मेरा गुप्त जीवन- 162
पूनम की भाभी को गर्भ नहीं ठहर रहा था तो कम्मो के कहे अनुसार भाभी को सन्तान देने के लिये उनकी चूत चुदाई का कार्यक्रम चल रहा थ कि पूनम के भैया आ गये।
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पूनम की भाभी को गर्भ नहीं ठहर रहा था तो कम्मो के कहे अनुसार भाभी को सन्तान देने के लिये उनकी चूत चुदाई का कार्यक्रम चल रहा थ कि पूनम के भैया आ गये।
पड़ोस में नई फैमिली आई, छोटी सी फैमिली थी। चाची सांवली थीं.. पर गजब की माल थीं, उनकी चूचियां बहुत बड़ी और आकर्षक थीं, मैं अक्सर उनकी रसभरी चूचियों को घूरता रहता था।
मेरी गर्लफ़्रेंड मुझसे चुदना चाहती थी तो उसकी सहेली, जिसने हमें मूवी हाल में लंड चूसते देखा था, ने उसे आइडिया दिया और मुझे अपने पीजी में अपना भाई बना कर बुला लिया।
पैंटी के ऊपर से उसकी महक को सूँघ रहा था.. एक अलग ही महक थी। अब वो घड़ी आ गई.. जिसका बरसों से इंतजार था चूत.. चूत.. चूत… वो बोलने लगी- आह्ह मेरी ‘पुच्ची’ चाट..
मैं एक बिज़नसमैन हूँ अपने एक जरूरी काम से दुबई गया था, वहीं मैं एक डिस्को में चला गया। वहाँ एक पाकिस्तानी लड़की मेरे पास आई, अपना नाम शकीरा बताया और डांस के लिए पूछा।
मैं वापस छत की तरफ भागा और कमरे में जाकर उसी गद्दे पर गिर गया जिस पर पहली रात रवि के साथ सोया था.. मेरा कलेजा फटने को आ रहा था.. गद्दे को बाहों में भरकर फूट फूट कर रोने लगा..
पूजा मेरे लंड को मसलते हुए बोली- यार, मेरी चूत में आग लगाकर तुम यहाँ आ गए.. चलो अब जल्दी से मेरी इस टपकती चूत को अपने लंड से शांत कर दो.. क्योंकि इस चूत ने बहुत लौड़े खाए हैं.. इसकी आग सिर्फ़ लौड़े से ही बुझेगी।
उसने बताया- मैं बच्चे पैदा नहीं कर सकता हूँ बस नाम का लंड है.. सब कुछ सही है.. पर मेरा सारा शरीर लड़कियों वाला है.. केवल ऊपर वाले ने मुझे चूत की जगह लंड दे दिया.. वो भी अधूरा..
मैं तुम्हारे पास ही हूँ.. तुम अपनी उंगली अपनी चूत में डाल लो.. मैं तुम्हारी फड़कती चूत को देख कर अपना लौड़ा हिला रहा हूँ.. मुझको तुम्हें देखने की बहुत इच्छा हो रही है।
मुझे मम्मी के कराहने की आवाज़ आई। मैं उठ गई। मेरे लिए जानी पहचानी आवाज़ थी। मैं समझ गई कि मम्मी की चुदाई हो रही है। मैंने हिम्मत करके हाथ से थोड़ा सा पर्दा हिलाया और देखने लगी।
फ़ोन पर मिस काल कर कर के मैंने एक लड़की पटाई और वो नौकरी के चक्कर में मेरे साथ रहने आ गई। वो मुझसे लगतार महीने भर चुदाई करवाती रही।
होली पर मथुरा जाते समय ट्रेन में एक लड़की मिली जो मेरे पास ही बैठी थी। थोड़े ही समय में वो मुझसे पट गई तो मैंने उसे टॉयलेट में चलने को कहा मगर उसने मना कर दिया।
एक रात बाइक से जाते हुए किसी को लिफ़्ट दी तो पता चला कि वो हिजड़ा था। बातें करते हुए सेक्स की बात आ गई और उसने मेरी मदद के बदले मुझे मज़ा देने को कहा।
मेरा क्लासमेट रोज मेरी तरफ देख कर गंदे-गंदे इशारे करता था, जैसे बाहें फ़ैलाना, होंठों को गोल करके चुम्बन का इशारा करना, चूतड़ आगे पीछे करके चुदाई के इशारे करना…
मैं उठकर उसके सिरहाने जा बैठा और उसका सिर अपनी गोद में रख लिया और उसके घने घने बालों में हाथ फेरने लगा। बस क्या बताऊँ दोस्तो, दिल से एक ही आरजू बार बार निकल रही थी कि यह रात कभी खत्म न हो..