे लंड का पारा सातवें आसमान पर पहुंच चुका था और मैं बेकाबू हो रहा था.

मैंने नेहा को किस करना चाहा तो उसने मुझे रोक दिया.

खैर नेहा ने केक उठाया और मेरे सामने रकही मोमबत्ती जलाई, जिंगल गाए, मैंने मोमबत्ती बुझाई.
अब केक काटने की बारी थी.
पर नेहा चाकू तो लायी ही ना थी।

मैं– चाकू कहां गया बेटू?
नेहा– यहीं है!
ऐसा बोलकर नेहा ने मेरी चड्डी में हाथ घुसाया और मेरा फनफनाया हुआ लंड बाहर निकाला और बोली- इस चाकू ने तो ना जाने कितनी बार मेरा दिल और चूत चीरी है. क्या यह केक नहीं काट सकता!

मैंने अपना लंड केक पर रखा जैसे चूत में आहिस्ता से लंड को पिरोया जाता है वैसे ही केक में लंड को घुसा दिया.

नेहा उठी और मेरे लंड को बिना हाथ से छुए सीधे पूरा मुंह में भर लिया और उस ऊपर लगे केक को खाने लगी.

मैं– मुझे भी खिलाओ यार!

उसने मेरा लंड चाट चाट कर साफ किया और फिर उठी साड़ी निकाली और चुपचाप ढेर सारा केक उठाकर अपनी गांड की दरार और चूत में भर लिया.

फिर वह कुतिया बन कर खड़ी हो गई.

मैं इशारा समझ गया और धीरे धीरे उसकी गांड चाटने लगा.
ऐसा जन्मदिन ऊपर वाला सबको दे!

गांड चाटने के बाद मैं रानी की चूत भी चाट कर केक खाने लगा.

अब तक की इन हरकतों ने नेहा की चूत और मेरे लंड की हालत बिगाड़ दी थी.

मैं कुछ बोला नहीं, चुपचाप उठा और सीधे एक ही धक्के में पूरा लंड मेरी भाभी नेहा ‘द हाफ वाइफ’ की चूत में घुसा दिया.
चूंकि केक लगा ही था चूत में तो चिकनाई भरपूर थी जिसके कारण एक ही झटके में नेहा की चूत को चीरते हुए लंड अपने मुकाम तक पहुंच गया.

इस अप्रत्याशित हमले के लिए नेहा तैयार ना थी, वह बुरी तरह से कांप गई!

मैं बोला– बर्दाश्त के बाहर हो रहा था ये सब मुझसे अब! इसलिए बिना पूछे ही पेल दिया. सॉरी!
नेहा– जब पेल ही दिया तो काहे की सॉरी!

मैं लगा धकापेल नेहा की गर्म चूत को चोदने … पर आज उसकी इन अदाओं ने मुझे ज्यादा देर चोदने नहीं दिया, 3-4 मिनट ही हुए होंगे कि मैं चरम पर पहुंचने लगा.
तो मैं बोला– जान, मेरा छुटने वाला है.

नेहा ने फटाक से लंड को चूत से खीच कर बाहर निकाला और बचे हुए केक के ऊपर मुठ मार कर सारा माल निकाल दिया.

नेहा– लो केक खाओ … नई प्योर मलाई डाली है इस पर!

मैंने केक लेकर मुंह में रखा ही था, तब तक नेहा ने केक पर गिरे मेरे वीर्य को कुत्ते की तरह जीभ से चाटना शुरू किया. सारा रस मुंह में लेकर वह मुझे 💋 किस करने लगी.
फिर हम दोनों ही केक के साथ मेरा मुठ का स्वाद भी एंजॉय करने लगे।

थोड़ी देर में जब मुंह का केक खत्म हुआ तब मैंने पूछा- पीरियड्स कब खत्म हुए?

नेहा हंसती हुई– आये ही कब थे?
मैं– तीन दिन से तो था ही … और तबीयत भी खराब थी ना तुम्हारी!
नेहा– वो तो तुम्हें सताने के लिए!

मैं– साली रांड, यह क्या मजाक था बहन की लौड़ी? जो तीन दिन से परेशान किए थी मुझे! ऊपर से रोज रात को आकर मेरे लंड को भड़काती भी थी.

नेहा– मेरे पति के भाई जी, मेरे बाप के सौतेले दामाद जी, मेरी बहन के दूसरे जीजा जी, अगर मैं ना सताती तो आज की रात इतनी हसीन कैसे बनाती? आप तो बस आज देखते जाओ, आपके लिए बहुत कुछ खास है गिफ्ट में!

मैं– ओह्ह ऐसा है फिर तो ठीक है. वरना तो मैं तुम्हारी प्यारी छोटी बहन कोमल को ही चोदने का मन बना रहा था. सोच रहा हूं भाभी इतनी प्यारी और मस्त चुदक्कड़ हैं तो इनकी कुंवारी बहन की चूत भी तो कुछ कम ना होगी.

नेहा– साले मादरचोद … मेरी बहन पर भी नजर रखे है तू? उसे भी अपनी रखैल बनायेगा क्या रे? क्या चाहता है मेरी बहन ही मेरी सौतन बन जाए?
मैं– ना ना जानू, तेरी सौतन नहीं, तेरी बहन ही रहेगी. वो बस चोदूंगा तुम दोनों को एक ही साथ! क्योंकि तूने जो मुझे 3 दिन परेशान किया उसकी सजा भी तो मिलनी चाहिए तुझे!

और हम दोनों गले लग के हंस दिए.

भाभी ने कान में कहा– आई लव यू देवर जी. आप ना होते तो मैं शायद हमेशा ही जिस्म की आग और सच्चे प्यार को तरसती. थैंक्स मेरी जिंदगी में आने और मुझे समझने और संभालने को, आज की चुदाई आपको जिंदगी भर याद रहेगी।

मैं– आई लव यू टू नेहा रानी. आपने मुझे अपना पति मान लिया और मुझे इतना प्यार दिया, इसके लिए मैं हमेशा आपकी गुलामी करूंगा।

“सुनो, आज मेरे राजा के लिए एक सरप्राइज़ है. देखना चाहोगे?” नेहा ने पूछा.
मैं– क्यों नहीं … आज तो एक से बढ़कर एक सरप्राइज़ मिल रहा.

नेहा ने अपने दुपट्टे से मेरी आंखें बांध दी, मेरे होंठों पर रसीला किस किया और फिर मेरे हाथ भी बांध दिए.

मैं बस सोच रहा था कि क्या होने वाला है आगे!

फिर मेरे लंड के टोपे पर ढेर सारा केक का क्रीम लगता हुआ महसूस हुआ मुझे!

उसके बाद नेहा ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और धीरे से उसके ऊपर सवार होने लगी.
उफ्फ … इतनी कसावट इतना टाइट छेद … हम्फ़ …
ये कैसे?
नेहा की चूत तो मैंने खोल दी है.
फिर यह आज इतनी टाइट कैसे हुई है?

नेहा ने अपना हाथ मेरे कंधे पर रखा और एक झटका दिया कमर का … ऐसा लगा मेरा लंड चिर गया हो … मुझे तेज दर्द हुआ.
पर नेहा के मुंह से कोई आवाज नहीं आ रही थी.

मैं दर्द से उभर पाता … तब तक एक बार और तेज झटका लगा और पूरा लंड भीतर घुस गया.
फिर दो कांपते होंठ मेरे होंठों से टकराए और मैं उनके रस को पीते हुए दर्द को भूलने की कोशिश करने लगा.

नेहा– दर्द हुआ क्या जान?
मैं– हां. पर अब ठीक है. लेकिन तुम्हारी चूत इतनी टाइट कैसे हो गई?

नेहा ने कुछ कहा नहीं, बस मेरा हाथ खोल दिया. और फिर मेरी आंख से पट्टी भी हटा दी.

अब जो था … वो था सरप्राईज!

मेरी ख्वाहिश आज पूरी हो गई थी.
जो हर रोज चुदाई करते हुए मैं नेहा से बोलता था.
आज वो बिना बोले होने लगा था.

हुआ यूं कि नेहा ने लंड चूत में नहीं अपनी कोरी वर्जिन गांड में डाला था … वो भी अपने हाथ से पकड़ कर!
मैंने देखा नेहा की आंखें लाल हो गई थी और आंसू और दर्द की पीड़ा उसके चेहरे पर छलक आई थी.

लेकिन एक संतुष्टि का भाव भी था कि उसने मेरी चाहत पूरी करी थी.

मैंने हल्के से उसे ऊपर उठाया तो देखा नीचे लंड पर खून लगा था जो नेहा रानी की गांड फटने की कहानी बयां कर रहा था।

मेरी आंखों में आंसू आ गए और मुझे मेरी प्रेमिका पर गर्व की अनुभूति हुई.
मैंने तुरंत ही नेहा को सीने से लगाया और प्यार से सहलाने लगा, कभी गले, कभी कान, कभी कंधे, कभी गाल को चाटने लगा.

धीरे धीरे हम दोनों का ही दर्द कम होने लगा.
नेहा अपनी कमर हिलाने की कोशिश करने लगी.

मैं इशारा समझकर अपनी बाहों के घेरे को ढीला किया और नीचे से धीरे धीरे उसकी गांड में लंड को पेलने लगा.

अब करीब 5 मिनट हो चुके थे, मैं नेहा की चुचियों को मसलते हुए स्पीड बढ़ाने लगा.
कमरे में थप थप थप थप की आवाज गूंजने लगी.
साथ ही नेहा और मेरी कामुक सिसकारियां भी निकलने लगीं.

हर धक्के पर नेहा ‘आह आह राजा … पेलो मेरी गांड को … उफ़ राजा, तुम ही मेरे असली पति हो. मेरे जान बेटू … अपनी बीवी की गांड फाड़ दो. तुम्हारे लिए ही कोरी गांड बचा कर रखी थी.

इधर मैं भी उसके हर सवाल का जवाब और तेज धक्के के साथ दे रहा था.

अब गांड में पर्याप्त जगह बन गई थी, मैंने उसे सीधे लिटाया और दोनों टांग उठा कर अपने कंधे पर रखा, फिर लंड को एक ही धक्के में पूरा गांड में घुसेड़ दिया.

नेहा– आराम से कीजिए जानू, आपकी ही हूं!
मैं– बहनचोद ये तेरी गिफ्ट तो मेरी है, मैं जैसे चाहूं खेलूंगा.

नेहा– तुम मुझे बहन चोद क्यों बोलते हो? क्या मेरी बहन को चोदने का भी इरादा है?
मैं– हां बेबी हां … तुमसे पहले तो तुम्हारी बहन को देख कर ही मुठ मारी है मैंने! कैसे भी … एक बार उसकी चूत भी चाहिए ही मुझे!

नेहा– उफ्फ बेबी … कितने हरामी हो तुम. मेरी बहन चोदने का प्लान मुझसे ही बता रहे हो!
मैं– तुम्ही से तो बताऊंगा. तभी तो तुम मेरे लिए उसे तैयार करोगी. मेरे अगले जन्मदिन पर मुझे कोमल मेरे नीचे चाहिए! इसके लिए तुम्हें जो करना हो, करो.

नेहा– क्या तुम सच में ऐसा चाहते हो?
मैं– हां!

“उफ्फ आआ आह … और तेज पेल मादरचोद … रण्डी की औलाद … भड़वे, मेरी बहन पर गंदी नजर रखता है साले? तेरी आंख नोच लूंगी, तेरा लंड तोड़ दूंगी.”
ऐसे ही गंदी गालियां से मुझे उकसाते हुए चुदने लगी नेहा!

मैं भी उसे उसके बहन के नाम से पुकारने लगा- ओह हह कोमल मेरी जान, देख तेरी बहन कैसे मुझे गालियां दे रही है. जब मैं तुझे याद करके इसे पेल रहा हूं. कोमल तू मुझसे चुदेगी ना, अपनी दीदी की सौतन बनेगी ना?
नेहा कोमल की तरफ से बोलने लगी- हां जीजू, मैं आपकी हर ख्वाहिश पूरी करूंगी, अपनी दीदी की सौतन बनूंगी!

करीब 15 मिनट गांड चुदाई और भद्दी गालियों ने काम किया और नेहा की चूत भलभला कर बहने लगी.

मैं करीब 5 मिनट और डटा रहा उसकी गांड में! मैं अब उसे कोमल कह के बुला रहा था और उसकी गांड में धक्के लगा रहा था.
वह मुझे चपत लगाते हुए बेशर्म बोल रही थी.

मेरा लावा फूटने वाला था, मैंने पूछा- कहां निकालूं माल?
नेहा– कोमल के भोसड़े में!

इस बात ने मेरा सब्र तोड़ दिया और मैं नेहा की गांड में ही छूट गया.
मैं नेहा को किस करते हुए झड़ गया.

फिर थोड़ी देर मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा.
गांड में लंड खुद ही मुरझाने लगा और बाहर निकल आया.

मैंने देखा गांड से मलाई की नदी बह रही थी जो खून मिलने से हल्की गुलाबी हुई थी.

नेहा– इसे साफ कर दो, मुझसे हिला भी नहीं जा रहा!

मैंने अपनी टीशर्ट से उसकी गन्दी गांड साफ की, गांड की तो हालत खराब थी. छेद दस के सिक्के के साइज में खुल गया था. फटने के कारण लाल निशान हो गए थे गोलाई में!

तब मैंने फोन में गन्दी गांड न्यू छेद की फोटो ली और उसे नेहा को दिखाया.
वह शर्मा कर मेरे सीने से लग गई।

अब हम दोनों काफी थक गए थे इसलिए थोड़े देर में सो गए।

मेरा यह एक्सपीरियंस कैसा लगा आप सब मेल कर के बताना।
और प्लीज नंबर मत मांगो यार! नेहा को आप सबके मेल दिखाये तो वह शर्म से लाल हो गई थी।
और हां भाई, जिसने भी लंड दिखाया था अपना … सच में कमाल है आपका लंड, नेहा तो देखती ही रह गई थी।

आप चाहो तो अपनी चूत गांड दिखा कर मेरा माल निकाल सकते हो.
और चाहे तो अपनी कहानी भी बता सकते हो जो मैं यहां लिखने की कोशिश करूंगा।

गंदी गांड न्यू स्टोरी पर आपके विचार आमंत्रित हैं.
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