मेरी काम वासना के रंगीन सपने -4
पति देव को अच्छी तरह मालूम था कि मैं कभी-कभी हस्तमैथुन मैथुन कर लेती हूँ.. कई बार मेरी सिसकियाँ सुनकर उठ जाते और गौर से मुझे देखते रहते। उनकी आँखों के सामने ही मैं अपनी योनि को ज़ोरों से घिसती और रगड़ती रहती
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
पति देव को अच्छी तरह मालूम था कि मैं कभी-कभी हस्तमैथुन मैथुन कर लेती हूँ.. कई बार मेरी सिसकियाँ सुनकर उठ जाते और गौर से मुझे देखते रहते। उनकी आँखों के सामने ही मैं अपनी योनि को ज़ोरों से घिसती और रगड़ती रहती
मैंने रेखा को एक रूसी (रशियन) के यहाँ काम पर लगाया, मैं रेखा के बताये अनुसार उसके और रूसी मिखाईल के बीच अंतरंग सम्बन्ध कैसे बने और दोनों के बीच क्या क्या हुआ, विस्तार से बताऊँगा।
मैं समझ गई कि जाहिरा की चूत पहली-पहली बार पानी छोड़ रही है। मैंने उसके जिस्म को अपने जिस्म के साथ भींच लिया और थोड़ी ही देर में ही उसका जिस्म मेरी बाँहों की गिरफ्त में बिल्कुल ढीला हो गया।
मेरा लंड अभी भी वैसे ही खड़ा था क्योंकि ना वो कल छूटा था न वो आज अभी तक छूटा था। मैं नहीं चाहता था कि किसी लड़की के अंदर छूटा कर उसका जीवन मुसीबत में डालूँ इसलिए मैं अपने को रोक रखने की शक्ति का इस्तेमाल कर रहा था।
मेरे गद्दे और चादर पर अपना रस छोड़ेगा... ईएश.. कितना गंदा काम.. ऐसा कितने बार उसने रस छोड़ा होगा? मुँह में लार और पेशाब की तरह वीर्य भी काफ़ी पर्सनल चीज़ है। दूसरों के लिए अछूत सी होती है।
मैं मामा की बेटी को पसंद करता था लेकिन वो डरती थी अपने पापा से. जब वो कॉलेज में आई तो अपनी सहेलियों को देख उसकी चूत भी फड़कने लगी. वो मुझसे कैसे चुदी? पढ़ें इस कहानी में...
मैंने तुरन्त ही उसके खुले छेद को थूक से भर दिया और चाटने लगा, उसकी गांड चाटने से उसको गुदगुदी होने लगी, उसको और मजा आने लगा तो वो बोली- पहले मैं भी तुम्हारी गाण्ड चाटूँगी फिर तुम मेरे गांड में अपना लण्ड डाल देना।
जाहिरा सीना तान कर अपनी चूचियों को बाहर को निकालते हुए बोली- देखो.. कितनी बड़ी हो गई हूँ मैं और सुबह भी तो आपने देखा ही था ना.. मैं कोई बच्ची जैसी हूँ?
रात को खाने के बाद चारों लड़कियाँ मेरे कमरे में इकट्ठी हुईं। वो अपने नाईट गाउन में थी और सभी बड़ी मादक लग रही थी। तय हुआ कि परची निकाल कर एक को मैं चोदूँगा, बाक़ी आपस में लेस्बीयन सेक्स करेंगी.
नपुंसक पति के कारण मैंने मन ही मन चंदर से संभोग करने का इरादा बना लिया। मैं उठकर भान्जे के कमरे में गई और छानबीन की.. पर उसकी अलमारी से कुछ नहीं मिला.. बिस्तर के नीचे कुछ नहीं था। लेकिन गद्दे के नीचे कुछ किताबें मिलीं.. साथ में कन्डोम के कुछ पैकेट भी मिले।
मैंने उनमें से एक आदमी की गर्दन पकड़ी और झक्कास वाली चुम्मी कर दी.. तो उसने एक झटके में मुझे हटा दिया और बोला- सबर कर राण्ड.. आज तुझे ऐसा चोदेंगे कि तू चुदाई भूल जाएगी।
मेरे बहुत कहने पर वह मेरे सामने ब्रा-पैन्टी पहनने को तैयार हो गई और अपने कपड़े उतारने लगी, जैसे-जैसे वो कपड़े उतारती जाती, वैसे-वैसे मेरे लौड़े में अकड़न बढ़ती जाती।
फैजान की नज़र भी सीधी-सीधी अपनी बहन की खुली ओपन क्लीवेज और चूचियों पर ही जा रही थी। मैंने महसूस किया कि फैजान नाश्ता कम कर रहा था और अपनी बहन की चूचियों को ज्यादा देख रहा था।
कम्मो बोली- चारों को एक एक बार चोद डालो रात में… फिर उन चारों को आपस में भिड़ा दो यानि लड़की लड़की संग संग करवा दो, इस तरह उनकी कामवासना ठंडी हो जायेगी।
पति की नाकामयाबी मेरे साथ एक धोखा सा था.. पति को धोखा देना कोई पाप नहीं लग रहा था। अगर मेरे पति बिस्तर में कामयाब और नॉर्मल होते.. तो आज उनके साथ खुश रहती..