पर्ची में…?

सार्थक परीक्षा दे रहा था, लेकिन हॉल में मौजूद परीक्षक लगातार घूम रही थी, और नकल कर पाने का मौका ही नहीं मिल रहा था… परेशान होकर सार्थक ने एक चिट पर कुछ लिखकर परीक्षक के हाथ में थमा दिया… परीक्षक ने चिट पढ़ी और चुपचाप जाकर कुर्सी पर शांत बैठ गई, परीक्षार्थियों की चांदी […]

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क्लिनिक में चुदाई

प्रेषक : कुणाल वर्मा मेरा नाम कुणाल है, जयपुर का रहने वाला हूँ, मैं डॉक्टर हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ, मुझे लगा कि मुझे भी अब अपनी ज़िदगी की कहानी सबको बतानी चाहिए। बात उन दिनों की है जब मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद एक सीनियर डॉक्टर के क्लिनिक में काम […]

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पराकाष्ठा

गरीबी की पराकाष्ठा…एक औरत अपने पति के फटे हुए कंडोम को सिल कर ठीक कर रही है.. भोलेपन की पराकाष्ठा…एक लड़की अपने निप्पलों को मुहांसे समझ कर मुहांसे मिटाने वाली क्रीम लगा रही है… महत्वाकांक्षा की पराकाष्ठा…एक चींटा हथिनी से सम्भोग करने के लिए उसके पैर पर चढ़ने की कोशिश कर रहा है… बेरोजगारी की […]

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मेरी पहली सुहागरात

मेम साहब मेरे ऊपर यानि लंड के ऊपर अपनी चूत रखकर बैठ गई। जैसे ही वो मेरी लंड के ऊपर बैठ कर नीचे हुई, मेरी तो वाट लग गई, मेरे लौड़े की सारी खाल खिंच कर नीचे आ गई और मैं दर्द के मारे चीखने लगा।

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पूस की रात-3

भाभी- ठीक है अंकलजी, पर मेरी चूत के अन्दर आपका लिंग नहीं जाना चाहिए। अंकल- नहीं बेटी बिल्कुल अन्दर नहीं जायेगा, मैं पूरी सावधानी बरतूँगा। ऐसा बोल कर अंकल ने भाभी के चूत के दोनों गुलाब की पँखुरी जैसे ओठों को फैला कर अपने लिंग का सुपारा को रगड़ने लगे। अंकल भाभी के चूत के […]

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पूस की रात-2

अंकल भाभी के चूत के दोनों गुलाब की पँखुरी जैसे ओठों को फैला कर अपने लिंग का सुपारा को रगड़ने लगे। अंकल भाभी के चूत के पूरी फाँक पर ऊपर से नीचे तक अपने सुपारे को रगड़ रहे थे।

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बच्चों को डरा रहा है

संता घर आया तो देखा कि उसकी बीवी बिस्तर पर नंगी लेटी हुई है, पसीना निकल रहा है और सांस फूली हुई है ! संता ने पूछा- हाय जानू ! क्या हुआ तुझे? बीवी- मेरा दिल बहुत घबरा रहा है, जल्दी से डॉक्टर को बुलाओ ! संता भागता हुआ डॉक्टर को बुलाने दरवाजे की तरफ […]

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पूस की रात-1

पूस की सर्द रात थी, कभी-कभी बाहर हाड़ को कंपा देने वाली बर्फीली हवाएँ पत्तों से टकरा कर रात की नीरवता को चीरती हुई डरावनी शोर उत्पन्न कर रही थी, यह शोर किसी बेबस की चीत्कार सी लग रही थी। यह भयावह शोर मेरे भीतर एक अनजानी सी सिहरन पैदा कर रहा था। रात का […]

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सर्दियों में छुट्टियाँ

एक युवा जोड़ा अपनी छुट्टियाँ मनाने एक हिल स्टेशन पर गया। जब वे वहाँ पहुँचे तो वहाँ बहुत ठण्ड थी, लड़का कुछ लकड़ियाँ इकट्ठी करने लगा और लड़की ने गरम कपड़ों से अपने आप को ढक लिया। थोड़ी देर बाद लड़का आया और लड़की से कहने लगा- जानू, मेरे हाथ तो बिल्कुल ठण्डे हो गए […]

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मैं तुम्हें अपना सबसे अच्छा भाई समझती थी

मेरा नाम शक्ति सिंह है, सॉफ्टवेयर इंजिनियर हूँ, फिलहाल अमेरिका में हूँ! बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं क्लास से पास होकर अपने रतलाम के घर में गर्मी की छुट्टियाँ बिता रहा था। मेरी मौसी पास के ही एक कस्बे में रहती हैं, उनकी एक बेटी मोना है उस पर बहुत जल्द ही […]

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चूचियों से रगड़कर

बदरू मियाँ एक दिन पनघट पर खड़े थे कि उन्होंने एक कंटीली युवती को पानी भरते देखा। उनके मुँह में पानी आ गया तो उन्होंने कहा: काश मैं घड़ा होता, और तेरी चूचियों से रगड़कर तेरे सिर पर चढ़ा होता। लड़की ने तपाक से जवाब दिया. अगर तू घड़ा होता, मेरी चूचियों से रगड़कर मेरे […]

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प्यासी डॉक्टर

नमस्कार दोस्तो, यह मेरी पहली कहानी है, मैं बहुत सालों से अन्तर्वासना पर कहानियाँ पढ़ रहा हूँ। अब मैं भी अपनी कहानी लिख रहा हूँ। मेरा नाम आशीष है, उम्र 23 साल है, गुजरात का रहने वाला हूँ। यह बात तब की है जब मेरा भाई अस्पताल में दाखिल था। डॉक्टर ने बोला था कि […]

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दीदार हो जाएंगे

बदरू मियाँ को राह चलती लड़कियों को छेड़ने का शौक है। एक बार राँची में उन्होंने रत्नाबाई को छेड़ दिया। उसकी चाल देखकर कहा, मटक-मटक कर चलती हो क्या मार डालोगी? मुझे चूत नहीं दोगी तो क्या अचार डालोगी? रत्नाबाई तो थी ही रंडी उसने कहा- मटक-मटक कर चलती हूँ, चाल ही ऐसी है, घर […]

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कसी हुई चूत का मजा

प्रेषक : सोमी रघुवंशी बात दो साल पहले की है जब मेरी नौकरी दिल्ली में लगी थी। मैं वहाँ अपनी मौसी के यहाँ रहता था। उनके पड़ोस में एक घर था जिसमें दो लड़कियाँ रहती थी, दोनों बहनें थी जिनमें छोटी बहन बहुत ही मस्त थी। उसका बदन होगा कोई 30-26-32, एकदम गोरी और 5’3″ […]

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भाभी को सन्तुष्ट किया-2

लेखक : आदित्य शर्मा फ़िर मैंने जैसे ही भाभी की चूत की पंखुड़ियों को खोल कर अपनी उंगली डालने लगा तो अचानक भाभी ने अपना हाथ चूत पर रख दिया और बोली- आदि नहीं ! अभी नहीं ! अभी तक तो मैंने किसी तरह अपनी सिसकारियों को काबू किया हुआ था, पर अब नहीं कर […]

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