दीदी के देवर की शादी में दीदी की ननद की चुदाई
मैं दीदी के देवर की शादी में गया तो दीदी की शादीशुदा ननद मुझ पे लट्टू हो गई और मैंने मौके का फायदा उठा कर दीदी की ननद की चुदाई कर दी.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
मैं दीदी के देवर की शादी में गया तो दीदी की शादीशुदा ननद मुझ पे लट्टू हो गई और मैंने मौके का फायदा उठा कर दीदी की ननद की चुदाई कर दी.
एक रात को मेरी नींद खुली तो मैंने महसूस किया कि चाची ने मुझे अपनी बाहों से जकड़ रखा है। शायद वो मुझे नींद में चाचा समझ रही थीं।
लेखक : अखिलेश कुमार मैं अखिलेश कुमार, दिल्ली का निवासी हूँ, मैं एक सीधा साधा लड़का हूँ पर मैं और मेरा परिवार ऐसी गली में रहते थे जहाँ पर सिर्फ़ पहाड़ी, उत्तरांचली लोग रहते हैं। वो लोग हमसे घुलमिल कर रहते हैं। मगर एक आंटी भगवती जिनको हम प्यार से भालू बुलाते हैं, वह मुझसे […]
मेरी बचपन की सहेली को एक दिन ले गया चोदने! काम शुरु हुआ और वो मेरा लण्ड चूत में ले रही थी, मेरा लंड उसकी फ़ुद्दी में घुसा हुआ था, वो बहुत मजे में ले रही थी.
कुकोल्ड हस्बैंड की फंतासी अपनी पत्नी को गैर मर्द की बांहों में देखने की ही होती है. ऐसे ही एक पति ने अपनी पत्नी को अपने दोस्त के साथ रोमांस करने के लिए उकसाया.
हॉट फॅमिली पोर्न स्टोरी में मैंने अपने साले की बीवी को चोदा. वो एकदम सुंदर माल है, मक्खन सी है. वो मुझसे खुली हुई थी. मेरा साला उसे ज्यादा नहीं चोद पाता था.
मेरी फ्री सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मुझे मुफ्त में चुदाई का मजा मिला. मेरे ऑफिस में एक लेडी काम करती हैं. वो मेरे साथ दोस्ताना होने लगी. एक दिन वो मेरे साथ मेरे घर आ गई और खुद से सेक्स की पेशकश की. वो ओरल सेक्स का मजा लेना चाहती थी.
प्रेषक : विजय पण्डित मेरे पुरखे काफ़ी सम्पत्ति छोड़ गये थे। मेरे पिता की मृत्यु छः-सात साल पहले हो चुकी थी। मेरी मम्मी और उनके मैनेजर ही सारा व्यापार सम्भालते थे। मेरा फ़ार्म-हाऊस घर से बीस बाईस किलोमीटर की दूरी पर था। उसे मैं ही सम्भालता था। फ़ार्म-हाऊस क्या था मेरी ऐशगाह था। मैं दोस्तों […]
वह भी खुद को उसी मनःस्थिति में पा रही थी कि जल्दी से सब हो जाये, सोनू एकदम योनि में अपना लिंग घुसा दे और इतने धक्के लगाये कि उसकी बरसों की चाह पूरी हो जाये।
मामा के घर सेक्सी मामी को देख मामी की चुदाई की इच्छा होने लगी, मामी भी मेरी नजर समझ गई, वो भी तैयार थी लेकिन मामी ने मुझसे गांड मरवाई! क्यों?
मैं समझ गयी कि शायद दामाद जी को कोई कमजोरी है और मेरी बेटी को ठीक से चोद नहीं रहे हैं. इसलिए वो इतना रो रही है.
हाय ! हम झंडाराम और ठंडाराम दोनों सगे भाई हैं। हम दोनों एक साथ मिलकर हर काम किया करते हैं फिर वह काम भले ही चोरी-डकैती का हो या अपनी-अपनी महबूबाओं के साथ रंगरेलियां मनाने का हो। बचपन से ही हमारी शक्लें भी बिलकुल एक जैसी हैं। कई बार तो हमारी पत्नियाँ तक हम दोनों […]
उसने मुझ को ठंडा या गरम के लिए पूछा, मैंने कहा- आज तो तुमको ही पीऊँगा.. तुम्हारी गर्मी को ठंडा करूँगा। वो मुस्कुरा दी और मेरे पास बिस्तर पर ही बैठ गई।
बारहवीं के बाद मैंने दिल्ली के कॉलेज में प्रवेश लिया, किराये के कमरे में रहने लगा. दिल्ली में मेरी जिन्दगी की शुरुआत कैसे हुई? मेरी कहानी पढ़ कर जानें.
मुझे अमदाबाद के गार्डन में एक भाभी मिली. किसी बात पर भाभी का बेटा रोने लगा तो मैंने उसे प्यार से मना लिया. इस तरह भाभी से दोस्ती हुई. ये दोस्ती आगे जाकर क्या रंग लाई... पढ़ें मेरी देसी स्टोरी में!