मेरा गुप्त जीवन- 150
दो लड़कियों ने कॉलेज में मुझसे मिल कर ग्रुप सेक्स करने का प्रोगाम बनाया और सबको समझा दिया कि उसमें क्या क्या होगा, अपने पुराने साथी को छोड़ किसी दूसरे से सेक्स करना होगा।
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
दो लड़कियों ने कॉलेज में मुझसे मिल कर ग्रुप सेक्स करने का प्रोगाम बनाया और सबको समझा दिया कि उसमें क्या क्या होगा, अपने पुराने साथी को छोड़ किसी दूसरे से सेक्स करना होगा।
सोनिया ने एक शाम मुझे अपने घर बुलाया। मैं उसके घर पहुंचा तो उसे देखता रह गया, रेशमी गाउन उसके शरीर से चिपका हुआ था, चूची पेट नाभि जांघ सब के उभार- गहराई दिख रही थी।
मैं अब उसके चूत में ऊँगली डाल चुका था और चूत के दाने को सहला रहा था जिससे सोनिया अपने चूतड़ खूब हिला हिला कर मज़ा ले रही थी, ऐसा लग रहा था कि वो कभी भी झड़ सकती है।
ज़ुल्फी बड़े ही आहिस्ता और शाइस्तगी से बोली- खैर मुकदम हज़ूर-ऐ-आली, आपके जिन्सी करतब देख रही थी! वाह क्या कुवते मर्दानगी है… क्या यह नाचीज़ आपकी मर्दानगी का एक जलवा देख सकती है?
मेरी सहेली हॉस्टल में चुदती थी, मुझे भी चुदाई के लिये उकसाती थी। एक बार हम सहेलियाँ घर जा रही थी तो वोल्वो बस में उसका प्रेमी अपने दोस्त के साथ आया। और फ़िर…
ऐसी संतुष्टि पहले कभी नहीं हुई.. जैसी आज हम पसीने में लथपथ एक-दूसरे से लिपटे हुए थे.. दुनिया की सारी खुशियों और गम से बेखबर.. सच कहते हैं.. पहला प्यार भुलाये से भी नहीं भुलाया जा सकता।
उसे देख कर तो मेरी आँखें फटी की फटी ही रह गई, वो बिल्कुल नंगी थी। चूचे तो उसके खरबूजे के आकार के, चूतड़ तरबूज के आकार के, पेट बाहर निकला हुआ, चूत अन्दर की तरफ बालों के जंगलों के बीच घुसी हुई थी।
मेरी कहानी पढ़कर मुझे एक लड़की का मेल आया कि कहानी में जैसे हब्शियों ने मेरी बीवी को चोदा, वो भी उसी तरह चुदना चाहती है, उसे तो बल्कि और क्रूर सेक्स पसंद है
मेरी विधवा मामी हमारे ही शहर में रहती थी। बड़ा सेक्सी माल थी पर बेचारी की अन्तर्वासना प्यासी थी। मामी ने मुझसे सेक्स की बात करके और अपने बदन की झलक दिखा कर मुझे फ़ांस लिया।
मैं एक लड़की से फेसबुक पर मिला, पहले बातें हुई, फिर सेक्स चैट होने लगी, फिर बदन के कामुक अंग दिखाने पर बात आ गई. उसके बाद हमने मिलने का प्रोग्राम बनाया और हम सेक्स तक जा पहुंचे...
मामा मुझे अपने घर ले गए क्योंकि घर में उनकी बेटियाँ अकेली रहने वाली थी. वहाँ उनकी एक सहेली भी आ गई और हम सब एक साथ सोये. तो कुछ तो होना ही था!
एक खूबसूरत लड़की से मुलाक़ात हुई, दोस्ती हुई, मौक़ा मिला तो उसने अपनी दास्ताँ मुझे सुनाई कि कैसे उसकी नादानी में उसके साथ गलत हुआ था..
सच में वो बढ़िया मालिश कर रहा था, मेरी पीठ, चूतड़, जांघों और टाँगों की उसने बहुत बढ़िया मसाज की। मुझे सीधा लेटाया और मेरे कंधों, बूब्स, पेट, कमर, जांघों की बड़े मनोयोग से मालिश की।
वो कमर उठा-उठा कर मुझे बुला रही थी। मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी.. अब वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी। मैं गौर से उसके जिस्म को देख रहा था। नारी सौंदर्य सच में ऐसा होता है.. कंचन सी कोमल सी काया.. गोरी-गोरी त्वचा..
पड़ोसन भाभी से मेरी दोस्ती थी। भैया की नौकरी दूसरे शहर में हुई तो मैं उनकी मदद करने लगा और हमारी निकटता बढ़ती गसी। एक दिन भाभी ने अपनी अन्तर्वासना शान्त करने में मेरी मदद ली।