मैडम और उसकी सहेलियों के साथ चुदाई का खेल -1
स्कूल में कम्प्यूटर ठीक करने गया तो वहाँ की मैडम मुझे पसन्द आ गई। कुछ दिन बाद उसी मैडम ने मुझे उसके घर का कम्प्यूटर ठीक करने बुलाया और बात कैसे बनी, इस कहानी में पढ़ें !
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
स्कूल में कम्प्यूटर ठीक करने गया तो वहाँ की मैडम मुझे पसन्द आ गई। कुछ दिन बाद उसी मैडम ने मुझे उसके घर का कम्प्यूटर ठीक करने बुलाया और बात कैसे बनी, इस कहानी में पढ़ें !
मेरे हाथ सोनाली के चूचों को मसल रहे थे और धीरे-धीरे उसके कपड़े भी उतार रहे थे। सोनाली इतनी उत्तेजित हो गई थी कि उसको पता ही नहीं चला, मैंने कब उसको पूरी नंगी कर दिया।
अर्जुन आगे बढ़ा और पायल का कुर्ता भी निकाल दिया.. अब वो सब के सामने एकदम नंगी खड़ी थी। उसने जब देखा कि सबकी नजरें उसके जिस्म को घूर रही हैं.. तो उसने शर्म के मारे नजरें झुका लीं।
प्रिय अन्तर्वासना पाठको अप्रैल महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं… जेम्स की कल्पना -1 कहानी के बारे में – दो दम्पति अपने साथियों की अदला-बदली के लिए मिलते हैं। जेम्स दूसरे दंपति की बीवी कल्पना के साथ सेक्स संबंध स्थापित करता है मगर एक […]
पिता के कर्ज के कारण मैं दुखी रहता था तो बॉस ने पूछा। मैंने अपनी समस्या बताई तो और उसने उसकी बीवी को गर्भवती बनाने के बदले मुझे पैसे देने की पेशकश की।
मैंने उसके एक हाथ को अपनी जीन्स की ज़िप पर रख दिया और कहा- धीरे-धीरे सहलाओ। मैं उसको उसके चेहरे पर.. गालों पर.. गर्दन पर.. होंठों पर.. चुम्मी करता रहा, फिर कुछ देर में लगा कि मैं बह जाऊँगा.. तो मैंने पूनम को रुकने के लिए कहा..
मेरी बहन अपनी ससुराल से वापस आई तो मैंने पूछा- बहना, कैसी रही तुम्हारी दूसरी सुहागरात? तुझे तो मिल गया दूसरा लण्ड… पर हमारी किस्मत में कहाँ है कोई दूसरी चूत?
जब मैं झुकी तो उसने अपना लंड मेरे मुंह में घुसा दिया और मैं उसका लण्ड चूसने लगी, उसके एक हाथ में पानी का जग था और एक हाथ से वो मेरी गांड धोने की कोशिश कर रहा था, वो गांड में उंगली डाल रहा था। मैं तो मानो सातवें आसमान पर थी।
अर्जुन ने कुर्ता ऊपर किए बिना अपना हाथ पायल की पैन्टी पर लगा दिया.. वो उसकी चूत को हल्का सा दबा कर अपनी उंगली उसकी फाँक पर फिराने लगा। पायल की नजरें अर्जुन से मिलीं तो वो नशे में थी.. और अब उसकी उत्तेजना भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी।
जैसे-जैसे उसकी कमीज ऊपर की ओर सरकती.. वैसे-वैसे उसका दूध सा गोरा बदन मेरे आँखों में कैद होता जा रहा था। मैं उसकी इस अफलातून जवानी को अपने आँखों से पीने के साथ साथ होंठों से प्यार भी कर रहा था।
एक बार हम अकेले में मिले और उसने मुझे उसका लण्ड मुँह में लेने को कहा.. पर मैं ना-नुकुर करने लगा। उसके ज़ोर देने पर मैंने उसका लण्ड मुँह में लिया और धीरे-धीरे चूसने लगा।
मैं एक स्कूल में कम्प्यूटर टीचर हूँ, वहाँ पर फैशन डिजाइनिंग में एक न्यू फैकल्टी आई। क्या परी सा चेहरा था.. वो फैशन डिजाइनिंग की फैकल्टी थी.. तो उनको कम्प्यूटर्स की जरूरत पड़ती थी।
उन्होंने कमर के नीचे एक तकिया रखा और मेरी जाँघों को खोल दिया। मेरी बुर पर थूक लगा दिया और अपने लिंग से चूत को रगड़ने लगे, फ़िर वे झुके और मुझे कस कर पकड़ लिया।
मैं ऑफ़िस से घर आया तो वे दोनों नंगे थे। मैंने नीलेश को याद दिलाया कि आज उसकी बीवी आने वाली है, स्टेशन जाना है। हम तीनों रास्ते भर नीलेश की बीवी को अपने चुदाई गैंग में शामिल करने की योजना बनाते गए।
पड़ोसन भाभी ने गाने भरने के लिये मेमोरी कार्ड दिया तो मैंने शरारत करके उसमें ब्ल्यू फ़िल्में भी भर दी। कार्ड देने गया तो भाभी ने मोबाइल में डाल कर चलाया।