मालिया और साशा की चुदाई
राज वीर यूँ तो गमों में भी हंस लेता हूँ मैं फिर आज क्यों बेवजह रोने लगा हूँ मैं बरसों से हथेलियाँ खाली रही मेरी, फिर आज क्यों लगा सब खोने लगा हूँ मैं ! तो कैसे हैं मेरे अज़ीज़ अन्तर्वासना ले पाठक पाठिकाएँ ! जैसा कि आपने मेरी पिछली कहानी ‘मजबूरी में‘ में पढ़ा, […]