दोस्त की भतीजी संग वो हसीन पल-3
छत पर खुले आसमान के नीचे हम दोनों आपस में प्यार करने में मग्न थे। 'चाचू... वैसे जो हम कर रहे है वो ठीक नहीं है... आप मेरे चाचू है और...' इस से ज्यादा वो कुछ बोल ही नहीं पाई क्यूंकि मैंने अपने होंठो से उसके होंठ बंद कर दिए थे।