मैंने वाइफ़ स्वैप्पर क्लब जॉयन किया
मैं गाँव की सीधी सादी लड़की थी मगर मेरे पति सेक्स के बहुत दीवाने हैं, वो भूखे भेड़िये की तरह मुझे नोचते हैं जैसे कभी कोई औरत ही न देखी हो।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं गाँव की सीधी सादी लड़की थी मगर मेरे पति सेक्स के बहुत दीवाने हैं, वो भूखे भेड़िये की तरह मुझे नोचते हैं जैसे कभी कोई औरत ही न देखी हो।
एक सुबह शिखा मेरा लंड चूसकर जगा रही थी. मैं नहा कर तैयार हुआ कि मेरी एक अच्छी क्लाइंट गरिमा मेरे घर आ गई.. उसने मुझे दिल्ली में उसकी सहेली की चूत की सेवा करने के लिए जाने को कहा... अब दिल्ली में क्या क्या हुआ... कहानी में पढ़िए !
मैं और मेरी मौसी की बेटी साथ साथ खेल कर बड़े हुए थे. बड़े होने पर हमारे खेल भी बड़ों वाले हो गए थे... हम ऊपर ऊपर से एक दूसरे को चूमने, मसलन का मज़ा लेते रहते थे...एक बार उसको परीक्षा देने के लिए उसी शहर में जाना था जहां मैं पढ़ता था तो मौसी ने मुझे उसके साथ जाने को कहा क्योंकि वहां पर मेरा कमरा भी था !तो हम दोनों आ गए उस कमरे में... कहानी पढ़ कर मज़ा लीजिए...
नीरज के सारे पैसे रोमा को फ़ांसने और उसकी चुदाई में खत्म हो चुके थे तो वो राधे से और पैसे मांगने गया। राधे ने उसे पाँच लाख देने का वायदा किया और जब राधे घर लौटा तो उसने देखा कि मीरा अपने बेडरूम में एकदम नंगी बिस्तर पर लेटी हुई थी.. उसके पास बीयर की बोतल आधी खाली पड़ी थी.. यानी उसने आधी बोतल गटक ली थी और उसने मम्मों और चूत पर चॉकलेट पेस्ट लगाया हुआ था।
सुन्दरी के साथ बड़े ही गर्मी भरे दिन बीत रहे थे, भरी दोपहर में वह छुपते हुए मेरे कमरे में आ जाती थी और हम दोनों एक दूसरे में खो जाते थे। आते ही वह मुझ को लबों पर एक चुम्मी करती और मेरे होटों को चूसती। एक दिन उसने पूरी नंगी होकर लंड को अपने अंदर डालने की कोशिश की, सबसे पहले उसने मेरे लंड को चूत के मुंह पर रगड़ा, तभी उसने नीचे से एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा लंड पूरा अंदर चूत में चला गया।
फिर मैं अपने आपको सम्हालते हुए अपनी जेब में हाथ डालकर लौड़े को सही करने लगा.. क्योंकि उस समय मैंने सिर्फ लोअर ही पहन रखा था। मैं जल्दबाज़ी में चड्डी पहनना ही भूल गया था.. तभी मैंने अपने लण्ड को एडजस्ट करते हुए ज्यों ही रूचि की ओर देखा.. तो उसके भी चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान छा चुकी थी.. शायद उसने भी मेरे उभार को महसूस कर लिया था।
हमारे कॉलेज में एक कंप्यूटर की मैडम थीं, उनकी उम्र 32 साल की होगी, उनके मम्मे आधे बाहर की तरफ लटके होते थे। एक बार मैडम मेरे पास आकर मेरे टेबल पर झुक कर प्राब्लम सॉल्व करने लगीं। जब वो झुकीं.. तो उनका पूरा मम्मों का नजारा मेरी आँखों के सामने था। मैडम ने मुझे देखा लिया कि मैं उनकी चूचियां निहार रहा हूँ तो उनहोंने छुट्टी के बाद मिलने को कहा...
मेरी एक बेटी है 6 महीने की! जब से मेरे घर बेटी हुई है, उसके बाद मेरी पत्नी मुझसे सेक्स बहुत कम करती है, जब भी मैं उसे सेक्स करने को कहता हूँ तो वो मुझे माना कर देती है, कहती है कि फिर कभी करेंगे, या कहती है जब दूसरा बेबी करेंगे, तब करेंगे सेक्स! मतलब उसका ध्यान बेटी की तरफ़ ज्यादा हो गया है। मगर आप तो जानते ही हैं एक मर्द सेक्स किए बिना नहीं रह सकता...
दिल्ली मैट्रो में मैंने एक युवती को रोते देखा तो मैंने उससे बात की, समझाया और अपना फ़ोन नम्बर देते हुए हर प्रकार की मदद देने का कहा। वो सम्भल गई और इस तरह फ़ोन पर बात होने लगी, दोस्ती हो गई… हम दोनों एक-दूसरे के करीब आने लगे। उसका जन्मदिन आया तो मैंने उसे पार्टी और उपहार देने का वायदा किया… मेरे घर कोई नहीं था तो मैंने उसे अपने घर बुला लिया…
दोस्तो, मीरा से लेकर रोमा तक सब चुद चुकी हैं.. यह रोज का सिलसिला हो गया दिन में राधे.. ममता को.. और रात को मीरा को चोदता.. उसकी लाइफ में इन दोनों का मज़ा लिखा हुआ था।उधर रोमा की चूत की आग दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी। वो किसी ना किसी बहाने नीरज के पास चली जाती और अपनी चूत को ठंडा करवा के आती थी।
ढेर सारे मिले लाड़ प्यार के कारण मैं एक बहुत ही ज़िद्दी और झगड़ालू किस्म के लड़के के रूप में जाना जाता था। मैं जीवन की शुरुआत से ही औरतों की प्रति बहुत आकर्षित था।मेरे सारे निजी काम एक युवा नौकरानी सुन्दरी करती थी… उसने मेरी मासूमियत का पूरा फायदा उठाया। अपने शरीर को मोहरा बना कर उसने सारे वह काम करने की कोशिश की जो वह कभी सोच भी नहीं सकती थी।
मेरे फ़ोन पर एक एस एम एस आया- हाऊ आर यू? मैं दिव्या हूँ.. आपकी एक दोस्त है रीना.. मैं उसकी सहेली हूँ.. मैं आपसे दोस्ती करना चाहती हूँ.. आप मुझे दोस्ती करोगे?मुझे लगा कि चलो दोस्ती ही सही..फिर हम लोग रोज बात करने लगे। धीरे-धीरे उसके मैसेज से लगने लगा था कि वो मुझसे प्यार करने लगी थी..कहानी पढ़ कर देखिए कि वो कैसे चुदी!
मैं सौतेली दीदी को याद करके मुठ मारता था और मैंने सोच रखा था कि उनको एक दिन मैं ज़रूर चोदूँगा.. उनकी शादी हो गई.. दीदी की शादी के 4 महीने बाद घर वाले एक हफ्ते के लिए बाहर गए तो मुझे घर में अकेले रह जाना था.. इसलिए दीदी घर आ गई थीं। तो कार चलाना सिखाने के बहाने कैसे मैने उनकी अन्तर्वासना जगाई… कहानी में पढ़िए..
पड़ोस की भाभी से मेरी नजदीकियाँ बढ़ने लगी थीं। उनके पति एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में काम करते थे.. तो वे भाभी को कम ही समय देते थे।मुझे भाभी पसंद तो थी हीं.. मैंने सोचा क्यों ना इन्हीं पर लाइन मार के देखा जाए.. क्या पता बात बन जाए और लण्ड की प्यास भी बुझ जाए।एक दिन मौका देख कर मैंने भाभी का हाथ पकड़ कर ‘आई लव यू’ कह दिया और भाभी नाराज होने की जगह मुस्कुरा उठी।
राधे ने ममता की गाण्ड और चूत को मार-मार कर लाल कर दिया था। वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।उधर स्कूल से घर आने के बाद रोमा बेचैन सी हो गई थी। उसके दिमाग़ में बस नीरज ही घूम रहा था...उसने सहेली के घर जाने का बहाना बनाया और पहुँच गई सीधे नीरज के पास अपनी चूत की आग बुझाने… आगे क्या हुआ… कहानी में पढ़ें !