भाई ने मेरी गांड का उदघाटन किया-1
यह कहानी मेरे और मेरे भाई के बीच की है। भाई अक्सर मेरी चूत चोदता था. एक बार हम दोनों अकेले थे तो उसने मुझे गर्म कर दिया और गांड मारने की बात करने लगा.
अन्तर्वासना की हॉट हिंदी सेक्स कहानियाँ - Chudai ki Kahani, Audio Sex Story, XXX Stories and Adult Stories and More in Hindi
यह कहानी मेरे और मेरे भाई के बीच की है। भाई अक्सर मेरी चूत चोदता था. एक बार हम दोनों अकेले थे तो उसने मुझे गर्म कर दिया और गांड मारने की बात करने लगा.
पूनम को पता था कि मैंने किसी फ़िल्म में काम किया है, वो और काफ़ी जने मेरे साथ फ़िल्म देखने गई। वहाँ पर पूनम को मैंने बॉक्स में ले जा कर चोदा।
अब तक आपने मेरी डायरी में लिखे मेरे उस कामोत्तेजक अंश को जाना जो मैंने अपने दोस्त और अपनी बीवी के साथ सेक्स करते हुए लिखे थे.. कि चाँद की रोशनी में मैंने अपनी बीवी नंगी चूचियों को देखा तो मस्त हो गया।
यह कहानी नहीं सच्चाई है, मैंने शादीशुदा पड़ोसन भाभी के साथ सम्भोग किया है और वो भी पूरे मज़े के साथ और खुल कर ! असल में वो भाभी अपने पति की बेरुखी से दुखी थी.
मैं कुर्सी पर बैठा और काजल मेरी गोद में बैठ कर गेम खेलने लगी। अब मुझे और ज्यादा मज़ा आ रहा था क्योंकि इस बार काजल की गाण्ड और मेरे लंड के बीच सिर्फ़ काजल की ब्लैक जीन्स और मेरा हाफ पैंट था।
मेरी ट्यूशन स्टूडेंट का बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हो गया, वो खोई खोई सी रहती थी तो उसका मन बहलाने के लिए मैं उससे हर तरह की बात करने लगा, सेक्स की बात भी होने लगी.
बहन की सहेली शीतल की चूत फाड़ कर आनन्द.. वो मेरे कॉलेज में पढ़ती थी, मेरा दिल उस पर आ गया था. वो मेरे घर आती थी. उसके बॉयफ्रेंड ने उसे छोड़ दिया तो मेरा भाग्य जाग गया.
जैसे ही मैंने अपना हाथ उसकी कुर्ती में नीचे से अन्दर डाल कर उसकी ब्रा खोलनी चाही.. तो जैसे ही मेरा हाथ उसकी नाभि के पास पहुँचा.. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया। वो मेरे हाथ को छोड़ ही नहीं रही थी।
मैं माँ के साथ ही खेतों में हगने के लिए जाता था। वहीं सभी गाँव की औरतें भी हगने जाती थीं। हगने के लिए माँ मुझे अपने पास ही बिठाती थीं, हमेशा अपनी माँ की चूत गाण्ड रोज देखता था।
शन्नो भाभी की आँखें बंद थी और होंठ खुले हुए थे और वो बड़ी मुश्किल से सांस ले पा रही थी लेकिन उसके चूतड़ हर मेरे धक्के का जवाब ऊपर उठ कर दे रहे थे
मैंने फिर से अपना हाथ उसके कंधे पर रखा.. इसके बाद वो कुछ नहीं बोली.. तो मैंने आगे बढ़ने का सोचा और अपनी उंगलियों से उसकी जुल्फों को सहलाने लगा।
अब वो मेरे सामने पूरी नंगी पड़ी थी… मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके मम्मों को अपने मुँह में भर कर चूसने लगा। फिर पेट पर चूमता हुआ मैं उसकी चूत पर आ गया और चूत को चूसने लगा।
मैं परीक्षा देने भोपाल गई तो मुझे अपने ममेरे भाई के पास रुकना था। भाई को देख कर मेरे मन मे कुछ कुछ होने लगा और रात को सोने के बाद मैं भाई के बदन पर हाथ फ़ेरने लगी।
अब तक आपने पढ़ा.. फिर 15 मिनट आराम करके उठे.. और मैंने गद्दे को वापस कमरे में रख दिया। अब तक दोनों ने कपड़े भी नहीं पहने थे.. और कपड़े हाथ में लिए ही नीचे आने लगे। मैंने सोनी को गोद में उठाया हुआ था, मैं उसे कमरे में ले गया.. और चुम्बन करने लगा। […]
क्या सच में माँ.. अच्छा हुआ तुमने कल हमारी चुदाई की आवाज सुन ली.. तो फिर अब तुम भी भाभी के जैसी मालिश के लिए तैयार हो या नहीं?