प्यारी चाची ने सबको खुश कर दिया- 1

(Hot Desi Aunty Xxx Kahani)

हॉट देसी आंटी Xxx कहानी में पड़ोस के चाचा ने देर से शादी की तो उनसे अपनी बीवी की वासना सम्भाली नहीं गयी. तो चाची ने आस-पास के कुछ पुरुषों से सेक्स सम्बन्ध बना लिए.

यह सच्ची कहानी मेरे पड़ोसी और दोस्त मनोहर की है.
कुछ घटनायें मैंने देखी, बाकी मनोहर से सुनी.

मनोहर की सच्ची हॉट देसी आंटी Xxx कहानी मनोहर की जुबानी:

मैं माता पिता के साथ सरकारी कॉलोनी में रहता था।
कॉलोनी में 200 मकान हैं।

इसी कॉलोनी में मेरी माँ की पांच सहेलियां थी।
जब सबके पति कारखाने और बच्चे स्कूल चले जाते तो सभी सहेलियां हमारे घर में बैठकर गपशप करती थी।
सभी मुझे मुन्नू के नाम से बुलाती थी.

हमारे पड़ोस में बसंत चाचा रहते थे, उनके ऊपर भाई बहन की जिम्मेदारी थी.
उन्होंने शादी नहीं की थी।

बसंत चाचा एकदम दुबले मरियल नाटे 5 फुट लम्बे थे, वे धीमी आवाज़ में बात करते थे।
मेरे पिताजी लम्बे हैं रोज कसरत करते हैं.
मुझे भी उन्होंने कसरत की आदत लगा दी।

मैं उस समय 21 साल का था पिताजी की तरह लम्बा और तगड़ा!
पास के शहर में हॉस्टल में रहकर मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, मैं फाइनल ईयर में था।

बसंत चाचा हम सबके पारिवारिक दोस्त थे, माँ और सब मौसियां उन्हें देवर जी कहती थी.

हॉस्टल जाने से पहले मेरे पिता ने कहा था- मुन्नू, तुम सिर्फ मन लगाकर पढ़ाई करना, कॉलेज के यह चार साल यह तय करेंगे कि तुम्हारी आगे की जिंदगी कैसी होगी, गलत संगत से बचना।

मैंने यह बात दिल से ली।
मैं पढ़ाई पर ध्यान देता।

हॉस्टल के दोस्तों ने मुझे सेक्स वीडियो देखना सिखाया, मैं कभी कभी लैपटॉप पर देखता, मुठ मारकर सो जाता।
मैं लड़कियों के चक्कर में नहीं पड़ा.

एक दिन माँ ने फ़ोन पर मुझे बताया- बसंत चाचा ने अपनी बहन की शादी और भाई की नौकरी की जम्मेदारी पूरी कर ली है। उन्होंने शादी कर ली है।

उस समय बसंत चाचा की उम्र 38 थी, उनकी पत्नी कंचन की उम्र 35 थी.

बसंत चाचा की शादी के चार महीने बाद मैं घर आया।
मेरी फाइनल ईयर की परीक्षा ख़त्म हो गयी थी, रिजल्ट आना था।

मैं इंटरनेट पर नौकरी ढूंढने लगा।

पढ़ाई में कड़ी मेहनत के बाद मैं अब रिलैक्स था, दोस्तों से मिलता पार्टी करता.

मैं बसंत चाचा के घर गया, चाचा ने कंचन चाची से मेरा परिचय कराया।

चाची भरे बदन की हंसमुख महिला थी, खूबसूरत तो नहीं कह सकते, पर अच्छी दिखती थी.
वह चाचा के बराबर लम्बी थी।

मैंने चाची को प्रणाम किया।
चाची बोली- मुन्नू, तुम्हारे बारे में मैंने सुना है, मिलकर अच्छा लगा।

तब चाची ने मेरी पढ़ाई और हॉस्टल के बारे में पूछा।
चाची बात करते समय मुझे छू रही थी, उनमें अपनापन लग रहा था, मुझे चाची अच्छी लगी।

बसंत चाचा मरियल शरीर के थे पर चाची भरे बदन की!
चाचा धीमी आवाज़ में बात करते थे, चाची बुलंद आवाज़ में बात करती और खुलकर हंसती थी.

मेरे पिताजी उस समय 43 साल के थे।
पहले उनको शेविंग करने में सुस्ती आती थी।

पर अब मैंने देखा कि पिताजी रोज शेविंग करने लगे हैं।

मैंने नोटिस किया कि शाम को पतियों घर आने के पहले माँ और उनकी सहेलियां अच्छे कपड़े पहनकर हल्का मेकअप करके तैयार हो जाती हैं, पहले वे ऐसा नहीं करती थी.

मैं सुबह दोस्तों से मिलने गया था, जब लौटा रोज की तरह मेरी माँ की पांच सहेलियां जिन्हें मैं मौसी कहता हूँ हमारे ड्राइंग रूम में बातें कर रही थी.

मैंने दरवाज़े के बाहर से सुना.
सब कंचन चाची के बारे में बात कर रही थी।

जब मैंने कॉल बेल बजाई तो सब चुप हो गयी।
मैं अंदर आया सबको नमस्ते कही.
माँ की सहेलियां ‘कल मिलते हैं’ कहकर चली गयी।

दूसरे दिन भी ऐसा ही हुआ.
मुझे लगा कि मौसियां कंचन चाची के बारे में कोई सीक्रेट चर्चा कर रही हैं.

मुझे उत्सुकता हुई, मेरे पास टेप रिकॉर्डर था।
तीसरे दिन सुबह बाहर जाने के पहले मैंने टेप रिकॉर्डर चालू करके ड्राइंग रूम में छिपा दिया.

मैं देर से घर लौटा तो मौसियां जा चुकी थी।
तब मैं चुपके से टेप रिकॉर्डर अपने कमरे में ले गया।

रात सबके सो जाने के बाद मैंने ईयर फ़ोन लगाकर सब बातें सुनी.
मैं सब मौसियों की आवाज़ पहचानता था.

सविता मौसी- कंचन ने हमारे पतियों को रिझाकर उसके साथ यौन आनंद लिया. लगता है बसंत देवर जी उसको बिस्तर में संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं। बसंत मरियल शरीर के हैं और कंचन भरे बदन की। पर कंचन को हमारे पति ही मिले!

कोमल मौसी- मैं गुस्से में कंचन से बात करने गयी थी कि वह मेरे और मेरी सहेलियों के पतियों से सम्बन्ध ना रखें. तो कंचन ने कहा कि उसका हमारा घर तोड़ने का इरादा नहीं है। कंचन ने मुझे पूछा कि भाभी एक बात बताओ कि क्या मेरे पास आने के बाद से आपके पति आपके साथ ज्यादा रोमांटिक हो गए हैं, उनकी जवानी लौट आई है. और यौन क्रीड़ा में आपके पतियों ने नए नए तरीके अपनाकर यौन नीरसता दूर कर दी है? मुझे मानना पड़ा कंचन सही बात कह रही है.

सविता मौसी- हमारी शादी को 20 साल हो गए हैं, सेक्स में नीरसता आ गयी थी। कंचन के पास कुछ बार जाने के बाद मेरे पति की जवानी लौट आयी है, एक बार वे मेरा बदन चूमते हुए मेरे पैरों के बीच ( चूत ) आये. पति बोले क्या जंगल उगा रखा है. उन्होंने ट्रीमर से बाल (झांट) साफ़ किये। मुझे लिटाकर मेरी चूत पहली बार चूसी. बड़ा मजा आया, मैंने भी उनका चूसा। अब हम सेक्स वीडियो देखते हैं. तरह तरह तरह के आसनों में संभोग करते हैं।

सभी मौसियों ने माना कि उनके पति के साथ उनको पहले से ज्यादा यौन आनंद आता है। सभी मौसियों का ऐसा ही अनुभव था.

पूरी बातें सुनने के बाद मैं कंचन चाची को अलग नज़र से देखने लगा, सोचने लगा मुझे कब मौका मिलेगा।

मैं कंचन चाची से ज्यादा मिलने लगा.
चाची साड़ी, स्लीवलेस ब्लाउज पहनती थी।

मैं उनके भरे चूचे, सुन्दर नाभि, भरे हाथ, साफ़ कांख देखता तो मेरा लंड खड़ा हो जाता.
रात को मैं चाची को याद कर मुठ मारता.

मेरे माता पिता, पांच मौसियां, उनके परिवार के लोग 15 दिनों के लिए उत्तर भारत घूमने निकले.
मैं नहीं गया, मुझे नौकरी ढूढनी थी।

मुझे खाना बनाना आता है.

एक दिन बाद मेरा जन्म दिन था।
मैं सुबह देर से उठा, नहाकर मैंने ट्रैक पेंट टी शर्ट पहना।

कालिंग बेल बजी तो मैंने दरवाज़ा खोला.

कंचन चाची अंदर आयी, उनके हाथ में डिब्बा था।
चाची ने टेबल पर डिब्बा रखकर कहा- मुन्नू हैप्पी बर्थ डे, नाश्ता लायी हूँ.

मैं चाची को प्रणाम करने को झुका.
चाची ने मुझे हाथ पकड़कर खड़ा किया मुझे आलिंगन में लेकर मेरा माथा, आंख चूमकर कहा- खुश रह!

मैंने चाची को कसकर पकड़ लिया।
चाची के चूचे मेरे छाती में दबे थे, मेरा लंड खड़ा होकर चाची के पेट को छू रहा था.
मैंने चड्डी नहीं पहनी थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.

काफी देर बाद चाची बोली- अब छोड़!
हम अलग हुए।

चाची ने ट्रैक पैंट के अंदर तम्बू बना मेरा लंड देखकर मुस्कुराकर पूछा- आज क्या प्रोग्राम है?
मैंने बताया- मेरे दोस्त लंच पर आने वाले हैं!

चाची- तेरी गर्लफ्रेंड भी आएगी?
मैंने कहा- मेरी गर्लफ्रेंड नहीं है।

चाची- कल सुबह नहाकर मेरे घर आ जाना, साथ में नाश्ता करेंगे. तेरे लिए तेरी पसन्द का लंच बनाऊंगी.
उन्होंने मेरी पसंद पूछी.

बर्थडे सेलिब्रेशन में मेरा मन नहीं लगा।

मैंने तय कर लिया कि कल मैं चाची के साथ यौन आनंद लूंगा, मैं कंडोम ले आया।

सुबह मैं नहाकर बरामदे में बैठकर चाचा के कारखाने जाने का इन्तजार कर रहा था।

चाचा के जाते ही मैं चाची के घर गया.
दरवाज़ा आधा खुला था, चाची किचन में थी, उनकी पीठ मेरी तरफ थी.
मैंने ट्रैक पेंट के अंदर चड्डी नहीं पहनी थी.

मैं बिना आवाज़ किये चाची के पीछे गया, चाची को पीछे से आलिंगन में ले लिया.

मेरे हाथ चाची के चूचों को छू रहे थे, मेरा खड़ा लंड चाची के कूल्हों को पर दबा था.

चाची- मुन्नू मुझे लग रहा है मेरी पूंछ निकल आयी है। आज तू बहुत जोश में है, कभी किसी लड़की के साथ किया है?
मैं- कभी नहीं किया, सिर्फ वीडियो देखा है, आप मुझे सिखा दो!

चाची- चल सिखाती हूँ. तेरी दुल्हन कह न सकेगी कि मेरा पति अनाड़ी है. तू यहीं रुक!

तब चाची ने बाहर जाकर सामने के दरवाज़े में बाहर से ताला लगाया, पीछे के दरवाज़े से अंदर आकर मुझे बैडरूम में ले गयी.

मैं चाची को पागल के समान चूमने लगा.
चाची मेरे ओठों को चूमने लगी.

मैं चूचे दबाने लगा, ब्लाउज खोलने की कोशिश करने लगा।

चाची- इतना उतावला मत हो, मैं भागी नहीं जा रही हूँ!

तब चाची ने ब्लाउज के दो हुक खोले।

“अब बाकी हुक मैं खोलता हूँ!” कहकर मैं बाकी हुक खोलकर ब्लाउज उतारने लगा.
चाची ने ब्लाउज उतारकर कहा- ब्लाउज ऐसे उतारते हैं!

अब चाची ब्रा में खड़ी थी.
मैंने ब्रा उतारने के कोशिश की.

चाची ने कहा- हुक पीठ पर हैं!
मैंने पीछे जाकर हुक खोला।

फिर मैं चाची के सामने आकर उनके नंगे भरे चूचे दबाने, चूसने लगा।

चाची ने मेरे कपड़े उतार दिए, मैंने चाची के!

चाची ने बिस्तर पर चित लेटकर पैर फैला दिए।
मैं कंडोम पहनने की कोशिश कर रहा था, मुझे मालूम नहीं था कैसे पहनना है।

चाची बोली- कंडोम की जरूरत नहीं, मैं गर्भनिरोधक पिल लेती हूँ!

मैं चाची के पैरो के बीच गया, चूत साफ़ और फूली हुई थी।

मैं चूत में लंड डालने लगा, जैसा मैंने वीडियो में देखा था।

मुझे चूत का छेद नहीं मिल रहा था, चाची ने लंड पकड़कर छेद में लगा दिया।
मैं पागल के समान चोदने लगा।

चाची- मुन्नू आराम से … धीरे से!

मैं रुका नहीं … दो मिनट में झड़ गया।

तो मैं शर्मिंदा हो गया, उतरकर पलंग पर लेट गया।

तब चाची बोली- मुन्नू घबरा नहीं, पहली बार ऐसा होता है। चल नाश्ता करते हैं.

चाची ने स्वादिष्ट नाश्ता बनाया था.
मैं और चाची धीरे धीरे स्वाद लेकर नाश्ता कर रहे थे.

मैंने कहा- नाश्ता बहुत स्वादिष्ट है।
चाची- मुन्नू, जैसे स्वादिष्ट खाना धीरे धीरे खाने में मजा आता है, सेक्स भी वैसा ही है.
मैं समझ गया.

नाश्ते के बाद चाची मुझे बैडरूम ले गयी, दोनों नंगे होकर पलंग पर लेट गए।

चाची मेरे ओठ चूमने के बाद मेरे ओठ चूसने लगी, मैं भी उनके ओठ चूसने लगा।

चाची के भरे गेहुए चूचों पर भूरा निप्पल था।
मैं आराम से एक चूचे को चूस, दूसरे चूचे को दबा रहा था.
और चाची सिसकारी ले रही थी।

चाची चित लेटी थी, मैं उनके बदन को चूमते हुए नीचे की तरफ गया।
मैंने उनकी नाभि चूमी और नीचे जाकर मैंने उनकी मांसल जांघों को चूमने के बाद चूत को चूमा।

चाची ने जोर की सिसकारी भरी.

मेरा लंड पूरे जोश में था, मैंने लंड चूत में डाला और धीरे धीरे चोदने लगा.
चाची कमर उछालकर साथ दे रही थी।

मैं रूककर चूचे दबाता चूसता, ओठ चूमता, फिर चोदने लगता।

काफी देर चुदाई के बाद चाची का बदन अकड़कर धनुष के समान हो गया.
उनकी चूत से ढेर सा रस निकला, चाची निढाल होकर लेट गयी।

मेरे चोदने की गति अपने आप बढ़ने लगी.

चोदने के झटकों से चाची के चूचे हिलने लगे।
वीर्य की धार निकली जो चाची की चूत में भर गयी.

मैंने चाची के ऊपर लेटकर कहा- मजा आ गया!
चाची- मुझे भी मजा आया। मुन्नू तू जल्दी सीख गया।

हमने लंड चूत धोकर कपड़े पहने, खाना खाया।

चाची- मुन्नू तू अब घर जा … मैं थोड़ा आराम करुँगी।

“कल सुबह मिलेंगे!” कहकर मैं घर आ गया.

रात को मैंने सेक्स वीडियो कई बार देखे, तय किया कल चाची के साथ किन आसनो में सम्भोग करूँगा।

सुबह चाचा के जाने के बाद चाची में सामने के दरवाज़े में बाहर से ताला लगा दिया था.
मैं पिछले दरवाज़े से चाची के घर में घुसा।

चाची को बांहों में लेकर उनके होंठों का कड़क चुम्बन लिया.

चाची के दूसरे बैडरूम में बड़ा आइना लगा ड्रेसिंग टेबल था।
मैंने ड्रेसिंग टेबल को खिसका कर इस तरह रखा कि उसमें पलंग साफ दिखाई दे।

चाची का ब्लाउज मैंने उतार दिया, बिना चाची के मदद के!

जब ब्रा खोलने मैं उनके पीछे जाने लगा तो चाची ने मुझे रोका।
उन्होंने अपना हाथ पीछे लेकर ब्रा खोल दी, फिर दोबारा पहन कर हुक लगा लिया।

तब चाची बोली- अब तू खोल!

थोड़ी कोशिश के बाद मैं चाची के सामने खड़े होकर पीठ में लगा ब्रा का हुक खोलना सीख गया।
ब्रा में साइज लिखा था 34 बी.

हमने नंगे होकर फोरप्ले किया.

मैं चाची को बोला- घोड़ी के समान खड़ी हो जाइये।

चाची पलंग के किनारे घोड़ी की तरह खड़ी हो गयी.
मैंने फर्श पर खड़े होकर लंड चूत में डाला और चाची की कमर पकड़कर चोदने लगा.

आइना चाची में सामने था, आईने में चाची के चूचे पैंडुलम से डोल रहे थे.

मैं रुककर चूचे दबाता, फिर चोदने लगता.
चाची के मस्त गोल कूल्हों पर मैं हल्के चांटे मार रहा था।

हर चांटे के बाद चाची ‘आ आह सी सी’ कहती, कमर हिलाकर लंड और अंदर लेती.

काफी देर बाद हम दोनों साथ में झड़ गए।

फिर हमने नाश्ता किया.

दूसरे राउंड में चाची ने मुझे चित लिटाकर लंड की सवारी की, मैं चूचे दबाता रहा।

थक जाने के बाद चाची चित लेट गयी, हमने मिशनरी आसन में सम्भोग किया.

तीसरे दिन चूमा चाटी के बाद मैं बोला- आज 69 पोजीशन ट्रॉय करते हैं।

हम करवट में लेट गए, चाची का एक पांव बिस्तर से लगा था उन्होंने दूसरा पांव उठाकर मेरी पीठ पर रख दिया.
चाची की चूत दिखने लगी.

मैं चूत चूसने लगा.
चाची कमर हिला रही थी।

तब चाची ने मेरा लंड चूमा, फिर लंड के टोपे पर जीभ फिराने लगी.

उसके बाद चाची लंड को चूसने लगी.
मेरे लिए यह नया सुखद अनुभव था।
मैं कमर हिलाकर चाची का मुँह चोदने लगा।

थोड़ी देर बाद चाची ने लम्बी सिसकारी ली, उनकी चूत में से कामरस का फव्वारा निकला जिससे मेरा चेहरा भीग गया.
कुछ रस मेरे मुँह में गया जिसका स्वाद अच्छा था।

चाची लंड गले तक लेकर चूसने लगी, गोटी सहलाने लगी.

लंड से वीर्य की धार निकली, चाची सारा वीर्य पी गयी.
कुछ वीर्य मुँह से निकलकर उनके चेहरे पर गिरा.

“मैं नहाने जा रहा हूँ!” कहकर मैं बाथरूम में गया.
चाची मेरे साथ बाथरूम में घुस गयी।

मैं पेशाब करने कमोड के पास गया।

चाची नहाने के छोटे स्टूल पर बैठकर मुँह खोलकर बोली- इसमें पेशाब कर!
मैं चाची के मुँह में पेशाब करने लगा.
चाची कुछ पेशाब पी रही थी, कुछ उनके बदन पर गिर रहा था।

मेरा मूत्र ख़त्म होने के बाद चाची खड़ी ही गयी.
मैं स्टूल पर बैठकर बोला- अब मुझे आपका पेशाब पीना है।

चाची पैर फैलाकर चूत मेरे मुँह पर लगाकर मूतने लगी, मैं पीने लगा।
उसके बाद हम साथ नहाये.

हॉट देसी आंटी Xxx यौन आनंद लेते मुझे 10 दिन बीत गए.

एक दिन मैं चाची की गांड मारने की सोच वैसलीन साथ लाया था।

चाची पलंग के पास झुककर खड़ी थी, उनके हाथ पलंग पर थे, मैं पीछे से चूत चोद रहा था.

मैंने उंगली में वेसिलीन लगायी और उंगली गांड में डाल दी.
चाची ने एक बार भी मेरी इस हरकत का विरोध नहीं किया।

मैंने ग्रीन सिग्नल समझ लंड पर वैसलीन लगाई और चाची की गांड में लंड घुसाने लगा.
चाची ने अपने चूतड़ पीछे धकेले जिससे मेरा लंड चाची की गांड में पूरा घुस गया.
उनकी गांड खुली थी, चाची गांड मरवाने की अभ्यस्त थी.

मैं उनकी गांड मारने लगा, चाची मजे से गांड मरवा रही थी.

10 मिनट बाद मैंने अपना वीर्य चाची की गांड में भर दिया.

मैंने पूछा- चाची, मैंने पढ़ा है कि गांड मरवाने में दर्द होता है. आपको नहीं हुआ?

चाची- मुन्नू, गांड का कांड करना हो तो गांड को तैयार करना पड़ता है.

तब चाची ने मुझे गांड में डालने वाला छोटा, मध्यम और बड़ा आस प्लग दिखाया।
उन्होंने कहा- इनको डालकर काफी देर रहने से गांड थोड़ी ढीली होती है. छोटे प्लग से शुरु करते हैं।

तब चाची बोली- मुन्नू, अब तू बहुत कुछ सीख गया है. अब तेरी दुल्हन को सेक्स सम्बंधी कोई शिकायत नहीं होगी.

मैं- चाची बुरा ना मानो तो मुझे कुछ पूछना है.
चाची बोली- जो भी पूछना है पूछ ले!

मैं- आपको सेक्स से सम्बन्धित इतनी जानकारी कैसे मिली? आपका दूसरे पुरुषों से सेक्स सम्बन्ध हैं, बसंत चाचा को भी मालूम है. पर वे कुछ नहीं कहते?

चाची ने क्या जवाब दिया. इस कहानी के अगले भाग में पढ़ें.

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