भाभी की सहेली पूजा की रसीली गांड

(Bhabhi Ki Saheli Puja Ki Rasili Gand)

दोस्तो, मेरी उम्र 21 साल है.. मैं ग्रेजुएशन कर रहा हूँ।

एक बार मैं और मेरे भैया-भाभी टूर पर गए हुए थे, और भाभी की फ्रेण्ड पूजा भी साथ में थीं.. जो शादीशुदा थीं।
अभी उनकी शादी को लगभग तीन साल हुए थे.. और उनके पति दस दिन पहले एक महीने के लिए दूसरे स्टेट गए हुए थे।

टूर प्लेस पर एक जगह बहुत भीड़ थी और सभी लोग लाइन में जा रहे थे, हम लोग भी लाइन में लगे थे।

थोड़ी देर बाद लाइन बढ़ी.. फिर रुकी.. फिर बढ़ी सबसे आगे भैया.. फिर भाभी और उनकी दोस्त और आखिर में मैं था। लाइन बढ़ी और इस बार काफी तेजी से मुझे पीछे से धक्का लगा और मेरे लण्ड पर एक झटका लगा।

सामने देखा तो मेरे होश ही उड़ गए.. मैं पूजा जी की गाण्ड से टकराया था।
इतनी बड़ी गाण्ड मैंने आज तक लाइव नहीं देखी थी।

अब मेरा लण्ड खड़ा होने लगा।

एक बार फिर उनकी 38 इंच की बड़ी गाण्ड से टकरा गया, अब मेरा लम्बा लण्ड एकदम से खड़ा हो गया।

इस बार उन्होंने पीछे पलटकर मेरी ओर देखा, मुझे बहुत शर्म आ रही थी, मैं अपने आपको बड़ी मुश्किल से संभालते हुए एकदम रुक गया.. और जब वो मुझसे थोड़ी दूर चली गईं.. तब मैं आगे बढ़ा।

एक दिन का टूर ख़त्म होने के बाद रात को हम घर पहुँचे.. खाना खाया और सो गए। लेकिन मुझे पूजा की गाण्ड का एहसास सोने नहीं दे रहा था, किसी तरह सो गया।

सुबह देर से उठकर नहाया फिर खाना खा कर टीवी देखने लगा।

तभी पूजा जी आईं.. भाभी से बात करने के बाद उन्होंने मुझसे अपने घर चलने को कहा।

मैं भी बिना कुछ पूछे उनके घर गया फिर हम दोनों बात करने लगे।
पूजा- और बताओ मजा आया टूर में..
मैंने थोड़ा झिझकते हुए कहा- हाँ..

पूजा- क्या पिओगे.. ठंडा या गरम?
मैंने- नो थैंक्स..
पूजा- अरे ऐसे कैसे.. तुम पहली बार आए हो.. कुछ तो लेना ही पड़ेगा।
मैं चुप बैठा रहा।

पूजा- अच्छा.. तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने- नहीं..
पूजा धीरे से बोलीं- अच्छा तुम्हें कल लाइन वाली बात याद है?
मैंने- कौन सी बात?
पूजा- जब तुम मुझसे टकराए थे?
मैंने- ओह्ह.. सॉरी पर मैं जानबूझ कर नहीं..

पूजा ने मेरी बात बीच में बात काटते हुए कहा- हो जाता है भीड़ में.. ऐसा हो जाता है।
मैंने- आपको बुरा तो नहीं लगा?
पूजा- नहीं.. बिल्कुल नहीं।

एक पल के लिए हम दोनों मौन रहे।
पूजा- क्या तुम्हें मजा आया था?
मैंने- अंह.. हाँ..
पूजा- ओह.. तभी तुम्हारा.. वो खड़ा हो गया था है न..
मैंने शर्माते हुए जबाव दिया- हाँ..

पूजा- क्या फिर से टकराना चाहोगे मेरी गाण्ड से?

मैंने- ये.. आप..
पूजा- हाँ या न.. नहीं तो तुम्हारी भाभी से सब कुछ बता दूँगी।
मैंने- हाँ..
पूजा- ठीक है.. टकराओ!

मैं शरमा रहा था।

अब मैं खड़ा हो चुका था.. वो मेरे पास आईं और पास और हाथ पकड़ कर बेडरूम में ले गईं और ब्लू फिल्म चला दी।

अब उनकी 32-30-38 की फिगर देखकर मेरा लण्ड खड़ा होने लगा।
पूजा चुपचाप खड़े हो कर टीवी की तरफ देख रही थीं, मैं उनके पीछे खड़ा था, मैं तेजी से उनके पास गया और कसकर उनकी कमर पकड़ ली।
मेरा लण्ड उनकी गाण्ड पर.. हाय.. जन्नत जैसा लग रहा था।

फिर मेरे हाथ धीरे-धीरे पूजा के मम्मों पर गए और मैं उन्हें मसलने लगा। उसी तरह पकड़े-पकड़े मैं उन्हें बिस्तर पर लाया और अपने ऊपर लिटा लिया।
अब मुझे बहुत ज्यादा तड़प लग रही थी, मैंने उन्हें बिस्तर पर लिटाया और खुद उनके ऊपर लेटकर पागलों की तरह चुम्बन करने लगा और उनकी साड़ी उतारने लगा, फिर पेटीकोट.. ब्लाउज..

अब वो ब्रा और पैन्टी में थीं।
ब्रा उतार कर मैं बुरी तरह उनकर मम्मों को चूसने लगा।

कुछ देर बाद मैंने उनसे कहा- आपकी गाण्ड बहुत खूबसूरत है.. बिल्कुल जन्नत के दर्शन करा देती है।
पूजा- तो जन्नत के दर्शन जरूर करो।

मैंने उन्हें उल्टा लिटाया और अपनी कच्छी उतार दी।
अब मेरे सामने एक विशालकाय चिकनी गाण्ड नंगी पड़ी थी।

मैंने पूजा की गाण्ड पर अपना लण्ड रख दिया और उनके ऊपर लेट गया।

मैंने पूजा से कहा- क्या आप थोड़ी देर के लिए मेरी घोड़ी बनोगी?

वो अपने घुटनों और हाथों पर खड़ी हो गईं और मैंने अपना मूसल सा तन्नाया हुआ लंबा लण्ड उनकी गाण्ड में डालना शुरू किया।

पूजा हल्की सी चीखी.. मैंने बिना ध्यान दिए और अन्दर डाला। मैंने धीरे-धीरे अपना पूरा लण्ड उनकी गाण्ड में डाल दिया और फिर मेरी सवारी शुरू हो गई। करीब 5 मिनट में ही मैं झड़ गया और मैंने अपना सारा वीर्य उन पर डाल दिया।

फिर मैं घर चला गया।

यह थी पूजा जी की विशालकाय गाण्ड की सवारी की दास्तान। आपके ईमेल के इन्तजार में आपका दोस्त।
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